World Diabetes Day 2024 [Hindi]: क्या मोबाइल की लत बना रही लोगों को अत्यधिक डायबिटीज का शिकार?

World Diabetes Day 2022 [Hindi] क्या मोबाइल की लत बना रही लोगों को अत्यधिक डायबिटीज का शिकार

World Diabetes Day 2024 [Hindi]: नवंबर मधुमेह जागरूकता माह है और विश्व मधुमेह दिवस 14 नवंबर को पड़ता है। भारत और दुनियाभर में लाखों लोगों को प्रभावित करने वाली इस बीमारी के बारे में अधिक समझने का यह एक अच्छा समय है। मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज न करने पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं इसलिए मधुमेह के प्रति जागरूकता, देखभाल और उपचार बेहद महत्वपूर्ण है।

वर्ल्ड डायबिटीज डे 2024 की थीम (Theme)

इस साल मनाए जाने वाले वर्ल्ड डायबिटीज डे (World Diabetes Day 2024) थीम वैश्विक स्वास्थ्य को सशक्त बनाना रखी गई है. डायबिटीज को एक तरह का मेटाबोलिक डिसऑर्डर माना जाता है. इसके बारे में लोगों के बीच शिक्षा के ज़रिए ही जागरूकता फैलाई जा सकती है. इसलिए, कुछ डाइट में कुछ खास बदलावों और नियमित तौर पर एक्सरसाइज करके कोई भी व्यक्ति इस बीमारी के जोखिम से बच सकता है.

World Diabetes Day History [Hindi]

वर्ल्ड डायबिटीज डे (World Diabetes Day) को इंटरनेशनल डायबिटीज फाउंडेशन ने ही सबसे पहले शुरू किया था. साल 1991 से इसे यूएन से पूरी दुनिया में मनाने का ऐलान किया था. ऐसा इसके बारे में सही जानकारी को लोगों को पहुंचाने और इसके असर को कम करने के लिए किया गया था

वर्ल्ड डायबिटीज डे का ​महत्व (Importance)

डायबिटीज के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए वर्ल्ड डायबिटीज डे को मनाना ज़रूरी माना जाता है. इसकी वजह से ही लोगों को इसके लक्षणों और इलाज के सही तरीके के बारे में जानकारी मिलती है. साथ ही, क्या सावधानी बरतनी है इसके बारे में भी पता चलता है. 

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डायबिटीज को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े

  • साल 1980 में डायबिटीज के मरीजों की तादाद 108 मिलियन थी थी जो साल 2014 में बढ़कर  422 मिलियन हो गई. हाई इनकम वाले देशों की तुलना में लो और मिडिल इनकम वाले देशों में इसका प्रकोप अधिक तेजी से बढ़ रहा है.
  • मधुमेह अंधेपन, किडनी फेलियर, दिल के दौरे, स्ट्रोक और पैरों में परेशानी का एक प्रमुख कारण है. ये शरीर को धीरे-धीरे कमजोर कर देता है, इसलिए हमें कोशिश करनी चाहिए कि ये बीमारी न हो.
  • साल 2000 और 2019 के बीच, उम्र के हिसाब से मधुमेह मृत्यु दर में 3% की वृद्धि हुई थी जो चौंकाने वाला आंकड़ा है. 2019 में, मधुमेह और इससे जुड़ी किडनी डिजीज के कारण अनुमानित 2 मिलियन लोगों की मौत हो गई थी.

World Diabetes Day 2024 [Hindi]: डायबिटीज से कैसे बचें?

हेल्दी डाइट, रेगुलर फिजिकल एक्टिविटीज, शरीर के सामान्य वजन को बनाए रखना और तंबाकू के सेवन से बचना टाइप 2 डायबिटीज रोकने के अहम तरीके हैं. हालांकि कुछ लोगों को ये जेनेटिक कारणों से भी होता है, उन्हें अपने सेहत को लेकर ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है.

1. रोज़ाना एक्सरसाइज जरूर करें

सर्दियों में आलसपन के चलते एक्सरसाइज करना थोड़ा मुश्किल होता है। लेकिन अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो अपना ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने, इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाने के लिए इस मौसम में भी एक्सरसाइज़ करना जारी रखें। सर्दियों में फिजिकल एक्टिविटी कम होने की वजह से वजन भी बढ़ने लगता है तो और ज्यादा बड़ी समस्या है। तो एक्सरसाइज इन सभी से निपटने में कारगर है। 

2. ऑयली फूड का सेवन कम करे

वैसे तो ऑयली फूड हर एक मौसम में नुकसानदायक होते हैं लेकिन मानसून और सर्दियों के मौसम लोग कुछ ज्यादा ही मात्रा में इनका सेवन करने लगते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल से लेकर वजन तक तेजी से बढ़ाने का काम करते हैं। तो डायबिटीज के मरीजों को तो खासतौर से सावधानी बरतनी चाहिए, क्‍योंकि इस समय इम्‍यून सिस्‍टम थोड़ा कमजोर हो जाता है। जो आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। 

3. स्किन का ख्याल रखें

इस मौसम में अपने शरीर के साथ ही हाथ और पैरों का भी ज़्यादा ख्याल खना चाहिए। साफ-सुथरा रखने के साथ ही यह भी देखते रहें कि कहीं जलने, कटने या घाव के निशान तो नहीं है। स्किन को मॉश्चराइज रखें क्योंकि ड्रायनेस से खुजली हो सकती है और बहुत ज्यादा खुजली से घाव बन सकते हैं। 

