पेप्सी: एक दवा से 200 देशों में फैले बिजनेस तक का सफर

आज जिस पेप्सी को एक लोकप्रिय सॉफ्ट ड्रिंक के रूप में देखा जाता है, उसकी शुरुआत एक दवा के रूप में हुई थी। 19वीं सदी के अंत में अमेरिकी फार्मासिस्ट कैलेब ब्रैडहम ने इसे एक पाचन संबंधी पेय के रूप में विकसित किया था। लेकिन धीरे-धीरे यह एक अंतरराष्ट्रीय ब्रांड बन गया और आज पेप्सिको (PepsiCo) 200 से अधिक देशों में कारोबार कर रहा है।

शुरुआत कैसे हुई?

1893 में उत्तरी कैरोलीना के न्यू बर्न शहर में ब्रैडहम ने एक ऐसा ड्रिंक तैयार किया, जिससे पाचन में मदद मिल सके। उन्होंने इसे ‘ब्रैड्स ड्रिंक’ (Brad’s Drink) नाम दिया। इस पेय में पानी, चीनी, कारमेल, जायफल, नींबू और कोला नट्स शामिल थे। यह जल्द ही लोगों के बीच लोकप्रिय हो गया।

‘पेप्सी’ नाम कैसे पड़ा?

1898 में, ब्रैडहम ने इस ड्रिंक का नाम बदलकर “पेप्सी-कोला” रखा, जिसमें “पेप्सी” शब्द पाचन तंत्र से जुड़ी समस्या डिस्पेप्सिया (Dyspepsia) से लिया गया था। ब्रैडहम को उम्मीद थी कि यह न केवल स्वादिष्ट पेय होगा, बल्कि सेहत के लिए भी अच्छा रहेगा।

बिजनेस में उतार-चढ़ाव

ब्रैडहम ने 1902 में Pepsi-Cola Company की स्थापना की और 1909 तक यह ब्रांड पूरे अमेरिका में लोकप्रिय हो गया। लेकिन 1923 में ब्रैडहम को कंपनी दिवालिया घोषित करनी पड़ी। इसके बाद यह कई बार बिका और अंततः 1931 में चार्ल्स गुथ (Charles Guth) ने इसे खरीदा और इसे फिर से सफल ब्रांड बनाया।

कोका-कोला से टक्कर

1930 के दशक में पेप्सी का मुकाबला कोका-कोला से शुरू हुआ। 1950 के दशक में कंपनी ने अपने मार्केटिंग कैंपेन को मजबूत किया और “बिगर बॉटल, बेटर टेस्ट” जैसे नारे दिए। धीरे-धीरे पेप्सी ने बाजार में अपनी अलग पहचान बना ली।

पेप्सिको का गठन

1965 में पेप्सी-कोला कंपनी और फ्रिटो-ले (Frito-Lay) का विलय हुआ और PepsiCo का गठन हुआ। इसके बाद कंपनी ने स्नैक्स और अन्य पेय उत्पादों में भी कदम रखा।

दुनियाभर में विस्तार

1970 के दशक में पेप्सी ने अंतरराष्ट्रीय बाजारों में विस्तार किया और रूस, चीन और भारत जैसे देशों में कारोबार शुरू किया।

1980 के दशक में कंपनी ने Tropicana और Quaker Oats को खरीदा।

1990 के दशक में पेप्सिको ने Mountain Dew, Mirinda, और 7Up को लॉन्च किया।

भारत में पेप्सी

भारत में 1989 में पेप्सी ने कदम रखा और आज यह देश की सबसे बड़ी सॉफ्ट ड्रिंक कंपनियों में से एक है। इसके तहत कई लोकप्रिय ब्रांड जैसे लेज़, कुरकुरे, मिरिंडा, ट्रॉपिकाना और एक्वाफिना आते हैं।

आज का पेप्सिको

वर्तमान में PepsiCo दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी फूड और बेवरेज कंपनी है। इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क, अमेरिका में स्थित है। यह फॉर्च्यून 500 कंपनियों में शामिल है और सालाना अरबों डॉलर का कारोबार करती है।

  • 2020 के बाद का विस्तार: 2020 के बाद पेप्सिको ने स्वास्थ्यकर उत्पादों पर ध्यान केंद्रित किया है। कंपनी ने शुगर-फ्री और लो-कैलोरी ड्रिंक्स की रेंज को बढ़ाया है।
  • सस्टेनेबिलिटी प्रोजेक्ट्स: पेप्सिको ने 2030 तक अपने पैकेजिंग को 100% रिसाइकिल करने योग्य बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा, कंपनी ने पानी के संरक्षण और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए कई परियोजनाएं शुरू की हैं।
  • डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन: पेप्सिको ने ई-कॉमर्स और डिजिटल मार्केटिंग में भारी निवेश किया है। COVID-19 महामारी के दौरान ऑनलाइन बिक्री में काफी वृद्धि हुई है।
  • नए उत्पाद लॉन्च: हाल ही में, पेप्सिको ने एनर्जी ड्रिंक्स और प्रोटीन-आधारित स्नैक्स की नई लाइन लॉन्च की है, जो युवाओं और स्वास्थ्य-जागरूक उपभोक्ताओं को लक्षित करती है।

निष्कर्ष

एक साधारण पाचन पेय से शुरू होकर पेप्सी आज एक वैश्विक ब्रांड बन चुका है। कोका-कोला से टक्कर लेते हुए, नए उत्पादों को जोड़ते हुए, और अलग-अलग देशों में अपने बिजनेस का विस्तार करते हुए पेप्सी आज भी लाखों लोगों की पसंद बना हुआ है।

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