प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले के दौरान 29 दिसंबर बुधवार देर रात करीब 1:30 बजे संगम तट पर भगदड़ मच गई, जिसमें 60 लोगों की मौत और 300 से अधिक लोग घायल हो गए। आखिर प्रशासन की इतनी मुस्तैदी के बावजूद भी भगदड़ क्यों मची? पढ़िए पूरी खबर!
कुंभ मेला 2025: भीड़ नियंत्रण में चूक, भगदड़ का कहर
रिपोर्ट्स के अनुसार, अमृत स्नान के कारण अधिकांश पांटून पुल बंद थे, इसके अलावा संगम नोज पर प्रवेश और निकास के मार्ग अलग नहीं थे, जिससे संगम पर भीड़ बढ़ गई और श्रद्धालुओं के बीच टकराव हुआ जिससे भगदड़ मच गई।
इमरजेंसी सेवाओं की टीम ने भगदड़ में घायल लोगों को तुरंत स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया। हालांकि, अधिकारियों ने अभी तक मृतकों की सटीक संख्या की पुष्टि नहीं की है।
महाकुंभ भगदड़: पीड़ित परिवारों को मिलेगा मुआवजा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से संयम बरतने की अपील की है और कहा है कि, “गंगा हर जगह पवित्र है, इसलिए वे जहां हैं, वहीं स्नान करें।” मुख्यमंत्री ने भगदड़ में मारे गए लोगों के परिजनों को ₹25-25 लाख देने की घोषणा की है।
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प्रशासन की तरफ से भी गाइडलाइन जारी की गई है कि श्रद्धालु किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और शांतिपूर्वक स्नान करें। सुरक्षा के लिए अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं और स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास लगातार जारी हैं।
कुंभ 2025: प्रशासन की कार्रवाई और राहत कार्य
घटना के बाद प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। घायलों का इलाज अब भी मेडिकल अस्पताल में चल रहा है। प्रशासन ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच के आदेश दिए हैं और हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया है, जिससे घायलों के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
महाकुंभ हादसा: भीड़ प्रबंधन के लिए नए बदलाव
भगदड़ जैसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन ने कई बड़े बदलाव किए हैं:
- नो व्हीकल जोन: मेला क्षेत्र को 4 फरवरी तक नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है। केवल एंबुलेंस, नगर निगम और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां ही प्रवेश कर सकेंगी।
- VVIP गाड़ियों पर रोक: 4 फरवरी तक सभी VVIP पास कैंसिल कर दिए गए हैं और VVIP स्नान तथा एस्कॉर्ट गाड़ियों के काफिले पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
- वन-वे सिस्टम: पूरे मेला क्षेत्र में रास्ते वन-वे कर दिए गए हैं, ताकि श्रद्धालु एक ही रास्ते से अंदर जाएं और स्नान के बाद दूसरे रास्ते से बाहर निकल सकें।
- यातायात नियंत्रण: प्रयागराज से सटे जिलों से आने वाले चार पहिया वाहनों की शहर में एंट्री पर रोक लगा दी गई है। सभी मुख्य मार्गों पर यातायात सुचारू बनाए रखने के लिए पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है।
महाकुंभ भगदड़: प्रशासन की लापरवाही पर सवाल
- बेहतर भीड़ नियंत्रण प्रणाली: आधुनिक तकनीकों जैसे ड्रोन सर्विलांस, सीसीटीवी कैमरे और AI आधारित भीड़ प्रबंधन तकनीकों का उपयोग किया जाना चाहिए।
- स्वयंसेवकों और सुरक्षाकर्मियों की पर्याप्त व्यवस्था: प्रशिक्षित स्वयंसेवकों और पुलिस बल की संख्या बढ़ानी चाहिए।
- फैलती अफवाहों पर रोक: सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों के जरिए गलत सूचना फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
- आपातकालीन चिकित्सा सुविधाएँ: मेला क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में एंबुलेंस, प्राथमिक उपचार केंद्र और अस्पतालों से संपर्क व्यवस्था होनी चाहिए।
- अस्थायी मार्गों की मजबूती: अस्थायी पुल और रास्तों को मजबूत और टिकाऊ बनाने के लिए इंजीनियरिंग विशेषज्ञों की राय ली जानी चाहिए।
- नागरिकों को जागरूक बनाना: डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड और घोषणाओं के माध्यम से श्रद्धालुओं को जागरूक किया जाना चाहिए।
भविष्य की तैयारियां और प्रशासनिक दिशा-निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विशेष बैठक में महाकुंभ के सुचारू संचालन के लिए कई दिशा-निर्देश दिए हैं:
- श्रद्धालुओं की सुरक्षित वापसी: रेलवे और बस अड्डों पर बढ़ती भीड़ को देखते हुए अतिरिक्त ट्रेनों और बसों की व्यवस्था की जाएगी।
- होल्डिंग एरिया और प्रबंधन: भीड़ कम करने के लिए होल्डिंग एरिया सक्रिय किए जाएंगे। इन क्षेत्रों में भोजन, पेयजल और बिजली की समुचित व्यवस्था होगी।
- विपरीत परिस्थितियों में प्रबंधन: प्रमुख मार्गों पर यातायात को सुचारू बनाए रखने के लिए सुरक्षा और पेट्रोलिंग बढ़ाई जाएगी।
- बसंत पंचमी की तैयारियां: 3 फरवरी को होने वाले ‘अमृत स्नान’ के लिए प्रशासन विशेष तैयारियों में जुटा हुआ है।
महाकुंभ घटना: ये हो सकते हैं हादसे के कारण
- अत्यधिक भीड़ प्रबंधन की कमी – प्रभावी भीड़ नियंत्रण न होने पर भगदड़ जैसी घटनाएँ हो सकती हैं।
- अफवाहें और घबराहट – गलत सूचना से भगदड़ की स्थिति बन सकती है।
- अपर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था – यदि पर्याप्त पुलिस बल और वालंटियर्स न हों तो भीड़ बेकाबू हो सकती है।
- संकरी गलियां और अस्थायी पुल – भीड़ का दबाव अधिक होने पर अस्थायी पुलों और रास्तों पर भगदड़ मच सकती है।
- वाहनों की अनुचित व्यवस्था – यातायात जाम होने से भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
महाकुंभ में भगदड़ का सदमा, श्रद्धालुओं में दहशत
मेला क्षेत्र में भीड़ प्रबंधन को और बेहतर बनाने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की तैनाती की गई है। सुरक्षा के लिहाज से बड़े बदलाव किए गए हैं और 12 फरवरी तक ये अधिकारी प्रयागराज में बने रहेंगे।
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