भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका पहला ODI: नवंबर 2025 की शुरुआत में भारत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2-0 से करारी टेस्ट श्रृंखला हार झेलनी पड़ी थी। विशेषकर 22 नवंबर को गुवाहाटी में दूसरे टेस्ट में 408 रनों की करारी शिकस्त—जो घरेलू मैदान पर भारत की अब तक की सबसे भारी हार रही—ने टीम इंडिया पर दबाव बढ़ा दिया था। इसी पृष्ठभूमि में 30 नवंबर से रांची के JSCA इंटरनेशनल स्टेडियम में तीन मैचों की वनडे सीरीज़ की शुरुआत हुई, जिसने दोनों टीमों के बीच चल रही प्रतिद्वंद्विता को एक नए मुकाम पर पहुँचा दिया।
टॉस हारकर पहले बल्लेबाज़ी: भारत का 349/8 का विशाल स्कोर
दक्षिण अफ्रीका के कप्तान एडेन मार्करम ने टॉस जीतकर भारत को बैटिंग के लिए आमंत्रित किया। भारत की कप्तानी KL राहुल ने संभाली। तीसरे ओवर में यशस्वी जायसवाल मात्र 18 पर नान्द्रे बर्गर की गेंद पर चलते बने। लेकिन यहाँ से रोहित शर्मा और विराट कोहली ने रनों की झड़ी लगा दी।
रोहित-कोहली का 136 रन का तूफ़ानी साझेदारी
18 ओवर में 136 रन की साझेदारी के दौरान रोहित ने 51 गेंदों पर 57 रन ठोके, जिसमें पांच चौके और तीन छक्के शामिल थे। उन्हें मार्को यानसन ने LBW आउट किया। दूसरी ओर विराट कोहली ने रांची में एक और ऐतिहासिक पारी खेलते हुए 120 गेंदों पर 135 रन ठोके—यह उनका 52वां ODI शतक और रांची में पिछले पाँच मैचों में तीसरा था। 11 चौके और 7 छक्कों के साथ उन्होंने एक बार फिर अपने विश्व रिकॉर्ड को और मज़बूत किया।
मध्य क्रम का मिश्रित प्रदर्शन
रुतुराज गायकवाड़ – 8
वॉशिंगटन सुंदर – 13
KL राहुल – 56 गेंदों पर 60 (2 चौके, 3 छक्के)
रविंद्र जडेजा – 20 गेंदों पर 32
द. अफ्रीका की गेंदबाज़ी में
* यानसन – 2/76
* बर्गर – 2/65
* कॉर्बिन बॉश – 2/66
* बॉर्टमैन – 2/60
साथ ही 23 एक्स्ट्रा रन भी मिले।
कोहली के शतक पर मैदान में घुसा फैन—अभूतपूर्व घटना
38वें ओवर में विराट कोहली का शतक पूरा होते ही एक दर्शक सुरक्षा घेरा तोड़कर मैदान में दौड़ पड़ा और कोहली के पैरों पर गिर गया। कोहली ने स्वयं उसे उठाने में मदद की। सुरक्षा बलों ने तुरंत उसे बाहर ले जाया। खेल कुछ पल के लिए रुका, लेकिन किसी प्रकार की कार्यवाही या दंड की सूचना नहीं आई।
द. अफ्रीका की खराब शुरुआत: 11/3 और भारतीय गेंदबाज़ों का कहर
लक्ष्य का पीछा करते हुए दक्षिण अफ्रीका की हालत प्रारंभिक ओवरों में बेहद खराब रही।
हरषित राणा ने अपने पहले ओवर में दो बड़े विकेट उड़ा दिए—
रयान रिकेल्टन – गोल्डन डक
क्विंटन डिकॉक – 0
इसके बाद अर्शदीप सिंह ने कप्तान मार्करम (7) को चलता किया। स्कोर था—11/3
बीच के ओवरों में संघर्ष से उभरने की कोशिश
