Russia Ukraine Conflict News: रूस और यूक्रेन के बीच संकट और भी गहरा हो गया है। बार-बार खबर सामने आ रही है कि, यूक्रेन में रूसी फौज प्रवेश कर चुकी है। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को अपने देश के बाहर सैन्य बल का इस्तेमाल करने का अधिकार मिलने के बाद यूक्रेन ने बुधवार को देशव्यापी आपातकाल की घोषणा कर दी। इस बीच, पश्चिमी देशों ने रूस के खिलाफ कई प्रतिबंधों की घोषणा की तथा मॉस्को ने यूक्रेन स्थित अपने दूतावास परिसरों को खाली कर वहां से राजनयिक कर्मियों को निकाल लिया।
यूक्रेन की ‘तबाही’ पर बोरिस जॉनसन ने बुलाई नाटो नेताओं की तत्काल बैठकब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने यूक्रेन हमले को देखते हुए नाटो नेताओं की तत्काल बैठक बुलाई है। यूक्रेन के राष्ट्रपति के मुताबिक अब तक 40 से अधिक यूक्रेनी सैनिकों और 10 नागरिकों की मौत हो चुकी है।
रूस की सेना अलग-अलग दिशाओं से यूक्रेन में घुस चुकी है। इस बीच द न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें रूसी सेना को यूक्रेन के भीतर घुसते देखा जा सकता है। चारों तरफ पसरे सन्नाटे के बीच रूसी ट्रैंक और ट्रक यूक्रेन सीमा में घुस रहे हैं। यह वीडियो बॉर्डर पर लगे सीसीटीवी में रेकॉर्ड हुआ है जो गुरुवार सुबह का बताया जा रहा है। वीडियो के साथ दावा किया गया है कि यह क्रीमिया से यूक्रेन में घुसते रूसी सैनिकों की पहली झलक है।
Russia Ukraine Conflict News: कच्चे तेल की कीमतों का दिखेगा प्रभाव
रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष का असर कच्चे तेल की कीमतों पर भी देखने को मिल रहा है। रूस यूरोप में नेचुरल गैस का करीब एक-तिहाई प्रोडक्शन करता है। वैश्विक तेल उत्पादन में रूस की हिस्सेदारी करीब 10 प्रतिशत है। दोनों देशों के युद्ध के बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल (Crude) की कीमत 2014 के बाद पहली बार 100 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गई। ब्रेंट की कीमत 100.04 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई जबकि डब्ल्यूटीआई 95.54 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया। रूस से होने वाली तेल या गैस की सप्लाई का प्रभावित होना सीधे तौर पर भारत के लिए अधिक चिंता का विषय नहीं है। बावजूद इसके कच्चे तेल की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय कीमतें उसकी मुश्किल जरूर बढ़ा सकती हैं। इसकी वजह है कि भारत अपनी जरूरत के लिए तेल के आयात पर अधिक निर्भर है।
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Russia Ukraine Conflict News: जंग का असली मोर्चा तैयार
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन से युद्ध के लिए जमीन से लेकर समंदर तक और आसमान से लेकर डिप्लोमेसी तक सारी मोर्चेबंदी सजा डाली है. पुतिन का असली गेम प्लान आर-पार की लड़ाई के लिए है. वरना जिस बेलारूस के वीडी बोल्शोय एयरपोर्ट पर 22 फरवरी को बर्फ की चादर नजर आ रही थी. एयरपोर्ट सुनसान नजर आ रहा था. उसी जगह पर एक दिन के बाद 23 फरवरी को सैनिकों की भारी भरकम तैनाती नहीं होती. जिस बेलारूस में 20 फरवरी को युद्धाभ्यास खत्म हो जाना था. वहां रूसी सेना के हजारों जवान और हथियार तैनात हैं और रूस की ये सैन्य मोर्चेबंदी सिर्फ बेलारूस में नहीं यूक्रेन के तीनों तरफ है.
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रूस जैसे बड़े और ताकतवर देश के हमले के बावजूद यूक्रेन झुकने का नाम नहीं ले रहा है. यूक्रेन का कहना है कि वो किसी भी कीमत पर सरेंडर नहीं करने जा रहे हैं. इस पूरे फैसले में सबसे बड़ा नाम यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की का है, जो लगातार अपनी सेना का मनोबल बढ़ा रहे हैं और मदद के लिए अलग-अलग देशों से बात कर रहे हैं.
