सड़क यातायात नियमों का उल्लंघन : दुर्घटना का कारण

सड़क यातायात नियमों का उल्लंघन दुर्घटना का कारण

हमारे भारत देश में सड़कें आवागमन के साधन के रूप में बहुत लोकप्रिय हैं क्योंकि सड़कें छोटे – बड़े सभी शहरों, कस्बों, गांवों आदि को जोड़ती हैं । परंतु ऑटोमोबाइल जो आज विज्ञान की देन हैं ,इनने बहुत ही ज्यादा सड़क हादसे बढ़ा दिए हैं। विज्ञान की इस देन से कार्य जल्दी पूर्ण तो हो जाता है, लेकिन कब, कैसे दुर्घटना घट जाए कुछ पता नहीं चलता। अभी सब खुशी से बैठे होते हैं, लेकिन कुछ पल बाद सुनने को मिलता है कि वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया ।

क्या है वर्तमान स्थिति 

वर्तमान समय में सड़क दुर्घटनाएं दिन – प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही हैं। आए दिन अखबार में सुनने को मिलता है कि आज इतने लोगों की जान गाई या फिर इतने लोग घायल हुए । आज से 10 वर्ष पूर्व बहुत कम लोग ऑटोमोबाइल उपयोग किया करते थे, परंतु आज कोई बाजार भी पैदल ( पांव – पांव ) नहीं जाना चाहता है । ज्यादातर लोग मोटरसाइकिल/कार का उपयोग कर रहे हैं। दूसरी ओर देखा जाए तो लोग यातायात नियमों का पालन भी नहीं करते हैं।

इसके अलावा वाहन चालक बहुत ज्यादा लापरवाई करने लगे हैं। आज तो ऑटोमोबाइल खरीदने का ट्रेंड सा छा गया है, क्योंकि 18 की उम्र से कम उम्र वाले बच्चे भी बहुत लापरवाह हो गए हैं और यातायात नियमों का डर भी नहीं रहा है। सबसे ज्यादा बाइक चालक नाबालिक बच्चे ही मिलेंगे । यही कारण है कि आज सड़क हादसे बहुत ज्यादा हो रहे हैं और लोगों की जान जा रही है ।

सड़कें भी सही दशा में प्रतीत नहीं होती हैं। अब तो ,कहीं सड़कें संकरी, तो कहीं सड़कें ऊबड़ – खाबड़ देखने को मिलती हैं। इसी लिए अब सड़क दुर्घटनाएं आम बात हो गई है । ऐसा लगता है जैसे लोगों को इस हादसे की आदत सी हो गई है। क्योंकि कोई यातायात नियमों का पालन तो दूर, अपने जीवन की ही परवाह नहीं कर रहा है ।

इन हादसों से जान – माल दोनों का ही नुकसान होता है । हमें सड़क दुर्घटनाओं से बचने के लिए बहुत सावधान होने की आवश्यकता है। भले आप सड़कों पर साइकिल से ही क्यों न जा रहे हों, फिर भी सावधानी से ही चलना होगा । इस प्रकार के हादसों से तो पैदल चलने वाले लोग भी अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं ।

हर रोज कभी रिश्तेदारों से ,कभी अखबरों से सुनते हैं, तो कभी अपनी आंखों से ही सड़क दुर्घटनाएं देखते हैं ।

सड़क यातायात दुर्घटनाओं को कैसे करें कंट्रोल 

वर्तमान समय में सड़क यातायात दुर्घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। इसकी चपेट में बच्चों से लेकर बुड्ढे लोग भी आ रहे हैं। सड़क यातायात दुर्घटनाओं को नियंत्रण करने के लिए हमें निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए।

