सद्भावना दिवस भारत में प्रत्येक वर्ष 20 अगस्त को मनाया जाता है। इसकी शुरूआत सन् 1992 में की गई थी। सद्भावना दिवस पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को याद करने और उनके सिद्धांतों को अमल में लाने का दिन है। सद्भावना दिवस से जुड़ी कुछ रोचक बातें इस लेख में जानेंगे और सद्भावना से सुशोभित होने वाले महान व्यक्तित्व के बारे में भी जानेंगे।
Sadbhavna Diwas 2024 in Hindi: मुख्य बिंदु
- सन् 1992 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी की जयंती के उपलक्ष्य में प्रथम बार सद्भावना दिवस मनाया गया था।
- सद्भावना दिवस समाज में सांप्रदायिक सद्भाव और सहानुभूति को प्रोत्साहित करने का अवसर प्रदान करता है।
- आपसी सद्भावना और भाईचारे के साथ हमें जीवन यापन करना चाहिए।
- आध्यात्मिक ज्ञान से सद्भावना और शालीनता की इच्छा प्रबल होती है।
Sadbhavna Diwas 2024 in Hindi: सद्भावना दिवस की शुरुआत
सद्भावना दिवस मनाने की शुरुआत साल 1992 में हुई थी जब राजीव गांधी की मृत्यु के बाद उनकी जयंती को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा सद्भावना दिवस के रुप में मनाने का निर्णय लिया गया था। यह दिन राजीव गांधी के प्रति सम्मान और उनकी विचारधारा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उनकी मृत्यु के पश्चात इस दिन को राष्ट्रीय एकता और शांति के प्रतीक के रूप में मान्यता दी गई थी। राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री रहते हुए देश में विज्ञान तथा तकनीकी विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया था साथ ही वह सामाजिक समरसता तथा एकता को प्राथमिकता देते थे इसलिए सद्भावना दिवस का मुख्य उद्देश्य उनके सिद्धांतों को जीवंत बनाये रखना है।
क्या है सद्भावना दिवस का उद्देश्य?
सद्भावना दिवस का प्रमुख उद्देश्य विभिन्न धर्मों तथा विभिन्न सांस्कृतिक पृष्ठभूमियों के लोगों के बीच शांति और एकता कायम करना है। यह दिन समाज में सांप्रदायिक सद्भाव और सहानुभूति को प्रोत्साहित करने का अवसर प्रदान करता है। इसके माध्यम से हम सभी विभिन्न समुदायों के बीच आपसी सम्मान और समझ को बढ़ावा देने के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता को मजबूत कर सकते हैं।
Sadbhavna Diwas 2024 Theme: जानिए क्या है इस साल की थीम
सद्भावना दिवस हर साल 20 अगस्त को मनाते हैं और हर साल सद्भावना दिवस पर एक विशेष थीम होती है। इस बार (Sadbhavna Diwas 2024) की थीम “अनेकता में एकता” (Unity in Diversity) है। इस साल की थीम (Sadbhavna Diwas 2024 Theme) भारत देश की विविधता में एकता को प्रतिबिंबित करती है भारत में विभिन्न धर्म, पंथ, जाति, संस्कृति, भाषा तथा परंपराओं की विविधता है फिर भी हम एक हैं और यही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है।
कैसे मनाया जाता है सद्भावना दिवस?