रिहायशी इलाके में क्रैश हुआ रूस का विमान
राजधानी कीव में आज रूसी सेना ने छह बार मिसाइल अटैक किया। हालांकि इस दौरान एक रूसी विमान को यूक्रेन की सेना ने मार गिराया। जो कि एक रिहायशी बिल्डिंग पर आकर क्रैश हुआ और वहां आग लग गई।
रूस के पश्चिमी सिरे पर यूक्रेन
बता दें कि इस वक्त उत्तरी सरहद की तरफ बेलारूस की जमीन पर रूसी फौज मौजूद है. यूक्रेन के ठीक सामने पूरब की तरफ रूस की सेना मौजूद है. यूक्रेन के दक्षिण में कालासागर में रूस की सेना मौजूद है. लेकिन यूक्रेन के पूर्वी और दक्षिणी सरहद पर एक मोर्चा ऐसा है जहां पुतिन को दुश्मनों से खतरा था और ये मोर्चा जॉर्जिया का था. जहां नाटो की सेना के मौजूदगी रूस के लिए खतरनाक थी. पुतिन ने इसी जॉर्जिया वाले मोर्चे को काउंटर करने के लिए अजरबैजान से सीक्रेट डील कर ली है. ताकि जंग के हालात में रूस की सेना ठीक जॉर्जिया के बॉर्डर तक अपनी पहुंच बना सके.
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रूस ने यूक्रेन पर 30 से अधिक हमले किये
यूक्रेन की सेना की ओर से कहा गया है कि अबतक रूस ने यूक्रेन पर 30 से अधिक हमले किये हैं. यह हमला नागरिक और सैन्य ठिकानों पर किये गये हैं. हमल में रूस ने कैलिबर क्रूज मिसाइल का भी प्रयोग किया है.
Russia Ukraine Conflict News: नाटो ने रूस को दी चेतावनी, तुरंत यूक्रेन से सेना हटायें
यूक्रेन संकट पर नाटो ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रूस को चेतावनी दी है और कहा है कि अविलंब यूक्रेन से सेना हटायें. यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है. यूक्रेन पर रूस ताकत का इस्तेमाल कर रहा है, यह सही नहीं है. रूस को अविलंब सैन्य कार्रवाई रोकने की जरूरत है.
आज रात पीएम नरेंद्र मोदी यूक्रेन संकट पर करेंगे अहम बैठक
आज रात पीएम नरेंद्र मोदी यूक्रेन संकट पर अहम बैठक करने वाले हैं. इस बैठक में विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री और एनएसए सहित कई उच्चाधिकारी मौजूद रहेंगे. पीएम मोदी के यूपी से लौटने के बाद यह बैठक होगी.
यूक्रेन ने 50 रूसी सैनिकों को मार गिराया
रूस के हमले पर यूक्रेन ने दावा किया है कि उसने 50 रूसी सैनिकों को मार गिराया है. रॉयटर्स की मानें तो रूस समर्थित अलगाववादियों का कहना है कि यूक्रेन के लुहान्स्क क्षेत्र में अब दो शहरों पर उनका नियंत्रण है.
ब्रिटेन यूक्रेन को रक्षा हथियार भेजने वाला पहला देश बन गया
Russia Ukraine Conflict News: ब्रिटेन यूक्रेन को रक्षा हथियार भेजने वाला पहला देश बन गया. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा हमें भी सामूहिक रूप से रूस पर निर्भरता को जब्त करना चाहिए. जॉनसन ने कहा यह भयानक और बर्बर कार्य समाप्त होना चाहिए. उन्होंने कहा, मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि यह किया जा रहा है. जॉनसन ने कहा, हम अपने देश को सुरक्षित रखने के लिए सब कुछ करेंगे. यह दुनिया भर में लोकतंत्र और स्वतंत्रता पर हमला है. ब्रिटेन हमेशा रक्षा करेगा.
Russia Ukraine Conflict News: हमले का ख़तरा आख़िर कितना बड़ा है?
- रूस लगातार कह रहा है कि यूक्रेन पर हमले की उसकी कोई योजना नहीं है. रूसी सेना के प्रमुख वालेरी गेरासिमोव ने हमले की योजना से संबंधित ख़बरों को झूठ क़रार दिया है.
