Last Updated on 24 march 2024, 4:27 PM IST: Mangal Pandey Death Anniversary: आज 8 अप्रैल को मां भारती के अमर शहीद मंगल पांडे (Mangal Pandey) की पुण्यतिथि (Death Anniversary) है। ब्रिटिश सरकार के खिलाफ बगावत का बिगुल बजाने वाले बैरकपुर रेजीमेंट के सिपाही मंगल पांडे को आज के ही दिन फांसी दी गई थी। 1857 की क्रांति के नायक से अंग्रेज इतने खौफजदा हो गए कि फांसी के लिए मुकर्रर तारीख से 10 दिन पहले ही चुपके से फंदे से लटका दिया था। पुण्यतिथि पर आज पूरा देश उन्हें नमन कर रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ट्वीट करते हुए लिखा, 1857 में भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम के प्रणेता एवं महानायक, धर्म एवं मातृभूमि की रक्षा हेतु अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले महान क्रांतिवीर मंगल पांडे जी को उनकी पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि।
भारत की आजादी के कई शहीदों ने अपने जान की कुर्बानी दे दी। लेकिन एक ऐसा भी शख्स था जिसने क्रांति की आवाज 1857 में ही फूंक दिया था। आज जब भी देश के आजादी की बात होती है तो मंगल पांडे का नाम सबके जुबान पर आ जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं की मंगल पांडे ने आखिर कब और कैसे अंग्रेजो के खिलाफ लड़े थे। मंगल पांडे का जन्म 19 जुलाई 1827 को हुआ था और अंग्रेजी हुकूमत के सामने पहली चुनौती पेश करने वाले मंगल पांडे 1857 में 8 अप्रैल को शहीद हुए थे।
Mangal Pandey Death Anniversary: अमर शहीद मंगल पांडेय के बारे में खास बातें
- उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के नगवा गांव में 30 जनवरी 1831 को एक ब्राह्मण परिवार में मंगल पांडे का जन्म हुआ था
- कुछ इतिहासकार मंगल पांडेय का जन्म स्थान फैजाबाद के गांव सुरहुरपुर को बताते हैं
- 1849 में 22 साल की उम्र में मंगल पांडे ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में भर्ती हुए थे
- भारत की आजादी का पहला श्रेय अमर शहीद मंगल पांडेय को जाता है
- 8 अप्रैल 1857 को पश्चिम बंगाल के बैरकपुर में फांसी दी गई थी।
विक्रमादित्य पांडेय ने 1987 में उठाए थे सवाल
विक्रमादित्य पांडेय ने 1987 में उठाए थे सवाल : नगर में स्थापित शहीद मंगल पांडेय स्मारक समिति कदम चौराहा के अध्यक्ष शशिकांत चतुर्वेदी कहते हैं कि वर्ष 1987 में तत्कालीन विधायक विक्रमादित्य पांडेय ने विधानसभा में भी इस सवाल को उठाया था। इसके बाद 1990 में कदम चौराहा व उनके गांव नगवां में मंगल पांडेय की प्रतिमा स्थापित हुई। महानायक के गांव नगवां में भी स्मारक का निर्माण सरकार की ओर से ही कराया गया। उनके नाम पर इंटर कॉलेज भी है। दोनों स्थानों पर उनकी तिथि जन्म की तारीख 30 जनवरी 1831 ही दर्ज है।
Mangal Pandey Death Anniversary: मंगल पांडे से जुड़ी रोचक बातें
- मंगल पांडे जब साल 1949 में भारतीय सेना में शामिल हुए तो उन्हें पहली बार बंगाल सेना में शामिल किया गया. हालांकि बाद में उन्हें 34वीं बंगाल नेटिव इन्फैंट्री (बीएनआई) की 5वीं कंपनी में ट्रांसफर कर दिया गया था.
- पहले मंगल पांडे को फांसी देने की तारीख 18 अप्रैल तय की गई थी, लेकिन उस समय बढ़ते तनाव को देखते हुए उन्हें फांसी देने की तारीख बदल दी गई और 8 अप्रेल को फांसी दे दी गई.
- उनकी मौत के बाद 34वें बीएनआई जिसका हिस्सा मंगल पांडे थे, उस रेजिमेंट को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपने कर्तव्यों को निभाने में विफल रहने के लिए भंग कर दिया.
- रिपोर्ट्स के अनुसार, मंगल पांडे पर आरोप लगाया गया था कि अपने कोर्ट-मार्शल के दौरान उन्होंने अफीम व भांग का सेवन किया था और अपने कार्यों के प्रति सचेत नहीं थे.
- 1857 के विद्रोह का प्रारम्भ एक बंदूक की वजह से हुआ था. सेना में शामिल किए गए नए रायफल ‘एनफील्ड p53’ में लगने वाले कारतूस में गाय और सूअर की चर्बी थी. सैनिकों को इसमें ग्रीज लगी कार्टिज को मुंह से छीलकर हटाना पड़ता था.
- ब्रिटिश सेना के खिलाफ मंगल पांडे द्वारा किए गए विद्रोह को भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम या 1857 के भारतीय विद्रोह के नाम से जाना जाता है.
- साल 2005 में मंगल पांडे के जीवन पर आधारित एक फिल्म बनी थी, जिसका नाम था ‘मंगल पांडे: द राइजिंग’ इस फिल्म में आमिर खान ने मंगल पांडे की भूमिका निभाई थी.
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Mangal Pandey Quotes in Hindi
- यह आजादी की लड़ाई है गुजरे हुए कल से आजादी, आने वाले कल के लिए
- आज तक आपने हमारी वफादारी देखी थी अब आप हमारा क्रोध देखिए
- मारो फिरंगी को
- बंदूक बड़ी बेवफा माशूका होती है वह कब किधर मुंह मोड़ ले इसका कोई भरोसा नहीं
- जब आप अपने देश की रक्षा करते हैं तो धर्म की रक्षा स्वयं ही हो जाती है