Bihar Election 2025: महागठबंधन में VIP को मिली 15 सीटें! राहुल गांधी के हस्तक्षेप से सुलझा गतिरोध

महागठबंधन में VIP को मिली 15 सीटें! राहुल गांधी के हस्तक्षेप से सुलझा गतिरोध

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर महागठबंधन में सीट बंटवारे की गुत्थी अब लगभग सुलझती नजर आ रही है। लंबे समय से चली आ रही खींचतान के बाद मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP) को आखिरकार 15 सीटें देने पर सहमति बन गई है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हस्तक्षेप के बाद यह समझौता फाइनल हुआ।

बिहार चुनाव 2025: मुख्य बिंदु

  1. Bihar Election 2025: VIP को मिलीं 15 सीटें, जानिए पूरी लिस्ट और उम्मीदवारों के नाम
  2. Bihar Election 2025: राहुल गांधी ने सुलझाया सीट शेयरिंग विवाद, VIP को बड़ा फायदा
  3. EBC और मल्लाह समाज पर VIP की पकड़: महागठबंधन में मुकेश सहनी की बढ़ी भूमिका
  4. NDA से महागठबंधन में आए मुकेश सहनी ने बदला सियासी समीकरण
  5. बिहार चुनाव 2025: सीट बंटवारे पर महागठबंधन में “Friendly Fight”, इन सीटों पर बढ़ी तनातनी
  6. बिहार चुनाव 2025: महागठबंधन में सीट फॉर्मूला तय, RJD को मिली सबसे ज्यादा सीटें
  7. VIP को सीटें देकर महागठबंधन ने साधा EBC वोट बैंक, NDA के लिए बढ़ी मुश्किलें
  8. बिहार चुनाव 2025 में VIP का रणनीतिक फायदा: 15 सीटों के साथ गठबंधन मजबूत
  9. बिहार चुनाव के बीच राजनीतिक सफलता से आध्यात्मिक सफलता की ओर एक राह

VIP को मिलीं ये 15 सीटें – जानिए पूरी सूची

सूत्रों के अनुसार, महागठबंधन की आंतरिक बैठकों में वीआईपी को जिन सीटों पर उम्मीदवार उतारने की मंजूरी दी गई है, उनमें ये प्रमुख नाम शामिल हैं:

  • आलमनगर
  • गौरा बौराम
  • दरभंगा शहर
  • कुशेश्वरस्थान
  • औराई
  • बरूराज
  • केसरिया
  • सिकटी
  • निर्मली
  • कटिहार
  • गोपालपुर
  • बिहपुर
  • लोरिया
  • सुपौल
  • मधुबनी (संभावित सीट)

हालांकि अंतिम सूची का औपचारिक ऐलान आज शाम 4 बजे मुकेश सहनी की प्रेस कॉन्फ्रेंस (PC) में किया जा सकता है।

राहुल गांधी के हस्तक्षेप से टूटी गतिरोध की दीवार

कांग्रेस, राजद और वीआईपी के बीच पिछले कई दिनों से सीट शेयरिंग को लेकर गतिरोध जारी था। वीआईपी ने 20 से अधिक सीटों की मांग रखी थी, जबकि राजद 10-12 सीटों से ज्यादा देने के पक्ष में नहीं थी।

सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ने स्थिति को सुलझाने के लिए हस्तक्षेप किया, जिसके बाद VIP को 15 सीटें, साथ ही एक राज्यसभा और एक एमएलसी सीट देने पर भी सहमति बनी।

इस कदम को गठबंधन के भीतर “संतुलन साधने वाली रणनीति” के रूप में देखा जा रहा है।

गठबंधन में भूमिका: EBC और मछुआरा समाज की अहमियत

मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी बिहार में अति पिछड़ा वर्ग (EBC) और मल्लाह/नाविक समाज के प्रतिनिधित्व के लिए जानी जाती है।

महागठबंधन के रणनीतिकारों का मानना है कि इन वर्गों का समर्थन चुनावी जीत में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।

VIP को दी गई अधिकांश सीटें वही हैं, जहां इस वर्ग की जनसंख्या निर्णायक मानी जाती है।

मुकेश सहनी ने कहा—

“हम सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने आए हैं। इस बार बिहार के हर तबके की आवाज विधानसभा तक पहुंचेगी। VIP महागठबंधन के साथ पूरी मजबूती से मैदान में है।”

2020 में NDA का हिस्सा थी VIP, अब बदला समीकरण

2020 के विधानसभा चुनाव में मुकेश सहनी की पार्टी NDA का हिस्सा थी और भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ी थी।

