हिंदू–मुस्लिम विवाद | नमस्कार दर्शकों! खबरों की खबर का सच स्पेशल कार्यक्रम में आप सभी का एक बार फिर से स्वागत है। आज के कार्यक्रम में हम भारत देश में बढ़ रहे सांप्रदायिक दंगों के बारे में चर्चा करेंगे और साथ ही जानेंगे कि क्या मुस्लिम कम्यूनिटी के लोगों को जानबूझकर हैट क्राइम का निशाना बनाया जा रहा है या इसके पीछे कुछ और वजह है? तो आइए जानते हैं आज की हमारी स्पेशल रिपोर्ट में..
हाल ही में रामजन्म भूमि में राम मंदिर बनाए जाने पर, रामनवमी पर और हनुमान जयंती के मौके पर देश के कई हिस्सों में शोभायात्राएं और जूलूस निकाले गए और फिर सामने आईं इनमें घटित सांप्रदायिक हिंसा की खबरें। पिछले कुछ समय से भारत के अलग अलग राज्यों में मुसलमान धर्म के लोगों के प्रति लगातार हो रही हिंसक घटनाओं का क्रम देखिए जैसे कर्नाटक में हिजाब को लेकर तूल, फिर हलाल मीट और लाऊडस्पीकर पर अज़ान बजाए जाने पर विवादित टिप्पणियां, दिल्ली ,बंगाल, उत्तर प्रदेश, कश्मीर में लगातार हो रहे दंगे तो कभी फिल्म कश्मीर फाइल्स द्वारा समाज के एक धर्म विशेष पर हमला ।
कभी राम मंदिर तो कभी बाबरी मस्जिद। कभी तबलीगी जमात तो कभी जेएनयू, जामिया ,एनआरसीए, सीएए और मौब लांचिंग की दिल दहला देने वाली घटनाएं। कभी लव जिहाद, तीन तलाक, तो कभी रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों को मारना, भगाना उनके घर जला देने जैसी खबरें।
देश में असमय “हिंदू–मुस्लिम” विवाद तूल पकड़ता जा रहा है
हिंदू–मुस्लिम विवाद | दोस्तों! भारत इस समय सांप्रदायिक दंगों की भारी अग्नि में जल रहा है। इसके पीछे का कारण धर्म नहीं है कारण राजनीतिक हैं। जिसका शिकार आम आदमी को बनाया जा रहा है। तालिबान- अफगानिस्तान, यूक्रेन और रूस आदि देशों में युद्ध का ग्वाह पूरा विश्व बन रहा है और भारत में हो रहे आंतरिक दंगों का इतिहास रचा जा रहा है। 2014 से केंद्र में बीजेपी सरकार का दबदबा है जिस कारण अन्य धर्म के लोगों को कुचलने की घिनौनी राजनीति की जा रही है। धर्म के नाम पर बेरोजगारों को खरीद कर गुंडा बनाया गया है। गुंडई करके फूट डालो और शासन करो की दमनकारी नीति खेली जा रही है।
मैन मुद्दों से जनता को भटकाया जा रहा है
हिंदू–मुस्लिम विवाद | देश में गहन अंशाति, बेरोजगारी, मंहगाई, अत्याचार और अराजकता का बोलबाला है। जो भी सरकार की गलत नीतियों के आगे आवाज बुलंद करता है उस पर अलग अलग धाराओं के तहत मुकदमे बना कर उन्हें कभी देशद्रोही तो कभी आतंकवादी, खालिस्तानी, कह कर जेल में डाल दिया जाता है। देश का राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री व अन्य सभी मंत्रियों की आंखों के सामने भारत बदहाली के गरक में जा रहा है। देश को पिछले साढ़े सात सालों में जो तरक्की, विकास और ऊंचाइयां छूनी चाहिए थीं वैसा हो नहीं सका है। देश में अखंडता की जगह बंटवारा और नफरत पनप रही है। युवा व अन्य वर्ग गहन बेरोजगारी के दौर से गुज़र रहा है। समाज में डर और अराजकता का माहौल है। गरीब और गरीब होता जा रहा है। मंहगाई सातवें आसमान पर है।
मीडिया खाऊ और बिकाऊ है
पिछले कुछ सालों में मीडिया ने अपना ज़मीर बेच डाला है। अब प्रतिदिन की खबरें हिंदू और मुस्लिम नफरत पर दिखाई जाती हैं। मीडिया को इस तरह से सरकार का पालतू बना दिया गया है कि आम जनता अपनी बात कहे तो किससे कहे और समझाए तो किसे।