सद्भावना दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। स्कूलों, कॉलेजों और अन्य संस्थानों में सांस्कृतिक कार्यक्रम, विचार गोष्ठियाँ और शांति मार्च आयोजित होते हैं। यह दिन लोगों को एकता और सहानुभूति के महत्व को समझने का एक अवसर प्रदान करता है।
Sadbhavna Diwas 2024 in Hindi: राजीव गांधी का दृष्टिकोण
राजीव गांधी ने भारत की एकता और विकास के लिए काम किया था वह सामाजिक समरसता तथा एकता को प्राथमिकता देते थे। उनके नेतृत्व में, उन्होंने ऐसे कदम उठाए जो समाज के सभी वर्गों के बीच स्नेह और समन्वय को बढ़ावा देते थे। उनका सपना था कि सभी धर्मों और संस्कृतियों के लोग मिलकर देश के समग्र विकास में योगदान दें। उनके इसी दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए सद्भावना दिवस एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में मनाया जाता है।
समाज में सद्भावना दिवस का महत्व
सद्भावना केवल एक दिन तक सीमित नहीं होना चाहिए बल्कि यह हर दिन हमारे जीवन का हिस्सा होना चाहिए। विभिन्न धर्मों और सांस्कृतिक पृष्ठभूमियों के लोगों के बीच सामंजस्य और समझ को बढ़ावा देना हमारी जिम्मेदारी है। हमें अपने आचरण और विचारों के माध्यम से शांति और एकता का संदेश फैलाना चाहिए।
सद्भावना दिवस हमें क्या याद दिलाता है?
सद्भावना दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हम सभी एक ही परिवार का हिस्सा है और हमें मिलकर एक सुंदर और शांतिपूर्ण समाज की दिशा में काम करना चाहिए। राजीव गांधी के सपनों को साकार करने के लिए हमें उनके आदर्शों पर चलना होगा और समाज में एकता और समझ का माहौल बनाना होगा।
सद्भावना दिवस से सम्बंधित उद्धरण एवं नारे (Sadbhavna Diwas 2024 Slogan and Quotes)
- एकता आपके लिए है और आप एकता के लिए।
- विविधता में एकता, एक वृक्ष पर लगे भिन्न-भिन्न फूलों के समान है।
- भारत के लोग विविधता में एकता का सबसे उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
- विविधता में एकता ही हमारी पहचान है औऱ ताकत भी।
- अनेकता में एकता कई युगों से चली आ रही हमारी विरासत है जो कभी खत्म नही होगी।
सद्भावना के लिए जरूरी है आध्यात्मिकता
हमें एक होकर भाईचारे के साथ जीवन यापन करना चाहिए। लेकिन कलयुग के इस बढ़ते प्रकोप के चलते सद्भावना खोती जा रही है। लोग एक-दूसरे के प्रति मलीन विचार रखते हैं। आपस में राग द्वेष के चलते लड़ते-झगड़ते रहते हैं। लेकिन आध्यात्मिक ज्ञान और विचार से लोगों में नम्रता तथा आधीनता आती है। एक आध्यात्मिक व्यक्ति या व्यक्तित्व में सद्भावना और शालीनता जैसी भावनाएं हमेशा प्रबल रही हैं। कोई भी धर्म हमें आपस लड़ना नहीं सिखाता बल्कि हमें आपस में प्यार से भाईचारे के साथ रहना सिखाता है। वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी ही एक ऐसे महान संत है जिन्होंने सच्ची सद्भावना और भाईचारे का ज्ञान कराया है। संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि हमारा जनक एक है फिर भी हम आपस में जाति-धर्म के चलते लड़ते रहते-झगड़ते रहते हैं, लेकिन ऐसा करना बिल्कुल उचित नहीं है।
संत रामपाल जी महाराज का नारा है:-
“जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।”
विशेष जानकारी के लिए आप अवश्य सुनें संत रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन प्रतिदिन Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel पर।
FAQ About Sadbhavna Diwas
Q.1 सद्भावना दिवस कब मनाया जाता है?
Ans. प्रत्येक वर्ष 20 अगस्त को।
Q.2 सद्भावना दिवस किसकी याद में मनाया जाता है?
Ans. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी की याद में।
Q.3 पहली बार सद्भावना दिवस कब मनाया गया था?
Ans. 1992 में।
Like the quotes and Slogans.
Very nice 👍
We must unite if we want unity in diversity
बहुत अच्छा आर्टिकल है, खासकर इस आर्टिकल में छुपा केंद्रीय भाव