9/11 attack : आज से 20 साल पहले यानी 11 सितंबर 2001 को दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति अमेरिका पर आतंकी हमला हुआ था. न्यूयॉर्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को आतंकियों ने अपना निशाना बनाया था. इस भीषणतम आतंकी हमले में 2,977 लोगों की जान चली गई थी. हमले की जिम्मेदारी अलकायदा ने ली थी. 9/11 के भीषण हमलों को तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने अमेरिकी इतिहास का काला दिन कहा था.
आतंकी संगठन अलकायदा ने 11 सितंबर 2001 (9/11 Terrorist Attack) को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (World Trade Centre) पर दो अपहृत विमानों के जरिये हवाई हमला बोला था. सुबह 8.30 बजे के वक्त 45 मिनट के भीतर ही 110 मंजिला वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की दो इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढेर होते देख दुनिया सन्न रह गई थी.
9/11 ( 9/11 Attack in Hindi) की वो घटना जिससे दहल गई थी दुनिया
उस दिन 19 अल कायदा आतंकियों ने 4 पैसेंजर एयरक्राफ्ट हाईजैक किए थे और जानबूझकर उनमें से दो विमानों को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, न्यूयॉर्क शहर के ट्विन टावर्स के साथ टकरा दिया, जिससे विमानों पर सवार सभी लोग तथा बिल्डिंग के अंदर काम करने वाले हजारों लोग भी मारे गए। हमला जिन विमानों से किया गया उनकी रफ्तार 987.6 किमी/घंटा से ज्यादा थी।
दोनों इमारतें दो घंटे के अंदर ढह गए, पास की इमारतें नष्ट हो गईं और अन्य क्षतिग्रस्त हुईं। इसके बाद उन्होंने तीसरे विमान को वाशिंगटन डीसी के बाहर, आर्लिंगटन, वर्जीनिया में पेंटागन में टकरा दिया। वाशिंगटन डीसी की ओर टारगेट किए गए चौथे विमान के कुछ यात्रियों एवं उड़ान चालक दल द्वारा विमान का नियंत्रण फिर से लेने के प्रयास के बाद विमान ग्रामीण पेंसिल्वेनिया में शैंक्सविले के पास एक खेत में क्रैश होकर गिरा। हालांकि किसी भी उड़ान से कोई भी जीवित नहीं बच सका।
9/11 Attack in Hindi: जेट फ्यूल की गर्मी नहीं झेल पाई बिल्डिंग
वर्ष 1993 में भी आतंकियों ने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को निशाना बनाने की कोशिश की थी. उस समय यहां पर अंडरग्राउंड गैराज में एक ट्रक बम प्लांट किया गया था. जोरदार ब्लास्ट में सात मंजिलों को नुकसान पहुंचा था. उस समय छह लोगों की मौत हुई और करीब 1,000 लोग घायल हो गए थे. लेकिन दोनों टॉवर्स को कुछ नहीं हुआ था. एफबीआई ने बाद में हमले में शामिल सात आतंकियों को गिरफ्तार किया था.
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वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को स्टील से तैयार किया गया था. इसकी डिजाइन ऐसी थी कि यह 200 मील प्रति घंटे से चलने वाली हवाओं का भी झेल सकता था. अगर कोई बड़ी आग लग जाती तो भी इस बिल्डिंग को कुछ नहीं होता. लेकिन यह बिल्डिंग जेट फ्यूल की गर्मी को झेल नहीं पाई थी. हालांकि कुछ लोग इसे मानने से इनकार कर देते हैं.