  • सर्व प्रथम हमें सड़क यातायात नियमों का ध्यान से अनुसरण करना चाहिए। ध्यान रहे कभी भी वाहन चालकों को मोबाइल फ़ोन का उपयोग नहीं करना चाहिए । इससे बहुत ज्यादा हादसे देखने को मिलते हैं।
  • कितना समझाया जाता है कि हमेशा सीटबेल्ट और हेलमेट पहनना नहीं भूलें । इससे बहुत बार लोगों की जान बची है ।
  • हमेशा हमें ऑटोमोबाइल धीमी गति से ही चलाना चाहिए।क्योंकि कभी – कभी तेज गति के कारण हम वाहन को कंट्रोल नहीं कर पाते हैं और बड़ी दुर्घटना हो जाती है।
  • किसी प्रकार का नशा कर या शराब पीकर वाहन चलाना मौत को बुलावा है। अपने जीवन को बचाने के लिए हम इतना तो कर ही सकते हैं। जीवन कितना अनमोल है , इसे व्यर्थ में गवां देते हैं। 
  • पैदल चलने के दौरान सड़क पार करने के स्थान पर फुटपाथों/ जेब्रा क्रॉसिंग से ही सड़क पार करनी चाहिए । 
  • हमेशा सड़क यातायात नियमों को तोड़ते देख, वाहन चलाने वालों को नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करना चाहिए कि इससे हमें ही फायदा है न कि किसी और को, इससे स्वयं हम ही सुरक्षित है ।
  • सड़क सुरक्षा के लिए, सरकारों के साथ-साथ आम जनता को भी आगे आना चाहिए। क्योंकि इससे हम ही सुरक्षित रहते हैं न कि सरकारें। जान – माल की हानि हमें ही झेलनी पड़ती है। इसी लिए इससे बचने के लिए हमेशा आगे रहना होगा । 
  • प्रत्येक वर्ष जनवरी महीने में “सड़क सुरक्षा सप्ताह” मनाया जाता है । इससे संबंधित जानकारी हमें अपने आस – पास के लोगों को जरूर देनी चाहिए। इससे यातायात नियमों के संदर्भ में जागरूकता फैले।

सड़क दुर्घटना से सीख 

लोग यातायात नियमों का उल्लंघन कर सड़क दुर्घटनाओं को बढ़ावा दे रहे हैं।जो व्यक्ति अपनी जान की परवाह नहीं करता, वो दूसरों के घर के बारे में क्या सोचेगा। इस प्रकार के लोगों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए, साथ में जुर्माना भी लगाना चाहिए। यह जीवन कितना अनमोल है, फिर भी हम सड़क पर सावधानी नहीं दर्शाते हैं।

शराब पी कर वाहन चलाते हुए व्यक्तियों को तो कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए,जिससे सामने वाले लोग भी यातायात नियमों के अनुकूल चलें ।हमें अपने बारे में तो सोचना ही है, परंतु अपने शौक के कारण दूसरों की जान को भी जोखिम में नहीं डालना चाहिए।क्या जरूरत है शराब या कोई भी नशा करके वाहन चलाने की? इस पर यातायात संपादक को भी कड़े नियम लागू कर ,ऐसे व्यक्तियों को कड़ी सजा का प्रावधान रखना चाहिए। ऐसे व्यक्ति, जो यातायात नियमों का उल्लंघन करते हैं,उन पर किसी भी प्रकार की दया नहीं करनी चाहिए। 

क्या हैं सड़क दुर्घटना के मुख्य कारण 

वर्तमान समय में हो रही घटनाओं के कारण बहुत सी समस्याएं सामने आ रही हैं। इसके बहुत से कारण हैं जैसे कि: 

  •  तेज गति से वाहन चलाना मुख्य कारण है।
  • लापरवाही से वाहन चलाने वाले अक्सर हादसे के शिकार होते हैं।
  • नियमों का उल्लंघन करने पर भी बड़ी दुर्घटना हो जाती है।
  • यातायात नियमों के संकेतों को जरूर समझना चाहिए, क्योंकि संकेतों को न समझने पर भी सड़क दुर्घटना हो जाती है।
  • थकान होने पर वाहन चलाते समय या शराब के नशे में भी सड़क हादसे हो जाते हैं।
  • पैदल यात्रियों यातायात नियमों के अनुसार ही चलना चाहिए, क्योंकि छोटी सी लापरवाही जान ले सकती है ।
  • गलत स्थानों या फिर गलत दिशा में वाहन चलाने पर भी सड़क दुर्घटना हो जाती है।

