जीएसटी यानी गुडस सैल्स टैक्स (New GST Rates) | आज की हमारी विशेष पड़ताल में हम भारत में लागू किए गए GST के नए नियमों पर चर्चा करेंगे और साथ ही जानेंगे की सरकार द्वारा बढ़ाई गई GST की दरों से आम आदमी की जेब पर कितना असर पड़ेगा। भारतीय रुपया पहुंचा 80 पार, गैस वाला मांगे रुपया 1 हज़ार। जून में पाए गए 1.3 करोड़ लोग बेरोज़गार, अब तो अनाज पर भी पड़ेगा GST का भार।।
जीहां दोस्तों! 1 जुलाई 2017 का वह दिन था जिस दिन भारत में बरसो से चली आ रही अप्रत्यक्ष टैक्स व्यवस्था को बदलकर एक देश-एक मार्केट और एक टैक्स’ की विचारधारा को मद्देनजर रखते हुए Goods and Service Tax को प्रस्तुत किया गया था। देशभर में इस नए टैक्स सिस्टम के लागू होने के साथ, देश और राज्यों में पहले से चले आ रहे लगभग 2 दर्जन Indirect Taxes खत्म हो गए और उन सबकी जगह पर सिर्फ एक टैक्स सिस्टम बचा जिसे आज दुनिया GST के नाम से जानती है।
इस नए टैक्स सिस्टम को लागू करने के लिए सरकार को भारतीय संविधान में संशोधन भी करना पड़ा, जिसे 101वां संशोधन कहा जाता है। देश में GST के 5 साल बीत जाने के बाद चंडीगढ़ में जीएसटी काउंसिल की हुई 47वीं बैठक में जीएसटी की दरों में एक बार फिर बदलाव किया गया है, जिसके बाद कई सारे रोजमर्रा के सामान महंगे हो गए हैं। जीएसटी बैठक में अनाज, चावल, आटा और दही जैसी पैकेज्ड फूड आइटमस पर GST लगाने का फैसला लिया गया है।
18 जुलाई 2022 से फिर लागू हुईं नई टैक्स दरें
New GST Rates [Hindi] | देशभर में सोमवार, 18 जुलाई, 2022 से गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स में बदलाव लागू हो गए हैं, जिसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ना शुरू हो गया है। नई दरों के आने से देश में कई उत्पाद महंगे हो गए हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद ने अपनी पिछली बैठक में फ्रोजन मैटेरियल्स को छोड़कर डिब्बा या पैकेटबंद और लेबल युक्त मछली, दही, पनीर, लस्सी, शहद, सूखा मखाना, सूखा सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं और अन्य अनाज तथा मुरमुरे पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया है।
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अब ऐसे सभी प्री-पैक्ड फूड आइटम और फूड ग्रेन जीएसटी के दायरे में आएंगे जो भारतीय नाप-तौल अधिनियम के तहत पैक किए गए हैं। वहीं खुले में बिकने वाले बिना ब्रांड वाले उत्पादों पर जीएसटी छूट जारी रखने का फैसला लिया गया है। इसके साथ ही यह शर्त जोड़ी गई है कि 25 किलो या 25 लीटर व ज्यादा मात्रा वाले पैक पर अब जीएसटी से छूट मिलेगी।
नए GST दरों के चलते कौन सी चीजें हो गई हैं महंगी?
1.पैक्ड और लेबल्ड फूड आइटम्स: पहले से पैक और लेबल वाले खाद्य पदार्थ जैसे आटा, पनीर, लस्सी और दही अब महंगे हो गए हैं। शहद, सूखा मखाना, सूखा सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं और अन्य अनाज तथा मुरमुरा भी मंहगा हो गया है। अब प्री-पैकेज्ड लेबल युक्त दही, लस्सी और पनीर के साथ चूड़ा, खोई, चावल, शहद अनाज, मांस, मछली पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।
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New GST Rates [Hindi] | पैक्ड आटा, दाल, चावल और फलीदाना पर 5% और काबुली चना समेत दूसरी वस्तुओं पर 12% तक टैक्स लगेगा। इस नियम से काजू, बादाम जैसे ड्राईफ्रूट्स पर भी टैक्स बढ़ सकता है। अभी पैक्ड या ब्रांडेड ड्राईफ्रूट्स पर 12% और सामान्य पैक के साथ बेचने पर 5% जीएसटी लगता है। ताजा नियमों के बाद इन पर भी टैक्स बढ़ सकता है। हालांकि सभी तरह के गैर ब्रांडेड फूड आइटम और फूड ग्रेन जीएसटी के दायरे से बाहर होंगे। हालाकि आज भी 60 फीसदी से ज्यादा लोग सामने पैक कराकर ही सामान खरीदते हैं। लेकिन मॅाल कल्चर में बिकने वाले सभी सामान 18 जुलाई से महंगे हो गए है।
