Pranab Mukherjee Death News Hindi: नहीं रहे देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी

Pranab Mukherjee Death reason News Hindi

Pranab Mukherjee Death News Hindi: कल देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) का लंग इंफेक्शन के कारण 84 साल की उम्र में हुआ निधन, हालाकि मिस्टर मुखर्जी corona संक्रमित भी पाए गए थे जिसके बाद इलाज के दौरान सेना के अनुसंधान और रेफरल अस्पताल में उन्होंने ली अपनी आखरी सांस।

Pranab Mukherjee Death reason News Hindi
Pranab Mukherjee Death Reason News Hindi

Pranab Mukherjee Death News Hindi

  • भारत के 13 वें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन, बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्विट कर दी जानकारी।
  • भारतीय राजनीति में 5 दशक से सक्रिय पूर्व राष्ट्रपति डॉ प्रणव मुखर्जी जिनका सोमवार को निधन हो गया।
  • साल 2019 में बीजेपी सरकार ने प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न से किया था सम्मानित।
  • जुलाई 1969 में राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं प्रणब मुखर्जी।

Prabab Mukherjee Health News Hindi

जानिए किस बीमारी के कारण हुई प्रणब मुखर्जी की मौत बता दें कि हाल ही में प्रणब मुखर्जी की ब्रेन सर्जरी हुई थी, उसके बाद 10 अगस्त को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया उसी दौरान मुखर्जी कोरोनावायरस से संक्रमित हो गये। डॉक्टरों का कहना है कि कोरोनावायरस से संक्रमित होने के बाद उनके फेफड़ों में इन्फेक्शन तथा गुर्दे खराब हो चुके थे, इसके बाद उनकी हालात और गंभीर हो गई थी, 31 अगस्त सोमवार को दिल्ली के एम्स अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। बता दें कि काफी दिनों से उनकी हालत नाजुक थी, जिस कारण से कोमा में उनका इलाज चल रहा था।

प्रणव मुखर्जी का जीवन परिचय

प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) का जन्म 11 दिसंबर 1935 को ग्राम मिराती जिला वीरभूम पश्चिम बंगाल में हुआ। उनके पिता का नाम कामदा किंकर मुखर्जी और उनकी माता का नाम राजलक्ष्मी मुखर्जी था।13 जुलाई 1957 को 22 वर्ष की उम्र में शुभ्रा मुखर्जी से उनका विवाह हुआ प्रणब मुखर्जी साल 1969 से 2017 तक भारतीय राजनीति में कार्यरत रहे।

Pranab Mukherjee Biography in Hindi

मुखर्जी के पिता पश्चिम बंगाल सरकार में विधायक के पद पर रह चुके हैं, इसके अलावा वो एक स्वतंत्रता सेनानी भी थे। और वो 10 वर्ष से अधिक जेल में भी रहे थे। प्रणब मुखर्जी ने सूरी विद्यासागर कॉलेज में शिक्षा ग्रहण की।

कलकत्ता विश्वविद्यालय से इन्होंने इतिहास और राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर और कानून की डिग्री प्राप्त की।इसके अलावा उन्होंने एलएलबी की डिग्री भी प्राप्त की। इसके बाद वह पढ़ाने लगे। कुछ समय बाद उन्होंने राजनीति को अपना करियर चुन लिया। साल 1969 से 2017 तक वे भारत की राजनीति में सक्रिय रहे।

