हाथी मेरे साथी.. जी हां, हाथियों को हमेशा से इंसान का साथी माना जाता है। आज का दिन यानी 12 अगस्त दुनियाभर में हाथी दिवस (World Elephant Day) के रूप में मनाया जाता है। एशियाई और अफ्रीकी हाथियों के संरक्षक के विषय में जागरूकता पैदा करने और ध्यान आकर्षित करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन को पहली बार 12 अगस्त, 2012 को मनाने की घोषणा किया गया था।
हाथी को इसलिए चींटी और मच्छर से लगता है डर
यह सुनने में भले ही आपको अजीब लगे, लेकिन हाथी चींटी और मक्खियों से डरता है और इसी कारण वह अपनी सूंड फूंक-फूंक कर आगे कदम बढ़ाता है। हाथी की चमड़ी लगभग एक इंच तक मोटी होती है लेकिन त्वचा बहुत संवेदनशील होती है और अगर हाथी को चींटी, मच्छर या मक्खी काट ले, तो इससे उसकी त्वचा पर गहरा घाव हो जाते हैं।
World Elephant Day 2024 पर जाने हाथियों के बारे में कुछ रोचक तथ्य
- हाथी घने जंगलों में मार्ग बनाते हैं जो दूसरे जानवरों द्वारा उपयोग किया जाता है
- हाथी खाने के शौकीन होते हैं और प्रतिदिन लगभग 16 घंटे भोजन करने में बिताते हैं
- कीचड़ हाथियों के लिए सनस्क्रीन का काम करता है ,इसलिए हाथी कीचड़ में लोटते हैं
- अफ्रीकन हाथी जमीन पर रहने वाला सबसे विशालकाय स्तनपायी प्राणी है
- हाथी पारिस्थितिकी तंत्र की जैव विविधता बनाये रखने में मदद करते हैं
- हाथी एक दिन में 80 गैलन तक पानी पी सकता है
- हाथियों के जुड़वा बच्चे बहुत कम होते हैं
- हाथियों के बच्चों में अपनी सूंड चूसने की आदत होती है
- हाथी 13-14 वर्ष की उम्र में यौन परिपक्वता प्राप्त कर लेते हैं
- मादा हाथिनी लगभग 50 वर्ष की आयु तक प्रजनन कर सकती हैं
- हाथी अपनी सूंड से पेंट भी कर सकते हैं
8 लीटर तक पानी पी जाता है हाथी
हाथी की सूड़ में करीब 150,000 मांसपेशियां होती हैं। हाथी की सूड़ उनके शरीर का सबसे संवेदनशील अंग है। एशियाई हाथी सूड़ से मूंगफली को उठाकर, उसे छील कर और फिर उसे खा सकता है। हाथी अपनी सूड़ का प्रयोग पानी पीने में करते हैं और एक बार में ये 8 लीटर तक पानी पी सकते हैं। जिस समय हाथी तैरते हैं उस समय सूड़ का प्रयोग सांस लेने में करते हैं।
World Elephant Day 2024: हाथियों की घटती संख्या
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाथी को राष्ट्रीय धरोहर के पशु का दर्जा हासिल है। भारत में हर पांच साल में हाथियों की गिनती की जाती है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के मुताबिक, साल 2017 में देश में लगभग 23 राज्यों से लिए गए आंकड़ों के अनुसार लगभग 27,312 हाथी थे, जबकि 2012 में इनकी संख्या 29,576 के आसपास थी।
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हाथियों के घटती संख्या और उनकी मौत भारत के केरल में सबसे ज्यादा होती है. केरल में हर तीसरे दिन एक हाथी मारी जाता है. हाथी को मारना या नुकसान पहुंचाना कानूनन अपराध है. ऐसा करने पर आरोपियों को वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के अनुसार जानवरों की हत्या पर 3 साल तक की सजा और 25 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है. अगर वह व्यक्ति यह कुकृत्य दोबारा करता है तो उसे 7 साल तक की सजा हो सकती है.
विश्व हाथी दिवस का इतिहास (World Elephant Day History in Hindi)
आधिकारिक रूप से पहला विश्व हाथी दिवस का आयोजन 12 अगस्त, 2012 को सिम्स और एलिफेंट की इंट्रोडक्शन फाउंडेशन द्वारा किया गया था। विश्व हाथी दिवस की शुरूआत वर्ष 2011 में कनाडा की प्रसिद्ध फिल्म निर्माता पेक्ट्रीका सिम्स और केनाज वेस्ट पिक्चर्स के माइकल क्लार्क, थाइलैंड के एलिफेंट की इन्ट्रोडक्शन फाउंडेशन के महासचिव सिवापॉर्न पिक्चर्स दरदारेन्डा द्वारा की गई थी। वर्तमान में विश्व के 65 से भी अधिक वन्य जीव संगठन, कई व्यक्ति और बहुत से देश इस अभियान का समर्थन कर रहे हैं।
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हाथियों के संरक्षण के लिए साल 1992 में भारत में प्रोजेक्ट एलीफैंट (Project Elephant) की शुरुआत की गई थी। देश में एशियाई हाथी की महत्ता को रेखांकित करने के लिए साल 2010 में हाथी को ‘राष्ट्रीय विरासत प्राणी’ (National Heritage Animal) का दर्जा प्रदान किया गया था।
विश्व हाथी दिवस का उद्देश्य
विश्व हाथी दिवस का उद्देश्य हाथियों का बचाव (संरक्षण), गैर-कानूनी शिकार और तस्करी को रोकने, हाथियों के बेहतर इलाज और पकडे गए हाथियों को अभयारणयों में भेजे जाने के लिए लोगो में जागरूकता प्रदान करना है। एशियाई और अफ्रीकी हाथियों की तत्काल दुर्दशा पर ध्यान देने और कैप्टिव व जंगली हाथियों की बेहतर देखभाल और उनके प्रबंधन के लिए ज्ञान और सकारात्मक समाधान साझा करने के लिए भी यह दिन मनाया जाता है। यह भारत का राष्ट्रीय विरासत पशु भी है। आईयूसीएन की रेड लिस्ट में अफ्रीकन हाथी, ‘कमजोर हाथी’ एवं एशियन हाथी ‘लुप्त प्राय’ श्रेणी में दिखाए गए हैं। वर्ष 2017 में हाथियों की जनसंख्या के बारे में प्राप्त आकलन के अनुसार दुनियाभर में अब केवल चार लाख अफ्रीकन हाथी और चालीस हजार एशियन हाथी शेष हैं।
हर साल 15 हजार हाथियों का शिकार वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF) के हालिया आंकड़ों के अनुसार लगभग 4,40,000 हाथी बचे हैं। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने यह भी खुलासा किया कि शिकारी हर साल लगभग 15,000 हाथियों का शिकार करते हैं। ऐसे में अगर उनकी सुरक्षा नहीं की गई तो आने वाले वक्त में ‘हाथी विलुप्त होने’ की कगार पर पहुंच जाएंगे, जिसको लेकर जागरूकता पैदा करना जिम्मेदारी है।
World Elephant Day 2024: हाथियों से जुड़ी कुछ अहम जानकारी
हाथियों से जुड़ी कुछ अहम जानकारी हाथी हमेशा झुंड में रहना पसंद करते हैं। इसके साथ ही झुंड को सबसे बूढ़ी हथिनी लीड करती हैं। हाथी कभी अकेले नहीं बल्कि झुंड और परिवार के साथ ही रहना पसंद करते हैं। हाथियों का दिमाग सबसे बड़ा होता है। वहीं 12 मील दूर से पानी की गंध महसूस करने में समक्ष होते हैं। यहीं नहीं हाथियों को खतरे का आभास भी पहले ही हो जाता है, जिससे बाद वो अपनी चाल बदल देते हैं।