UGC Exam News Hindi: कॉलेज और विश्वविद्यालयों की अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण की अगुवाई में आज फिर हुई सुनवाई, तमाम पक्षों को तीन दिन में लिखित जवाब देने का दिया आदेश।
सुप्रीम कोर्ट ने आज विश्वविद्यालय के अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को रद्द करने के फैसले को लेकर सुनवाई की है, जिसमें यूजीसी की तरफ से परीक्षाओं को टालने के फैसले को चुनौती दी गयी है।
परीक्षा देने वाले छात्रों को सुप्रीम कोर्ट के अहम फैसले का इंतजार
UGC Exam News Hindi: यूनिवर्सिटी और कॉलेजों की अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है, सितंबर के अंत तक देश भर के विश्वविद्यालयों में फाइनल ईयर की परीक्षाएं आयोजित कराने वाले UGC के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज एक बार फिर सुनवाई हुई।
परीक्षा देने वाले छात्रों को सुप्रीम कोर्ट के अहम फैसले का इंतजार है। परीक्षा देने वाले छात्र उम्मीद कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से परीक्षाओं को लेकर आज कोई अंतिम घोषणा की जा सकती है।
यूजीसी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दी गई दलीलें
यूजीसी के वकील की तरफ से ये दलीलें दी गई कि महाराष्ट्र राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षाएं सितंबर माह में आयोजित की जा रही है, जिसमें 2 लाख 20 हजार से अधिक छात्रों के शामिल होने का अनुमान है. यूजीसी ने कहा कि राज्य लोक सेवा परीक्षा आयोजित की जा सकती हैं, तो विश्वविद्यालय की अंतिम वर्ष की परीक्षाएं क्यों नहीं?
तमाम दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है, अदालत ने सभी पक्षों को तीन दिन के अंदर लिखित जवाब दाखिल करने का आदेश दे दिया है। अब सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि डिग्री कोर्स के अंतिम वर्ष की परीक्षा रद्द होंगी या नहीं?
देशभर में कोरोना संकट के चलते विश्वविद्यालयों की अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट और यूजीसी के बीच मतभेद बना हुआ है, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण वाली बैंच ने आज यूजीसी की तरफ से परीक्षाएं ना करवाने के फैसले को चुनौती दी है। यूजीसी चाहता है कि दुनिया भर के कॉलेजों के अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को सितंबर के अंत तक करवाया जाना चाहिए, तमाम दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका सुरक्षित रख ली है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) का महाराष्ट्र सरकार पर आरोप
UGC Exam News Hindi: UGC ने कोर्ट में कहा कि महाराष्ट्र सरकार परीक्षाएँ आयोजित करने के इस मामले में राजनीतिक विरोध कर रही है, मई माह में महाराष्ट्र सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञ पैनल ने परीक्षाएँ आयोजित कराने की सिफारिश की थी।
सुनवाई के दौरान जस्टिस अशोक भूषण वाली बेंच ने पूछा कि क्या यूजीसी के आदेशों और निर्देशों में सरकार चुनौती दे सकती है, छात्रों का हित किसमें है यह छात्र तय नहीं कर सकते बल्कि उसके लिए एक वैधानिक संस्था तैयार की जाती है। कोर्ट ने ये भी कहा कि सरकारें सिर्फ दो ही काम कर सकती हैं, या तो परीक्षा कराने में खुद को असमर्थ बताते हुए हाथ खड़े कर दें, या फिर पिछली परीक्षा के नतीजे के आधार पर रिजल्ट घोषित कर दें।
महाराष्ट्र सरकार ने तो कोर्ट में स्पष्ट कह दिया है कि आज की तारीख में परीक्षाएँ करवाना संभव नहीं है, इस बीच कोर्ट ने ये भी कहा कि क्या सरकार ये कह सकती है, कि बिना परीक्षा के सबको पास किया जाएगा, अगर हम इसे मान लें तो कोई दिक्कत नहीं।
कोई भी सरकार ये नहीं कह सकते कि विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं नहीं कराई जाएगी बल्कि ये कह सकती है कि परीक्षा की तारीख को आगे बढ़ा दिया जाएगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल का बयान