2 घंटे में मलबे के ढेर में बदल गया ट्विन टावर
9/11 Attack in Hindi: इस खौफनाक आतंकी हमले में 2996 लोगों की जान चली गई थीं, जिनमें 400 पुलिस अफसर और फायरफाइटर्स भी शामिल थे। मरने वालों में 57 देशों के लोग शामिल थे। पूरी इमारत करीब 2 घंटे में मलबे में तब्दील हो गई थी। मारे गए लोगों में केवल 291 शव ही ऐसे थे जिनकी ठीक से पहचान की जा सके। गौरतलब है कि इस हमले के बाद भारतीय व्यापारियों ने हजारों टन मलबे को करीब 23 करोड़ रुपए में खरीद लिया। इसमें से निकले लोहा और स्टील को रिसाइकल कर नई इमारतों में इस्तेमाल किया गया था।
उस दिन अमेरिकी राष्ट्रपति (US President) जॉर्ज बुश फ्लोरिडा के एक प्राथमिक विद्यालय में एक किताब का पाठ करने वाले थे, तभी उन्हें चीफ ऑफ स्टाफ एंड्रेयू कार्ड ने उन्हें वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से दूसरे विमान के टक्कर के बारे में सूचना दी और बताया कि अमेरिका पर आतंकी हमला हुआ है. इसके बाद 9.42 बजे अमेरिका विमान प्राधिकरण ने अमेरिका में सभी उड़ानें तत्काल प्रभाव से रोक दीं.
अमेरिका ने लिया अपने नागरिकों के खून का बदला
इस दर्दनाक हमले के पीछे अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन का हाथ था। फिर अमेरिका ने बदले की कार्रवाई करते हुए 2 मई 2011 को पाकिस्तान के ऐबटाबाद में ओसामा को मार गिराया था। हालांकि इसमें पूरे 10 साल लग गए। 13 सालों के बाद वहीं नई इमारत काम करने के लिए खोल दी गई।
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ग्राउंड जीरो पर 8 साल में बनी 104 मंजिल की इमारत
पेंटागन को हुए नुकसान के एक वर्ष के अंदर साफ कर दिया गया और उसकी मरम्मत कर दी गई। बिल्डिंग के बगल में पेंटागन स्मारक बनाया गया। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की धवस्ट इमारतों की जगह ग्राउंड जीरो पर बनी नई इमारत 104 मंजिल की है। ये इमारत न्यूयॉर्क या मैनहट्टन ही नहीं बल्कि अमेरिका की सबसे ऊंची इमारतों में शुमार है। इसका नाम वन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर दिया गया है। इस गगनचुंबी इमारत को फिर से बनाने में 8 साल लगे।
9/11 Attack in Hindi: मरने वालों में 77 देशों के लोग
20 साल पहले खतरनाक आतंकी संगठन अलकायदा के आतंकियों ने चार पैसेंजर एयरक्राफ्ट को हाईजैक किए थे और उनमें से दो विमानों को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और न्यूयॉर्क शहर के ट्विन टावर्स से टकरा दिया. इसमें न सिर्फ वहां काम करने वाले हजारों लोगों की मौत हो गई बल्कि विमान में सवार लोग भी बेमौत मारे गए. तीसरा विमान वाशिंगटन डीसी के बाहर पेंटागन और चौथा पेंसिलवेनिया के मैदान में जाकर गिरा. इस आतंकी हमले में मरने वालों में 77 देशों के लोग शामिल थे.
कौन थे हमलावर?
9/11 Attack in Hindi: इस्लामी चरमपंथी समूह अल क़ायदा ने अफ़ग़ानिस्तान से इन हमलों को अंजाम दिया था. अल क़ायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन ने मुस्लिम देशों में छिड़े संघर्ष के लिए अमेरिका और मित्र देशों को ज़िम्मेदार ठहराया था. अल क़ायदा के 19 हमलावरों ने इस हादसे को अंजाम दिया था. तीन समूह में पांच-पांच हमलावर थे जबकि चौथी टीम (पेन्सेल्विनिया में क्रैश विमान) में चार हमलावर शामिल थे. इन 19 में 15 चरमपंथी सऊदी अरब से थे, जबकि दो संयुक्त अरब अमीरात के सदस्य थे. एक-एक चरमपंथी मिस्र और लेबनान से आत्मघाती दस्ते में शामिल था.