बैंक खातों में 4 नॉमिनी की सुविधा: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने बैंक खाताधारकों को एक महत्वपूर्ण सुविधा देने की घोषणा की है। 1 नवंबर 2025 से, बैंक खातों के लिए नामांकन प्रक्रिया (Nomination Rules) में बड़ा बदलाव लागू होगा, जिसके तहत अब एक खाते में चार नॉमिनी तक जोड़े जा सकेंगे।
अब तक अधिकांश बैंकों में एक ही नॉमिनी जोड़ने की अनुमति थी, जिससे उत्तराधिकार के समय कानूनी विवादों की संभावनाएँ बनी रहती थीं। नए नियम से यह स्पष्ट होगा कि किस नॉमिनी को कितनी हिस्सेदारी मिलेगी।
नया नियम क्या कहता है?
चार नॉमिनी की अनुमति
- RBI के अनुसार, खाताधारक अब चार नॉमिनी जोड़ सकते हैं।
- यह सुविधा बचत खाते, चालू खाते, सावधि जमा (FD), आवर्ती जमा (RD) आदि सभी पर लागू होगी।
हिस्सेदारी की घोषणा संभव
- खाताधारक प्रत्येक नॉमिनी के लिए प्रतिशत में हिस्सेदारी तय कर सकता है।
- उदाहरण: यदि चार नॉमिनी हैं, तो आप 40%, 30%, 20%, 10% का बंटवारा निर्धारित कर सकते हैं।
उत्तराधिकार विवादों पर प्रभाव
पारिवारिक विवाद होंगे कम
- कई बार केवल एक नॉमिनी होने से अन्य उत्तराधिकारियों को कानूनी प्रक्रिया में जाना पड़ता है।
- चार नॉमिनी और स्पष्ट हिस्सेदारी से उत्तराधिकार संबंधी विवादों में कमी आने की उम्मीद है।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए उपयोगी
- बुज़ुर्ग अपने सभी बच्चों या विश्वासपात्रों को अलग-अलग प्रतिशत में नामित कर सकते हैं।
- यह पारदर्शिता और न्यायसंगत उत्तराधिकार सुनिश्चित करेगा।
डिजिटल और शाखा स्तर पर प्रक्रिया
ऑनलाइन नामांकन संभव
- बैंक खाताधारक अपने नेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग ऐप के माध्यम से भी नॉमिनी जोड़ सकेंगे।
- यह कदम डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने वाला है।
शाखा जाकर भी प्रक्रिया
- जिन खाताधारकों को डिजिटल प्रक्रिया में कठिनाई है, वे निकटतम बैंक शाखा में जाकर भी यह कार्य कर सकते हैं।
अन्य नियम भी लागू
- यदि खाताधारक ने कोई नॉमिनी नहीं जोड़ा, तो बैंक 31 दिसंबर 2025 तक नोटिस जारी करेगा।
- जिन खातों में अब तक कोई नामांकन नहीं है, उनके लिए नामांकन अनिवार्य किया जा सकता है।
पारिवारिक स्पष्टता और संतुलन की ओर एक कदम
बैंकिंग नामांकन नियमों में यह नया बदलाव केवल वित्तीय प्रक्रिया का सरलीकरण नहीं है, बल्कि यह पारिवारिक उत्तराधिकार में न्याय, पारदर्शिता और समरसता को भी बढ़ावा देता है। संत रामपाल जी महाराज की सतज्ञान-आधारित शिक्षाएँ बताती हैं कि जब व्यवस्थाएँ व्यक्ति और समाज के भीतर संतुलन स्थापित करती हैं, तभी वे वास्तव में कल्याणकारी बनती हैं।
चार नॉमिनी जोड़ने की यह सुविधा न केवल भावनात्मक विश्वास को बल देती है, बल्कि आर्थिक उत्तराधिकार में संभावित विवादों को भी कम करती है। इससे पारिवारिक रिश्तों में स्पष्टता बनी रहती है और आर्थिक संपत्ति का वितरण किसी एक पर केंद्रित न होकर, समावेशी रूप में होता है। यह परिवर्तन केवल बैंकिंग क्षेत्र के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक संरचना को भी मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है — जहाँ लाभ से अधिक सद्भाव और सेवा की भावना को महत्त्व मिलता है।
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आगे की राह
बैंकिंग प्रणाली में यह बदलाव एक वास्तविक समावेशी और पारदर्शी वित्तीय ढांचे की दिशा में कदम है। आने वाले समय में यह देखा जाएगा कि कितनी तेज़ी से लोग इस सुविधा को अपनाते हैं, और किस हद तक इससे पारिवारिक और कानूनी जटिलताएँ कम होती हैं।
FAQs: बैंक नामांकन नियम बदलाव
Q1. 1 नवंबर से नया नियम क्या लागू होगा?
अब खाताधारक अपने बैंक खाते में अधिकतम चार नॉमिनी जोड़ सकते हैं।
Q2. क्या सभी नॉमिनी को बराबर हिस्सा मिलेगा?
नहीं, खाताधारक हर नॉमिनी को अलग-अलग प्रतिशत हिस्सेदारी दे सकता है।
Q3. क्या नामांकन ऑनलाइन किया जा सकता है?
हाँ, अधिकांश बैंक नेट बैंकिंग और मोबाइल ऐप के माध्यम से नामांकन की सुविधा दे रहे हैं।
Q4. क्या पुराने खाते में भी यह नियम लागू होगा?
हाँ, पुराने खातों में भी आप 1 नवंबर के बाद जाकर नॉमिनी संख्या अपडेट कर सकते हैं।
Q5. यदि कोई नामांकन नहीं करता तो क्या होगा?
31 दिसंबर 2025 तक बैंक नोटिस भेजकर नामांकन कराने के लिए कह सकता है। कुछ मामलों में नामांकन अनिवार्य भी किया जा सकता है।