अमेरिका में Triple E Mosquito Virus का खतरा बढ़ा: जानें कितनी गंभीर है यह बीमारी

Triple E मच्छर वायरस अमेरिका में बढ़ता खतरा और इसके लक्षण

EEEV, अर्थात ईस्टर्न एक्विन इंसेफलाइटिस वायरस। इस वायरस को 1938 में खोजा गया था। यह वायरस अत्यंत दुर्लभ है परन्तु यह बेहद खतरनाक है। इसकी खोज के बाद से न्यू हैंपशायर में 118 मामले रिपोर्ट किए जा चुके हैं, जिनमें 64 मौतें हो चुकी हैं।

अमेरिका में ट्रिपल ई वायरस के संक्रमण से पहली मौत

अमेरिका में ट्रिपल ई वायरस (Eastern Equine Encephalitis Virus) के संक्रमण से एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई है। यह वायरस 86 साल पुराना है, लेकिन इसके कारण होने वाली मृत्यु या बीमारी के मामले दुर्लभ ही होते हैं। हालांकि, इसके संक्रमण के मामले कम होते हैं, फिर भी यह जानलेवा है। आइए इस संक्रमण के बारे में विस्तार से जानें:

मुख्य बिंदु: ट्रिपल ई वायरस

  • ट्रिपल ई वायरस है दुर्लभ लेकिन है बेहद खतरनाक 
  • अमेरिका में तेजी से फैल रहा ट्रिपल ई वायरस
  • अमेरिका के न्यू हैम्पशायर में इस वायरस के कारण हुई पहली मौत।
  • संक्रमित मच्छर हैं इस वायरस के फैलने का कारण।
  • सिरदर्द, उल्टी, बुखार, दौरे, थकान, और गंभीर मामलों में  पाई जाती है दिमाग में सूजन
  • अमेरिका में 2003 से 2023 तक दर्ज किये गए हैं केवल 196 मामले
  • 2019 में दर्ज की गई थीं 12 मौतें 
  • पूर्ण परमात्मा सभी रोगों को नष्ट कर आयु बढ़ा सकते हैं

Triple E Virus: ट्रिपल ई वायरस

Triple E Virus: मच्छर काटने से होने वाली कई बीमारियों के बारे में आपने सुना होगा, जैसे डेंगू और मलेरिया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अमेरिका में मच्छर के काटने से होने वाली एक और बीमारी सामने आई है? ट्रिपल ई, जिसे ईस्टर्न इक्वाइन इंसेफेलाइटिस कहा जाता है, अमेरिका में तेजी से फैल रही है। इस बीमारी के कारण एक व्यक्ति की मृत्यु भी हो चुकी है।

न्यू हैम्पशायर डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेज (DHHS) ने बताया कि ट्रिपल ई वायरस से जान गंवाने वाले व्यक्ति की पहचान हैम्पस्टीड टाउन के एक वयस्क के रूप में हुई है। उन्हें सेंट्रल नर्वस सिस्टम की गंभीर बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था, और उनकी जान नहीं बच सकी।

अमेरिका में तेजी से फैल रहा ट्रिपल ई वायरस क्या है?

ईस्टर्न इक्वाइन इंसेफेलाइटिस वायरस (EEEV) को सबसे पहले 1938 में मैसाचुसेट्स में घोड़ों में पहचाना गया था। यह वायरस इंसान के नर्वस सिस्टम पर हमला करता है, जिससे दिमाग में सूजन हो जाती है, और गंभीर मामलों में व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है। यह वायरस संक्रमित मच्छर के काटने से फैलता है।

Triple E Virus के मुख्य वाहक मच्छर:

काली पूंछ वाला मच्छर इस वायरस का मुख्य वाहक है, जो मुख्य रूप से मैक्सिको, पूर्वी अमेरिका, और कैरिबियन में पाया जाता है। येल यूनिवर्सिटी के एसोसिएट रिसर्च साइंटिस्ट वेरिटी हिल ने बताया कि विभिन्न पक्षी प्रजातियों और मच्छरों की वृहद पारिस्थितिकी इसके प्रसार में सहायक होती है, जो प्रजनन के लिए वृक्षीय दलदलों पर निर्भर करती हैं।

ट्रिपल ई वायरस के लक्षण

ट्रिपल ई वायरस से संक्रमित होने पर मनुष्यों में सिरदर्द, उल्टी, बुखार, दौरे, डायरिया, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, व्यवहार में परिवर्तन, थकान, और नींद आना जैसे लक्षण हो सकते हैं। गंभीर मामलों में दिमाग में सूजन हो जाती है, जिसे इंसेफेलाइटिस कहते हैं। इसका पता लगाने के लिए लक्षणों के आधार पर या रीढ़ की हड्डी में उपस्थित मैरो और रक्त की जांच की जाती है।

वायरस की गंभीरता

ट्रिपल ई वायरस इंसानों में दुर्लभ है। 2003 से 2023 तक अमेरिका में केवल 196 मामले ही सामने आए हैं, जिनमें हर साल लगभग 11 मामले दर्ज होते हैं। इस वायरस का सबसे घातक प्रकोप 2019 में हुआ था, जब 38 मामले सामने आए और 12 लोगों की मृत्यु हुई थी।

इस बीमारी से बचाव के उपाय

  • मच्छरों के अधिक उत्पन्न होने वाले क्षेत्रों से बचें।
  • शाम के समय मच्छर अधिक सक्रिय होते हैं, इसलिए बाहर जाने से बचें।
  • कीचड़ या दलदली क्षेत्रों के पास न जाएं।
  • रात में सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।
  • पूरे कपड़े पहनें और घर के आसपास पानी इकट्ठा न होने दें। बाहर जाते समय मच्छर रोधी स्प्रे का उपयोग करें।
  • त्वचा पर मच्छर रोधी क्रीम लगाएं।
  • पूर्ण परमात्मा रोगों को नष्ट कर सकते हैं और आयु बढ़ा सकते हैं: – ऋग्वेद

शास्त्रों के अनुसार, परमात्मा (कविर्देव) कबीर साहेब जी सच्ची भक्ति करने वाले साधकों की आयु बढ़ा देते हैं और रोगों को नष्ट कर देते हैं। इसका प्रमाण ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 161 मंत्र 2, 5, सूक्त 162 मंत्र 5, सूक्त 163 मंत्र 1-3 में मिलता है। परमात्मा हमारे पाप कर्मों को नष्ट कर, हर कष्ट को दूर करते हैं और विषाक्त रोगों से रक्षा करते हैं।

ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 82 मंत्र 1, 2 और 3 में प्रमाण है कि परमेश्वर हमारे पापों का नाश करते हैं। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए आप Sant Rampal Ji Maharaj YouTube चैनल पर जा सकते हैं।

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