4. अन्य सावधानियां

डायबिटीज़ और दूसरी बीमारियों से जूझ रहे लोगों में इस मौसम में फ़्लू और निमोनिया होने का रिस्क भी बढ़ जाता है। तो इससे बचे रहने के लिए टीके या दवाई की जिस किसी की भी जरूरत हो, अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा करके ले लें। 

World Diabetes Day 2024 [Hindi]: क्या खाए

  • साबुत अनाज, ओट्स, चने का आटा, मोटा अनाज
  • टोंड दूध सहित दही और मट्ठा
  • रेशे वाली सब्जियां जैसे- मटर, फलिया, गोभी, भिंडी, पालक सहित बाकी हरे पत्तेदार सब्जियां
  • छिलके वाली दालें
  • ओमेगा 3 फैटी एसिड वाले तेल
  • फल में पपीपा, सेब, संतरा और अमरूद ज्यादा फायदेमंद

क्या ना खाएं

आलू, शकरकंद, आम, अंगूर, खजूर, केला, चुकंदर और गाजर का

World Diabetes Day 2024 [Hindi]: वैश्विक स्तर पर

  • आज विश्व में लगभग 6% आबादी अर्थात् 420 मिलियन से अधिक लोग टाइप-1 या टाइप-2 मधुमेह हैं.
  • यह एकमात्र प्रमुख गैर-संचारी रोग है जिसका लोगों में कम होने के बजाय ज्यादा होने का ज़ोखिम बढ़ रहा है.
  • यह गंभीर कोविड-19 संक्रमणों के साथ जुड़ी अन्य प्रमुख बीमारियों के साथ उभरा है.
    वर्ष 2021 में अफ्रीका में अनुमानित 24 मिलियन लोग मधुमेह के साथ जी रहे हैं.

डायबिटीज के लक्षण (Symptoms)

मधुमेह से पीड़ित लोगों को बार-बार प्यास लगान, बार-बार पेशाब आना, पेट दर्द होना, कमजोर या का महसूस करना, बार-बर यूटीआई की समस्या होती है. डायबिटीज में लिवर प्रभावित होता है. यह बहुत खतरनाक बीमारी होती है. इसके लक्षण मिलने पर अनदेखा न करें. बल्कि गंभीरता से लेते हुए विशेषज्ञ चिकित्स से परामर्श लें.

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World Diabetes Day 2024 [Hindi]: वायु प्रदूषण व मधुमेह

मधुमेह होने के संभावित कारणों में पारिवारिक इतिहास, गलत खानपान, निष्क्रिय जीवनशैली या अत्यधिक वजन को ही माना जाता है, लेकिन मधुमेह के संभावित कारणों में प्रदूषण भी एक सक्रिय कारक हो सकता है। यह पहले से पीडि़त रोगियों की मुश्किलों को जोखिम भरा बना सकता है। इसका कारण वातावरण में घुले वे सूक्ष्म कण (पीएम 2.5) हैं, जो कई महत्वपूर्ण अंगो जैसे- पैंक्रियाज, फेफड़े व आंखों आदि को नुकसान पंहुचाकर रोग की जटिलता को बढ़ाते हैं।

शोध बताते हैं कि मोटापा बनता है बच्चों में डायबिटीज की मुख्य वजह

इस सन्दर्भ में फैमिली मेडिसिन प्राइम केयर जर्नल में वर्ष 2015 में एक शोध आलेख प्रकाशित हुआ। इसमें बचपन की उन आदतों की जांच की गई, जो बड़े होने पर डायबिटीज होने में बढ़ावा देते हैं। इस शोध को भारत की अलग-अलग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं कृष्णाप्रिय साहू, अशोक कुमार चौधरी, यासीन सोफी, रमन कुमारऔर अजीत सिंह भदौरिया ने किया।

यह आलेख पबमेड सेंट्रल में भी शामिल किया गया। शोधकर्ताओं ने माना कि विकसित और विकासशील देशों में बच्चों का मोटापा महामारी के स्तर तक पहुंच गया है। बचपन में अधिक वजन से बच्चों के वयस्क होने पर भी मोटे रहने की संभावना होती है और कम उम्र में डायबिटीज और हार्ट डिजीज जैसे नॉन कम्युनिकेबल रोगों के विकसित होने की संभावना अधिक होती है।

क्या बीमारियों सहित अन्य सभी दुखों का पूर्ण इलाज है?

इसका जवाब है हां बेशक। परमेश्वर कबीर साहेब द्वारा प्रदान की गई सत-भक्ति को अपना कर हम इन लाईलाज बीमारियों से निजात पा सकते हैं । पाठकों से निवेदन है कि संत रामपाल जी महाराज की शरण में आ कर नाम दीक्षा ले कर सतगुरु द्वारा निर्धारित सभी नियमों का पालन करते हुए सत भक्ति करने से व्यक्ति महसूस करेगा कि सारी चिंताएं तथा बीमारियां स्वयं ही गायब हो गई हैं। अधिक जानने के लिए, रामपाल जी महाराज YouTube चैनल पर जाएँ। साथ ही सतगुरु रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पवित्र पुस्तक “जीने की राह” भी डाउनलोड करें।

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