अपराध शब्द का बहुत ही व्यापक स्वरूप है जिसका कोई ओर- छोर नही है। आसान शब्दों में कहें तो किसी देश या राष्ट्र की विधिक (Legal Wrong) या संविधान में अंकित उन सभी नैतिक मूल्यों का उल्लंघन अपराध कहलाता है। जिसे किसी भी परिस्थिति में उल्लंघित करना दंडनीय माना जाता है। संविधान विधि या पारिवारिक विधि इन सबका उल्लंघन तब तक अपराध नहीं कहलाता है। जब तक उसे किसी विधि या संविधान द्वारा अपराध घोषित न कर दिया जाए। एक साधारण व्यक्ति के लिए अपराध वह कार्य है जिसे समाज में सब लोग निंदा की दृष्टि से देखते हैं।
जो समाज की नैतिक मान्यताओं के विरुद्ध किया गया कु कृत्य होता है। जिनमें चौरी, जारी, रिश्वतखोरी, लूटमार, डकैती, हत्या और बलात्कार जैसे घिनौने अपराध शामिल हैं जो समाज की नैतिक मान्यताओं के बिल्कुल विरुद्ध है। जिसे समाज के सभ्य लोगों द्वारा कतई भी स्वीकार नही किया जा सकता। आधुनिक दौर में व्यक्ति मोटी कमाई करने के लिए वह सभी काम करने के लिए तैयार हो जाता हैं जो करने योग्य नहीं होते। लगातार चोरी, रिश्वतखोरी, हत्या, बलात्कार जैसे अपराध दिन-प्रतिदिन तेजी से अपने पैर पसार रहे है। आईए जानते हैं इस लेख के माध्यम से क्या है इन अपराधों को पूरी तरह से समाप्त करने का जड़मूल उपाय पढ़िए पूरा लेख…
अपराध क्या है? (What is the Crime?)
अपराध के विषय में देना सटीक बता देना एक ऐसा कठिन कार्य है जो अब तक कोई भी लेखक सफलतापूर्वक नहीं कर सका। इसका कारण यह है कि वास्तव में दण्डनीय अपराध मौलिक रूप में स्थान विशेष की दण्ड नीति पर निर्भर करता है, जो समय-समय पर समाज के उस सशक्त समूह द्वारा निर्धारित की जाती है जो सुरक्षा तथा सुख-शान्ति बनाए रखने के लिए राज्य की प्रशासनिक शक्ति द्वारा उस वयवहार को दबाने की क्षमता रखता है। आसान शब्दों में कहें तो विधी तथा समाज की मान्यताओं द्वारा निषिद्ध ऐसे अपकृत्य जो राज्य द्वारा दंडनीय होते हैं, अपराध कहलाते हैं।
- ऐसा अपराधिक कार्य जो किसी कि भावनाओं, चरित्र अथवा स्वाभिमान का हनन करता हो तथा उस कार्य से किसी व्यक्ति, देश या राष्ट्र को नुकसान होता हो अपराध है।
- ऐसा अपराधिक कार्य जो किसी व्यक्ति द्वारा जाने अनजाने में किया गया हो जो किसी जीव को नुकसान पहुचाना या दुखी करता हो, करने को अपराध कहा जाता है।
विश्व के टाॅप 5 ऐसे देश, जहां सबसे ज्यादा होते हैं अपराधिक केस
जनसंख्या में बढ़ोत्तरी हो तब अपराधों में वृद्धि होना स्वभाविक है क्योंकि महंगाई के इस दौर में अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करने मैं अक्षम व्यक्ति दो नंबर का काम करके जीवन यापन करने की कोशिश करता है। आईए जानते हैं विश्व के पांच ऐसे देशों के बारे में जहां आए दिन सबसे ज्यादा अपराध होते हैं। इसमें सबसे पहले पायदान पर दक्षिण अफ्रीका का देश वेनेजुएला है जिसमें लगभग 2 करोड़ 90 लाख जनसंख्या है। साल 2021 की रिपोर्ट के अनुसार वेनेजुएला के क्राइम इंडेक्स की बात करें तो यह 84.49 और सेफ्टी इंडेक्स बहुत कम जो कि 15.51 है। वहीं पापुआ न्यू गिनी जो इंडोनेशिया के पास स्थित एक छोटा सा देश है जिसकी जनसंख्या 80 लाख है अपराधों के मामले में दूसरे नंबर पर है, जिसका क्राइम इंडेक्स 81.93 और सेफ्टी इंडेक्स 18.07 है। ये हैं वो 5 देश जहाॅं सबसे ज्यादा अपराध के केस मिलते हैं।
- वेनेजुएला
- पापुआ न्यू गिनी
- अफगानिस्तान
- दक्षिण अफ्रीका
- होंडुरस
अपराधिक केसों में भारत 68वें स्थान पर
