विश्व रोगी सुरक्षा दिवस पर जानिए रोगी सुरक्षा का महत्त्व 

विश्व रोगी सुरक्षा दिवस 2024 विश्व रोगी सुरक्षा दिवस पर जानिए महत्त्वपूर्ण बातें

विश्व रोगी सुरक्षा दिवस हर साल 17 सितंबर को मनाया जाता है।हर साल की तरह इस बार भी यह दिवस मनाया जा रहा है, जिसमें रोगियों की सुरक्षा को लेकर विशेष हिदायत दी जाती है। इस दिवस में विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO द्वारा स्वास्थ्य संबंधित हितों को लेकर स्वास्थ्य सेवाओं में सुरक्षा बढ़ाने को लेकर एवं साथ ही में एकजुट होने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

पहली बार कब मनाया गया विश्व रोगी सुरक्षा दिवस 

विश्व रोगी सुरक्षा दिवस की स्थापना मई 2019 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेश) द्वारा हुई थी। 17 सितंबर 2019 को पहली बार विश्व रोगी सुरक्षा दिवस मनाया गया था, इसके बाद से हर साल 17 सितंबर को विश्व रोगी सुरक्षा दिवस मनाया जाता है।

क्या रहेगी इस बार की थीम?

साल 2024 में विश्व रोगी सुरक्षा दिवस का थीम “रोगी सुरक्षा के लिए निदान में सुधार करना” रहेगा। जिसमें मरीजों की देखभाल को लेकर विशेष जोर दिया गया है। साथ ही मरीजों की सेफ्टी को लेकर प्रेरित करना है, ताकि रोगी की क्षति को कम किया जा सके। साथी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने की ओर ज्यादा ध्यान दिया गया है। इससे की रोगी में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सके। WHO ने अपने ट्विटर अकाउंट पर भी इसकी जानकारी सांझी की है , जिसमें उन्होंने रोगी सुरक्षा को लेकर विशेष बातें सांझा की हैं।

क्या होती है रोगी सुरक्षा?

जैसे नाम से ही स्पष्ट हो रहा है कि रोगी सुरक्षा अर्थात रोगी को सुरक्षित रखने के वह उचित उपाय 

जो सरकारों एवं स्वास्थ्य संगठनों द्वारा किया जा सके उस बात पर जोर देना जरूरी है, जिससे कि रोगी की सुरक्षा को बढ़ाया जा सके। आइए जानते हैं रोगियों एवं तीमारदार के स्वास्थ्य अधिकारियों को लेकर बनाए गए कुछ मानकों की जानकारी:–

  • रोगियों एवं उनके रिश्तेदारों को उपचार के समय प्रयोग होने वाली औषधियां एवं दवाइयां के बारे में जानने का पूरा अधिकार है यदि कोई जोखिम है, तो उसे भी परिवार को जानने का अधिकार है।
  •  रोगी का इलाज करने वाले तीमारदारों एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को पहले रोगी का इलाज करते वक्त आवश्यक सहमति लेने का अधिकार है कि वह पहले सहमति ले तत्पश्चात इलाज करें। 
  • इलाज करवा रहे रोगी को अपनी बीमारी की गोपनीयता रखने का पूरा अधिकार है। स्वास्थ्य अधिकारी एवं डॉक्टर को रोगी की बीमारी की गोपनीयता रखना ही पड़ेगा।इसके अलावा कानूनी रूप से जरूरी न होने तक मरीज को अपनी मेडिकल एवं फिजिकल स्वास्थ्य की जानकारी गोपनीय रखने का अधिकार है। 
  • स्वास्थ्य केंद्र में इलाज करवा रहे मरीज को इलाज कर रहे डॉक्टर मेडिकल ऑफिसर एवं तीमारदारो से सम्मान का अधिकार है महिला रोगी के साथ में महिला डॉक्टर होना अनिवार्य है इसमें किसी मजहब जाति धर्म आदि में भेदभाव नहीं होना चाहिए।
  • मरीज को अपने हिसाब से डॉक्टर अस्पताल एवं स्वास्थ्य संबंधित इलाज चुनने का अधिकार है मरीज का अभी भी अपनी बीमारी के लिए अपनी इच्छा से कहीं पर भी किसी भी डॉक्टर से वह सलाह ले सकता है इसके लिए उसे पूर्ण स्वतंत्रता का अधिकार है। 
  •  मरीज को अच्छे देख देखभाल का अधिकार है सभी मरीजों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा एवं दवाइयां प्राप्त करने का अधिकार है NABH के दिशा निर्देशों के अनुसार, जाति, लिंग, धर्म आदि मैं कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता।
  •  NABH से निर्धारित रोगी के अधिकारों में सभी रोगियों को बिना किसी डर के  शिकायत करने और प्रतिक्रिया देने का पूरा  अधिकार है रोगी बिना डरे स्वास्थ संबंधित अधिकारियों की शिकायत कर सकता हैं।

मरीज के लिए कौन से कर्तव्य पालन करने हैं जरूरी 

  • मरीज को चाहिए कि अपनी बीमारी की सटीक जानकारी देना चाहिए जिससे की डॉक्टर को इलाज करने में कोई परेशानी ना हो।
  •  मरीज को यह भी आवश्यक जरूरी है कि वह डॉक्टर के बताए नियमों एवं आदेश निर्देशों का पालन करें स्वास्थ्य संबंधित दवाइयां खाता रहे।
  •  मरीज को चाहिए कि डॉक्टर द्वारा किए गए इलाज के भुगतान का ध्यान रखते हुए डॉक्टरों की राशि उपलब्ध कराये मरीज का यह भी कर्तव्य है कि अस्पताल का कोई भी बकाया बाकी ना रहे।

जानिए जन्म मृत्यु के रोग से बचने के उपाय

वैसे इस संसार में मानव बहुत से प्रकार के रोगों का सामना कर रहा है। लेकिन उन रोगों में सबसे बड़ा रोग जो मानव को लगा है ,उसे जन्म मृत्यु का रोग कहते हैं। साधारण रोगों से तो डॉक्टर के द्वारा दी गई कुछ दवाइयां खाकर ठीक हुआ जा सकता है ।लेकिन जन्म मरण के इस रोग से परमात्मा के द्वारा भेजा गया वैध ही पीछा छुटवा सकता है।वर्तमान समय में जन्म मृत्यु का ये दीर्घ रोग हम सभी प्राणियों को लगा हुआ है,जिससे हमें पीछा छुटाना है। इस रोग से पीछा छुड़ाने के लिए हमें परमात्मा के द्वारा भेजे गए वैध से राम नाम की औषधी लेनी पड़ेगी, जिससे हम इस जन्म मृत्यु के रोग से पीछा छुड़ा पायेंगे।अधिक जानकारी प्राप्त करने हेतु यूट्यूब चैनल संत रामपाल जी महाराज पर जाएं।

FAQs

विश्व रोगी सुरक्षा दिवस कब मनाया जाता है? 

विश्व रोगी सुरक्षा दिवस 17 सितंबर को मनाया जाता है।

विश्व रोगी सुरक्षा दिवस की स्थापना किसने की थी?

विश्व रोगी सुरक्षा दिवस की स्थापना विश्व स्वास्थ्य संगठन (Who) द्वारा की गई थी।

पहली बार विश्व रोगी सुरक्षा दिवस कब मनाया गया था?

पहली बार विश्व रोगी सुरक्षा दिवस 2019 में 17 सितंबर को मनाया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *