No Smoking Day 2024 [Hindi]: देश-दुनिया में धूम्रपान (Smoking) के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए इस वर्ष ‘नो स्मोकिंग डे 2024’ (No Smoking Day 2024) 9 मार्च यानी आज मनाया जा रहा है. हर साल मार्च के दूसरे बुधवार को यह दिवस आता है. ‘धूम्रपान निषेध दिवस 2024’ मनाने का उद्धेश्य लोगों को स्मोकिंग की बुरी आदतों से निजात दिलाना होता है.
No Smoking Day 2024: धूम्रपान के कारण होने वाली बीमारियां
आशा आयुर्वेदा की आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ. चंचल शर्मा कहती हैं कि धूम्रपान से आप घातक बीमारियों की चपेट में बहुत जल्दी आ जाते हैं. धूम्रपान एवं तंबाकू का सेवन शरीर को इसका आदी बना देता है. तंबाकू में निकोटिन होता है, जो आपके रक्त में प्रवाहित होता है और शरीर को इसकी लत लग जाती है. तंबाकू में पाया जाने वाला निकोटिन मुंह के माध्यम से प्रवेश करके आपके फेफड़ों, हृदय, अमाशय और रक्त नलिकाओं में पहुंच कर भारी नुकसान पहुंचाता है.
सिगरेट छोड़ने के बाद आपके शरीर पर असर
जब आपको सिगरेट पिए हुए 8 घंटे गुजर जाते हैं, तो खून में निकोटीन और कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा कम हो जाती है। कार्बन मोनोऑक्साइड एक रसायन है, जो खून से ऑक्सीजन को बाहर निकाल देता है। इस वजह से सिगरेट पीने वाले लोगों को मांसपेशियों और मस्तिष्क से जुड़ी परेशानियां होती है। ऐसे में इन घंटों के दौरान आपको कई बार सिगरेट पीने की इच्छा हो सकती है लेकिन आपको इसे रोकने के लिए टॉफी या कुछ खाने-पीने का सामान खा लेना चाहिए।
वहीं, जब सिगरेट छोड़े आपको 12 घंटे हो जाते हैं, तो शरीर में कार्बन मोनोऑक्साइड का लेवल फिर से नॉर्मल हो जाता है। इससे सबसे ज्यादा आराम आपके हार्ट को मिलता है, क्योंकि फिर हार्ट को ऑक्सीजन के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी होती। ऐसे में आप सोच सकते हैं कि जब 12 घंंटे सिगरेट न पीने से आपकी हेल्थ पर इसका इतना अच्छा असर पड़ता है, तो सिगरेट को बिल्कुल छोड़ देना आपके लिए कितना फायदेमंद है।
No Smoking Day History: क्या है ‘नो स्मोकिंग डे’ का इतिहास
नो स्मोकिंग डे को पहली बार साल 1984 में रिपब्लिक ऑफ आयरलैंड में मनाया गया. इसे एश वेडनेस्डे के दिन मनाया गया था, ताकि लोगों को स्मोकिंग के दुष्प्रभावों के बारे में बताया जा सके और स्मोकिंग छोड़ने के लिए प्रेरित किया जा सके. हालांकि बाद में इसे हर साल मार्च के दूसरे बुधवार को मनाने का फैसला किया गया.
No Smoking Day 2024 Significance and Theme: नो स्मोकिंग डे 2024 का महत्व और थीम
1920 के बाद स्मोकिंग करने के दुष्प्रभावों के बारे में खूब जोरों से जानकारी दी गई. क्योंकि, सिगरेट-बीड़ी-तंबाकू के सेवन को कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों का कारण पाया गया. तभी से लोगों को धूम्रपान के दुष्प्रभावों से बचाने के लिए ‘नो स्मोकिंग डे’ मनाने का फैसला लिया गया. Theme for 2024 is : Protecting children from tobacco industry interference
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हर साल नो स्मोकिंग डे की एक थीम निर्धारित की जाती है. पिछले साल नो स्मोकिंग डे की थीम ‘Break Free’ और ‘Time to quit’ रखी गई थी. लेकिन, 2024 में नो स्मोकिंग डे की थीमक्विट एंड विन’ जिसका सीधा सा अर्थ है कि ‘धूम्रपान छोड़ो और जीतो’ रखी गई है.