हालांकि बाद में संबंध बिगड़ने के बाद सहनी ने महागठबंधन का दामन थाम लिया।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस बदलाव से महागठबंधन को EBC (अति पिछड़ा वर्ग) वोट बैंक में फायदा हो सकता है, जबकि NDA को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

सीट बंटवारे पर “Friendly Fight” की स्थिति

हालांकि अधिकतर सीटों पर सहमति बन चुकी है, फिर भी कुछ क्षेत्रों में महागठबंधन के घटक दलों के बीच हल्की तनातनी बनी हुई है।

उदाहरण के तौर पर गौरा बौराम, कटिहार, और निर्मली सीटों पर एक से अधिक गठबंधन उम्मीदवारों ने नामांकन किया है, जिससे “Friendly Fight” की स्थिति बन रही है।

जानकारों के अनुसार, नामांकन वापसी की अंतिम तारीख से पहले इन सीटों पर समायोजन संभव है।

RJD और कांग्रेस को लेकर भी बना फॉर्मूला

महागठबंधन के अंदर सीटों का फॉर्मूला लगभग तय है:

  • RJD : लगभग 140 से अधिक सीटों पर लड़ेगी
  • कांग्रेस : करीब 50 सीटों पर
  • लेफ्ट पार्टियां (CPI, CPM, CPI-ML) : लगभग 30 सीटों पर
  • VIP : 15 सीटों पर

यह फॉर्मूला इस बार सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है ताकि सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके।

राजनीतिक संदेश और रणनीतिक असर

  1. EBC (अति पिछड़ा वर्ग) मतदाताओं को जोड़ने की कोशिश: महागठबंधन ने VIP को सम्मानजनक सीटें देकर अति पिछड़े वर्ग को साधने का संकेत दिया है।
  2. गठबंधन एकता का प्रदर्शन: राहुल गांधी के हस्तक्षेप के बाद बना यह समझौता यह दिखाता है कि महागठबंधन 2025 में एकजुट होकर मैदान में उतरना चाहता है।
  3. NDA के लिए चुनौती: मुकेश सहनी की वापसी से NDA की पारंपरिक “मल्लाह वोट बैंक” पर असर पड़ सकता है।

महागठबंधन में VIP को 15 सीटें: मुकेश सहनी से बढ़ी गठबंधन की ताकत

महागठबंधन में सीट बंटवारे का सबसे जटिल अध्याय अब लगभग समाप्त हो गया है।

मुकेश सहनी की वीआईपी को 15 सीटें मिलना महागठबंधन के लिए एक बड़ा रणनीतिक कदम है, जो न केवल गठबंधन एकता को मजबूत करता है बल्कि अति पिछड़ा वर्ग और मछुआरा समुदाय के बीच गहरी पैठ बनाने की दिशा में भी अहम साबित हो सकता है।

Read Also: 24 सीटों का आया परिणाम

अब सभी की नजरें आज शाम मुकेश सहनी की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर टिकी हैं, जहाँ वे सीटों और उम्मीदवारों की औपचारिक घोषणा कर सकते हैं।

बिहार चुनाव 2025 के राजनीतिक घमासान के बीच पूर्ण मोक्ष और शांति की राह

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन में VIP को 15 सीटें मिलना न केवल राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह दिखाता है कि सही मार्गदर्शन और संतुलन से जटिल परिस्थितियों का समाधान संभव है। जैसे महागठबंधन ने राहुल गांधी के हस्तक्षेप से सीट बंटवारे का गतिरोध सुलझाया, वैसे ही जीवन में सच्चे गुरु और सत्संग से कठिनाइयों को दूर किया जा सकता है। संत रामपाल जी महाराज अपने सत्संगों के माध्यम से हमें यह सिखाते हैं कि शास्त्र अनुकूल भक्ति साधना करने से ही जीवन की सारी कठिनाइयों को दूर कर पूर्ण मोक्ष और परमात्मा की प्राप्ति की जा सकती है। उनके आधिकारिक वेबसाइट www.jagatgururampalji.org और “Sant Rampalji Maharaj” यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध सत्संगों, प्रवचनों और संत जी के पुस्तकों से व्यक्ति मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक संतुलन प्राप्त कर सकता है। शास्त्रानुसार भक्ति से पाप और दुख से मुक्ति मिलती है, आंतरिक शक्ति बढ़ती है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है। यही कारण है कि जैसे राजनीतिक रणनीति से गठबंधन मजबूत होता है, वैसे ही सच्चे गुरु के मार्गदर्शन से जीवन में स्थिरता, सफलता और आत्मिक शांति आती है।

Vedio Credit: News 18

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