Kisan Diwas | National Farmers Day 2024 [Hindi]: किसान दिवस या राष्ट्रीय किसान दिवस (National Farmers Day 2024) 23 दिसंबर को भारत के पांचवें प्रधान मंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के उपलक्ष्य में पूरे देश में मनाया जाता है. चौधरी चरण सिंह 1979-1980 के बीच भारत के पांचवें प्रधानमंत्री रहे. भारतीय किसानों के योगदान के सम्मान में और देश में उनके महत्व को गौरवान्वित करने के लिए 23 दिंसबर को किसान दिवस (Kisan Diwas) के तौर पर मनाया जाता है.
कौन थे चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh)
चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1902 को उत्तर प्रदेश के हापुड़ में हुआ था। चौधरी चरण सिंह ने एक बार कहा था, सच्चा भारत अपने गांवों में बसता है। चौधरी चरण सिंह ने किसानों के हित में कई अहम फैसले लिए। जुलाई 1979 से जनवरी 1980 तक देश के प्रधानमंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान चौधरी चरण सिंह ने किसानों के जीवन और उनकी स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कई अहम नीतियां बनाईं।
यकीनन उनके प्रयास रंग लाए और किसानों की स्थिति में बदलाव भी हुए। कम समय के लिए पीएम रहते हुए भी चौधरी चरण सिंह ने किसानों के लिए कई योजनाएं चलाई।
राष्ट्रीय किसान दिवस का इतिहास (History of National Farmers Day)
इस दिन का आयोजन देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के सम्मान में किया जाता हैं. वो देश के पाँचवे प्रधानमंत्री थे. हालांकि उन्होंने केवल 28 जुलाई 1979 से लेकर 14 जनवरी 1980 तक ये पदभार सम्भाला था, लेकिन इस दौरान ही उन्होंने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए बहुत सी नीतियाँ बनाई थी. चौधरी चरण सिंह की बहुत सी नीतियाँ ना केवल किसानों के हितों की रक्षा करती थी बल्कि उन्हें एकजुट करके जमीदारों से लड़ने को प्रेरित भी करती थी.
उन्होंने “जय जवान-जय किसान” का वास्तविक रूप में अनुसरण किया था. वो लेखक थे और उन्होंने अपने लेखन के हुनर का उपयोग किसानों की समस्याओं और उनके समाधान की किताबों को लिखने में उपयोग किया था.
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और इस तरह उन्होंने कृषकों के जीवन स्तर को सुधारने के बहुत प्रयास किये थे. देश के आम किसानों के बीच सदा लोकप्रिय रहे इस नेता की जयंती को ही किसान दिवस के रूप में मनाना निर्धारित किया गया हैं. ये बात हर कोई जानता हैं कि किसान ही देश का मेरुदंड हैं इसलिए इनके हितों की रक्षा करना बेहद आवश्यक हैं. इस तरह किसान पृष्ठभूमि के चरण सिंह के सम्मान में मनाया जाने वाला ये दिन भारतीयों के मन में किसानों के लिए सम्मान को बढाता है.
राष्ट्रीय किसान दिवस कैसे मनाए? ( How to celebrate National Farmers Day)
इस दिन को मनाने के लिए कोई विशेष खर्चा करने या आयोजन में सम्मिलित होने की आवश्यकता नहीं है, इसके लिए आप व्यक्तिगत स्तर से लेकर अपने संस्थागत स्तर तक विभिन्न तरीकों से किसान दिवस मना सकते हैं आप अपने परिवार और बच्चों को लेकर किसानों के बीच जाकर भी एक दिन बीता सकते हैं,और यदि आप सक्षम हैं और आपको उनकी कोई समस्या समझ आती हैं, तो उसके समाधान में भी मदद कर सकते हैं.
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किसान वर्ग देश के विकास में योगदान देने वाला सबसे आवश्यक वर्ग हैं, इसलिए इन्हें सम्मान देना और इनके लिए एक दिवस मनाना ना केवल राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति करता हैं बल्कि यह आयोजन कृषकों को सामाजिक रूप से भी सशक्त बनाता हैं.
- किसान दिवस के दिन उन नेताओं को सम्मानित किया जाता हैं जिन्होंने देश के किसान के विकास के लिए उचित कार्य किये हो.
- इस दिन कृषि संबंधी कई वर्कशॉप, सेमिनार का आयोजन किया जाता हैं जिसके जरिये किसानो को आधुनिक कृषि एवम आने वाली आपदाओ से कैसे राहत मिले इस तरह की जानकारी विस्तार से दी जाती हैं.
- किसान दिवस के दिन कृषि वैज्ञानिक किसानों से बातचीत करते हैं उनकी समस्या को सुन उसका हल देते हैं.
- इस दिन किसानो को एक बेहतर और आधुनिक कृषि का ज्ञान दिया जाता हैं साथ ही उन्हें इस ओर प्रेरित किया जाता हैं.
- किसान दिवस के दिन किसानो को उनके हक़ और उन्हें दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में भी विस्तार से बताया जाता हैं.
- इस प्रकार हर एक प्रान्त में अलग – अलग तरह से किसान दिवस का आयोजन किया जाता हैं.
