BBC Documentary on Modi: भारत के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनाई गई बीबीसी की डॉक्टयूमेन्ट्री के पहले एपिसोड को यूट्यूब पर ब्लॉक करने का आदेश दिया है. साथ ही मंत्रालय ने वीडियो का लिंक शेयर करने वाले ट्विटर पोस्ट को भी हटाने के भी आदेश दिए हैं.
JNU में 24 जनवरी को डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग हुई रद्द
दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में छात्रों के एक समूह द्वारा “इंडिया: द मोदी क्वेश्चन” की स्क्रीनिंग के कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है. जेएनयू में आज यानि की 24 जनवरी को बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग होनी थी. लेकिन शांति भंग होने की आशंका के बीच इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को रद्द कर दिया गया है.
BBC Documentary on Modi: BBC की डॉक्यूमेंट्री में क्या है?
ये डॉक्यूमेंट्री 2002 गुजरात दंगों पर बनी है. डॉक्यूमेंट्री में 2002 दंगों की जांच का दावा किया गया है कि दंगों को लेकर तत्कालीन CM मोदी पर आरोप है. यह डॉक्यूमेंट्री गुजरात दंगा 2002 पर आधारित है. बीबीसी ने इसको लेकर एक सीरीज तैयार की है. इसका पहला पार्ट शेयर किया गया था. डॉक्यूमेंट्री में 2002 के गुजरात दंगे के समय की सरकार पर सवार खड़े किए गए हैं. इसे लेकर यह विवादों में घिरी है. इस वीडियो के आने के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने वीडियो को ब्लॉक करने के लिए यूट्यूब और ट्विटर को आदेश दिया था.
जेएनयू प्रशासन ने स्क्रीनिंग की इजाजत नहीं दी
BBC Documentary on Modi: डाक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग रात 9 बजे शुरू होने वाली थी और छात्रों ने प्रशासन की अस्वीकृति के बावजूद इसे आगे बढ़ाने की योजना बनाई थी. जेएनयू प्रशासन ने स्क्रीनिंग की इजाजत नहीं दी थी. साथ ही कहा था कि डाक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग होने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. हालांकि छात्रों ने जोर देकर कहा था कि स्क्रीनिंग से विश्वविद्यालय के किसी नियम का उल्लंघन नहीं होगा और न ही इससे सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ेगा.
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बीबीसी के डॉक्यूमेंट्री को यूके के सांसद ने भी बताया पक्षपातपूर्ण
यूके हाउस ऑफ लॉर्ड्स के एक सदस्य लॉर्ड रामी रेंजर ने भी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को पक्षपातपूर्ण बताया है. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “बीबीसी आपने एक लोकतांत्रिक रूप से चुने गए भारत के प्रधानमंत्री, भारतीय पुलिस और भारतीय ज्यूडिशियरी को ठेस पहुंचाया है, और करोड़ों भारतीय की भावनाओं को आहत पहुंचाई है. हम दंगों और इसमें जो जानें गईं उसकी आलोचना करते हैं और हम आपके पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग की भी आलोचना करते हैं.”
केरल में डॉक्युमेंट्री दिखाने का कांग्रेस का ऐलान
वहीं, केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अधिवक्ता शिहाबुद्दीन करयात ने कहा है कि देश में इस पर अघोषित प्रतिबंध के मद्देनजर गणतंत्र दिवस पर पार्टी के जिला मुख्यालयों में विवादित बीबीसी के डॉक्युमेंट्री की स्क्रीनिंग की जाएगी।
क्या है बीबीसी की विवादित डॉक्युमेंट्री विवाद?
बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह कई YouTube वीडियो और डॉक्युमेंट्री के लिंक साझा करने वाले ट्विटर पोस्ट को ब्लॉक करने का निर्देश दिया था। मालूम हो कि दो पार्ट में बनी बीबीसी डॉक्युमेंट्री, जो दावा करती है कि उसने 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित कुछ पहलुओं की जांच की थी। हालांकि इसे विदेश मंत्रालय द्वारा प्रोपेगेंडा बताकर खारिज कर दिया गया। विदेश मंत्रालय ने बताया कि इसमें निष्पक्षता की कमी है और औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है। वहीं, केंद्र सरकार के इस कदम को कांग्रेस और टीएमसी जैसे विपक्षी दलों से तीखी आलोचना मिली है।
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जेएनयू वीसी ने नहीं की कोई टिप्पणी
BBC Documentary on Modi: आधी रात के बाद बिजली बहाल हो गई थी। जेएनयू वीसी संतश्री शांतिश्री पंडित (JNU VC Santishree Pandit) और यूनिवर्सिटी रेक्टर 1 सतीश चंद्रा गरकोटी ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की। उप रजिस्ट्रार रविकांत सिन्हा (Deputy Registrar Ravi Kant Sinha) ने कहा कि वह टिप्पणी करने के लिए अधिकृत नहीं हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, “हमें जेएनयू वीसी और विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार द्वारा बताया गया है कि यह एक बड़े पैमाने पर बिजली की विफलता है, जिसने परिसर के एक तिहाई हिस्से को प्रभावित किया है। बिजली काटने का कोई जानबूझकर प्रयास नहीं किया गया है
BBC Documentary on Modi: ब्रिटेन में रहने वाले भारतीयों का क्या कहना है?
इसके लिए हमने लंदन में भारतीय समुदाय के हक की लड़ाई लड़ने वाली ‘द रीच इंडिया’ ऑर्गेनाइजेशन की अध्यक्ष गायत्री से बात की। गायत्री लंदन में साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में कंसलटेंसी के लिए भी काम करती हैं। उन्होंने कहा, ‘बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ऐसे वक्त आई है, जब ब्रिटेन में पहली बार किसी भारतीय मूल के व्यक्ति को प्रधानमंत्री चुना गया है। जब ऋषि प्रधानमंत्री चुने गए थे, तब ब्रिटेन कई तरह की समस्याओं से घिरा था। एक तरफ रूस-यूक्रेन युद्ध चल रहा था तो दूसरी ओर देश में आर्थिक संकट का दौर था।
ऋषि ने इन समस्याओं से निपटने के लिए कई तरह के ठोस कदम उठाए। अब हालात सामान्य होने लगे हैं। ऋषि के आने के बाद भारत और ब्रिटेन के रिश्ते और अधिक मजबूती की ओर बढ़ने लगे हैं। यही बात कई लोगों को रास नहीं आ रही है। यही कारण है कि हिंदू और भारत विरोधी ताकतें किसी न किसी तरह से ऋषि सुनक की सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही हैं।’ गायत्री तीन बिंदुओं में बीबीसी की डॉक्यूमेंटी को बड़ी साजिश का हिस्सा बताती हैं।
ISIS आतंकी को हीरो और प्रधानमंत्री को बदनाम किया
गायत्री के अनुसार, बीबीसी की सोच पर इसलिए भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि, कुछ समय पहले ही इन्होंने आतंकी संगठन ISIS के एक आतंकवादी की पत्नी शमीमा बेगम का इंटरव्यू किया था। इस इंटरव्यू में बीबीसी ने आतंकी संगठन ISIS के बारे में काफी पॉजिटिव चीजें दिखाई हैं। इसमें शमीमा बेगम को एक बेसहारा के तौर पर प्रजेंट किया गया। दिखाया गया है कि ISIS की खराब हालत के बाद कैसे शमीमा वापस ब्रिटेन आ गई। और दूसरी तरफ एक डॉक्यूमेंट्री के जरिए दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत के प्रधानमंत्री के चरित्र को खराब करने की कोशिश की गई।
BBC Documentary on Modi: डॉक्यूमेंट्री में मोदी के बारे में क्या कहा गया है?
डॉक्यूमेंट्री में बताया गया है कि ब्रिटिश विदेश मंत्रालय ने अपनी जांच रिपोर्ट में गुजरात दंगों के दौरान हुई हिंसा के लिए नरेंद्र मोदी को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया था।रिपोर्ट के अनुसार, “विश्वसनीय लोगों ने बताया कि मोदी 27 फरवरी (2002) को वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मिले थे और उनसे दंगों में दखल न देने को कहा था।”इसके अनुसार, पूर्व मंत्री हरेन पंड्या ने एक पादरी को बताया था कि मोदी ने यह आदेश दिया था।