बेंगलुरु में खुलेगा लिवरपूल यूनिवर्सिटी का कैंपस

बेंगलुरु में खुलेगा लिवरपूल यूनिवर्सिटी का कैंपस

भारत की उच्च शिक्षा व्यवस्था में एक ऐतिहासिक परिवर्तन की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) ने यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल को भारत में अपना परिसर स्थापित करने की औपचारिक अनुमति प्रदान की है। इस निर्णय को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के सफल क्रियान्वयन की दिशा में एक मील का पत्थर माना जा रहा है।

नई दिल्ली में आयोजित एक विशेष समारोह के दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की उपस्थिति में विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों को Letter of Intent (LOI) सौंपा गया। इस अवसर पर प्रधान ने कहा कि 15 अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय इस शैक्षणिक वर्ष (2025-26) में भारत में अपने कैंपस खोलने की योजना बना रहे हैं। इनमें STEMB विषयों – विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित और व्यवसाय पर विशेष फोकस रहेगा।

NEP 2020 के तहत वैश्विक शिक्षा को भारत में लाने की ऐतिहासिक पहल

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का मुख्य उद्देश्य भारत को वैश्विक शिक्षा केंद्र बनाना है। इस नीति के तहत विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में कैंपस खोलने की अनुमति देने का प्रावधान किया गया, ताकि छात्रों को विश्व स्तरीय शिक्षा देश में ही प्राप्त हो सके। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “यह निर्णय 2047 तक विकसित भारत के संकल्प की दिशा में एक ठोस कदम है। भारत को शिक्षा के वैश्विक हब के रूप में स्थापित करने के लिए हमें NEP 2020 को अक्षरशः लागू करना होगा।”

UGC का नया विनियमन: विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में लाने का मार्ग प्रशस्त

UGC (Setting up and Operation of Campuses of Foreign Higher Educational Institutions in India) Regulations, 2023 के अंतर्गत भारत सरकार ने विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों को भारत में कैंपस खोलने की अनुमति दी है। इसका उद्देश्य:

  • वैश्विक स्तर की शिक्षा को देश के युवाओं तक पहुंचाना
  • अनुसंधान में सहयोग बढ़ाना
  • भारतीय शिक्षा प्रणाली को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाना है।

भारत में वैश्विक शिक्षा विस्तार के प्रमुख लाभ

शैक्षणिक गुणवत्ता में वृद्धि:

विदेशी विश्वविद्यालयों के आने से भारत की शिक्षा प्रणाली में प्रतिस्पर्धा और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।

विदेश जाने की आवश्यकता में कमी:

अब छात्रों को विदेश जाकर शिक्षा लेने की आवश्यकता कम होगी, जिससे खर्च और समय दोनों की बचत होगी।

अंतरराष्ट्रीय पाठ्यक्रम की उपलब्धता:

अब भारत में भी वही पाठ्यक्रम पढ़ाए जाएंगे जो ऑक्सफोर्ड, हार्वर्ड, लिवरपूल या अन्य विश्वस्तरीय संस्थानों में चलते हैं।

वैश्विक शोध और परियोजनाएं:

भारत के छात्र और शोधकर्ता विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर अनुसंधान कर सकेंगे, जिससे वैज्ञानिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

शैक्षणिक संस्कृति का वैश्वीकरण:

विदेशी संस्थानों की उपस्थिति से भारत में एक वैश्विक शैक्षणिक वातावरण बनेगा, जो छात्रों को अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगा।

लिवरपूल और साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय: अग्रणी संस्थान

साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय, यूजीसी विनियमों के तहत सबसे पहला संस्थान था जिसे भारत में कैंपस खोलने के लिए LOI मिला। अब लिवरपूल विश्वविद्यालय को बेंगलुरु में परिसर खोलने की अनुमति दी गई है। यह इस बात का संकेत है कि भारत की शिक्षा प्रणाली में वैश्विक विश्वास बढ़ रहा है।

शिक्षा के क्षेत्र में भारत की वैश्विक छलांग

भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों के कैंपस स्थापित करने की पहल केवल एक नीति का हिस्सा नहीं, बल्कि 21वीं सदी के वैश्विक नागरिकों को गढ़ने की प्रक्रिया है। इससे न केवल छात्रों को बेहतर अवसर मिलेंगे, बल्कि देश की समग्र बौद्धिक संपदा में भी वृद्धि होगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करते हुए भारत अब उन देशों की श्रेणी में आ खड़ा हुआ है जो शिक्षा में आत्मनिर्भर और विश्वगामी बनने की राह पर हैं।

शिक्षा मंत्री का वक्तव्य: भविष्य के लिए नींव

प्रधान ने यह भी कहा कि, “भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों की भागीदारी केवल शिक्षा का आयात नहीं, बल्कि ज्ञान का आदान-प्रदान है। इससे न केवल भारत को लाभ होगा, बल्कि विदेशी संस्थानों को भी भारत के विशाल प्रतिभाशाली छात्र समुदाय से सीखने को मिलेगा।” उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि 2047 तक विकसित भारत का जो सपना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखा है, उसमें शिक्षा का अंतरराष्ट्रीयकरण अहम भूमिका निभाएगा।

भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों के कैंपस खोलने से संबंधित प्रमुख FAQs

1. प्रश्न: भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों को कैंपस खोलने की अनुमति किस नियमन के तहत दी जा रही है?

उत्तर: यूजीसी (विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों के परिसरों की स्थापना और संचालन) विनियम, 2023 के तहत।

2. प्रश्न: यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल को भारत में कैंपस खोलने की अनुमति किस शहर में मिली है?

उत्तर: बेंगलुरु।

3. प्रश्न: भारत में कैंपस खोलने के लिए लेटर ऑफ इंटेंट (एलओआई) प्राप्त करने वाला पहला विदेशी विश्वविद्यालय कौन सा है?

उत्तर: साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय।

4. प्रश्न: इस पहल के तहत किन विषयों पर विशेष ज़ोर दिया जाएगा?

उत्तर: एसटीईएमबी विषयों – विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित और व्यवसाय।

5. प्रश्न: एनईपी 2020 का मुख्य उद्देश्य क्या है?

उत्तर: एक समावेशी, लचीली, बहु-विषयक और गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रणाली का विकास करना जो 21वीं सदी की आवश्यकताओं को पूरा करे।

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