कृषि कानूनों की वापसी के बाद किसानों की बाकी मांगों पर भी सरकार की तरफ से पुख्ता भरोसा मिलने के बाद किसान आंदोलन खत्म (Kisan Andolan Latest News Hindi) हो गया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन को सस्पेंड करने का ऐलान किया है। मोर्चा ने कहा है कि हर महीने हालात की समीक्षा होगी और उसके हिसाब से फैसले लिए जाएंगे।
Kisan Andolan Latest News Hindi: 13 दिसंबर को स्वर्ण मंदिर जाएंगे किसान
मोर्चा की तरफ से कहा गया कि 13 दिसंबर को अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर जाएंगे. 15 दिसंबर को पंजाब के सारे आंदोलन खत्म हो जाएंगे. हम यहां से बड़ी जीत लेकर जा रहे हैं. किसानों ने एक साल तक संघर्ष किया है. यह आजादी के बाद का सबसे बड़ा आंदोलन है.
संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के बाद किसान नेताओं ने जो प्रेस कॉन्फ्रेंस की, उसमें बहुत ही जोर देकर और कई बार कहा कि आंदोलन सस्पेंड हो रहा है, स्थगित हो रहा है। उन्होंने साफ किया कि अगर सरकार अपने वादों से पीछे हटेगी तो किसान फिर सड़कों पर उतरेंगे। किसान नेताओं ने तंजिया लहजे में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘काले कानून’ लाने के लिए धन्यवाद क्योंकि इससे किसानों में जागरूकता और अभूतपूर्व एकता पैदा हुई।
किसानों ने बॉर्डर पर बनाए अपने टेंट को उखाड़ना शुरू कर दिया है और तिरपाल, बिस्तर को ट्रकों-ट्रैक्टरों में रखना शुरू कर दिया है. किसानों का कहना है कि सरकार ने उनकी मांगों को मान लिया है, इसलिए अब वो वापस लौट रहे हैं.
Kisan Andolan Latest News Hindi: पीएम मोदी का किया धन्यवाद
किसानों ने तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए पीएम मोदी का भी धन्यवाद किया. उधर, सिंघु बॉर्डर से किसानों ने टेंट हटाने शुरू कर दिए हैं. वे घर जाने की तैयारी कर रहे हैं.
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बता दें कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान लगभग एक साल से केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. किसानों का यह प्रदर्शन दिल्ली ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसक भी हुआ था. हालांकि, गुरु नानक जयंती पर पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था. इसके बाद संसद से भी तीनों कानूनों को रद्द कर दिया गया था.
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जानिए: कृषि कानूनों पर कब-कब क्या-क्या हुआ?
5 जून, 2020: सबसे पहले भारत सरकार ने इस तारीख को तीन कृषि अध्यादेशों को राजपत्र में प्रकाशित कर प्रख्यापित किया. इनमें कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तिकरण-संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 शामिल है.
- 14 सितंबर, 2020: संसद का मानसून सत्र शुरू होते ही सरकार ने इस अध्यादेश को कानून का रूप देने के लिए संसद में तीनों कृषि कानून विधेयकों को पेश किया.
- 17 सितंबर, 2020: लोकसभा में हंगामे के बीच तीनों बिल पारित हुए.
- 20 सितंबर, 2020: राज्यसभा में भी तीनों बिल हंगामे के बीच बिना ध्वनिमत से पारित हुआ.
- 24 सितंबर, 2020: पंजाब में किसानों ने तीन दिनों का रेल रोको आंदोलन शुरू किया.
- 25 सितंबर, 2020: अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले देशभर के किसान सड़कों पर उतरे.
- 27 सितंबर, 2020: तीनों कृषि विधेयकों पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दस्तखत किए.
- 25 नवंबर, 2020: पंजाब और हरियाणा के किसानों ने तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली चलो का नारा दिया. दिल्ली पुलिस ने किसानों को कोरोना संक्रमण का हवाला देकर दिल्ली में प्रवेश करने से रोका.
- 26 नवंबर, 2020: दिल्ली की ओर बढ़ रहे किसानों को अंबाला में पुलिस बलों का भारी विरोध झेलना पड़ा. किसानों पर ठंडे पानी की बौछार की गई. उन पर आंसू गैस के गोले दागे गए. बाद में पुलिस ने उन्हें दिल्ली कूच करने की इजाजत दी. दिल्ली की सीमाओं पर किसान आकर डट गए. बाद में पुलिस ने किसानों को निरंकारी ग्राउंड में शांतिपूर्ण प्रदर्शन की इजाजत दी.
- 28 नवंबर, 2020: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किसानों को बातचीत का ऑफर दिया और दिल्ली बॉर्डर छोड़कर बुरारी में आंदोलन स्थल बनाने को कहा. किसानों ने उनका प्रस्ताव ठुकरा दिया और जंतर-मंतर पर विरोध करने की इजाजत मांगी.
- 03 दिसंबर, 2020: केंद्र सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच पहले राउंड की वार्ता हुई लेकिन विफल रही.
- 05 दिसंबर, 2020: किसान संगठनों और सरकार के बीच दूसरी बार वार्ता विफल रही.
- 08 दिसंबर, 2020: किसानों ने भारत बंद का आह्वान किया. दूसरे राज्यों में भी किसानों ने इस बंद का समर्थन किया.
- 09 दिसंबर, 2020: किसान संगठनों ने कृषि कानूनों में संशोधन करने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को ठुकराया और कानून वापसी की मांग पर अड़े.
Kisan Andolan Latest News Hindi: कृषि कानून से देशभर के किसान एकजुट हुए- कक्का
किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा, “किसानों की ऐतिहासिक जीत है. हम उन लोगों से माफी मांगते हैं, जिन्हें प्रदर्शन के चलते परेशानी का सामना करना पड़ा.” साथ ही उन्होंने सभी लोगों का धन्यवाद किया और कहा कि मोदी जी का विशेष तौर पर धन्यवाद, जिन्होंने तीन कृषि कानून लाकर देशभर के किसानों को एकजुट किया.”
अहंकारी सरकार को झुकाकर जा रहे- बलबीर सिंह राजेवाल
किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, “आंदोलन खत्म नहीं हुआ स्थगित हुआ है. अहंकारी सरकार को झुकाकर के जा रहे हैं. किसान 11 दिसंबर को अपने घर वापसी के लिए विजय मार्च निकालेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक 15 जनवरी को होगी.”
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