चंद्रग्रहण 2020 (Chandra Grahan 2020): साल का तीसरा चंद्रग्रहण आज 5 जुलाई 2020 को भारतीय समय अनुसार सुबह 8:37 बजे लगने जा रहा है। जुलाई के महीने में लगने वाले इस चंद्रग्रहण को भारत में गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। यह चंद्रग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण होगा।
उपछाया चंद्रग्रहण की स्थिति उस समय बनती है जब पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य के बीच में तो आती है लेकिन तीनों एक सीधी रेखा में नहीं होते। यह चंद्रग्रहण सुबह 8:37 बजे शुरू हुआ और सुबह 9:59 बजे अधिकतम ग्रहण ग्रास को प्राप्त किया तथा सुबह 11:37 बजे यह ग्रहण समाप्त हो गया। इस चंद्रग्रहण को थंडर ग्रहण और बक ग्रहण भी कहा जा रहा है।
Chandra Grahan 2020-चंद्र ग्रहण की परिघटना
वह खगोलीय घटना जिसमें कोई खगोलिय पिंड ग्रह या उपग्रह किसी भी प्रकाश के स्रोत जैसे सूर्य और दूसरे खगोलिय पिंड जैसे पृथ्वी के बीच में आ जाता है, जिससे प्रकाश का कुछ समय के लिये अवरोध हो जाता है या हम यू कहे कि जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है। ऐसा तभी हो सकता है जब सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा इस क्रम में एक सीधी रेखा में हों। इस घटना को चंद्रग्रहण के नाम से जानते हैं। चांद के इस रूप को ‘ब्लड मून’ भी कहा जाता है।
हमारा सौरमंडल 8 ग्रहों से बना हुआ है. सौरमंडल का हिस्सा हमारी धरती भी है, यह सूर्य से तीसरा ग्रह है। चंद्रमा पृथ्वी का एक उपग्रह है जो हमारी पृथ्वी के चारों तरफ घूमता है। और यह पृथ्वी का चक्कर अंडाकार कक्ष में काटता है। पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा की गती की वजह से ग्रहण पडते हैं। यह छाया का साधारण सा खेल है जो सौरमंडल में होता रहता है।
भारत में नहीं दिखाई देगा Chandra Grahan 2020
हालांकि आज लगने वाला यह चंद्रग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इस ग्रहण को दक्षिणी/ पश्चिमी यूरोप, अफ्रीका के अधिकतर हिस्से, उत्तरी अमेरिका के अधिकतर हिस्से, दक्षिणी अमेरिका, भारतीय महासार और अंटार्टिका में देखा जाएगा। उत्तरी अमेरिका और संयुक्त राज्य अमेरिका में इस ग्रहण का विशेष महत्व है क्योंकि अमेरिका स्वतंत्रता के 244वें वर्ष का जश्न 4 जुलाई के वीकेंड पर मना रहा है।
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हालांकि, इस बार यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इस ग्रहण को दक्षिणी/ पश्चिमी यूरोप, अफ्रीका के अधिकतर हिस्से, उत्तरी अमेरिका के अधिकतर हिस्से, दक्षिणी अमेरिका, भारतीय महासार और अंटार्टिका में देखा जा सकेगा।
चंद्र ग्रहण और ज्योतिष शास्त्र
चंद्रग्रहण को लेकर बड़े-बड़े ज्योतिषाचार्य यह मानते हैं कि ग्रहण के इस दौरान संयम बरतें और धैर्य से काम ले।क्रोध से बचें तथा भगवान का स्मरण करें। घर से बाहर न निकलें, गर्भवती महिलाएं विशेष सावधानी बरतें। हालांकि वैज्ञानिकों का यह मानना है कि इस बार चंद्र ग्रहण को नंगी आंखों से देख सकते हैं नंगी आंखों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।
Chandra Grahan 2020-चंद्रग्रहण के प्रकार
जानिए चंद्रग्रहण के प्रकार के बारे में
बक मून
यूरोप और अमेरिका में खेती करने वाले लोगों का समूह चांद के अलग-अलग नाम रखते थे। नासा के एक ब्लॉग के मुताबिक, गर्मियों की शुरुआत में बक हिरणों के नए एंटीलर्स उनके सिर से बाहर निकल जाते थे। इस समय के आस-पास दिखने वाले पूर्ण चांद को बक मून कहा जाता है।
थंडर मून
गर्मियों के महीनों में बारिश और बिजली गरजना एक आम बात है। इस वजह से जुलाई के महीने में दिखने वाले पूर्णमाशी के चांद को थंडर मून के नाम से जाना जाता है।
हे मून
जुलाई के इस पूर्णमाशी के चांद को हे मून के नाम से भी जानते है। यूरोप के देशों में हे बनाने का सीजन जून और जुलाई में शुरू होता है और यही कारण है कि वहां के किसान जुलाई के इस पूर्ण चांद को हे मून कहते है।
मेड मून
यूरोपीय देशों के किसान इस सीजन में शहद को फर्मेंट कर इससे वाइन तैयार करते हैं, जिसे Mead कहा जाता है। इस कारण से जुलाई के पूर्ण चांद को इन देशों से यह नाम मिला। प्राचीन यूनानियों ने इसे ‘देवताओं का अमृत’ नाम दिया था।
रोज मून
जून के अंत में गुलाब के फूल खिलते हैं। जिस कारण से कुछ लोग इस सीजन में दिखने वाले पूर्ण चांद को रोज मून के नाम से जानते हैं। वहीं कुछ अन्य लोगों का मानना है कि साल के इस वक्त में चांद का रंग भी गुलाब जैसा होता है, और इसी वजह से इस पूर्ण चांद को रोज मून के नाम से जाना जाता है।
रिप कॉर्न मून
जुलाई के महीने में दिखने वाले इस पूर्ण चांद को रिप कॉर्न मून के नाम से जानते है। क्योंकि साल के इस वक्त में अमेरिकी राज्यों में मक्के की कटाई की जाती है। दुनियाभर के लोगों के लिए रविवार का चांद बेहद खास होने वाला है। जुलाई की पूर्णमाशी की रात जश्न की रात होती है, और रविवार का दिन भारत में गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। वहीं दुनिया के अन्य हिस्सों में किसान समुदाय अपनी फसल की कटाई के चलते इस दिन खुशी मनाते हैं। अधिकतर देशों में जुलाई का यह चांद त्योहारों का मौसम लेकर आता है।
गुरु पूर्णिमा पर प्रधानमंत्री का संबोधन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विट कर ‘देशवासियों को गुरु पूर्णिमा की ढेर सारी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जीवन को सार्थक बनाने वाले गुरुओं के प्रति सम्मान प्रकट करने का आज विशेष दिन है। इस अवसर पर सभी गुरुजनों को मेरा सादर नमन