किसानों को दिया जाता है प्रोत्साहन
किसानों का देश की प्रगति में बड़ा योगदान होता है, इसलिए हमें किसानों को सम्मान देना चाहिए। केंद्र और राज्यों की सरकारें किसानों के लिए कई तरह की योजनाएं चलाती हैं। इस विशेष दिवस का उद्देश्य ही यही है कि किसानों के योगदान को सराहा जाए। देश में इस अवसर पर किसान जागरूकता से लेकर कई तरह के कार्यक्रम होते हैं। आइए जानते हैं दुनिया के अन्य देशों में कब मनाया जाता है किसान दिवस।
नवीनतम सीखों के साथ किसानों को सशक्त बनाने की कोशिश
इस दिवस को मनाने के पीछे एक और उद्देश्य यह है कि यह कृषि क्षेत्र की नवीनतम सीखों के साथ समाज के किसानों को सशक्त बनाने का विचार देता है। किसान दिवस समारोह लोगों को किसानों के सामने आने वाले विभिन्न मुद्दों के बारे में शिक्षित करने का काम करता है।
किसान दिवस से जुड़ी 10 बड़ी बातें-
- 2001 में, भारत सरकार ने 23 दिसंबर को, जिस दिन चौधरी चरण सिंह का जन्म हुआ था, राष्ट्रीय किसान दिवस के रूप में और सभी सही कारणों से मनाया जाने की घोषणा की.
- 2001 में सरकार द्वारा निर्णय चौधरी चरण सिंह के किसानों के उत्थान और कृषि क्षेत्र के विकास में योगदान को मान्यता देने के लिए लिया गया था. उन्होंने कृषि क्षेत्र में कुछ सबसे उल्लेखनीय सुधार लाए और कई इतिहासकारों ने उन्हें ‘भारत के किसानों का चैंपियन’ कहा.
- चौधरी चरण सिंह का जन्म 1902 में नूरपुर, मेरठ, (तत्कालीन) उत्तर प्रदेश में एक मध्यमवर्गीय किसान परिवार में हुआ था. उन्होंने 1923 में विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की, इसके बाद 1925 में आगरा विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की.
- वह कानून के प्रैक्टिशनर भी थे और देश के स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भागीदार थे.
- एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे चौधरी चरण सिंह देश के किसानों से गहरे जुड़े हुए थे और ग्रामीण भारत के लिए काम करना चाहते थे.
- चौधरी चरण सिंह भूमि सुधारों के पीछे दिमाग थे जिन्होंने देश के सबसे बड़े कृषि राज्य उत्तर प्रदेश में कृषि का चेहरा अच्छे के लिए बदल दिया. कृषि क्षेत्रों के लिए उनके कार्यों में उल्लेखनीय ऋण मोचन विधेयक 1939 था, जिसने उन किसानों के लिए राहत की बौछार की, जो साहूकारों के ऋणी थे. इसने किसानों द्वारा की गई आत्महत्याओं की संख्या पर भी सकारात्मक प्रभाव डाला.
- चरण सिंह द्वारा डिजाइन किया गया एक और परिवर्तनकारी बिल 1960 का लैंड होल्डिंग एक्ट था, जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते हुए लागू हुआ था. कानून ने एक व्यक्ति की जोत को सीमित करके राज्य में एकरूपता सुनिश्चित की.
- उन्होंने राज्य के कृषि मंत्री रहते हुए 1950 के जमींदारी उन्मूलन अधिनियम के लिए भी काम किया.
- चौधरी चरण सिंह ने 14 जनवरी 1980 को अंतिम सांस ली. उन्हें समर्पित एक स्मारक राज घाट पर बनाया गया था और इसे ‘किसान घाट’ कहा जाता है.
- बताया जाता है कि चौधरी चरण सिंह ने सर छोटू राम की विरासत को आगे बढ़ाया, उन्होंने 23 दिसंबर 1978 को किसान ट्रस्ट भी बनाया, ताकि देश में किसानों के मुद्दों के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके.
किसान दिवस का महत्व (National Farmers Day 2024)
यह दिन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह कृषि क्षेत्र की नवीनतम सीखों के साथ समाज के किसानों को सशक्त बनाने का विचार देता है। किसान दिवस समारोह लोगों को किसानों के सामने आने वाले विभिन्न मुद्दों के बारे में शिक्षित करने का काम करता है। यह भी कहा जाता है कि चौधरी चरण सिंह ने सर छोटू राम की विरासत को आगे बढ़ाया, उन्होंने 23 दिसंबर 1978 को किसान ट्रस्ट भी बनाया, ताकि देश में किसानों के मुद्दों के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके।
भूमि सुधार लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका
वे उत्तर प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री बने. हालांकि उनका कार्यकाल दोनों बार लंबा नहीं चला. बावजूद इसके मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने भूमि सुधार लागू करने में प्रमुख भूमिका निभाई और किसानों के हित में कई बड़े फैसले लिए. कहा जाता है कि चौधरी चरण सिंह ने खुद ही उत्तर प्रदेश जमींदारी और भूमि सुधार बिल का मसौदा तैयार किया था.
National Farmers Day Quotes
- सच्चा भारत अपने गांवों में बसता है: चौधरी चरण सिंह किसान की दशा सुधरेगी, तो देश सुधरेगा: चौधरी चरण सिंह
- धैर्य रखें! समय आपने पर दूध से भी घास बन सकती है: चौधरी चरण सिंह
- दुख में हमारे दुश्मनों की आँखों में हमारे लिए आँसू होने चाहिए: चौधरी चरण सिंह
- जब तक किसानों की आर्थिक स्तिथि ठीक नहीं होगी, तब तक देश प्रगति नहीं करेगा: चौधरी चरण सिंह
- सरलता दुख और गरीबी में जीने का मतलब नहीं है। आपके पास वह चीज़ है जिसकी आपको आवश्यकता है, और आप वह नहीं चाहते हैं जिसकी आपको आवश्यकता नहीं है: चौधरी चरण सिंह
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