DHLF Bank Fraud Case [Hindi] : सीबीआई ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लि., तत्कालीन चेयरमैन और प्रबंध निदेशक कपिल वधावन, निदेशक धीरज वधावन और रियल्टी क्षेत्र की छह कंपनियों को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह के साथ कथित तौर पर 34,615 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के लिए आपराधिक साजिश में शामिल होने को लेकर मामला दर्ज किया है।
किसने किया 34,615 करोड़ का घोटाला?
इस घोटाले के आरोप में दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) के पूर्व चेयरमैन कपिल वधावन और डायरेक्टर धीरज वधावन समेत कुछ रियल्टी क्षेत्र की 6 कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. यूनियन बैंक का आरोप है कि DHFL ने साल 2010 से लेकर 2018 के दरमियान 17 बैंकों से 42,817 करोड़ रुपये का लोन किया गया और 2019 के बाद से लोन की अदायगी बंद हो गई. यह लोन अलग-अलग कामों के लिए लिया गया था.
DHLF Bank Fraud Case [Hindi] में इनके खिलाफ दर्ज हुआ मामला
जांच एजेंसी ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लि., तत्कालीन चेयरमैन और प्रबंध निदेशक कपिल वधावन, निदेशक धीरज वधावन और रियल्टी क्षेत्र की छह कंपनियों को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह के साथ कथित तौर पर 34,615 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के लिए आपराधिक साजिश में शामिल होने को लेकर मामला दर्ज किया है।
DHLF Bank Fraud Case [Hindi] | पीरामल ग्रुप के हाथों बिकी है डीएचएफएल
गौरतलब है कि सितंबर 2021 में पीरामल ग्रुप ने डीएचएफएल को खरीद लिया था। पीरामल एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने संकट के दौर से गुजर रही कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) को 38,050 करोड़ रुपये में खरीदा था। जनवरी 2021 में DHFL को खरीदने की दौड़ में पीरामल ग्रुप सबसे सफल बोलीदाता के रूप में उभरा था। पीरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड ने डीएचएफएल के कर्जदाताओं को 34,250 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। इसके अलावा कर्जदाताओं को डीएचएफएल के पास मौजद नकदी में से 3,800 करोड़ रुपये भी दिये गए।
सीबीआई ने 12 ठिकानों की तलाशी ली
DHLF Bank Fraud Case [Hindi] | अधिकारियों ने बताया कि मामला दर्ज होने के बाद, एजेंसी के 50 से अधिक अधिकारियों की एक टीम ने आरोपियों के मुंबई में 12 ठिकानों की तलाशी ली। इस संबंध में दर्ज प्राथमिकी में एमेरीलिस रियल्टर्स के सुधाकर शेट्टी और आठ अन्य बिल्डर्स शामिल है। अधिकारियों के अनुसार, बैंक ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने 2010 से 2018 के बीच विभिन्न व्यवस्थाओं के तहत बैंकों के समूह से 42,871 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा प्राप्त की थी। लेकिन मई, 2019 से ऋण चुकाने में चूक करना शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि ऋण देने वाले बैंकों की तरफ से कंपनी के खातों को अलग-अलग समय पर गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) घोषित किया गया
फरवरी में दर्ज किया गया था मामला
जानकारी दें कि बैंक 11 फरवरी 2022 को मामला दर्ज किया था। इसी के आधार पर CBI ने कार्रवाई की है। कथित रूप से भ्रष्टाचार के आरोप में वधावन बंधु पर सीबीआई की नजर है। वे सीबीआई की जांच के घेरे में हैं। बैंक का आरोप है कि कंपनी ने 2010 और 2018 के बीच कंसोर्टियम से एक एग्रीमेंट के अंतर्गत 42,871 करोड़ रुपये का लोन लिया था। लेकिन, मई 2019 के बाद से पेमेंट नहीं मिल रहा था। उसके बाद यह मामला दर्ज कराया गया है।
DHLF Bank Fraud Case [Hindi] | कैसे सामने आया यह घोटाला
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत के आधार पर सीबीआई ने 11 फरवरी को कार्रवाई करना शुरू किया. मामला दर्ज होने के बाद सीबीआई 50 से भी ज्यादा अधिकारियों के साथ आरोपियों के मुंबई स्थित 12 ठिकानों की तलाशी ले रही है.