प्रणब मुखर्जी का राजनीति में सियासी सफर

  • आपको ज्ञात होगा कि इंदिरा गांधी के करीबी माने जाने वाले प्रणब मुखर्जी साल 1969 में पहली बार राज्यसभा सांसद चुने गए थे, और साल 1973 में उन्हें कांग्रेस सरकार में मंत्री बनाया गया।
  • साल 1982 से 1984 तक प्रणब मुखर्जी देश के वित्त मंत्री रहे, आपको जानकर हैरानी होगी कि प्रणब मुखर्जी को 1984 में दुनिया के शीर्ष पांच वित्तमंत्रियों की सूची में शामिल किया गया।
  • साल 1991 में पीवी नरसिम्हा राव कि सरकार में उनको शोले योजना आयोग का मुखिया नियुक्त किया गया, उसके बाद साल 1995 में मुखर्जी को भारत का विदेश मंत्री बनाया गया।
  • साल 2004 में उन्हें मुर्शीदाबाद जिले की जांगीपुर सीट से लोकसभा के लिए सांसद चुना गया। और मनमोहन सिंह की कांग्रेस सरकार के नेतृत्व में साल 2012 में उन्हें भारत का राष्ट्रपति नियुक्त किया गया।
  • साल 2012 से 2017 तक प्रणब मुखर्जी बतौर भारत के राष्ट्रपति पद पर कार्यरत रहे।
  • बता दें कि प्रणव मुखर्जी अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक कोष,एशियाई विकास बैंक, विश्व बैंक तथा अफ्रीकी विकास बैंक के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य भी रह चुके हैं।

इंदिरा गांधी की मृत्यु के बाद

इससे पहले आपको ज्ञात होगा कि साल 1984 में इंदिरा गांधी की मृत्यु के पश्चात प्रणब मुखर्जी अपने आप को प्रधानमंत्री पद का दावेदार मान रहे थे, लेकिन कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं की नाराजगी के चलते उन्हें प्रधानमंत्री नहीं बनाया गया राजीव गांधी को भारत का प्रधानमंत्री चुना गया, जिसके चलते प्रणब मुखर्जी पार्टी से नाराज हो गए और प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस नामक अलग पार्टी का गठन कर लिया, लेकिन 1989 में राजीव गांधी के कहने पर उन्होंने फिर से अपनी पार्टी का विलय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में ही कर दिया।

Video Credit: BBC Hindi

राष्ट्रपति के बारे में कुछ अन्य जानकारी

  • भारत के राष्ट्रपति पद की स्थापना भारतीय संविधान के द्वारा की गयी थी। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ॰ राजेंद्र प्रसाद थे।
  • जो 1952 से लेकर 1962 तक राष्ट्रपति पद पर कार्यरत रहे। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत में अब तक 13 राष्ट्रपति रह चुके है।
  • जिनमें प्रतिभा पाटिल देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति रह चुकी हैं, इसके अलावा 3 कार्यवाहक राष्ट्रपति भी हुए है जो राष्ट्रपति की मृत्यु के बाद बनाये गए थे।
  • 7 राष्ट्रपति निर्वाचित होने से पूर्व राजनीतिक पार्टी के सदस्य रह चुके है। इनमे से 6 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और 1 जनता पार्टी के सदस्य शामिल है, जो बाद राष्ट्रपति बने. दो राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद और जाकिर हुसैन जिनकी पद पर रहते हुए मृत्यु हुई।
  • प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति रहने से पूर्व वे भारत सरकार में वित्त मंत्री, विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री और योजना आयोग के उपाध्यक्ष रह चुके है।
  • वर्तमान में भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद है जिन्होंने 25 जुलाई 2017 को भारत के 14 वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की

भगवान की भक्ति के बिना मनुष्य जीवन व्यर्थ है परमात्मा कबीर साहिब जी बताते हैं

भक्ति बिना क्या होत है ये भ्रम रहा संसार!
रति कंचन पाया नहीं रावण चलती बार!!

भगवान के संविधान में लिखा है कि मनुष्य जन्म मिलने के बाद जो प्राणी सत भक्ति नहीं करता और जो इस जन्म में जीव हत्या करते हैं, किसी का बुरा करते हैं या किसी से रिश्वत लेते हैं, उन्हें धर्मराज के दरबार में दंडित किया जाता है और 84 लाख योनियों में अत्यधिक दुख झेलने पड़ते हैं।
इससे बचने का एकमात्र उपाय यही है कि हमें पूर्ण संत की तलाश करके सत भक्ति करनी होगी पूर्ण परमात्मा की सत भक्ति करने से साधक के पूर्व जन्मों के पाप कर्म भी समाप्त हो जाते हैं। तथा उसे नर्क और 84 लाख योनियो का दंड भी नहीं भुगतना पड़ता, अर्थात आत्मा पूर्ण मोक्ष को प्राप्त कर लेती है। अधिक जानकारी के लिए देखिए साधना टीवी चैनल शाम 7:30 बजे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *