New Parliament of India (Hindi) : लोकसभा सचिवालय द्वारा नई इमारत को भारत के संसद भवन के रूप में नामित करने के बाद बीते मंगलवार यानि 19 जुलाई को संसद नई इमारत में चली गई, जोकि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के अंतर्गत बनाई गई है। वहीं पुरानी इमारत का नाम ‘संविधान सदन’ के रूप में संरक्षित करने के लिए घोषणा की गई है। जानिए नई संसद भवन की विशेषताएं
भारत की नई संसद का उद्घाटन
नए संसद भवन (New Parliament of India) की आधारशिला 10 दिसंबर, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी। जिसका निर्माण कार्य 15 जनवरी, 2021 को शुरू हुआ, जिसे बनने में करीब ढाई वर्ष का समय लगा। जिसका उद्घाटन 28 मई, 2023 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया था।
नए संसद भवन (New Parliament of India) का आकार
नया संसद भवन एक त्रिकोणीय आकार का भवन है जो नई दिल्ली में पुराने संसद भवन के बगल में स्थित है। नए भवन में लोकसभा (संसद का निचला सदन) और राज्यसभा (संसद का ऊपरी सदन), साथ ही संसद सदस्यों और कर्मचारियों के लिए अन्य कार्यालय और सुविधाएं हैं। जिसका निर्माण सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के अंतर्गत हुआ है।
पुरानी और नई संसद भवन का आकार
संविधान सदन (पुरानी संसद) का इतिहास
भारतीय लोकतांत्रिक प्रणाली की शक्ति हमारी संसद में प्रकट होती है, जिसने औपनिवेशिक शासन से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को झेला और कई ऐतिहासिक पड़ाव देखे हैं। पुराने संसद भवन ने स्वतंत्र भारत की पहली संसद (Old Parliament of India) के रूप में कार्य किया है और भारत के संविधान को अपनाया। जिसे ब्रिटिश वास्तुकार सर एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर द्वारा डिजाइन की गई थी। वहीं इसके निर्माण में छह वर्ष (1921-1927) का समय लगा था। मूल रूप से “हाउस ऑफ़ पार्लियामेंट” कहे जाने वाले इस इमारत में ब्रिटिश सरकार की विधान परिषद कार्यरत थी।
पुरानी संसद अब कहलाएगी संविधान सदन
केंद्र सरकार के अनुसार, पुराने संसद भवन को पुरातात्विक धरोहर के रूप में संग्रहालय में तब्दील किया जाएगा। वहीं मंगलवार यानि 18 सितंबर को विशेष सत्र की जैसे ही संसद की कार्यवाही पुराने संसद भवन (Old Parliament of India) में प्रारंभ हुई, प्रधानमंत्री ने इसके नए नाम की घोषणा की, जिसे अब “संविधान सदन” (संविधान भवन) के नाम से जाना जाएगा। जिसके बाद 19 सितंबर से संसद की कार्यवाही नए संसद भवन (New Parliament of India) में प्रारंभ हुई।
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भारत के नए संसद भवन (New Parliament of India) की महत्वपूर्ण विशेषताएं
भारत का नया संसद भवन कई अनूठी विशेषताओं के साथ एक उल्लेखनीय वास्तुशिल्प उपलब्धि है, जिसे भारतीय वास्तुकार बिमल पटेल द्वारा डिजाइन किया गया है। इस नए संसद भवन की महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्न हैं:-
- नया संसद भवन एक “प्लैटिनम-रेटेड हरित भवन ” है। यह पर्यावरणीय निरंतरता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- नए संसद भवन (New Parliament of India) के केंद्र में एक संवैधानिक हॉल है। यह भारत की लोकतांत्रिक यात्रा का दस्तावेजीकरण है।
- नए भारतीय संसद भवन का लेआउट त्रिकोणीय है जो लगभग 65,000 वर्ग मीटर में फैला हुआ है ।
- संसद में अधिक बैठने की क्षमता की आवश्यकता को देखते हुए, नए संसद भवन में 888 सीटों तक की क्षमता वाला एक बड़ा लोकसभा हॉल और 384 सीटों तक की क्षमता वाला एक बड़ा राज्यसभा हॉल प्रदान करता है। साथ ही, संसद के संयुक्त सत्र के लिए लोकसभा हॉल में 1,272 सीटें हो सकती हैं।