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जिसके बाद बैंक ने कंपनी के खातों को एनपीए यानी गैर निष्पादित संपत्ति घोषित कर दिया. ऋण देने वाले बैंकों ने कंपनी के खातों को अलग-अलग समय पर एनपीए घोषित कर दिया. जनवरी, 2019 में जांच शुरू होने के बाद फरवरी, 2019 में बैंकों की समिति ने केपीएमजी को एक अप्रैल, 2015 से 31 दिसंबर, 2018 तक डीएचएफएल की विशेष समीक्षा ऑडिट करने के लिए नियुक्त किया था.
ऑडिट में पता चला फंड डायवर्जन
1 अप्रैल 2015 से 31 दिसंबर 2018 तक डीएचएफल के स्पेशल रिव्यू ऑडिट के लिए KPMG को नियुक्त किया गया। इसके बाद बैंकों ने कपिल और धीरज वाधवान के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी करने की मांग की। ऑडिट में फंड डायवर्जन, राउंड ट्रिपिंग और वित्तीय अनियमितताएं सामने आई थी।
डूबने के कगार पर कंपनी
आपको बता दें कि DHFL एक हाउसिंग फाइनेंस कंपनी है। कपिल वधावन इसके चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक थे। यह कंपनी अब डूबने के कगार पर है और इसको बेचने की प्रक्रिया चल रही है। इस कंपनी पर बैंकों का करीब 40,000 करोड़ रुपये का बकाया हो गया है।
इन बैंकों के हजारों करोड़ फंसे
ताजा अपडेट के मुताबिक DHFL कंपनी काफी पुराने समय से बैंकों से क्रेडिट सुविधाएं लेती रही है। यह कंपनी कई क्षेत्रों में काम करती है। इस कंपनी ने 17 बैंकों के समूह से जिसमें बैंक ऑफ बड़ौदा, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, आईडीबीआई, यूको बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया जैसे बैंकों से दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, कोलकाता और कोचीन आदि जगहों पर क्रेडिट सुविधा ली।
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आरोप है कि इस कंपनी ने बैंकों से कुल 42 हजार करोड़ से ज्यादा का लोन लिया, लेकिन उसमें से 34,615 हजार करोड़ रुपए का लोन वापस नहीं किया। साथ ही उनका एक खाता 31 जुलाई, 2020 को एनपीए हो गया।
12 से ज्यादा ठिकानों पर तलाशी जारी
सीबीआई ( CBI ) ने बैंक फ्रॉड ( Bank Fraud ) मामले में मामला दर्ज करने के बाद 50 से अधिक अधिकारियों की एक टीम आरोपियों के मुबंई स्थित 12 ठिकानों की तलाशी ले रही है, जिसमें अमरेलिस रियल्टर्स के सुधाकर शेट्टी और आठ अन्य बिल्डर भी शामिल हैं। बैंक ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने 2010 और 2018 के बीच कंसोर्टियम से 42,871 करोड़ रुपए की क्रेडिट फैसिलिटी का लाभ उठाया था, लेकिन मई 2019 से उन्होंने लोन पर डिफॉल्ट करना शुरू कर दिया।
DHLF Bank Fraud Case [Hindi] | 13 लोगों के खिलाफ केस दर्ज
अब केंद्रीय जांच ब्यूरो ( CBI ) ने इस मामले में दीवान हाउसिंग फाइनेंस कारपोरेशन लिमिटेड ( DHFL ) , उसके निदेशक कपिल वधावन, धीरज वधावन एक अन्य व्यक्ति सुधाकर शेट्टी अन्य कंपनियों गुलमर्ग रिलेटेर्स, स्काईलार्क बिल्डकॉन दर्शन डेवलपर्स, टाउनशिप डेवलपर्स समेत कुल 13 लोगों के खिलाफ विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा ( FIR ) दर्ज किया।