मीडिया और नेताओं दोनों ने मिलकर जनता को परेशान करने का बीडा उठाया हुआ है। विपक्ष यदि कुछ अच्छा कर भी रही है तो अपनी अच्छाइयां गिनाने में और ढिंढोरा पीटने में ही समय गंवा रही है।
हिंदू–मुस्लिम विवाद | अब ताज़ा घटना देखिए
16 अप्रैल , 2022 को हनुमान जयंती के मौके पर दिल्ली पुलिस की बिना इजाजत के VHP और बजरंग दल के लोगों ने जहांगीरपुरी में हनुमान जंयती पर शोभायात्रा निकाली थी जिसमें दंगाइयों पर वहां के स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि वह कह रहे थे कि इन “मुसलमानों को हम काटेंगे” जिसके कारण दोनों धर्मों के लोगों के बीच यह हिंसा हुई थी। हनुमान शोभायात्रा मस्जिद के सामने से दंगा करने की मंशा से निकाली गई थी।
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आपको बता दें कि कैमरे पर, जहां जहां भी दंगे होते हैं वहां के लोगों ने कहा है कि “हम हिंदुओं को मुसलमानों से और मुसलमानों को हिंदुओं से कोई आपसी रंजिश, नफरत ,टकराव नहीं है हम यहां प्रेम से रहते हैं एकदूसरे के धर्म का सम्मान करते हैं और सभी को आज़ादी से धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता देते हैं। आपको जानकर ताजुब होगा कि यह जितने भी दंगे, विवाद, मौब लिंचिंग की घटनाओं को अंजाम दिया गया है यह सब बाहरी लोगों का काम है वहां रहने वाले स्थानीय लोग ऐसी घटनाओं को करने से कोसों दूर हैं। आम आदमी अपने लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करेगा या तबाही करने में दिन बर्बाद और जान जोखिम में डाल कर पुलिस के डंडे खाएगा। “
बिना इजाजत निकाली गई थी शोभायात्रा
हिंदू–मुस्लिम विवाद | जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जन्मोत्सव पर शनिवार शाम शोभायात्रा पर पथराव के बाद भड़की हिंसा मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी अंसार समेत 24 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया है।
गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आधिकारिक बयान में कहा गया है कि हिंसा के मुख्य आरोपी अंसार, सलीम, सोनू शेख, दिलशादी और अहीद के खिलाफ नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (एनएसए) के तहत कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस के मुताबिक, संघर्ष के दौरान पथराव और आगज़नी की घटनाएं हुई थी और गाड़ियों को भी जला दिया गया था फिर 20 अप्रैल को ही जहांगीरपुरी में MCD द्वारा अवैध दुकानों और कुछ घरों को भी ढ़हाया गया। फिलहाल वहां का माहौल तनावपूर्ण है।
हिंदू–मुस्लिम विवाद | देखिए मीडिया क्या दिखाती और बताती है
इन दिनों मुख्य खबरों में घरेलू गैस और पेट्रोल, डीज़ल के बढ़ते दाम नहीं है। श्रीलंका पर आया आर्थिक संकट भी न्यूज चैनलों की खबर का विषय नहीं है। इन दिनों देश में बढ़ती बेरोजगारी भी इनके लिए न्यूज कंटेंट का हिस्सा नहीं है। देश की फर्जी मीडिया के लिए आज की मुख्य खबर है “हिंदू–मुस्लिम” नफरत को बढ़ाना। देश के सबसे अधिक देखे जाने वाले न्यूज चैनल्स का ये हाल है की खबरों का यहां ‘अकाल’ है और प्रायोजित सरकारी खबरों की यहां भरमार है। हलदीराम के नमकीन के पैकेट पर ऊर्दू भाषा में लिखे होने पर भी न्यूज़ चैनल ने प्रायोजित न्यूज बनाई थी। साफ और सीधी बात तो ये है कि न्यूज चैनल प्रायोजित और नेता सांप्रदायिक हो गए हैं।इस समय हिंदुस्तान के नेता धर्मनिरपेक्ष होने की बजाय सांप्रदायिक अधिक हो गए है। सभी अपने अपने धर्म के ठेकेदार बने बैठे है। इन्हीं नेताओं के हाथों जनता ने देश की कमान सौंपी है जिनके नेतृत्व में आज देश में केवल नफरत ही फैलती जा रही है।
