नमस्कार दोस्तों आज हम आप को इस ब्लॉग के माध्यम से Subash Chandra bose jayanti के बारे में विस्तार से hindi में बताएँगे। आज Subash Chandra bose की 123वी जयंती है। यानी आज Subash Chandra bose jayanti 2020 है।
हम निम्लिखित points पर चर्चा करेंगे।
- Neta Ji Subhash Chandra Bose Birthday & Jayanti in Hindi
- Subhash Chandra Bose Quotes in Hindi
- Subhash Chandra Bose Essay in Hindi
- Subhash Chandra Bose Speech in Hindi
- Subhash Chandra Bose Photos, Images, Pictures
- Subhash Chandra Bose Slogan & Quotes in Hindi
- Subhash Chandra Bose Wife Biography, Story & History
- Subhash chandra bose death
Neta Ji Subhash Chandra Bose Birthday & Jayanti in Hindi 2020
जैसा की आप सभी जानते है की आज हमारे महान स्वतंत्रता सेनानी Neta Ji Subhash Chandra Bose की उनके जन्म से आज तक यानि 2020 तक 123वी Jayanti या Birthday है। उनके पिता का नाम जानकीनाथ बोस और मां का नाम प्रभावती था। पैसे से नेताजी सुबाष चंद्र बोस की के पिता एक वकील थे।
ऐसा कहा जाता है की सुभाष चंद्र बोस (Neta Ji Subhash Chandra Bose) बचपन से पढ़ाई में अच्छे थे। कटक से प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई कलकत्ता यूनिवर्सिटी से की और विश्वविद्यालय में दूसरा स्थान हासिल किया। उनके पिता आईसएएस बनाना चाहते थे पर बोस को अंग्रेजों की गुलामी में काम करना नामंजूर था।
Neta ji Subash Chandra Bose Biography in Hindi
आज हम आप को (Neta ji Subash Chandra Bose) नेताजी सुभाष चंद्र बोस की Biography से Hindi में परिचित करवाएँगे। Subash Chandra Bose जी का जन्म 23 जनवरी 1897 में हुआ था। नेताजी का जन्म ओडिशा में हुआ था और वो ब्रिलिएंट स्टूडेंट थे। स्कूल और यूनिवर्सिटी दोनों में हमेशा उनकी टॉप रैंक आती थी। उन्होंने सबसे पहले भारतीय सशस्त्र बल की स्थापना की थी जिसका नाम आजाद हिंद फौज रखा गया था। उनके ‘तुम मुझे खून दो मैं, तुम्हें आजादी दूंगा‘ के नारे से भारतीयों के दिलों में देशभक्ति की भावना और बलवान होती थी। आज भी उनके इस नारे से सभी को प्रेरणा मिलती है।
Subhash Chandra Bose Story, Education and History
आइये आगे बढ़ते है और जानते है की क्या है Subhash Chandra Bose की Story & History एंड education . इतिहास के मुताबित 1920 में Subhash Chandra Bose जी ने सिविल सर्विस परीक्षा इंग्लैंड में पास की थी, हालांकि इसके कुछ दिनों बाद 23 अप्रैल 1921 में उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष को देखते हुए इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद 1920 और 1930 में वो इंडियन नेशनल कांग्रेस के युवा और कट्टरपंथी नेताओं में गिने जाने लगे।
इसके बाद 1938 और 1939 में वो इंडियन नेशनल कांग्रेस केअध्यक्ष भी बनें। 1921 से 1941 के दौरान वो पूर्ण स्वराज के लिए जेल भी गए थे। उनका मानना था कि अहिंसा के जरिए स्वतंत्रता नहीं पाई जा सकती खास तौर से इन अंग्रेजो से। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान उन्होंने सोवियत संघ, नाजी जर्मनी, जापान जैसे देशों की यात्रा की और ब्रिटिश सरकार के खिलाफ सहयोग मांगा।
Subhash Chandra Bose Story: इसके बाद जापान में नेताजी ने आजाद हिंद फौज की स्थापना की। पहले इस फौज में वे लोग शामिल किए गए, जो जापान की ओर से बंदी बना लिए गए थे। बाद में इस फौज में बर्मा और मलाया में स्थित भारतीय स्वयंसेवक भी भर्ती किए गए। साथ ही इसमें देश के बाहर रह रहे लोग भी इस सेना में शामिल हो गए उन्होंने आजाद हिंद रेडियो स्टेशन जर्मनी में शुरू किया और पूर्वी एशिया में भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का नेतृत्व किया।
■सुभाष चंद्र बोस मानते थे कि भगवत गीता उनके लिए प्रेरणा का मुख्य जरिया थी।
जलियांवाला बाग हत्याकांड ने उन्हें इस कदर विचलित कर दिया कि, वे भारत की आजादी की लड़ाई में कूद पड़े। नेताजी के कॉलेज के दिनों में एक अंग्रेजी शिक्षक के भारतीयों को लेकर आपत्तिजनक बयान पर उन्होंने खासा विरोध किया, जिसकी वजह से उन्हें कॉलेज से निकाल दिया गया था।
Subhash Chandra Bose Essay in Hindi
अब हम आप को Subhash Chandra Bose Essay in Hindi के बारे में बताएंगे। इस निबंध को आप परीक्षा के दौरान लिख सकते है।
