Swami Prasad Maurya Joined SP: श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया है। उन्होंने बताया है कि पार्टी छोड़ने का निर्णय उनका है इससे उनके परिवार के अन्य लोगों का कोई मतलब नहीं है।
बेटी संघमित्रा मौर्य बदायूं से हैं सांसद, वह भी छोड़ सकती हैं पार्टी
स्वामी प्रसाद मौर्य के अलावा कई और नेता एवं विधायक भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। 2017 में उनके भाजपा में आने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य के कई समर्थक भी भगवा दल में शामिल हुए थे। स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघ मित्रा मौर्य भी बदायूं से भाजपा की सासंद हैं। मौजूदा घटनाक्रम के बाद उनके भी पार्टी छोड़ने की अटकलें हैं।
कई और नेता छोड़ सकते हैं भाजपा का साथ
स्वामी प्रसाद मौर्य का पार्टी छोड़ना इसलिए भी भाजपा के लिए बड़ा झटका है क्योंकि उनके पीछे कई और विधायक जा सकते हैं। शाहजहांपुर के विधायक लालजी वर्मा ने भी पार्टी छोड़ने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्या मेरे नेता हैं और वह जैसा कहेंगे, वैसा करूंगा। बता दें कि लालजी वर्मा काफी समय से भाजपा का विरोध करते रहे हैं। उनके टिकट कटने की भी आशंकाएं जताई जा रही थीं।
Swami Prasad Maurya Joined SP: मेरी किसी से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है
स्वामी प्रसाद मौर्य ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मेरी किसी से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है। मैंने सामाजिक न्याय के लिए लगातार संघर्ष किया है। आगे भी करता रहूंगा। मुझे जहां भी सामाजिक न्याय साकार होता दिखेगा, मैं वहीं रहूंगा।
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Swami Prasad Maurya: ये विधायक भी सपा में हो सकते हैं शामिल
ममतेश शाक्य- पटियाली (कासगंज), विनय शाक्य- विधूना (औरैया) धर्मेंद्र शाक्य- शेखुपुर (बदायूं), बृजेश प्रजापति- तिंदवारी (बांदा), रोशन लाल वर्मा – तिलहर, भगवती सागर – बिलहौर, विधायक नीरज मौर्य-जलालाबाद और अनिल मौर्य – घोरावल के भी इस्तीफा देने की चर्चा है, यह सभी सपा की साइकिल पर सवार हो सकते हैं।
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बसपा पर लगाया था बड़ा आरोप
स्वामी प्रसाद मौर्य ने 22 जून 2016 को बहुजन समाज पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा के साथ ही उन्होंने पार्टी पर पैसे लेकर टिकट बांटने का बड़ा आरोप लगाया था। सीनियर नेता की ओर से इस आरोप के बाद सफाई देने स्वयं मायावती सामने आई थीं। उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य के आरोपों का खंडन किया था। बाद में स्वामी प्रसाद मौर्य ने जुलाई 2016 में लोकतांत्रिक बहुजन मंच नाम का संगठन बनाया और लखनऊ के रमाबाइ अंबेडकर रैली मैदान में इसकी घोषणा की। विधानसभा चुनाव 2017 में भाजपा के साथ आकर उन्होंने चुनाव लड़ा और जीत के बाद सरकार में कैबिनेट मंत्री बने।
मी प्रसाद मौर्य का राजनीतिक सफर :
पद | कब से | कब तक |
सदस्य, 13वीं विधानसभा | अक्टूबर 1996 | मार्च 2002 |
कैबिनेट मंत्री | मार्च 1997 | अक्टूबर 1997 |
नेता प्रतिपक्ष, यूपी विधानसभा | सितंबर 2001 | अक्टूबर 2001 |
सदस्य, 14वीं विधानसभा | मार्च 2002 | मई 2007 |
कैबिनेट मंत्री | मई 2002 | अगस्त 2003 |
सदन के नेता | मई 2002 | अगस्त 2003 |
नेता प्रतिपक्ष, यूपी विधानसभा | अगस्त 2003 | सितंबर 2003 |
सदस्य, 15वीं विधानसभा | नवंबर 2009 | मार्च 2012 |
कैबिनेट मंत्री | नवंबर 2007 | मार्च 2012 |
सदस्य, 16वीं विधानसभा | मार्च 2012 | मार्च 2017 |
नेता प्रतिपक्ष | मार्च 2012 | जून 2016 |
सदस्य, 17वीं विधानसभा | मार्च 2017 | अब तक |
कैबिनेट मंत्री | मार्च 2017 | जनवरी 2022 |
केशव प्रसाद मौर्य ने की ये अपील
बता दें कि केशव प्रसाद मौर्य ने ट्विटर पर लिखा कि आदरणीय स्वामी प्रसाद मौर्य जी ने किन कारणों से इस्तीफा दिया है मैं नहीं जानता हूं. उनसे अपील है कि बैठकर बात करें. जल्दबाजी में लिये हुये फैसले अक्सर गलत साबित होते हैं.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने राज्यपाल को संबोधित अपने त्यागपत्र में लिखा है, ”मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के मंत्रिमंडल में श्रम, सेवायोजन एवं समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों व विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है, किंतु दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे- लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों के प्रति घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देता हूं.”