2.बैंकिंग सर्विसेज: टेट्रा पैक और बैंक की तरफ से चेक जारी करने पर 18 प्रतिशत और एटलस समेत नक्शे तथा चार्ट पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।
- प्रिंटिंग सर्विसेज: इसके अलावा ’प्रिंटिंग/ड्राइंग इंक’, धारदार चाकू, कागज काटने वाला चाकू और ‘पेंसिल शार्पनर’, एलईडी लैंप, ड्राइंग और मार्किंग करने वाले उत्पादों पर टैक्स दर बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी गयी हैं।
- अस्पताल और होटल रूम्स: 5,000 रुपये से अधिक किराये वाले अस्पताल के कमरों पर भी अब जीएसटी देना होगा। इसके अलावा 1,000 रुपये प्रतिदिन से कम किराये वाले होटल कमरों पर 12 प्रतिशत तो , 7500 रुपए से महंगे रूम्स के लिए 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।
इसके साथ ही अब बागडोगरा से पूर्वोत्तर राज्यों तक की हवाई यात्रा पर जीएसटी छूट अब ‘इकोनॉमी’ कैटेगरी तक के यात्रियों को ही मिलेगी। वहीं सौर वॉटर हीटर पर अब 5 प्रतिशत की बजाय 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। इसके अलावा सड़क, पुल, रेलवे, मेट्रो से जुड़े काम की सर्विस पर 12 परसेंट के बदले 18 परसेंट जीएसटी कर दिया गया है। साथ ही अब दाह-संस्कार से जुड़े काम पर भी टैक्स लगाने का निर्णय लिया गया है।
New GST Rates [Hindi] | कहां कहां घटा है GST?
रोपवे के जरिये वस्तुओं और यात्रियों के परिवहन तथा कुछ सर्जरी से जुड़े उपकरणों पर टैक्स की दर घटाकर पांच प्रतिशत की गई है। यह दरें पहले 12 प्रतिशत थी। इसके अलावा ट्रक और वस्तुओं की ढुलाई में इस्तेमाल होने वाले वाहनों जिसमें ईंधन की लागत शामिल है, उन सब पर अब 18 की बजाय 12 प्रतिशत जीएसटी ही लगेगा।
क्या है GST On Rent?
जीएसटी काउंसिल की हालिया बैठक में किराए पर जीएसटी या GST on rent से जुड़े नियम को भी शामिल किया गया है। इससे लोगों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है कि आखिर कार किराए पर लेने पर किसे जीएसटी देना होगा? सोशल मीडिया पर इससे जुड़े कई पोस्ट वायरल हो रहे हैं। किराए पर टैक्स कुछ खास परिस्थितियों में ही लगाया जाएगा। अगर आप नौकरी करते हैं और आपने कोई फ्लैट किराए पर ले रखा है तो आपको किराए पर टैक्स नहीं देना पड़ेगा। नए नियमों के तहत अगर कोई अनरजिस्टर्ड नौकरीपेशा वाला या छोटा कारोबारी आदमी अपना फ्लैट जीएसटी के तहत रजिस्टर्ड पर्सन को देता है तो किराए पर जीएसटी लगेगा। रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत किराएदार को किराए पर 18 फीसदी जीएसटी देना होगा। साथ ही उसे इसके अनुपालन से संबंधित औपचारिकताएं भी पूरी करनी होंगी। टैक्स रूल्स के तहत पर्सन का मतलब केवल इंडिविजुअल नहीं है बल्कि यह एक विस्तृत टर्म है और इसमें कंपनियों के साथ-साथ सभी लीगल एंटिटीज शामिल हैं।
New GST Rates [Hindi] | टैक्स वसूली का यह सिस्टम बहुत पुराना है
वैसे तो टैक्स वसूली का यह सिस्टम देश दुनिया में प्राचीन काल से ही चला आ रहा है। नेताओं और राजाओं ने अपने राज्य को चलाने के लिए हमेशा से ही जनता से कर वसूली की है। कर वसूली के इस अनियंत्रित पैटर्न और भ्रष्टाचारी नेताओं के कारण अमीर लोग और अमीर होते जा रहे हैं और गरीब लोग और दरिद्र होते जा रहे है।
क्यों लगाया जाता है प्रत्येक वस्तु पर टैक्स और फिर भी किसी को कोई राहत क्यों नहीं मिल पाती?
