International Girl Child Day [Hindi] | संयुक्त राष्ट्र के आह्वान पर हमारे समाज के भविष्य के रूप में लड़कियों के महत्व और संभावनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 11 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। 2024 में IGD (International Day of the Girl ) की 12वीं वर्षगांठ है। संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, इस वर्ष सभी क्षेत्रों में लड़कियों के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर अधिक ध्यान दिया जाएगा।
आज के दिन लोगों को संदेश दिया जाता है कि वो बेटियों को पढ़ने में मदद करें. पहली बार किसी महिला के अधिकार को लेकर 1955 में बीजिंग आवाज उठाई गयी थी. इसके बाद ही महिलाओं को उनके अधिकार को लेकर जागरूक करने के लिए एक खास दिन को मनाने की घोषणा की गयी. यूनाइटेड नेशंस (UN) महासभा में एक प्रस्ताव पास किया गया, जिसमें लड़कियों के सम्मान के दिन के रूप में यह घोषित किया गया था. तब से ही इस दिन को इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड डे के रूप में मनाया जाता है.
क्या है इस साल की थीम? (Theme for International Girl Child Day in Hindi)
इस साल की थीम ‘डे फॉर गर्ल चाइल्ड है. जैसा कि यह भी जाना जाता है आज की पीढ़ी डिजिटल पीढ़ी है. हमारी पीढ़ी इस दिन को हर साल इंटरनेशनल स्तर पर मनाती है. यह दिन पूरे विश्व की लड़कियों को ऑनलाइन होने वाले नुकसान या हानि के बारे में बोलने के लिए एक मंच प्रदान करने का काम करता है. एक रिपोर्ट में सामने आया है कि आज के समय में 25 वर्ष से कम उम्र के 2 बिलियन लोगों के पास इंटरनेट की सुविधा नहीं है.
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस की शुरुआत का इतिहास (History)
पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बालिका दिवस मनाने की शुरुआत कनाडा के एक गैर- सरकारी संगठन “ग्लोबल चिल्ड्रेन चैरिटी” द्वारा की गई।
इस संगठन ने लड़कियों के लिए उच्च शिक्षा, बेहतर चिकित्सक सुविधा और कानूनी अधिकार जैसी जरूरतों के लिए “क्योंकि मैं लड़की हूं” नामक अभियान चलाया इस संगठन ने इस अभियान को इंटरनेशनल रूप में चलाने के लिए लोगों में जागरूकता फैलाई तथा कनाडा के फेडरल सरकार से आग्रह किया। कनाडा की सरकार ने इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सभा में उठाया जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र सभा ने इस आग्रह को स्वीकार करते हुए अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने का प्रस्ताव पारित कर दिया।
- इसी बीच कनाडा की महिलाओं और लड़कियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने 55 वें संयुक्त राष्ट्र आयोग में समाज में महिलाओं की स्थिति पर इस पहल के बारे में अपनी प्रतिक्रियाएं दी उन्होंने इसका समर्थन किया, और इसे कनाडा की महिला विकास मंत्री रोना एम्ब्रोस द्वारा प्रायोजित किया गया।
- उनके इस प्रयास से सन 2011 में दिसंबर महीने की 19 तारीख को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने औपचारिक रूप से 11 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की घोषणा कर दी के बाद साल 2012 से अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस प्रतिवर्ष मनाया जाता है।
क्या है इस दिन को मनाने का उद्देश्य? (Aim of International Girl Child Day in Hindi)
इस दिन को मनाने का उद्देश्य लड़कियों को हर तरह से मजबूत करना है. आज के समय में लड़कों की तुलना में काफी लड़कियां बेरोजगार और अशिक्षित है. इसी गैप को भरने के लिए इस तरह के दिवस मनाए जाते हैं. सरकार की तरफ से भी लड़कियों और महिलाओं को मजबूत बनाने के लिए कई योजनाएं चलायी जा रही है.
केंद्र सरकार द्वारा चलायी जाने वाली योजनाएं
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
- सुकन्या समृद्धि योजना
- बालिका समृद्धि योजना
- CBSE उड़ान स्कीम
- माध्यमिक शिक्षा के लिए लड़कियों के लिए प्रोत्साहन की राष्ट्रीय योजना
- धनलक्ष्मी योजना
- राज्य सरकार बालिका योजनाएं
केंद्र सरकार की महिलाओं को लेकर योजनाएं
- सुकन्या समृद्धि योजना
- सुरक्षित मातृत्व योजना
- मुद्रा योजना
- सिलाई मशीन योजना
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना
International Girl Child Day Essay in Hindi
दिवस का नाम | International Day of the Girl Child |
कब है | हर साल 11 अक्टूबर को मनाया जाता है |
क्यों मनाया जाता है | विश्व की सभी स्त्री को समाज में पुरुष के बराबर का दर्जा देने और सम्मान के प्रति जागरूक करने के लिए |
कहां मनाया जाता है | विश्व के 50 से अधिक देशों में |
Girls Child Day Essay [Hindi]
समाज में स्त्री को पुरुष के बराबर का दर्जा नहीं दिया जा रहा है आधुनिकता के इस दौर में कुछ हद तक औरतों को आजादी दी गई है मगर समाज में वह वास्तविक बराबरी का दर्जा अब तक औरतों को नहीं मिल पाया है। इस विषय पर चिंता व्यक्त करते हुए एक निजी संस्था के द्वारा “क्योंकि मैं लड़की हूं” मुहिम को 2008 में शुरू किया गया था। इस मुहिम में दुनिया का वह नजरिया सबके समक्ष रखा गया जिसने इस मुहिम को पूरे विश्व में प्रचलित कर दिया।
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2011 में कनाडा सरकार के द्वारा इस मुहिम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचलित करने के लिए राष्ट्र संघ में पेश किया गया। जिसके बाद 11 अक्टूबर 2011 को वह दिन चुना गया जहां से विश्व के 50 से अधिक देशों में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर विभिन्न प्रकार के समारोह के जरिए स्त्री के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रयास शुरू किया गया।
