बीते दिन राजधानी दिल्ली के सरिता विहार क्षेत्र में चलती ट्रेन 12280 ताज एक्सप्रेस में अचानक भीषण आग लग गई। बताया जा रहा है कि यह आग ओखला और तुगलकाबाद के बीच में लगी।इस आग में किसी के भी घायल होने की ख़बर नहीं आई। ट्रेन में सफ़र कर रहे यात्री आग की लपटें देख कर दूसरे कोच में चले गए थे ।ट्रेन रुकने पर यात्री उतर गए और सभी यात्री सुरक्षित बताएं गए हैं।
आग ट्रेन के तीन कोच में लगी जिसमे बोगी नंबर डी-3, डी-4 और डी-2 शामिल थे ।इसमें से दो कोच पूरी तरह से जल गए थें, जबकि एक कोच का कुछ ही हिस्सा जला था। ये घटना लगभग 3 जून की शाम को 4:24 को घटी।
रेलवे अधिकारियों ने दिया स्पष्टीकरण
घटना की ख़बर मिलते ही दिल्ली फायर ब्रिगेड सेवा की तरफ़ से 10 दमकल की गाड़ियां भेज कर आग पर काबू किया गया था। इस पूरे मामले में पूरी तरीके से आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। रेल्वे की टीमें जांच में लगी हुईं है। उसी समय मौके पर रेलवे के डिविजनल रेलवे मैनेजर (डीआरएम) सुखविंदर सिंह समेत कई अन्य उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचे एवं घटना का निरीक्षण किया।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, नई दिल्ली से वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी के बीच चलने वाली ट्रेन ताज एक्सप्रेस (12280) के कुर्सीयान कोच में सबसे पहले आग लगी। हादसे में किसी को भी कोई हानी नहीं पहुंची। आग लगने से पहले ही यात्री ट्रेन में नीचे उतर गए थे कुछ आगे के कोच में चले गए थे। कुर्सीयान के कोच नंबर डी 3, डी 4, डी 2 में आग लगी। दिल्ली फायर ब्रिगेड सेवा के वरिष्ट अतुल गर्ग ने बताया कि आग लगने की सूचना 3 जून को 4:24 बजे मिली। सबसे पहले दमकल की छह गाड़ियों को मौके पर भेजा गया। उसके बाद संख्या 6 से बड़ाकर 10 कर दी गई। शाम 5:40 बजे तक आग पर काबू पा लिया गया था। आग से कोच नंबर डी 3 और डी 4 पूरी तरह से जल गए जबकि डी 2 का 10 फीसदी हिस्सा जला था।
मामले की चल रही है जांच
चलती ट्रेन 12280 ताज एक्सप्रेस में आग लगने से यात्रियों की सुरक्षा को लेकर रेलवे व्यवस्था पर बड़ा प्रश्न चिन्ह लग गया है।अधिकारियों ने बताया कि जब कोई ट्रेन अपने गंतव्य पर पहुंचती है ,तो उसकी जांच पड़ताल कई विभागों द्वारा की जाती है। इसमें इलेक्ट्रिक विभाग की टीम भी हर कोच की जांच करती है। यदि कोच में कुछ गड़बड़ी आती तो उसे या तो ठीक किया जाता है या फिर उसकी जगह पर दूसरे कोच को लगाने की व्यवस्था की जाती है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि 12280 ताज एक्सप्रेस ट्रेन के कोच की जांच किस स्तर पर की गई। रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि आग लगने की वजह जानने के लिए जांच शुरू कर दी गई है। जांच रिपोर्ट के आधार कुछ कहा जा सकता है।
रेलवे अधिकारियों द्वारा जारी किए गए हेल्प लाइन नंबर
12280 ताज एक्सप्रेस ट्रेन के यात्रियों एवं उनके परिजनों की सहायता के लिए झांसी रेलवे द्वारा जारी किए हेल्पलाइन नंबर।
VGLJ help line-0510-2440787, 0510-2440790,
DAA station help desk- 9752448940
DBA Helpline- 9752417783
GWL help line-0751-2432797, 0751-2432849,
MRA help line no. 9752448942
इसके अलावा जानकारी देते हुए पीआरओ मनोज कुमार सिंह ने बताया कि 4 जून को 12280-12279 ताज एक्सप्रेस रद्द रहेंगी।
आए दिन ऐसी घटनाएं होती रहती हैं बीते साल पातालकोट एक्सप्रेस ट्रेन में भी आग लग गई थी। इतनी भीषण गर्मी में इस प्रकार की घटना होना वर्तमान समय में सामान्य हो गया है। लेकिन राहत की बात है कि यात्रियों को कोई हानी नहीं पहुंची।
ईश्वर की भक्ति से ही हो सकता है बचाव
संतो और भाभिश्यबक्ताओं ने भी कलयुग का वर्णन करते हुए कहा है कि कलयुग में आग, बाढ़, भूचाल, युद्ध जैसी घटनाएं होती रहेंगी। क्योंकि लोगों में परमात्मा का डर नहीं रहेगा। लोग अपने नैतिक मूल्यों को भूलकर भौतिकता की ओर ज्यादा ध्यान देंगे। लेकिन इन समस्यों से बचने का एक ही तरीका है, वो है शास्त्र अनुकूल भक्ति करना। जिससे मानव को आंतरिक शांति और लाभ हो सकते हैं। देखिए वर्तमान समय में केवल संत रामपाल जी महाराज जी ही एकमात्र ऐसे संत हैं ,जिन्होंने हमें हमारे सभी पवित्र शास्त्रों के अनुसार ज्ञान प्रदान किया है।
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प्रश्न 1 ताज एक्सप्रेस (12280)ट्रेन में आग कब लगी?
उत्तर: यह घटना 3 जून को घटी।
प्रश्न 2 आग बुझाने के लिए सबसे पहले कितनी दमकल गाड़ियों को भेजा गया?
उत्तर: सबसे पहले दमकल की 6 गाड़ियों को आग बुझाने के लिए भेजा गया।
प्रश्न 3 ताज एक्सप्रेस (12280) ट्रेन में आग कितनी बोगियों में लगी?
उत्तर: ताज एक्सप्रेस (12280) में तीन बोगियों में लगी। जिनमें कुर्सीयान के कोच नंबर डी 3, डी 4, डी 2 शामिल थी।
प्रश्न 4 वर्तमान समय में हमारे पवित्र धार्मिक ग्रंथों के आधार पर ज्ञान बताने वाला संत कौन है?
उत्तर: संत रामपाल जी महाराज।