आध्यात्मिक दृष्टिकोण से विचार करें तो हमें यह पता चलता है की यह संसार काल ब्रह्म की जेल है जिसमें रहने वाले कीड़ी से लेकर हाथी तक सभी जीव इस जेल के कैदी हैं। काल ब्रह्म तीन लोक के मालिक ब्रह्मा, विष्णु, और महेश का पिता है। काल की कालापनी रूपी इस जेल में जीव को प्रत्येक वस्तु पर कर चुकाना अनिवार्य होता है। यहां पर खाने पीने से लेकर ज़मीन, वायु और प्रकाश का टैक्स भी जीव को देना पड़ता है। जिस प्रकार किसी देश में अलग अलग मंत्रालय होते हैं इसी प्रकार काल ब्रह्म के इस जेल में भी अलग अलग विभाग बनाए गए हैं। पानी के कर के लिए वरुण देव, वर्षा और बादलों के लिए इंद्र देव, अग्नि के लिए अग्नि देव, प्रकाश के लिए सूर्य देव, धरती के लिए पृथ्वी देवी आदि देवी देवताओं की ड्यूटी काल ब्रह्म द्वारा संचालित की जाती है। प्रत्येक जीवों से कर वसूली कर काल ब्रह्म अपने 21 ब्रह्मांडो को चलाता है। यही व्यवस्था देश दुनिया की सरकारों की है जो देश के प्रत्येक नागरिक से कर वसूलकर अपनी सरकार चलाते हैं।
New GST Rates [Hindi] | देश की आबादी के 5 प्रतिशत व्यक्ति भ्रष्ट राजनेता, भ्रष्ट प्रशासनिक अधिकारी व कर्मचारी तथा अन्य विभागों के भ्रष्ट अधिकारी व कर्मचारी तथा मिलावट करने वाले व फैक्ट्री के मालिक तथा भ्रष्ट जज हैं। अन्य 10 प्रतिशत लोग कर्मचारी हैं जो सरकारी या गैर-सरकारी संस्थानों, फैक्टरियों में नौकरी करते हैं। ये ऊपर से धनी लगते हैं, परंतु महीने की 15 तारीख के पश्चात् अपने को गरीब मानते हैं।
भारत देश की 85 प्रतिशत जनता गरीब है क्योंकि 5 प्रतिशत व्यक्ति तो देश का सर्वाधिक धन लिए बैठे हैं। देश की गरीबी का कारण यही है क्योंकि गरीब जनता से कर वसूला जाता है। फिर उसका दुरूपयोग करके भ्रष्ट राजनेता, भ्रष्ट अधिकारी व कर्मचारी तथा भ्रष्ट जज अपनी जेबों में डालते हैं। हम यहाँ स्पष्ट करना अनिवार्य समझते हैं कि सब राजनेता, अधिकारी, कर्मचारी तथा जज भ्रष्ट नहीं होते। परन्तु ईमानदार लोगों की बजाय भ्रष्टों की संख्या अधिक है। भ्रष्ट मन्त्री खरबों का गोलमाल करके भ्रष्ट जज को करोड़ों रूपये रिश्वत में देकर बरी हो जाता है।
भ्रष्ट राजनेता किसी को राहत नहीं दे सकते
भ्रष्ट व्यक्ति का पेट बहुत बड़ा होता है वह कभी नहीं भरता उसमें से केवल एक ही आवाज़ आती है अभी बहुत जगह है आने दो। पैसा मनुष्य को लालची ,भ्रष्टाचारी और अहितकारी बना देता है। नेता का कार्य जनता को सुख देना होता है आप उनसे उनका पैसा लेकर भी उन्हें कुचल रहे हैं यह सही नहीं है अपने पद और बल का दुरूपयोग करने वालों को परमात्मा के दरबार में बहुत दंड मिलता है।
New GST Rates [Hindi] | न्याय तो केवल परमात्मा करते हैं
भ्रष्टाचार मुक्त और सेवा योग्य बनने के लिए देश दुनिया की सर्व जनता को और राजनेताओं को संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग विचार सुनने चाहिएं ताकि नेता सेवाकारी और न्यायकारी बन सकें जो देश और जनता का भला करें अन्यथा नेतागिरी करना छोड़ दें।
हम आपको संत रामपाल जी के सत्संग विचार सुनने की प्रार्थना इसलिए कर रहे हैं ताकि समाज में स्वार्थ की जगह परोपकार पनपे और यह केवल संत रामपाल जी के विचारों को अपनाने से ही संभव होगा।
संत रामपाल जी महाराज की विचारधारा पर चलने मात्र से ही जल्द ही देश दुनिया में पुनः सत्ययुग जैसा वातावरण लाया जा सकता है। भविष्य में आने वाले सतयुग के विषय में कई महान भविष्यव्यकताओं ने अपनी भविष्यवाणियों में कहा है की, एक संत के नेतृत्व में एक आध्यात्मिक सरकार का उत्थान होगा जिनके सानिध्य में देश दुनिया से सर्व प्रकार की बुराइयों को समाप्त कर दिया जायेगा। साथ ही देश दुनिया से भ्रष्टाचार, गरीबी, बेरोजगारी आदि चीजों को जड़मूल से समाप्त कर दिया जायेगा। यह भविष्यवाणी और किसी के लिए नहीं बल्कि संत रामपाल जी महाराज जी के लिए ही है।
इस विडियो को देखने वाले सभी दर्शकों से निवेदन है कि संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग अवश्य सुनें क्योंकि केवल सत्संग सुनने और आध्यात्मिक ज्ञान को समझकर ही समाज में बहुत बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।