- नए भारतीय संसद भवन (New Parliament of India) में छह द्वार हैं, जिनके नाम हैं – गज द्वार, अश्व द्वार, गरुड़ द्वार, मकर द्वार, शार्दुला द्वार और हम्सा द्वार।
- नया लोकसभा कक्ष सांसदों की सुविधा के साथ 888 सीटों की क्षमता का है। जोकि राष्ट्रीय पक्षी मोर की थीम पर आधारित है। जबकि पुरानी संसद की लोकसभा में केवल 545 सीटें निर्धारित थीं।
- नए राज्यसभा कक्ष में 384 सांसदों के बैठने की क्षमता है। जो राष्ट्रीय फूल कमल की थीम पर आधारित है। जबकि पुरानी इमारत में राज्यसभा में 250 सीटें थीं।
- प्रभावी विधायी प्रक्रियाओं को सुनिश्चित करने के लिए लोकसभा और राज्यसभा कक्षों में डिजिटल सिस्टम हैं।
- नई संसद भवन अत्याधुनिक तकनीक से लेश है, जिसमें मतदान में आसानी के लिए बायोमेट्रिक्स, डिजिटल भाषा व्याख्या या अनुवाद प्रणाली और माइक्रोफोन शामिल हैं। हॉल के अंदर के हिस्सों में आभासी ध्वनि सिमुलेशन फिट किया गया है, ताकि गूंज को सीमित किया जा सके।
- इस भवन में ऐसे अत्याधुनिक कार्यालय होंगे जो सुरक्षित, कुशल और नवीनतम संचार प्रौद्योगिकी से सुसज्जित होने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
- नई संसद भवन (New Parliament of India) में एक आधुनिक पुस्तकालय और अनुसंधान केंद्र भी है।
- इस नई इमारत में एक सार्वजनिक गैलरी भी है, जहां लोग संसदीय कार्यवाही देख सकते हैं।
- इसमें भारत के लोकतंत्र के इतिहास पर एक संग्रहालय भी है।
नई संसद में स्थापित ‘सेनगोल’ क्या है?
भारत के नए संसद भवन (New Parliament of India) का एक महत्वपूर्ण आकर्षण प्रतीकात्मक “सेनगोल (Sengol)” का समावेश है, जिसे लोकसभा कक्ष में अध्यक्ष की सीट के बगल में स्थापित किया गया है। केंद्र सरकार ने कहा कि सेनगोल 1947 में हुए ऐतिहासिक “सत्ता हस्तांतरण” का प्रतिनिधित्व करता है, जब अंग्रेजों ने भारत की सत्ता को छोड़ दी और देश की बागडोर भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को सौंप दी थी। वहीं सेनगोल सोने या चांदी का राजदंड होता है जिसे प्राचीन समय में सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में एक राजा आगामी बनने वाले राजा को सौंपता था।
भारतीय संविधान में संसद का उल्लेख
New Parliament of India (Hindi) : संसद भारत के संघीय शासन प्रणाली का सर्वोच्च विधायी निकाय है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 79 के अनुसार संसद, भारत के राष्ट्रपति और संसद के दो सदनों राज्य सभा और लोक सभा से मिलकर बनती है। लोकसभा को “लोगों का सदन” यानि निचला सदन कहा जाता है, क्योंकि इसमें सीधे जनता द्वारा निर्वाचित सदस्य अर्थात सांसद होते हैं। राज्यसभा को “राज्यों का सदन” यानि ऊपरी सदन कहा जाता है, क्योंकि इसके सदस्यों को राज्य विधानमंडलों द्वारा चुना जाता है।
New Parliament of India FAQ in Hindi
भारत की पुरानी संसद को क्या नाम दिया गया है?
संविधान सदन (संविधान भवन)
नई संसद का कितनी सीटें हैं?
लोकसभा में 888, राज्यसभा में 384 तथा संयुक्त सत्र के लिए लोकसभा कक्ष को 1272 सीटों तक बढ़ाया जा सकता है।
भारतीय संविधान में संसद का उल्लेख किस अनुच्छेद में किया गया है?
अनुच्छेद 79
नई संसद के वास्तुकार (आर्किटेक्ट) कौन हैं?
बिमल पटेल
पुरानी संसद के वास्तुकार कौन थे?
ब्रिटिश वास्तुकार सर एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर
नई संसद का उद्घाटन कब और किसने किया?
28 मई 2023 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने
नई संसद में संसद की कार्यवाही कब से प्रारंभ हुई?
19 सितंबर 2023 को विशेष सत्र के दूसरे दिन से नई इमारत में संसद की कार्यवाही शुरू हुई।
नए संसद भवन में लोकसभा कक्ष की थीम क्या है?
लोकसभा, राष्ट्रीय पक्षी मोर की थीम पर आधारित है।
नए संसद भवन में राज्यसभा कक्ष की थीम क्या है?
राज्यसभा, राष्ट्रीय फूल कमल की थीम पर आधारित है।