Last Updated on 28 January 2024 IST: Union Budget of India: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी, 2024 को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट (Union Budget) पेश करने जा रही हैं. विभिन्न सेक्टर इस बजट को बड़ी उम्मीदें से देख रहे हैं. पिछले साल बजट में सरकार का मुख्य फोकस हेल्थ और ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी, 2024 को सुबह 11 बजे संसद में केंद्रीय बजट पेश करेंगी. यह आम बजट आने वाले वित्तीय वर्ष में सरकार की आर्थिक नीतियों (economic policies) की दिशा तय करेगा.
आयकर की नई और पुरानी दरें (Old and new slabs of Income Tax)
आय | नई दर | पुरानी दर |
2.5 लाख रुपये तक | शून्य | शून्य |
2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये | 5 फीसदी | 5 फीसदी |
5 लाख रुपये से 7.5 लाख रुपये | 10 फीसदी | 20 फीसदी |
7.5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये | 15 फीसदी | 20 फीसदी |
10 लाख से 12.5 लाख रुपये | 20 फीसदी | 30 फीसदी |
12.5 लाख 15 लाख रुपये | 25 फीसदी | 30 फीसदी |
15 लाख रुपये से ज्यादा | 30 फीसदी | 30 फीसदी |
यूनियन बजट मोबाइल एप पर हिंदी में मिलेगा बजट
दरअसल, केंद्र सरकार ने आम जनता के लिए बजट को सुलभ और सरल बनाने के लिए एक एप लॉन्च किया है. यूनियन बजट मोबाइल एप पर जाकर बजट को पढ़ा जा सकता है. यहां पर आप बजट को हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पढ़ सकेंगे.
कब पेश हुआ पहला बजट?
बजट सरकार द्वारा सालभर का देश की आय और खर्च का लेखा-जोखा होता है. इसे पेश करने की शुरुआत ब्रिटेन में हुई थी. ब्रिटिश काल में पहली बार भारत में 7 अप्रैल 1860 को बजट पेश किया गया था. ये बजट (First Colonial Budget) स्कॉटिश अर्थशास्त्री और राजनेता जेम्स विल्सन ने पेश किया था.
बजट 2023: निर्मला सीतारमण का पांचवां बजट और वो रस्में जो बन रही हैं इतिहास https://t.co/3ZDNdipbiX
— BBC News Hindi (@BBCHindi) February 1, 2023
भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भारत का बजट पेश करने वाले शीर्ष पद पर पहले व्यक्ति थे, जब उन्होंने 1958-59 में वित्त विभाग संभाला था. केसी नियोगी भारत के अकेले ऐसे वित्त मंत्री हुए, जिन्होंने एक भी बजट पेश नहीं किया. वे 35 दिनों तक 1948 में वित्त मंत्री रहे और उनके बाद जॉन मथाई भारत के तीसरे वित्त मंत्री बने.
Union Budget of India: पेपरलेस बजट
पिछले साल की ही तरह, इस बार भी सरकार पेपरलेस बजट (Paperless budget) पेश करने जा रही है. यह दूसरा मौका होगा जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बिना कागज के संसद में बजट भाषण (Budget Speech) पढ़ रही होंगी. 2021 में भी सरकार ने बजट डॉक्यूमेंट्स की छपाई नहीं की थी.
खेती-पशुपालन पर क्या ऐलान
- वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का आर्थिक एजेंडा नागरिकों के लिए अवसरों को सुविधाजनक बनाने, विकास और रोजगार के अवसर को तेज गति प्रदान करने के साथ ही व्यापक आर्थिक स्थिरता को मजबूत करने पर केंद्रित है।
- मंत्री ने ऐलान किया कि खेती से जुड़े स्टार्टअप को सरकार प्राथमिकता देगी। युवा उद्यमियों के कृषि-स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि कोष की स्थापना की जाएगी।
- पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन पर विशेष फोकस रखते हुए कृषि ऋण टारगेट को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा।
11 बजे ही क्यों पेश होता है बजट?
अब बजट दोपहर में 11 बजे पेश किया जाता है. इससे पहले ब्रिटिश काल में बजट शाम 5 बजे पेश किया जाता था. ऐसा इसलिए किया जाता था, ताकि रात भर बजट पर काम करने वाले अधिकारियों को थोड़ा आराम मिल सके. 1955 तक बजट सिर्फ अंग्रेजी में प्रकाशित किया जाता था, लेकिन 1955-56 से सरकार ने इसे हिंदी में भी प्रकाशित करना शुरू कर दिया.