भारतवर्ष जिसे आर्यवर्त या जंबूद्वीप भी कहते हैं जो हमेशा से ही महापुरुषों की जन्मभूमि रहा हैं जहां लोग ईश्वर से डरकर अपने भक्ती कर्म करने वाले होते रहे हैं। ऐसे भारतखण्ड को संतों की भूमि भी कहा जाता है जो अब आधुनिकता के दौर में अपराधों के मामले में 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक 68वें नंबर पर है। यहां का क्राइम इंडेक्स प्वाइंट 43.32 है, जबकि सेफ्टी इंडेक्स प्वाइंट 56.68 है। 2019 के मुकाबले क्राइम के मामले काफ़ी कम हैं, जबकि सेफ़्टी इंडेक्स में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं कतर देश में सबसे कम अपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau) जो भारत सरकार के राष्ट्रीय ई-गर्वनेंस योजना के अंतर्गत एक मिशन मोड परियोजना है। जो अपराध संबंधी आँकड़ों को एकत्रित करके कानूनी व्यवस्था में सुधार करने का प्रयास करती है। इसके द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार –
- बलात्कार और अपहरण जैसे आपराधिक मामलों में 1.1% की वृद्धि हुई है।
- अपहरण जैसी घटनाओं में 5.1% की वृद्धि दर्ज की हुई है।
- भारत में हत्या जैसे हिंसक अपराधों तथा महिलाओं के विरुद्ध होने वाले जघन्य अपराधों में 4% की वृद्धि हुई है, जो कि एक गंभीर चिंता का विषय है।
- महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों की सर्वाधिक संख्या दिल्ली और मुंबई में दर्ज़ की गई है।
- चौरी डकैती लूटमार जैसे अपराध गांवों की तुलना में शहरों में अधिक होते हैं।
- रिपोर्ट के अनुसार भारत में बिहार तथा उत्तर प्रदेश राज्यों में हत्या और हिंसक जैसे अपराध सर्वाधिक वृद्धि हुई है।
भारत में बढ़ते अपराधों का मुख्य कारण क्या है?
अपराध एक सार्वभौमिक समस्या है, जो प्रत्येक देश, राज्य एंव समाज में किसी भी रूप या मात्रा में मौजूद है। अपराध निरंतर चलने वाली प्रकिया है जिसका सम्बन्ध सीधे तौर पर मानव के आचरण से है, जिस तरह समय एवं परिस्थितियों के अनुसार मानव के आचरण में बदलाव होना स्वाभाविक है, उसी तरह अपराधों के कारण भी एक देश या राष्ट्र में अलग-अलग हो सकते है। हमारे भारत देश में अपराध का सबसे बड़ा कारण है लोगों का बेरोजगार होना है तथा आर्थिक रुप से कमजोर व्यक्ति बीड़ी, सीगरेट, दारू या ड्रग्स के नशे में लिप्त होकर लोभ, लालच, क्रोध, मोह, द्वेष आदि के अधीन होकर हिंसा, अत्याचार, हत्या, चोरी, बलात्कार, डकैती और बेईमानी जैसे कामों को अंजाम देता है। जो समाज में होने वाले अपराधों का मुख्य कारण हैं।
अपराधों की रोकथाम के लिए सरकार की भूमिका
बढ़ते क्राइम को ध्यान में रखते हुए सरकार का यह दायित्व बनता है कि वह केवल नियमों को कागजों तक सीमित न रखे, वरन उन्हें सख्ती से लागू भी करे। चोरी जारी, रिश्वतखोरी, हत्या, डकैती, बलात्कारी जैसे व्यक्तियों को कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए ताकि अन्य लोग भी इन घिनौने अपराधों को करने से पहले सौ बार सोचें और उनकी सजा के डर से कोई भी गलती ना करे। उदाहरण के तौर पर पुराने समय में राजा महाराजाओं द्वारा अपराधी व्यक्तियों को जंजीरों से बांधकर पूरे नगर में घूमाते थे और उन्हीं से बुलवाते थे कि हमने ऐसा अपराध किया जिसकी ये दर्दनाक सजा हमें मिली। ऐसी गलती आप न करना इन कठोर दंडों का मुख्य उद्देश्य यही होता था की बांकी जनता इस प्रकार की गलती करने से पहले कई बार सोचे और इन अपराधों को करने से बचे।
आख़िर मनुष्य अपराध क्यों करता है?
