UGC News Today Hindi: सुप्रीम कोर्ट ने की यूजीसी परीक्षा स्थगित करने की याचिका खारिज

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UGC News Today Hindi: यूजीसी ने किया सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत, विश्वविद्यालयों में फाइनल ईयर की परीक्षाओं को हरी झंडी।

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  • यूजीसी की गाइडलाइन पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई मुहर, विश्वविद्यालयों में फाइनल ईयर की परीक्षाएं होना तय।
  • सुप्रीम कोर्ट ने की परीक्षा स्थगित करने की याचिका खारिज, यूजीसी की गाइडलाइन के आधार पर ही होंगी परीक्षाएं।
  • दिल्ली, पंजाब हरियाणा महाराष्ट्र, ओडिशा, और मध्य प्रदेश सहित कुछ राज्यों ने स्थगित कर दी थी फाइनल ईयर की परीक्षाएं।
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपदा प्रबंधन कानून के तहत राज्य सरकारें परीक्षाओं की तारीख बढ़ा सकती है, लेकिन यूजीसी को इसकी जानकारी देनी होगी ।
  • यूजीसी ने कहा की बिना परीक्षा आयोजित किए विद्यार्थियों को स्नातक की डिग्री नहीं दी जा सकती

UGC News Today Hindi: आज सुप्रीम कोर्ट में क्या सुनवाई हुई

देशभर में विश्वविद्यालयों की फाइनल ईयर की परीक्षाओं को लेकर अभी तक सस्पेंस बना हुआ था, यूजीसी ने फाइनल ईयर की परीक्षा कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बार-बार याचिकाएं दायर की, सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि विश्वविद्यालयों के फाइनल ईयर के एग्जाम होंगे, और कोर्ट ने ये भी कहा कि किसी राज्य को लगता है कि, उनके लिए परीक्षा कराना मुमकिन नहीं, तो वह UGC के पास जा सकता है

UGC News Today Hindi: राज्य अंतिम वर्ष की बिना परीक्षा लिए विद्यार्थियों को प्रमोट नहीं कर सकते सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि बिना परीक्षा के फाइनल ईयर के स्टूडेंट को पास नहीं किया जा सकता, किसी भी राज्य की सरकारों को परीक्षा रद्द करने का अधिकार नहीं है। 30 सितंबर तक उन्हें फाइनल ईयर की परीक्षाएं करानी ही होगी।

  • हालांकि इससे पहले 6 जुलाई को ही यूजीसी ने सभी राज्य सरकारों से 30 सितंबर तक परीक्षाएं आयोजित करने के आदेश दिए थे
  • यूजीसी का मानना है कि फाइनल ईयर के विद्यार्थियों की परीक्षा कराना बेहद जरूरी है अन्यथा छात्रों का भविष्य खतरे में हो सकता है
  • लेकिन कुछ विद्यार्थियों संगठनों और राज्य सरकारों ने परीक्षा आयोजित कराने के इस फैसले को चुनौती दे डाली।
  • इनका मानना है कि कोविड-19 बीमारी के बढ़ते प्रकोप के कारण परीक्षाएं कराना मुमकिन नहीं है, छात्रों को पिछले वर्ष की अंक तालिका के आधार पर ही पास किया जाना चाहिए।
  • अदालत ने यह भी कहा कि जो राज्य कोरोना महामारी के मद्देनजर परीक्षा कराने के इच्छुक नहीं है तो वे UGC के साथ सलाह मशवरा करके अपनी तिथि आगे बढ़ा सकते हैं।

UGC News Today Hindi: पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में क्या बहस हुई

24 अगस्त को सुनवाई के दौरान जस्टिस अशोक भूषण वाली बेंच ने पूछा कि क्या यूजीसी के आदेशों और निर्देशों में सरकार चुनौती दे सकती है, छात्रों का हित किसमें है यह छात्र तय नहीं कर सकते बल्कि उसके लिए एक वैधानिक संस्था तैयार की जाती है।

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कोर्ट ने ये भी कहा कि सरकारें सिर्फ दो ही काम कर सकती हैं, या तो परीक्षा कराने में खुद को असमर्थ बताते हुए हाथ खड़े कर दें, या फिर पिछली परीक्षा के नतीजे के आधार पर रिजल्ट घोषित कर दें।

Credit: Indian Constitution

अक्षर ज्ञान के साथ-साथ आध्यात्मिक ज्ञान भी अनिवार्य

अक्षर ज्ञान प्राप्त करना एक अच्छी बात है, क्योंकि बिना अक्षर ज्ञान के हम शास्त्रों को नहीं समझ सकते, अक्षर ज्ञान का होना हमारे जीवन में आवश्यक है, लेकिन उससे भी अति आवश्यक है, आध्यात्मिक ज्ञान का होना। अक्षर ज्ञान प्राप्त करके हम बड़ी बड़ी उपलब्धियां हासिल कर लेते हैं, कोई डॉक्टर, इंजीनियर बन जाता है तो कोई जज और IAS, IPS अधिकारी की उपाधि प्राप्त कर लेते हैं, और इस संसार में अच्छा निर्वाह कर लेते हैं,

  • लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने के बाद प्राणी को यह जानकारी होती है, कि हम कहां से आए हैं, और कहां हमें जाना है। इस धरती पर हमारे जन्म लेने का क्या उद्देश्य है, तत्वज्ञान से परिचित होने के बाद हमें इन सब चीजों की यथार्थ जानकारी प्राप्त होती है।

परमेश्वर की भक्ति के बिना मनुष्य जीवन व्यर्थ

मनुष्य जीवन का मिलना अति दुर्लभ बताया है। यह मनुष्य शरीर हमें केवल पूर्ण परमात्मा की भक्ति करने के लिए ही प्राप्त होता है। यदि मनुष्य जन्म मिलने के बाद प्राणी परमात्मा को याद नहीं करता है शास्त्र अनुकूल भक्ति नहीं करता है, तो उसे मृत्यु के उपरांत धर्मराज के दरबार में ले जाया जाता है, और वहां उसे उसके पुण्य और पाप के आधार पर नर्क और 84 लाख योनियों में डाल दिया जाता है।

  • इस महाकष्ट से बचने का एकमात्र उपाय यही है कि मनुष्य जन्म प्राप्त प्राणी को तत्वदर्शी संत की तलाश करके सत भक्ति करनी चाहिए शास्त्र अनुसार भक्ति करने से साधक का जन्म मरण रूपी दीर्घ रोग सदा सदा के लिए समाप्त हो जाता है, और उसे सतलोक की प्राप्ति होती है, जहां कभी जन्म मृत्यु और वृद्धावस्था नहीं है अर्थात आत्मा का पूर्ण मोक्ष हो जाता है।

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