सड़क सुरक्षा नियमों में ध्यान रखने योग्य बातें 

  • नींद में वाहन /ऑटोमोबाइल कभी नहीं चलाना चाहिए। 
  • गति कम – ज्यादा कहां पर करना है, ये याद होना चाहिए। जिससे समय पर वाहन नियंत्रण हो सके। 
  • लाइट्स इंडिकेटर्स का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
  • वाहन चालू करने से पहले एक बार टायर जरूर जांच लेना, ये ख़्याल हमेशा रखना चाहिए।
  • वाहन/गाड़ी के ब्रेक्स समय – समय पर देखते रहना चाहिए कि वह सही से कार्य कर रहे हैं या नहीं । 
  • ड्राइविंग करते समय मोबाइल फोन का उपयोग भूलकर न करें ।
  • कुछ लोग टेक ओवर करते समय ही हादसे के शिकार हो जाते हैं, इस संबंध में सतर्क रहना जरूरी है।

केवल पूर्ण परमात्मा ही टाल सकते हैं प्रत्येक दुर्घटना 

जहां विज्ञान फेल हो जाती है, वहां से आध्यत्मिकता की शक्ति शुरू होती है। आध्यात्मिक मार्ग को विज्ञान से श्रेष्ठ माना जाता है, क्योंकि आध्यात्मिकता का मूल आधार पूर्ण परमात्मा से होता है। ईश्वर की भक्ति करना मनुष्य जीवन का मू़ल उद्देश होता है, जिसे इंसान भूलता जा रहा है। मनुष्य जीवन का मुख्य उद्देश्य आध्यात्मिक विद्यालय मैं प्रवेश पाना यानि तत्वदर्शी संत की शरण प्राप्त करके भक्ति करना होता है।

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FAQs

हमारे देश में सड़क यातायात दुर्घटनाओं का मुख्य कारण क्या है ?

हमारे देश में लोग सोचते ही नहीं कि हमारा जीवन कितना अनमोल है । सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण केवल मानवीय भूल   है । क्योंकि लापरवाही से ड्राइविंग करना, तेज रफ़्तार से वाहन चलाना, नशे या शराब के दौरान ड्राइविंग करना और यातायात नियमों का उल्लंघन करना हादसों को बढ़ावा देता है।

क्या सड़क यातायात हादसों द्वारा कोई प्रभाव पड़ता है ?

जी हां बिल्कुल, भावनात्मक संकट और अभिघात-पश्चात तनाव विकार उत्पन्न होते हैं।  जिनके लिए फिर चिकित्सा उपचार के माध्यम से सुधारने की कोशिश की जाती है। कुछ भावनात्मक प्रभाव ऐसे होते हैं जो बाद में नजर आते हैं। जान – माल हानि होने के साथ – साथ व्यक्ति को अंत तक दुःख – दर्द हो जाते हैं।

सड़क दुर्घटना कैसे थम सकती है?

दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करने के लिए बहुत से रोकथाम  के उपाय हैं जैसे कि कोई संगठन के माध्यम से की जाने वाली गतिविधियां , बहुत सी योजनाएं साथ ही स्वयं कुछ कदमों को ध्यान में केंद्रित कर थमा सकते हैं। इसमें हमारे आत्मनिर्भर बनना अतिआवश्यक है क्योंकि इसके बिना कोई भी कार्य इतनी आसानी से सफल नहीं होगा।

सड़क दुर्घनाओं का जिम्मेदार कौन है ?

इस प्रकार के हादसों के सर्व प्रथम हम खुद ही जिम्मेदार हैं। क्यों चलाते हैं तेज गति में वाहन, क्यों करते हैं नशा ड्राइविंग के टाइम, क्यों नहीं करते हैं पालन यातायात नियम और क्यों नहीं रखते हैं सड़क पर सावधानी ।

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