भारतीय इतिहास में सुभाष चन्द्र बोस एक सबसे महान व्यक्ति और बहादुर स्वतंत्रता सेनानी थे। भारत के इतिहास में स्वतंत्रता संघर्ष के लिये दिया गया उनका महान योगदान कभी न भुलाने वाला हैं। वो वास्तव में भारत के एक सच्चे बहादुर हीरो थे जिसने अपनी मातृभूमि की रक्षा के खातिर अपना घर और बार सब त्याग दिया था। वो हमेशा हिंसा में भरोसा करते थे और ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता पाने के लिये सैन्य विद्रोह का रास्ता चुना। परन्तु अंदर से बहुत दयालु थे।
Subhash Chandra Bose Essay in Hindi : Subhash Chandra Bose जन्म एक समृद्ध हिन्दू परिवार में 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक में हुआ था। एक बार उन्हें ब्रिटिश प्रिसिंपल के ऊपर हमले में शामिल होने के कारण कलकत्ता प्रेसिडेंसी कॉलेज से निकाल दिया गया था। उन्होंने प्रतिभाशाली ढंग से आई.सी.एस की परीक्षा को पास किया था लेकिन उसको छोड़कर भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई से जुड़ने के लिये 1921 में असहयोग आंदोलन से जुड़ गये।
Subhash Chandra Bose Speech in Hindi
रंगून के ‘जुबली हॉल‘ में सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) द्वारा दिया गया भाषण (Speech) सदैव के लिए इतिहास के पत्रों में अंकित हो गया जिसमें उन्होंने कहा था – “स्वतंत्रता संग्राम के मेरे साथियों! स्वतंत्रता बलिदान चाहती है। आपने आज़ादी के लिए बहुत त्याग किया है, किन्तु अभी प्राणों की आहुति देना शेष है। आज़ादी को आज अपने शीश फूल की तरह चढ़ा देने वाले पुजारियों की आवश्यकता है। ऐसे नौजवानों की आवश्यकता है, जो अपना सिर काट कर स्वाधीनता की देवी को भेंट चढ़ा सकें। तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा। खून भी एक दो बूंद नहीं इतना कि खून का एक महासागर तैयार हो जाये और उसमें में ब्रिटिश साम्राज्य को डूबो दूँ” उनका यह भाषण hindi में था।
Subhash Chandra Bose Quotes, Slogan in Hindi with Images & Photos
“एक सच्चे सैनिक को सैन्य प्रशिक्षण और आध्यात्मिक प्रशिक्षण दोनों की ज़रुरत होती है।”~ Subhash Chandra Bose Quotes
Subhash Chandra Bose Quotes
“अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना सबसे बड़ा अपराध है।”
Subhash Chandra Bose Quotes
“एक व्यक्ति एक विचार के लिए मर सकता है, लेकिन वह विचार उसकी मृत्यु के बाद, एक हजार जीवन में खुद को अवतार लेगा।”
Subhash Chandra Bose Quotes in hindi
“संघर्ष ने मुझे मनुष्य बनाया, मुझमे आत्मविश्वास उत्पन्न हुआ ,जो पहले मुझमे नहीं था।”
Netaji Subhash Chandra Bose Quotes in hindi
“जीवन में प्रगति का आशय यह है की शंका संदेह उठते रहें, और उनके समाधान के प्रयास का क्रम चलता रहे।”
Subhash Chandra Bose Quotes, Slogan in Hindi
“तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा“
Subhash Chandra Bose Quotes, Slogan in Hindi
सुभाष चन्द्र बोस की मृत्यु कैसे हुई (subhash chandra bose death)
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की मृत्यु (subhash chandra bose death) आज भी रहस्य ही बना हुआ है। हालांकि आधिकारिक रुप से उनकी मृत्यु 18 अगस्त 1945 को एक प्लेन हादसे में हुई थी। जब वो ताइवान की राजधानी ताइपे से टोक्यो जा रहे थे। इस हादसे में वो बुरी तरह से जख्मी हो गए थे और इसके बाद उनकी स्थानीय अस्पताल में मौत हो गई।
1941 में उन्हें एक घर में नजरबंद करके रखा गया था, जहां से वे भाग निकले। नेताजी कार से कोलकाता से गोमो के लिए निकल पड़े। वहां से वे ट्रेन से पेशावर के लिए चल पड़े। यहां से वह काबुल पहुंचे और फिर काबुल से जर्मनी रवाना हुए जहां उनकी मुलाकात अडॉल्फ हिटलर से हुई।
Subhash Chandra bose Wife
Subhash Chandra bose Wife का नाम एमिली शेंकल था . सुबाष चन्द्र बोस के दोस्त ने एक समय जब उनकी मुलाकात ऑस्ट्रिया की एमिली शेंकल से करवाई, जो धीरे-धीरे पहले उनकी फ्रेंड बनीं और बाद में प्रेमिका। दोनों ने इस रिश्ते का नाम देने का फैसला किया और इसलिए 1937 में दोनों ने शादी कर ली। 29 नवंबर 1942 को विएना में एमिली ने एक बेटी को जन्म दिया। सुभाष ने अपनी बेटी का नाम अनीता बोस रखा था।
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