पेरिस पैरालंपिक में रहा भारत का शानदार प्रदर्शन

पेरिस पैरालंपिक में रहा भारत का शानदार प्रदर्शन

भारत ने पैरालंपिक में सबसे अधिक 29 मेडल हासिल किए। पेरिस पैरालंपिक में भारत ने बहुत ही शानदार प्रदर्शन दिखाया है।इस बार भारत ने सबसे अधिक  मैडल एथेलेटिक्स में 27 मेडल  तथा कुल 7 गोल्ड मेडल ,9 रजत, 13 कास्य पदक जीते। इसी के साथ भारत ने नया ऐतिहास रच दिया है।

पेरिस पैरालंपिक पदक तालिका में 18वें पायदान पर रहा भारत

पेरिस पैरालंपिक पदक तालिका में भारत ने कई देशों को पीछे छोड़ा तथा 18वें पायदान पर रैंक हासिल की है ।बेल्जियम, पाकिस्तान, साउथ कोरिया जैसे कई देशों से भारत का स्थान काफ़ी आगे रहा।

पैरालंपिक में अवनी लेखरा ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा था।पेरिस पैरालंपिक में यह भारत का पहला पदक था।उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल  स्पर्धा एसएच -1 में स्वर्ण पदक जीता था।

पेरिस पैरालंपिक खेलों में पुरुषों की भाला फेंक F41 स्पर्धा में नवदीप सिंह ने 29वां तथा भारत का अंतिम 7वां गोल्ड मेडल जितवाया था।

पेरालंपिक में चीन का रहा दबदबा

हर बार की तरह इस बार भी चीन ने 200 से अधिक पदक जीतकर पैरा ओलंपिक में अपना दबदबा बनाया तथा पदक तालिका में पहले स्थान पर अपनी स्तिथि सुनिश्चित की।इसके साथ ही ग्रेट ब्रिटेन, अमेरिका, इटली जैसे देशों का प्रदर्शन भी शानदार रहा।

भारत ने विभिन्न खेलों में जीते पदक

पैरालंपिक में ट्रेक प्रतिस्पर्धाओं में से बहुत से प्रतिस्पर्धाओं ने पहले स्थान हासिल किए। 

  • एथलीट प्रीति पाल ने महिलाओं की 100 मीटर T35 और 200 मीटर T35 श्रेणी में कांस्य मेडल  जीता था।
  • कपिल परमार ने 60 किलोग्राम J1 वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीत कर भारत को इस खेल में पहला कांस्य पदक दिलवाया था।तीरंदाजी और क्लब थ्रो जैसे खेलो में भी भारत का नाम शामिल है।
  • भारत के दो जांबाज खिलाड़ियों हरविंदर सिंह और उनके साथ धर्मवीर नैन जैसे खिलाड़ियों ने क्लब थ्रू एवं तीरंदाजी जैसे खेलों में भारत को गोल्ड मेडल जीता कर भारत का नाम मेडल लिस्ट में आगे किया।
  • भारत की मोना अग्रवाल ने  10 मीटर एयर राइफल में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया था। 
  • भारत के मनीष नरवाल ने 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 में सिल्वर मेडल हासिल किया था।
  • भारत की बेटी रुबीना फ्रांसि ने  10 मीटर एयर पिस्टल SH1 में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया था।
  • प्रीति पाल (एथलेटिक्स)- ब्रॉन्ज मेडल, वूमेन्स 200 मीटर रेस (T35) 
  • निषाद कुमार ने एथलेटिक्स में सिल्वर मेडल लाकर भारत को हाई जंप में स्थान प्राप्त कराया।
  •  योगेश कथुनिया ने मेन्स डिस्कस थ्रो F56 में सिल्वर मेडल दिलाया था।
  • नितेश कुमार ने बैडमिंटन में सिंगल्स SL3 में गोल्ड मेडल हासिल किया था।
  • मनीषा रामदास ने बैडमिंटन वूमेन्स सिंगल्स (SU5) में ब्रॉन्ज मेडल जीता।
  • थुलासिमथी मुरुगेसन ने बैडमिंटन वूमेन्स सिंगल्स (SU5) में सिल्वर मेडल जीता।
  •  सुहास एल यथिराज बेडमिंटन में मेन्स सिंगल्स (SL4) में सिल्वर मेडल जीता।
  • शीतल देवी-राकेश कुमार ने तीरंदाजी में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
  • सुमित अंतिल ने एफ 64 वर्ग जेवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल प्राप्त किया था।
  • नित्या श्री सिवन ने बैडमिंटन वूमेन्स सिंगल्स (SH6) में ब्रॉन्ज मेडल प्राप्त किया था।
  • दीप्ति जीवनजी एथलेटिक्स वूमेन्स 400m (T20) में ब्रॉन्ज मेडल जीता।
  • मरियप्पन थंगावेलु एथलेटिक्स मेन्स हाई जंप (T63) में ब्रॉन्ज मेडल प्राप्त किया था।
  • शरद कुमार ने एथलेटिक्स मेन्स हाई जंप (T63) में स‍िल्वर मेडल प्राप्त किया था।
  • अजीत सिंह ने एथलेटिक्स मेन्स जैवलिन थ्रो (F46) मेंस‍िल्वर मेडल प्राप्त किया।
  • सुंदर सिंह गुर्जर ने एथलेटिक्स मेन्स जैवलिन थ्रो (F46) में ब्रॉन्ज मेडल प्राप्त किया।
  • सचिन सरजेराव खिलारी नेएथलेटिक्स मेन्स शॉट पुट (F46) में सिल्वर मेडल प्राप्त किया था।
  • प्रणव सूरमा ने एथलेटिक्स मेन्स क्लब थ्रो (F51) में सिल्वर मेडल प्राप्त किया था।
  • प्रवीण कुमार ने एथलेटिक्स हाई जंप (T44) में गोल्ड मेडल जीतकर भारत का नाम मेडल लिस्ट में आगे बढ़ाया।
  • होकाटो होटोजे सेमा ने एथलेटिक्स में ब्रॉन्ज मेडल  जीता था।
  • सिमरन शर्मा ने एथलेटिक्स में  वूमेन्स 200 मीटर (T12) में ब्रॉन्ज मेडल भारत की मेडल लिस्ट में दर्ज कराया।