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने सोमवार को कहा कि UGC ने अंतिम वर्ष की परीक्षाएं आयोजित कराने का फैसला छात्रों के भविष्य को ध्यान में रख कर लिया गया है। उन्होंने विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ बातचीत के दौरान कहा है कि , ‘‘छात्रों के भविष्य को ध्यान में रख कर यह फैसला लिया गया है, ताकि छात्रों को भविष्य में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े।
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विश्वविद्यालयों को ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी भी माध्यम से परीक्षाएं संचालित कराने का विकल्प दिया गया है। ” पोखरियाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति वैश्विक स्तर पर एक नेतृत्वकर्ता के रूप में भारत की स्थिति मजबूत करेगी।
उन्होंने कहा,
‘‘हमें 2035 तक सकल नामांकन अनुपात बढ़ा कर 50 प्रतिशत करना होगा, यह एक बड़ा लक्ष्य है, जिसका मतलब है 3.5 करोड़ और छात्रों का नामांकन करना है,
” उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 राष्ट्र निर्माण की बुनियाद है। मैं आपसे यह योजना बनाने का अनुरोध करता हूं कि शोध को कैसे बेहतर किया जा सकता है, हमने हमेशा ही विश्वविद्यालयों को स्वायत्तता देने का समर्थन किया है।
रमेश पोखरियाल ने यह भी कहा कि हम इस बात पर गौर कर रहे हैं कि 45,000 डिग्री कॉलेजों को कैसे बेहतर बनाया जाए और उन्हें स्वायत्तता दी जाए। अभी सिर्फ 8,000 ऐसे कॉलेज हैं जिन्हें स्वायत्तता प्राप्त है, लेकिन चरणबद्ध तरीके से इसे बढ़ाया जाएगा। ”
UGC Exam News Hindi: गौरतलब बात यह है कि 6 जुलाई को यूजीसी ने परीक्षा से संबंधित दिशा-निर्देश जारी कर विश्वविद्यालयों को अंतिम वर्ष, की परीक्षा सितंबर के अंत तक ऑनलाइन, या ऑफलाइन किसी भी रूप में संचालित कराने को कहा था, जबकि उच्चतम न्यायालय में कई याचिकाएं दायर कर दिशा-निर्देशों को चुनौती दी गई और अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की गई।
अक्षर ज्ञान के साथ-साथ तत्वज्ञान भी अति अनिवार्य
अक्षर ज्ञान प्राप्त करना एक अच्छी बात है, क्योंकि बिना अक्षर ज्ञान के हम किसी भी शास्त्र को नहीं समझ सकते, अक्षर ज्ञान का होना हमारे जीवन में आवश्यक है, लेकिन उससे भी अति आवश्यक है तत्वज्ञान (अध्यात्म ज्ञान) का होना अक्षर ज्ञान प्राप्त करके हम बड़ी बड़ी उपलब्धियां हासिल कर लेते हैं, कोई डॉक्टर, इंजीनियर बन जाता है तो कोई जज और अधिकारी की उपाधि प्राप्त कर लेते हैं, और इस संसार में अच्छा निर्वाह कर लेते हैं,
- लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने के बाद प्राणी को यह ज्ञान होता है, कि हम कहां से आए हैं, और कहां हमें जाना है। इस धरती पर हमारे जन्म लेने का क्या उद्देश्य है, तत्वज्ञान से परिचित होने के बाद हमें इन सब चीजों की जानकारी प्राप्त होती है।
परमेश्वर की भक्ति के बिना मनुष्य जीवन व्यर्थ है
- मनुष्य जीवन का मिलना अति दुर्लभ बताया है। यह मनुष्य शरीर हमें केवल पूर्ण परमात्मा की भक्ति करने के लिए ही प्राप्त होता है।
- यदि मनुष्य जन्म मिलने के बाद प्राणी परमात्मा को याद नहीं करता है शास्त्र अनुकूल भक्ति नहीं करता है, तो उसे मृत्यु के उपरांत धर्मराज के दरबार में ले जाया जाता है, और वहां उसे उसके पुण्य और पाप के आधार पर नर्क और 84 लाख योनियों में डाल दिया जाता है।
- इस महाकष्ट से बचने का एकमात्र उपाय यही है कि मनुष्य जन्म प्राप्त प्राणी को तत्वदर्शी संत की तलाश करके सत भक्ति करनी चाहिए शास्त्र अनुसार भक्ति करने से साधक का जन्म मरण रूपी दीर्घ रोग सदा सदा के लिए समाप्त हो जाता है, और उसे सतलोक की प्राप्ति होती है, जहां कभी जन्म मृत्यु और वृद्धावस्था नहीं है अर्थात आत्मा का पूर्ण मोक्ष हो जाता है।
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