1.मैथ्यू ब्रेट्ज़के और टोनी डी ज़ोरज़ी ने चौथे विकेट के लिए 66 रन जोड़े।
2.डी ज़ोरज़ी 39 (35 गेंद) पर कुलदीप यादव की गेंद पर LBW आउट हुए।
3. ब्रेट्ज़के ने 72 (80 गेंद) की जुझारू पारी खेली।
उनके साथ डिवाल्ड ब्रेविसने 37 रन बनाते हुए 53 रन की साझेदारीकी।
यानसन का तूफ़ानी 70 रन
कुलदीप के 34वें ओवर में मैच का ब्रेकथ्रू आया—उन्होंने ब्रेट्ज़के और मार्को यानसन दोनों को आउट किया।
यानसन ने मात्र 39 गेंदों पर 70 रन (8 चौके, 3 छक्के) ठोकते हुए मैच को रोमांचक बनाए रखा। तब स्कोर था 228/7
कॉर्बिन बॉश की जांबाज़ पारी, लेकिन जीत से 18 रन दूर
इसके बाद कॉर्बिन बॉश ने 51 गेंदों पर 67 रन (5 चौके, 4 छक्के) बनाकर मुकाबले को आखिरी ओवर तक खींचा।
उनका साथ
* प्रेनेलन सुब्राएन – 17
* नान्द्रे बर्गर – 17
ने दिया।
लेकिन अंतिम ओवर में 18 रन की आवश्यकता पर अर्शदीप सिंह की यॉर्करों ने खेल समाप्त कर दिया। दक्षिण अफ्रीका 332 पर 49.2 ओवर में ऑल आउट हो गई।
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कुलदीप-कोहली को संयुक्त प्लेयर ऑफ द मैच
* कुलदीप यादव – 4/68
* हरषित राणा – 3/65
* अर्शदीप – 2/64
* जडेजा – 66 रन लीक
* प्रसिद्ध कृष्णा – 1/48
* सुंदर – 0/18 (3 ओवर)
कुल 681 रन बने—यह भारत-दक्षिण अफ्रीका ODI इतिहास का सबसे बड़ा संयुक्त स्कोर है।
भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका पहला ODI मैच के बाद प्रतिक्रियाएँ
- KL राहुल – दबाव में भी योजना पर कायम रहने की तारीफ, फॉर्मेट में वापसी को “बटरफ्लाइज का एहसास” कहा।
- विराट कोहली – तैयारी पर सवालों को खारिज करते हुए कहा कि वे “विज़ुअलाइजेशन और नेट फॉर्म” पर भरोसा करते हैं।
- रोहित शर्मा – शुरुआती विकेटों को “फील्डिंग लैप्स” बताया।
- एडेन मार्करम – हार का कारण “स्विंग के खिलाफ खराब शुरुआत” बताया।
- सुनील गावस्कर – चेतावनी दी कि दक्षिण अफ्रीका की जुझारू वापसी अगले दो मैचों में भारत की परीक्षा लेगी।
सीरीज़ की स्थिति और आगे का कार्यक्रम
1 दिसंबर 2025 तक भारत 1-0 से आगे है।
- दूसरा ODI – 3 दिसंबर, रायपुर
- तीसरा ODI – 6 दिसंबर, कोलकाता
मौसम पूर्वानुमान साफ है और किसी खिलाड़ी की चोट की सूचना नहीं।
रोहित और कोहली ने अपने प्रदर्शन से 2027 विश्व कप को लेकर उठ रहे सवालों को फिलहाल शांत कर दिया है।
द. अफ्रीका के निचले क्रम—विशेषकर यानसन और बॉश—ने 1999 के क्लूसनर-पोलॉक जैसी ऐतिहासिक साझेदारी की याद दिला दी।
अंत में, दोनों टीमों पर मामूली ओवर-रेट फाइन भी लगाया गया, जबकि DRS निर्णय—डी ज़ोरज़ी के सफल LBW रिव्यू और बॉश के नॉट-आउट—ने मैच की दिशा बदलने में अहम भूमिका निभाई।