Karnataka Hijab Controversy: मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के अवध प्रांत संचालक अनिल सिंह ने कहा कि वह हमारे समुदाय की एक बेटी और बहन है. हम उसके संकट की घड़ी में उसके साथ खड़े हैं.
हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, होली के बाद होगी सुनवाई
कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को हिजाब को लेकर अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि किसी भी शैक्षणिक संस्थान में हिजाब पहनकर एंट्री करने की इजाजत नहीं दी सकती। अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है और होली के बाद सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर सुनवाई करने के लिए तैयार भी हो गया है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एन वी रमण, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कुछ छात्राओं की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े की उन दलीलों पर गौर किया कि आगामी परीक्षाओं को देखते हुए तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है।
हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया
इससे पहले हाईकोर्ट की तीन-सदस्यीय खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा, “गणवेश (यूनिफॉर्म) पहनने से विद्यार्थी इनकार नहीं कर सकते.”इसके साथ ही हाईकोर्ट ने मुस्लिम लड़कियों की उस रिट याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें छात्राओं ने कॉलेजों में हिजाब पहनने की अनुमति देने की मांग की थी. कोर्ट ने साफ कहा, “हिजाब पहनना अनिवार्य धार्मिक प्रथा नहीं है.”एक दर्जन मुस्लिम छात्रों सहित अन्य याचिकाकर्ताओं ने अदालत को बताया था कि हिजाब पहनना भारत के संविधान और इस्लाम की आवश्यक प्रथा के तहत एक मौलिक अधिकार की गारंटी है. सुनवाई के ग्यारह दिन बाद हाईकोर्ट ने 25 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
Karnataka Hijab Controversy: हम मुस्लिम लड़की के साथ खड़े हैं- मुस्लिम राष्ट्रीय मंच
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के अवध प्रांत संचालक अनिल सिंह ने कहा कि वह हमारे समुदाय की एक बेटी और बहन है. हम उसके संकट की घड़ी में उसके साथ खड़े हैं. मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने अपने बयान में कहा कि हिंदू संस्कृति महिलाओं का सम्मान करना सिखाती है, और जिन्होंने ‘जय श्री राम’ का जाप किया और लड़की को आतंकित करने की कोशिश की, वे गलत थे.
क्या होता है हिजाब?
हिजाब नकाब से काफी अलग होता है. हिजाब का मतलब पर्दे से है. बताया जाता है कि कुरान में पर्दे का मतलब किसी कपड़े के पर्दे से नहीं बल्कि पुरुषों और महिलाओं के बीच के पर्दे से है. वहीं, हिजाब में बालों को पूरी तरह से ढकना होता है यानी हिजाब का मतलब सिर ढकने से है. हिजाब में महिलाएं सिर्फ बालों को ही ढकती हैं. किसी भी कपड़े से महिलाओं का सिर और गर्दन ढके होना ही असल में हिजाब कहा जाता है, लेकिन महिला का चेहरा दिखता रहता है.
धर्म के नाम पर देश को बांटने की कोशिश की जा रही है- हाई कोर्ट
पीठ ने कहा, ‘‘यह सचमुच में स्तब्ध करने वाला है, कोई व्यक्ति हिजाब के पक्ष में है, कुछ अन्य टोपी के पक्ष में हैं और कुछ अन्य दूसरी चीजों के पक्ष में हैं. यह एक देश है या यह धर्म या इस तरह की कुछ चीज के आधार पर बंटा हुआ है. यह आश्चर्य की बात है.’’ न्यायमूर्ति भंडारी ने भारत के पंथनिरपेक्ष देश होने का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘मौजूदा विवाद से कुछ नहीं मिलने जा रहा है लेकिन धर्म के नाम पर देश को बांटने की कोशिश की जा रही है.’’ उन्होंने कुछ जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणियां कीं.