वर्तमान सरकार का टारगेट बन रहे हैं “मुसलमान”
हिंदू–मुस्लिम विवाद | भारत में मुसलमानों की तादाद लगभग 14 प्रतिशत है। ये देश का सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है। उत्तर प्रदेश में ख़ासकर इस समुदाय का राजनैतिक महत्व काफ़ी रहा है। पिछले कई महीनों की ख़बरों को पलटकर देखेंगे, तो लगातार ऐसी कई घटनाएँ मीडिया में दर्ज हुई हैं, जिनसे ये लगता है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों को अलग-अलग तरह से उनके धर्म की पहचान के आधार पर टारगेट किया जा रहा है। अगस्त में एक रिपोर्ट छपी कि हिंदूवादी संगठन क्रांति सेना ने मुज़फ़्फ़रनगर में हिंदू महिलाओं से कहा कि वो मुसलमानों से मेहंदी न लगवाएँ। कानपुर में एक मुस्लिम युवक अफ़सर अहमद को पीटा गया और उन्हें जय श्री राम बोलने के लिए कहा गया। इस घटना के एक वायरल वीडियो में दिख रहा है कि जब अफ़सर को लोग पीट रहे थे तो उनकी सात साल की बेटी उनसे लिपटकर, रोते हुए उन्हें बचाने की कोशिश कर रही थी। मथुरा में एक मुस्लिम व्यक्ति श्रीनाथ नाम का डोसा स्टैंड चला रहा था। आरोप है कि स्थानीय लोगों ने उनकी ये कहते हुए पिटाई कर दी कि वो हिंदू नाम से दुकान कैसे चला सकते हैं। यहां तक की कई ऐसे बड़े बड़े नेता है जो अपने भाषणों में मुस्लिम विरोधी बयान दे जाते हैं।
आमतौर पर किसी भी नागरिक या दल को किसी अन्य पर हिंसा करने और उसे प्रताड़ित करने की स्वतंत्रता नहीं है। यह सब क्राइम में गिना जाता है। परंतु फिर भी यदि ऐसा कोई वर्ग विशेष कर रहा है तो इसके पीछे ज़रूर उसे कोई सरकारी आश्वासन और विशेष शक्ति मिली होगी जिसके कारण वो दंगा करने, किसी को पीटने, विवादित टिप्पणी देने और हिंसा भड़काने और बढ़ाने का काम कर रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक मुसलमान हो रहे हैं हेट क्राइम का शिकार
कई विशेषज्ञों का ये मानना है की पिछले कुछ सालों में लोगों के दिमाग़ में ये बात डाल दी गई है कि मुस्लिम बहुत बुरे होते हैं और लोगों को उनसे दूरी बनाना चाहिए। साल 2019 में फ़ैक्ट चेक की एक वेबसाइट, फ़ैक्टचेकर के मुताबिक़ गुज़रे 10 सालों में पूरे भारत में रिकॉर्ड किए गए हेट क्राइम के कुल मामलों में से 59 (उनसठ) प्रतिशत मामलों में पीड़ित मुसलमान थे। वर्ष 2019 में हेट क्राइम पर एमनेस्टी की रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर था।
सभी बुराइयों की जड़ आध्यात्मिक तत्वज्ञान का अभाव है
प्रभु, राम, देव, भगवान, अल्लाह, इश, गॉड आदि नाम एक ही शक्ति के हैं। जिस परमात्मा ने सर्व श्रृष्टि की रचना की उसकी न तो कोई जाति है और न ही कोई धर्म या मजहब। श्रृष्टि के आदि काल में मनुष्यों की कोई जाति, वर्ण, या मजहब नहीं था। अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए काल ब्रह्म यानी की शैतान ने लोगों को अलग अलग धर्म और मजहबों में विभाजित किया। काल ब्रह्म की प्रेरणा से ही कट्टरवादी लोग इन्हीं धर्म के ठेकेदार बन हिंसा, झगडे़, फसाद और दंगे आदि करते है। ऐसी गलती वे तत्वज्ञान के अभाव में करते है। इसी विषय में पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी अपनी अमृतमयी वाणी में कहते हैं;