- लेकिन दोनों पक्षों के बीच तनाव अपने चरम पर है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेतावनी देते हुए कहा है कि पश्चिमी ताक़तों का आक्रामक व्यवहार ऐसा ही बना रहा तो “उपयुक्त जवाबी क़दम” उठाए जाएंगे.
- नेटो महासचिव ने चेतावनी दी है कि यूक्रेन को लेकर संघर्ष का ख़तरा वास्तविक है. अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन भी मानते हैं कि रूस आगे बढ़ सकता है. अमेरिका ने कहा कि उसे यूक्रेन की सीमा पर रूसी बलों के कुछ ही समय में जमा होने की कथित योजना के बारे में पता है.
रूस नेटो से चाहता क्या है?
- रूस ने नेटो से अपने रिश्ते को नया रूप देने के लिए अपना पक्ष रखा है. रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने कहा, “हमारे लिए यह तय करना बहुत ज़रूरी है कि यूक्रेन कभी भी नेटो का सदस्य न बने.”
- नेटो देशों पर रूस का आरोप है कि वे यूक्रेन को लगातार हथियारों की आपूर्ति कर रहे हैं और अमेरिका दोनों देशों के बीच के तनाव को भड़का रहा है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का कहना है कि “रूस अब पीछे नहीं हटने जा रहा. आप क्या सोचते हैं कि हम ऐसे ही बैठे रहेंगे?”
- असल में, रूस चाहता है कि नेटो की सेनाएं 1997 के पहले की तरह सीमाओं पर लौट जाए. उसकी मांग है कि नेटो गठबंधन पूर्व में अब अपनी सेना का और विस्तार न करे और पूर्वी यूरोप में अपनी सैन्य गतिविधियां बंद कर दे.
- इसका मतलब ये होगा कि नेटो को पोलैंड और बाल्टिक देशों एस्टोनिया, लातविया और लिथुआनिया से अपनी सेनाएं वापस बुलानी होगी. साथ ही पोलैंड और रोमानिया जैसे देशों में वो मिसाइलें तैनात नहीं रख सकेगा.
- रूस ने अमेरिका से एक समझौता करने का भी प्रस्ताव दिया है जिसके तहत वो अपने देश के इलाक़ों के बाहर परमाणु हथियारों की तैनाती पर रोक लगाएगा.
पश्चिमी देश यूक्रेन का कहां तक साथ देंगे?
अमेरिका ने कहा है कि वो यूक्रेन की ‘संप्रभुता’ को सुरक्षित करने में उसकी मदद के लिए प्रतिबद्ध है. वो हथियारों के रूप में यूक्रेन की सैन्य मदद भी कर रहा है.
- तनाव को कम करने के लिए पश्चिमी देशों के मुख्य हथियार ‘प्रतिबंध’ और हथियारों और सलाहकारों के रूप में ‘सैन्य मदद’ हैं.
- अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने रूस को चेतावनी दी है कि रूस ने यदि यूक्रेन पर हमला किया तो उस पर ऐसे प्रतिबंध लगाए जाएंगे, जिनके बारे में कभी देखा-सुना न गया हो. लेकिन ऐसे प्रतिबंध क्या हो सकते हैं?
- रूस के लिए सबसे बड़ा आर्थिक झटका ये हो सकता है कि रूस के बैंकिंग सिस्टम को अंतरराष्ट्रीय स्विफ़्ट पेमेंट सिस्टम से काट दिया जाए. ख़ैर ये आख़िरी उपाय हो सकता है लेकिन लातविया ने कहा है कि ऐसा करने से रूस को कड़ा संदेश मिलेगा.
- रूस के साथ एक और सख़्ती ये भी की जा सकती है कि जर्मनी में रूस के नॉर्ड स्ट्रीम 2 गैस पाइपलाइन को चालू करने से रोक दिया जाए. जर्मनी इसे मंज़ूरी देने पर विचार कर रहा है. जर्मनी के विदेश मंत्री एनालेना बेरबॉक ने साफ़ कहा है कि रूस ने यदि कोई सैनिक कार्रवाई की तो इस पाइपलाइन पर काम शुरू नहीं हो पाएगा.