सुबह करीब 5:45 बजे जयपुर से अजमेर की ओर जा रहे एक एलपीजी गैस टैंकर से गैस रिसाव शुरू हो गया। यूटर्न लेते समय टैंकर की भिड़ंत हो गई, जिससे बड़ा हादसा हो गया। गैस के कारण एक के बाद एक कई वाहन आपस में टकरा गए और भीषण आग लग गई। आग की चपेट में आए लगभग 41 वाहन जलकर खाक हो गए।
इस हादसे में 14 लोग जिंदा जल गए, जबकि टैंकर चालक वहां से भागने में सफल रहा, जिससे वह आग की चपेट में आने से बच गया। स्लीपर बस और अन्य वाहनों में सवार करीब 60 लोग घायल हो गए। हादसा इतना भयावह था कि एलपीजी टैंकर के फटने से 10 किलोमीटर तक का क्षेत्र दहल गया। आसपास के लोग और राहगीर हादसे की खबर सुनकर सन्न रह गए।
टैंकर चालक आखिर कैसे बच निकला?
जयपुर गैस हादसे में टैंकर ड्राइवर बच निकला। मिली जानकारी के अनुसार, गैस रिसाव की जानकारी होने पर ड्राइवर तेज गति से भाग निकला और अपने गाड़ी मालिक को कॉल कर ट्रक की टैंकर से टकराने की जानकारी दी और कॉल कट कर दिया। इसके बाद टैंकर में अत्यधिक गैस रिसाव से आग लग गई। इसके बाद ड्राइवर का मोबाइल लगातार बंद बताने लगा। पुलिस ड्राइवर की तलाश में जुटी है।
मृतकों की पहचान करना मुश्किल
इस हादसे में मारे गए लोगों की पहचान बेहद कठिन थी। किसी की पहचान उसकी बिछिया से तो किसी की नेल पॉलिश से की गई। मरने वालों में एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी भी लापता हैं। उनकी कार पूरी तरह जलकर राख हो गई। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि आसमान में उड़ते पक्षी भी जलकर भस्म हो गए।
प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही
प्रत्यक्षदर्शियों ने इस हादसे को अब तक का सबसे भयानक हादसा बताया। उन्होंने कई लोगों की जान बचाने की कोशिश की। हादसे के कारण हाईवे को “बर्निंग हाईवे” का नाम दिया गया। जयपुर से दिल्ली मार्ग 15 घंटे तक बंद रहा, जिसे अब बहाल कर दिया गया है।
प्रशासन की कार्रवाई
सूचना मिलते ही प्रशासन, फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस मौके पर पहुंच गए। आग पर काबू पाया गया और घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। घायलों का इलाज जारी है। मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
प्रतिक्रिया और मुआवजे की घोषणा
मुख्य मत्री भजनलाल जी शर्मा ने घटनास्थल का दौरा किया और मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिवारों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50,000 की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। मुख्य मत्री भजनलाल जी शर्मा ने मृतकों के परिजनों को ₹5 लाख और घायलों को ₹1 लाख देने की घोषणा की। बीपीसीएल ने मृतकों के परिजनों को ₹6 लाख और घायलों को ₹2 लाख की सहायता की घोषणा की।
राष्ट्रपति की संवेदना
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने घटना पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की और परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं।
यह हादसा न केवल प्रभावित परिवारों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गहरा सदमा है। राहत कार्य जारी है और प्रशासन पूरी तत्परता से स्थिति को नियंत्रित करने में जुटा है।
जयपुर हादसा: आध्यात्मिक दृष्टिकोण
20 दिसंबर 2024 को जयपुर के पास हुए गैस टैंकर हादसे ने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया। यह न केवल एक भौतिक त्रासदी है, बल्कि एक गहरी आध्यात्मिक चेतावनी भी है। ऐसी घटनाएं हमें हमारे जीवन के नश्वर होने का एहसास कराती हैं। श्रीमद्भगवद गीता अध्याय 11 श्लोक 32 में गीता ज्ञान दाता काल कह रहा है कि अर्जुन, मैं लोकों का नाश करने वाला काल हूं। इस काल को एक लाख मानव शरीर धारी प्राणी को नित खाने का श्राप लगा है, जिससे प्रतिदिन चौबीसों घंटे कोई न कोई कहीं भी मृत्यु को प्राप्त हो रहा है। इस मौत के कुएं में जब तक रहेंगे, जन्म-मृत्यु का महान कष्ट सहते रहेंगे। इसका एकमात्र विकल्प है परम अक्षर ब्रह्म की शरण में रहना। आखिर हम काल के जाल में कैसे फंसे? परम अक्षर ब्रह्म कौन हैं? कहां रहता है? किसने देखा है? ये जानने के लिए लिए सम्पूर्ण सृष्टि रचना अवश्य पढ़ें। अधिक जानकारी के लिए डाउनलोड करें Sant Rampal Ji Maharaj App |
FAQ
Q 1. एलपीजी गैस टैंकर से गैस रिसाव कब शुरू हुआ?
उत्तर: सुबह करीब 5:45 बजे गैस रिसाव शुरू हुआ।
Q 2. इस हादसे में कितने वाहन आग की चपेट में आकर जलकर खाक हो गए?
उत्तर: लगभग 41 वाहन आग की चपेट में आकर जलकर खाक हो गए।
Q 3. हादसे में कितने लोग जिंदा जल गए और टैंकर चालक का क्या हुआ?
उत्तर: हादसे में 14 लोग जिंदा जल गए जबकि टैंकर चालक बच निकला।
Q 4. हाईवे को “बर्निंग हाईवे” का नाम क्यों दिया गया?
उत्तर: आग की तीव्रता और लगातार टकराते वाहनों के कारण हाईवे को “बर्निंग हाईवे” कहा गया।
Q 5. प्रधानमंत्री ने मृतकों और घायलों के लिए कितनी आर्थिक सहायता की घोषणा की?
उत्तर: प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिवारों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50,000 की आर्थिक सहायता की घोषणा की।