कबीर, हिन्दू कहें मोहि राम पियारा, तुर्क कहें रहमाना।
आपस में दोउ लड़ी-लड़ी मुए, मरम न कोउ जाना।।
कबीर, राम–रहीम एक है, नाम धराया दोय।
कहै कबीर दो नाम सुनी, भरम पड़ो मति कोय।।
परमेश्वर कबीर जी कहते हैं कि हिन्दू राम के भक्त हैं और मुस्लिम को रहमान प्यारा है। इसी बात पर दोनों लड़-लड़ कर मौत के मुंह में जा पहुंचे, तब भी दोनों में से कोई सच को न जान पाया।
कबीर, हिंदू-मुस्लिम, सिक्ख-ईसाई, आपस में सब भाई-भाई।
आर्य-जैनी और बिश्नोई, एक प्रभू के बच्चे सोई।।
कबीर परमेश्वर ने कहा है कि, आप हिंदू-मुस्लिम, सिख-ईसाई, आर्य- बिश्नोई, जैनी आदि आदि धर्मों में बंटे हुए हो। लेकिन सच तो यह है कि आप सब एक ही परमात्मा के बच्चे हो।
वर्तमान समय में जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी अपने अद्वितीय तत्वज्ञान से सभी धर्म के लोगों को समझा रहे हैं की हम एक ही पिता की संतान हैं, हमें आपस में लड़ने की बजाय एक जुट होकर प्यार से रहना चाहिए। जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी का नारा है,
जीव हमारी जाती है, मानव धर्म हमारा।
हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
संत रामपाल जी महाराज जी पूरे विश्व को एक नेक संदेश दे रहे हैं। काल ब्रह्म की प्रेरणा से और गलत गुरुओं के गलत ज्ञान से हम सभी आपस में विभाजित हो गए हैं जिसका नेतागण और नकली धार्मिक गुरु राजनीतिक फायदा उठा रहे हैं परंतु संत रामपाल जी के अद्वितीय तत्वज्ञान से इस कलयुग में पूरा विश्व एक बार फिर एक होगा।
एक अनेक ह्नै गए, पुनः अनेक हों एक।
हंस चलै सतलोक सब, सत्यनाम की टेक।।
घर घर बोध विचार हो, दुर्मति दूर बहाय।
कलयुग में सब एक होई, बरतें सहज सुभाय।।
कहाँ उग्र कहाँ शुद्र हो, हरै सबकी भव पीर।।
सो समान समदृष्टि है, समर्थ सत्य कबीर।।
अर्थात कबीर अध्यात्म ज्ञान की चर्चा घर-घर में होगी। जिस कारण से सबकी दुर्मति समाप्त हो जाएगी। कलयुग में फिर एक होकर सहज बर्ताव करेंगे यानि शांतिपूर्वक जीवन जीएंगे। कहाँ उग्र अर्थात् चाहे डाकू, लुटेरा, कसाई हो, चाहे शुद्र, अन्य बुराई करने वाला नीच होगा। परमात्मा सत्य भक्ति करने वालों की भवपीर यानि सांसारिक कष्ट हरेगा यानि दूर करेगा। सत्य साधना से सबकी भवपीर यानि सांसारिक कष्ट समाप्त हो जाएंगे। वह समर्थ सत्य कबीर ही होगा जो सबको एक करेगा।
अब वह समय दूर नहीं जब हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी आपस में मिलकर रहेंगे और नेता भी जनता की सेवा तन और मन से करेंगे। आगे आने वाले दिनों में लोग प्रेम ,भाईचारे शांतिपूर्वक और सुख से रहेंगे और यह सब जल्द बहुत जल्द संभव होगा।
इस विडियो को देखने वाले सभी हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और अन्य सभी धर्म को मानने वालों से प्रार्थना है की संत रामपाल जी महाराज जी जो कबीर परमेश्वर अवतार हैं, से नाम दीक्षा लें और अपने अनमोल मनुष्य जीवन को सफल बनाएं।