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तब से लेकर आज तक प्रत्येक साल 11 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। भारत में स्त्री के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए राष्ट्रीय बालिका दिवस को 24 जनवरी को मनाया जाता है मगर पूरे विश्व के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्त्री को सम्मान देने और उसे समाज में बराबरी का दर्जा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। हर साल इस दिन विभिन्न प्रकार के ऑनलाइन और ऑफलाइन समारोह को आयोजित किया जाता है और विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल करके समाज के लोगों को औरतों के प्रति जागरूक किया जाता है।
बालिका दिवस से संबंधित सुविचार (Thoughts)
- स्त्री सबसे शक्तिशाली होती है, स्त्री साक्षात दुर्गा का अवतार होती है जिसे ऊर्जा का सृजन और स्वरूप माना जाता है।
- जो स्त्री संसार की सबसे अधिक पीड़ादायक प्रसव पीड़ा सहन कर सकती है उसे संसार की कोई भी विपत्ति कमजोर नहीं बना सकती।
- अगर किसी परिवार में एक लड़की को शिक्षित किया जाए तो आने वाली सभी पीढ़ियां शिक्षित होंगे।
- एक लड़की के उज्जवल भविष्य का अस्तित्व उसकी लैंगिक विषमता से कभी प्रभावित नहीं हो सकता। बल्कि यह लैंगिक विषमता तो उसकी एक अलग विशेष पहचान का प्रतिनिधित्व करती है।
सुकन्या समृद्धि क्या है?
सुकन्या समृद्धि योजना देश में लड़कियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए बनाई गई एक बचत योजना है. बेटी बचाओ, बेटी पढाओ पहल के तहत शुरू की गई यह योजना माता-पिता के लिए अपनी बालिकाओं के भविष्य में निवेश करने का एक अच्छा विकल्प है. सुकन्या समृद्धि खाता (SSA) एक वित्तीय वर्ष में 250 रुपये की न्यूनतम जमा राशि के साथ 1.50 लाख रुपये की लिमिट तक का खोला जा सकता है और खाता खोलने के बाद अधिकतम 15 वर्षों के लिए डिपोजिट किया जा सकता है.
राष्ट्रीय बालिका दिवस का महत्व (International Girl Child Day Importance in Hindi)
भारत में हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज देश की बेटियां हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं। पहले जहां बेटियों के पैदा होने पर भी उन्हें बाल विवाह जैसे कू प्रथा में झोंक दिया जाता था, वहीं आज बेटी होने पर लोग गर्व करते हैं। देश की आजादी के बाद से भारत सरकार ने बेटियों और बेटों में भेदभाव को खत्म करने के लिए कई योजनाएं चलाई। बेटियों को देश में पहले पायदान पर लाने के लिए कई कानून लागू किए गए।
मुख्य रूप से राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने का उद्देश्य बालिकाओं के प्रति लोगों को जागरूक करना है। केंद्र सरकार समेत राज्य सरकारें भी अपने अपने राज्यों में बेटियों के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए कई कदम उठाते हैं। भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस 24 जनवरी और 11 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है।
International Girl Child Day 2024 Quotes in Hindi
- नजरिए को बदलो, नजारे बदल जायेंगे।बेटियों को मौका दो, बुराई कम नजर आयेंगे
- बेटी बचाओ और जीवन सजाओ, बेटी पढ़ाओ और खुशहाली बढ़ाओ
- बेटियां सब के मुकद्दर में कहां होती हैं, घर खुदा को जो पसंद आए वहां होती हैं
- तकलीफ कितनी भी हो उफ नहीं कहतीं, ऐसा दर्द तो केवल बेटी ही है सहती
- बालिकाओं को अपने अधिकारों के लिए लड़ना होग, लड़कर जीतने के लिए खूब मन लगाकर पढ़ना होगा
- जो बेटी को दे पहचान, माता-पिता वही महान
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर संयुक्त राष्ट्र:
संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) ने 19 दिसंबर 2011 को प्रस्ताव संख्या 66/170 को पारित किया था. प्रत्येक साल इस मंजूरी के साथ 11 अक्टूबर को ‘अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की गई थी. पहला अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस साल 2012 में मनाया गया था. पहले अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस का थीम ‘बाल विवाह की समाप्ति’ था.
Girls Child Day Essay in Hindi FAQ’s
Q. अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस कब है?
हर साल अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस 11 अक्टूबर को मनाया जाता है।
Q. अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस क्यों मनाया जाता है?
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस स्त्री की परेशानियों के बारे में लोगों को जागरूक करने और समाज में स्त्री को पुरुष के बराबर का सम्मान देने के लिए मनाया जाता है।
Q. भारत में बालिका दिवस क्यों मनाया जाता है?
भारत में बालिका दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है, मगर यह राष्ट्र के अवसर पर मनाया जाता है।
Q. अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस कब से मनाया जा रहा है?
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस 11 अक्टूबर 2011 से मनाया जा रहा है। इसे 2008 में राष्ट्र संघ में पेश किया गया था जिसके बाद स्त्री की स्थिति के बारे में हर किसी को जागरूक करने के लिए अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस 50 से अधिक देशों में मनाने का ऐलान किया गया।