यहां हर कोई चाहता है की हमें मेहनत कम और सुकून ज्यादा मिले, लेकिन सभी मनुष्य (स्त्री-पुरुष) यहाँ की त्रिगुणी माया के आधीन है। इस धरती पर सभी के शरीर मे काल ब्रह्म शैतान ने अपना एक ऐजेंट रूपी “मन” छोड़ रखा है जितने भी गलत कृत्य (अपराध) मनुष्य करता है वह मन के आधीन होकर करता है किसी भी अपराध को करने से पहले आत्मा उस व्यक्ति को सौ बार धिक्कारती है। क्योंकि आत्मा, परमात्मा का अंश है। लेकिन मन की गहरी मलीनता आत्मा की आवाज़ को दबाकर मनुष्य को अपराध करने पर विवश कर देती है। क्योंकि मनुष्य के शरीर में पांच विकार काम, क्रोध, मोह, लोभ और अहंकार हमेशा ज़हर की तरह विद्यमान रहते हैं और इन्ही विकारों के कारण जीव अपराधों को अंजाम देता है।
कैसे लगेगी अपराधों पर लगाम?
कहते है कि मनुष्य जैसा कर्म करेगा उसे वैसा फल मिलेगा यदि कोई मनुष्य पाप कर्म करता है तो उसका प्रतिफल भी उसे भोगना पड़ता है। अगर अच्छे कर्म करोगे तो अच्छा फल पाओगे और गलत कर्म यानी अपराध करोगे तो उसका दंड भी पाओगे। संत रामपाल जी महाराज जी आज धरती पर सच्चे समाज सुधारक और पूर्ण तत्वदर्शी आध्यात्मिक संत हैं जो अपने अनुयायियों को ऐसी सतभक्ति प्रदान करते हैं जो समाज में व्याप्त सभी बुराईयों जैसे चोरी, जारी, रिश्वतखोरी आदि कुरूतियो से कोसों दूर रहते हैं। इसका परिणाम अपराधों से मुक्त एक स्वच्छ समाज तैयार करना है। पूरा विश्व अगर संत रामपाल जी महाराज जी से निशुल्क नाम दीक्षा लेकर उनके समाज सुधारक कार्य में अपना योगदान दें तो दुनिया में होने वाले इन जघन्य अपराधों पर पूरी तरह लगाम लगाई जा सकती है। देश-विदेश में बढ़ते अपराधों को समाप्त करने और संत रामपाल जी महाराज जी के समाज कल्याण में अपना योगदान देने और निशुल्क नाम दीक्षा प्राप्त करने के लिए हमे +91 82228 80541 नंबर पर कॉल करें।
अपराधों (Crime) से संबंधित FAQ
Q.1 सबसे ज्यादा अपराधिक मामले किस देश में देखे गए हैं?
Ans. साउथ अमेरिका के वेनेजुएला में।
Q.2 भारत का अपराधिक मामलों में कौन सा वां स्थान है?
Ans. 68वां।
Q.3 भारत का सेफ्टी इंडेक्स कितना है?
Ans. 56.68
Q.4 सबसे कम अपराधिक मामले कहां दर्ज किए जाते हैं?
Ans. कतर देश में।