How to quit Smoking: धूम्रपान की लत कैसे छोड़ें?
अगर आप धूम्रपान करने की लत (9 tips to quit smoking) को छोड़ना चाहते हैं, तो इन टिप्स को जरूर अपनाएं
- धूम्रपान छोड़ने के अपने कारणों की लिस्ट बनाएं और उन्हें रोजाना याद करें.
- लोगों को बताएं कि आप स्मोकिंग छोड़ रहे हैं, जिससे वह आपको इसे करने से रोकेंगे.
- स्मोकिंग करने वाले लोगों से थोड़े समय के लिए दूरी बना लें.
- निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी और नॉन-निकोटीन दवाओं का इस्तेमाल करें.
- धूम्रपान की इच्छा को दूर करने के लिए रोजाना एक्सरसाइज करें.
- जब भी स्मोकिंग करने का मन करे, तो खूब सारा पानी पीएं और खुद को व्यस्त कर लें.
भ्रम: धूम्रपान छोड़ने के बाद इंसान लम्बे समय के लिए डिप्रेशन में चला जाता है.
सच: सायकोसोशल ऑन्कोलॉजी के डायरेक्टर रॉबर्ट गार्डनर का कहना है, कुछ लोगों को लगता है कि स्मोकिंग छोड़ने के बाद मूड स्विंग की प्रॉब्लम होती है जो डिप्रेशन में बदल सकती है. रॉबर्ट का कहना है, अगर कोई इंसान पहले से ही डिप्रेशन से जूझ रहा है और स्मोकिंग छोड़ता है तब यह बढ़ सकता है. हालांकि इसका इलाज किया जाता है. सभी मामलों में ऐसा हो, यह जरूरी नहीं.
Read in English: No Smoking Day: Know The Easiest Way To Quit Smoking
भ्रम: धूम्रपान छोड़ने पर अनियंत्रित खांसी की समस्या हो जाती है.
सच: विशेषज्ञ कहते हैं, यह भी लोगों के बीच एक प्रचलित भ्रम है. वो मानते हैं कि स्मोकिंग छोड़ने पर उन्हें लगातार खांसी की समस्या से जूझना पड़ेगा. लेकिन इसमें बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है.
भ्रम: सिगरेट छोड़कर ई-सिगरेट पीना सुरक्षित है.
सच: विशेषज्ञ कहते हैं, ज्यादातर लोगों को यही लगता है, लेकिन इस बात में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है. अमेरिकी डॉक्टर्स ने यह पाया है कि ई-सिगरेट में ऐसे केमिकल और हैवी मेटल पाए जाते हैं जो सीधे फेफड़े तक पहुंचते हैं और इन्हें डैमेज करते हैं. इसलिए इसे सिगरेट छोड़ने का विकल्प नहीं बनाया जाना चाहिए.
No Smoking Day 2024 [Hindi]: धूम्रपान छोड़ेने के हैं काफी फायदे
डॉ. के मुताबिक, धूम्रपान न करने से शरीर में ऑक्सीजन का स्तर सही रहता है. उनको फेफड़ों से संबंधित कोई बीमारी होने की आशंका कम रहेगी. खांसी होने पर ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा भी कम होता है. डॉ. का कहना है कि स्मोकिंग की लत को कभी भी छोड़ सकते हैं. यह नहीं सोचना चाहिए की अब देर हो चुकी है.
