नमस्कार दोस्तों! आज हम बात करेंगे सनातन धर्म के एक प्रमुख पर्व “दशहरा” की, जिसे पूरे देश में बड़े उत्साह और धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। कहा जाता है कि, यह त्यौंहार “बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है”। दशहरे का आयोजन: हिंदू कैलेंडर के अनुसार शारदीय नवरात्री के बाद हर वर्ष दशहरे का त्योहार मनाया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को य़ह पर्व मनाया जाता है। पवित्र हिंदू धर्म में _दशहरा का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।
कहा जाता है कि इस दिन भगवान राम ने श्रीलंका के राजा रावण का वध किया था। उसके बाद हर वर्ष इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाते आ रहे हैं।
महिषासुर का वध जो है दशहरे का एक प्रमुख कारण
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार दशहरे के दिन रामलीला होने के साथ – साथ रावण का पुतला जलाने का भी विधान है। कहा जाता है कि *देवी दुर्गा ने इस दिन महिषासुर नामक राक्षस का वध किया था।* नौ रात्रि और 10 दिन युद्ध के बाद वह राक्षस मारा गया था। इसलिए “असत्य पर सत्य की जीत” के उपलक्ष्य में भी इस पर्व को याद किया जाता है।
Dusshera Festival 2024: दशहरा का धार्मिक महत्व
दशहरा प्रत्येक वर्ष अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। यह वही दिन है जब प्रभु श्री राम ने लंका के राजा रावण का वध किया था और माता सीता को उसकी कैद से मुक्त कराया था। इस दिन को राम की विजय के रूप में देखा जाता है, जब उन्होंने रावण के बुराई के दस सिरों का संहार किया, जो काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार जैसी बुराइयों का प्रतीक हैं।
Ramleela Festival 2024 : रामलीला कैसे मनाते हैं?
दशहरे का एक अनूठा आयोजन जिसे रामलीला के नाम से जाना जाता है। इस दिन देश के कई हिस्सों में रामलीला का आयोजन किया जाता है, जो रामायण की पूरी गाथा को नाटकीय रूप में प्रस्तुत करता है। इसके साथ ही, रावण, कुंभकर्ण, और मेघनाद के पुतले जलाकर बुराई के अंत का प्रतीकात्मक प्रदर्शन किया जाता है। जो बुराई के अंत का प्रतीक है।
सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व
दशहरा का धार्मिक महत्व ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। यह पर्व हमें सिखाता है कि जीवन में चाहे कितनी भी बड़ी बुराई हो, अच्छाई की जीत हमेशा सुनिश्चित होती है।”यह न केवल धार्मिक आस्था का विषय है, बल्कि हमें जीवन में अच्छाई और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी देता है।”
Vijayadashami 2024 : विजयादशमी का महत्व
दशहरा का एक और महत्वपूर्ण पहलू है शक्ति और साहस की देवी दुर्गा की आराधना। कई स्थानों पर इस दिन को विजयादशमी के रूप में भी मनाया जाता है, जब देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था। यह पर्व हमें साहस, धैर्य और सद्गुणों का महत्व भी समझाता है।
दशहरे पर समाज को संदेश
रावण दहन का यह दृश्य हमें यह सिखाता है कि चाहे बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंततः उसे अच्छाई के सामने झुकना ही पड़ता है।”दशहरा हमें यही संदेश देता है कि जीवन में हमें सत्य और धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए और हमेशा बुराई के खिलाफ संघर्ष करना चाहिए। यह पर्व हमें एकजुटता, सामर्थ्य और आत्मबल का प्रतीकात्मक अर्थ भी देता है।”
दशहरा हमें हर साल यह याद दिलाता है कि *_सत्य और धर्म की हमेशा जीत होती है।_* यह पर्व केवल एक त्यौहार नहीं है, बल्कि जीवन के मूल्य और हमारे आंतरिक संघर्षों को भी दर्शाता है।
कौन है वह महापुरुष जो बुराईयों को खत्म कर सकता है
दोस्तों इस दुनिया में वह महापुरुष भी मौजूद है जो प्रत्येक बुराई को जड़ से समाप्त करने में सक्षम है। संत रामपाल जी महाराज वह महापुरुष है जो अंधविश्वास,पाखंड और बुराइयों को दूर करने का कार्य कर रहे है। संत जी अपने ज्ञान आधार से धार्मिक और आध्यात्मिक बदलाव ला रहे है और साथ ही हमारे सद्ग्रंथो मे लिखे गूढ रहस्य को जनता के सामने उजागर कर रहे है।
संत रामपाल जी महाराज पूर्ण परमात्मा की भक्ति साधना बताते है, जिससे मनुष्य का पूर्ण मोक्ष संभव है। आखिर कोन है वो परमात्मा?अधिक जानकारी के लिए आप visit करे हमारी वेबसाइट www.jagatgururampalji.org या youtube चैनल Sant Rampal Ji Maharaj पर।