बजट में क्या सस्ता और क्या महंगा, जानें आम लोगों की जेब पर कितना पड़ेगा असर
बजट 2024: क्या होगा सस्ता: आम बजट में वित्त मंत्री ने जो घोषणा की उसके अनुसार किसानों को बड़ी राहत मिलेगी. खेती से जुड़े सामना सस्ते होंगे. इसके अलावा चमड़ा, मोबाइल फोन चार्जर, कपड़ा, पैकेजिंग के डिब्बे सस्ते होंगे. इसके अलावा पालिश्ड डायमंड, जेम्स एंड ज्वैलरी सस्ते होंगे. सरकार ने तराशे और पॉलिश किये गये हीरों, रत्न पर सीमा शुल्क घटाकर 5 प्रतिशत किया. ट्रांसफॉर्मर और मोबाइल फोन चार्जर पर सरकार ने कस्टम ड्यूटी पर छूट दी है. विदेश से आने वाली मशीनें सस्ती होंगी.
कपड़ा, चमड़े का सामान, मोबाइल फोन, चार्जर, हीरे के आभूषण, खेती के सामान सस्ते होंगे। इसके अलावा पालिस हीरे पर कस्टम ड्यूटी घटाई गई है। इसके अलावा विदेशी मशीनें और इलेक्ट्रानिक समान सस्ते होंगे। फ्रोजन मसल्स, फ्रोजन स्क्विड, हींग, कोको बीन्स, मिथाइल अल्कोहल, एसिटिक एसिड, सेलुलर मोबाइल फोन के लिए कैमरा लेंस भी सस्ते हुए हैं।
बजट 2024: क्या होगा महंगा: वित्त मंत्री ने जो अपने बजट भाषण में बताया उसके अनुसार कैपिटल गुड्स पर आयात शुल्क में छूट को खत्म करते हुए 7.5 फीसदी आयात शुल्क लगा दिया गया है. इमिटेशन ज्वैलरी के आयात को कम करने के लिए कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई, विदेशी छाता महंगा होगा.
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किस वित्त मंत्री ने सबसे ज्यादा बार पेश किया बजट
सबसे अधिक बार भारत का बजट मोरारजी देसाई ने पेश किया है. मोरारजी देसाई ने वित्त मंत्री के रूप में दस बार देश का बजट पेश किया है. इसमें आठ बजट और दो अंतरिम बजट शामिल हैं. इसके बाद यूपीए में वित्त मंत्री रहे पी. चिदंबरम ने 9 बार और प्रणब मुखर्जी ने 8 बार बजट पेश किया. यशवंत सिन्हा 8 बार और मनमोहन सिंह ने 6 बार बजट पेश किया था.
31 जनवरी को आर्थिक सर्वेक्षण
बजट पेश करने से एक दिन पहले यानी 31 जनवरी को केंद्र सरकार की ओर से संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा। वित्त मंत्रालय का एक प्रमुख वार्षिक दस्तावेज, आर्थिक सर्वेक्षण पिछले वित्तीय वर्ष में देश के आर्थिक विकास की समीक्षा करता है। यह सभी क्षेत्रों-औद्योगिक, कृषि, विनिर्माण सहित अन्य के डाटा का पूरा विवरण देता है। गौरतलब है कि भारत में पहला आर्थिक सर्वेक्षण वर्ष 1950-51 में प्रस्तुत किया गया था। 1964 तक बजट और आर्थिक सर्वेक्षण एक साथ पेश किए गए। फिर 1964 के बाद, दोनों अलग हो गए।
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यहा देख सकते हैं Union Budget of India
बजट भाषण का प्रसारण आधिकारिक संसद चैनल संसद टीवी और राष्ट्रीय चैनल दूरदर्शन पर किया जाएगा। दर्शक लाइव एड्रेस को संसद टीवी यूट्यूब चैनल पर भी देख सकते हैं। इसके अलावा बजट को देश भर के राष्ट्रीय के साथ.साथ निजी समाचार चैनलों द्वारा भी लाइव कवर किया जाएगा।
बजट 2024 से जुड़ी हैं बड़ी उम्मीदें
हर बार की तरह, इस बार भी बजट 2024 से देश की आम और खास जनता की कई उम्मीदें जुड़ी हैं। बजट के बाद जीडीपी अनुमान एक महत्वपूर्ण संख्या होगी।
Union Budget of India: बजट के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य
- देश का आम बजट वित्त मंत्रालय अन्य संबंधित मंत्रालयों के परामर्श से तैयार करता है।
- 2017 तक बजट से अलग एक रेल बजट पेश होता था, जो एक साथ पेश होने लगा।
- 2017 से बजट 1 फरवरी को सुबह 11 बजे पेश होने लगा, पहले फरवरी के अंत में आता था।
- बजट भाषण का रन टाइम औसतन 90 मिनट से 120 मिनट तक होता है।
- निर्मला सीतारमण ने 2021-22 में सबसे लंबा बजट भाषण दिया जो 160 मिनट चला।
- सीतारमण से पहले सबसे लंबा बजट भाषण जसवंत सिंह ने 2003 में 135 मिनट का दिया था।
- सबसे छोटा भाषण हिरूभाई एम पटेल ने 1977 में दिया था जिसमें 800 शब्द बोले थे।