No Smoking Day: इन देशों में धूम्रपान है बैन
भूटान – Bhutan
2004 में, भूटान तंबाकू की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने और सभी पब्लिक प्लेसेस पर धूम्रपान को बैन करने वाला पहला देश था। जून 2010 में, देश में तंबाकू की बिक्री या तस्करी पर रोक लगाकर दुनिया के सबसे सख्त तंबाकू विरोधी कानूनों में से एक को लागू किया था। दोषी पाए जाने वालों को बिना किसी जमानत की गारंटी के तीन से पांच साल की जेल की सजा हो सकती है।
कोलंबिया – Colombia
2009 में, कोलंबिया ने अपने धूम्रपान-विरोधी नियमों में कार्यस्थलों और पब्लिक प्लेस वाली जगहों को भी शामिल किया है। विज्ञापनों और पैकेजिंग पर ‘माइल्ड’ और ‘लाइट’ वाले शब्दों पर भी बैन लगा दिया था।
मलेशिया – Malaysia
मलेशिया ने अस्पतालों, हवाई अड्डों, पब्लिक शौचालयों, सरकारी दफ्तरों, इंटरनेट कैफे और सरकारी परिसरों सहित कई पब्लिक प्लेस पर धूम्रपान पर प्रतिबंध लगा दिया है। जून 2010 तक, एयर कंडीशनिंग के साथ प्राइवेट कार्यालय वाली जगहों में धूम्रपान करने वालों पर लगभग 1,90,896 रुपए का जुर्माना या दो साल की जेल तक हो सकती है।
बेहद खतरनाक है निकोटीन
जानकारी के मुताबिक एक औसत धूम्रपान करने वाला 5 मिनट की अवधि में सिगरेट के 10 कश लेता है. एक व्यक्ति जो प्रतिदिन 25 सिगरेट पीता है, उसे 250 बार निकोटीन का हिट प्राप्त होगा. निकोटीन सिगरेट में पाए जाने वाले जहरीले रसायनों में से एक है. निकोटिन के साथ-साथ करीब 7,000 रसायन निकलते हैं. इन रसायनों में से 69 रसायन कैंसर पैदा करने वाले हैं.
जेब पर भी भारी है तंबाकू
साल 2011 में 35-69 आयु वर्ग के व्यक्तियों के लिए तंबाकू के सेवन की आर्थिक लागत रु 1,04,500 करोड़ थी. इस बीच तंबाकू के दाम और जीएसटी के कारण अब ये लागत 2 लाख करोड़ से ज्यादा हो चुकी है. देश भर के 13 से 15 साल के कितने लोग तकू का सेवन करते हैं इसका आकलन GYTS नामक सर्वे से किया जाता है. इस सर्वे को भारत सरकार का परिवार कल्याण मंत्रालय (Mohfw), अंतर्राष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान (International Institute for Population Sciences) की मदद से करवाता है. अब तक GYTS के 4 सर्वे साल 2003,2006, 2009, 2019 में हुए थे.
धूम्रपान के प्रभाव (Side Effect of Smoking)
- खांसी और गले में जलन
- सांसों की दुर्गंध और बदबूदार कपड़े
- रूखी त्वचा और दांतों का मेला पन या मलिनकिरण
- भ्रूण की गंभीर स्थिति
- हृदय रोग और फेफड़ों का कैंसर
डब्ल्यूएचओ के अनुसार तंबाकू अपने आधे उपयोगकर्ताओं को मार डालता है। तंबाकू से हर साल 80 लाख से ज्यादा लोगों की मौत होती है। उन मौतों में से 70 लाख से अधिक प्रत्यक्ष तंबाकू के उपयोग से मारे जाते हैं। दुनिया भर के 130 करोड़ तंबाकू उपयोगकर्ताओं में से 80 फीसदी से अधिक निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं।
सतभक्ति से नशा मुक्ति संभव है – लाखों लोग हो रहे हैं नशामुक्त
पूर्ण संत से नाम उपदेश लेकर सतभक्ति करने वालों भक्तों के नशे का नाश हो जाता है। उनके अंदर के विकार दूर हो जाते हैं,
गरीबदास जी अपनी वाणी में कहते हैं
जब ही सतनाम हृदय धरो, भयो पाप को नाश,
जैसी चिंगारी अग्नि की, पड़ी पुरानी घांस ||
पूर्ण संत से उपदेश लेने के बाद उनके बताए भक्ति मार्ग पर चलने से हमारे प्रारब्ध के पाप कर्मों का भी नाश हो जाता है और वे तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी हैं जिनके लाखों अनुयायियों नें नशा छोड़ दिया है और अब निरोगी जीवन जी रहे हैं।