वर्तमान समय में गोल्ड मेडल प्राप्त करने से आसान है मोक्ष प्राप्त करना

जिस प्रकार एक खिलाड़ी अपना तन मन धन लगाकर अपने खेल पर बहुत ही विश्वास और दृढ़ता के साथ लगता है,तब कहीं जाकर वह एक मेडल प्राप्त करता है।अगर गोल्ड मेडल की हम बात करें,तो उसके लिए खिलाड़ी को बहुत मेहनत की आवश्यकता होती है। सालों का समय लगाने के बाद एक गोल्ड मेडल हासिल करता है।

      जब हम एक खेल को इतना महत्व देते हैं तो हमारा मनुष्य शरीर जो कि इतना दुर्लभ है कि 84 लाख योनियों के बाद हमें यह मनुष्य शरीर मिलता है। उसके बाद भी हम केवल सांसारिक कार्य को करने मैं ही उलझे रहते हैं।कभी यह नहीं सोचते कि न जाने कब हम मृत्यु को प्राप्त हो जाएं।सत्संग से हमें ज्ञात होता है कि एक कार्य जो की अति आवश्यक भक्ति था, अगर वह कार्य हमने नहीं किया, तो मृत्यु के बाद हमारी हालत बुरी हो जाएगी।इसलिए  पूर्ण संत के सानिध्य में सत्संग का ज्ञान होना अति आवश्यक है, जिसके लिए हमें पूर्ण संत की संपूर्ण जानकारी अवश्य होना चाहिए।अधिक जानकारी के लिए विजिट कीजिए हमारा यूट्यूब चैनल “संत रामपाल जी महाराज” और वेबसाइट jagatgururampalji.org

FAQs:

पेरिस पैरालंपिक में भारत ने कुल कितने मेडल प्राप्त किए?

पेरिस पैरालंपिक में भारत ने कुल 29 मेडल प्राप्त किया।

पेरिस पैरालंपिक मेडल लिस्ट में भारत कौन से नंबर पर रहा?

पेरिस पैरालंपिक मेडल लिस्ट में भारत 18वें नंबर पर रहा।

पेरिस पैरालंपिक में पहले नंबर पर कौन सा देश रहा?

पेरिस पैरालंपिक में पहले नंबर पर चीन रहा। 

पेरिस पैरालंपिक में भारत में कितने गोल्ड मेडल जीते? 

पेरिस पैरालंपिक में भारत में कुल 7 गोल्ड मेडल जीते। 

पेरिस पैरालंपिक में भारत में कितने रजत पदक जीते?

पेरिस पैरालंपिक में भारत ने कुल 9 रजत पदक जीते हैं।

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