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Karnataka Hijab Controversy: राष्ट्र बड़ा या धर्म? मद्रास हाई कोर्ट की अहम टिप्पणी
ऐसे समय में मद्रास हाई कोर्ट की टिप्पणी भी हर भारतीय को जाननी चाहिए। हाई कोर्ट ने देश में कुछ ताकतों द्वारा धार्मिक सौहार्द्र को बिगाड़ने की प्रवृत्ति पर गंभीर चिंता जताई है। कोर्ट ने हैरानी जताते हुए कहा कि क्या सर्वोपरि है-‘राष्ट्र या धर्म।’ कर्नाटक में हिजाब से जुड़े विवाद को लेकर छिड़ी बहस पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एम एन भंडारी और न्यायमूर्ति डी भरत चक्रवर्ती की पीठ ने कहा कि कुछ ताकतों ने ‘ड्रेस कोड’ को लेकर विवाद पैदा किया है और यह पूरे भारत में फैल रहा है।
हिजाब या पर्दा भी भारतीय संस्कृति का हिस्सा- मुस्लिम राष्ट्रीय मंच
सिंह ने कहा कि हिजाब या पर्दा भी भारतीय संस्कृति का हिस्सा है और हिंदू महिलाएं अपनी पसंद के अनुसार पर्दा पहनती हैं. और यही शर्त बीबी मुस्कान पर भी लागू होती है. सिंह ने कहा कि हमारे सरसंघ चालक ने कहा है, मुसलमान हमारे भाई हैं और दोनों समुदायों का डीएनए समान है. मैं हिंदू समुदाय के सदस्यों से मुसलमानों को अपने भाई के रूप में स्वीकार करने की अपील करता हूं.
Karnataka Hijab Controversy: सोशल मीडिया पर छा गई मुस्कान
कर्नाटक की इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद से मुस्कान सोशल मीडिया पर छा गई है। हिजाब के खिलाफ चल रहे इस प्रदर्शन का चेहरा बन गई हैं। सोशल मीडिया पर मुस्कान को लेकर कई मीम्स व पोस्टर वायरल हो रहे हैं। लोग उनकी बहादुरी काे सलाम कर रहे हैं। घटना के दौरान डर लगने के सवाल पर मुस्कान कहती हैं, कि जब लड़कों ने उन्हें घेरा तो वह कुछ हद तक डर गई थीं, लेकिन जब प्रिंसिपल व अन्य शिक्षकों ने विरोध किया तो उनका डर खत्म हो गया था। वह कहती हैं कि वह बुर्का पहनना जारी रखेंगी।
कर्नाटक हिजाब विवाद पर अमेरिका ने की थी टिप्पणी
कर्नाटक में चल रहे हिजाब विवाद पर अमेरिकी सरकार में अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता मामले के राजदूत राशद हुसैन ने कहा, ‘धार्मिक स्वतंत्रता में लोगों को अपने धार्मिक कपड़ों को चुनने की पूरी आजादी होती है. भारतीय राज्य कर्नाटक को धार्मिक कपड़ों की अनुमति का निर्धारण नहीं करना चाहिए. स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है और महिलाओं और लड़कियों को कलंकित और हाशिए पर लाता है.’
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क्या कहता है अनुच्छेद 25?
कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता छात्राओं के वकील देवदत्त कामत ने आग्रह किया था कि इस आदेश से संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत छात्राओं के संवैधानिक अधिकार निलंबित हो जाएंगे। यह उनके अधिकारों का पूर्ण हनन होगा। इस पर मुख्य न्यायाधीश ऋतुराज अवस्थी ने कहा कि यह अंतिम आदेश नहीं है। यह व्यवस्था मामले के सुलझने तक कुछ दिनों के लिए है।
तमाम पुलिस थानों को अलर्ट रहने का निर्देश
इस बीच मालेगांव की मेयर ने प्रस्ताव रखा कि शहर के शैक्षणिक केंद्र उर्दू घर का नाम मुस्कान नाम की छात्रा पर किया जाए. मुस्कान वो लड़की है जिसका हिजाब पहनकर हुडदंगियों का सामना करते हुए वीडियो वायरल हुआ था. मालेगांव की हलचल को देखते हुए महाराष्ट्र के गृहमंत्रालय ने राज्य के तमाम पुलिस थानों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है. मालेगांव, बुलढाणा और बीड में जमावबंदी लगा दी गयी है. गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने आदेश दिया है कि हिजाब को लेकर राज्य में किसी भी तरह का आंदोलन न होने दिया जाये.