Last Updated on 1 February 2025 IST: World Radio Day 2025: रेडियो के महत्व को बताने के उद्देश्य से विश्व भर में हर साल ‘विश्व रेडियो दिवस’ मनाया जाता है. इस वर्ष के लिए निर्धारित की गयी थीम ‘न्यू वर्ल्ड, न्यू रेडियो’ है.
World Radio Day 2025: विश्व स्तर पर 13 फरवरी को ‘विश्व रेडियो दिवस’ मनाया जाता है. इस बार के लिए थीम (Theme) रखी गयी है ‘New World, New Radio.’ यानी नई दुनिया, नया रेडियो. इस दिन को मनाये जाने की शुरुआत (Beginning) वर्ष 2011 में की गयी थी. दरअसल रेडियो ही एक ऐसा जनसंचार (Mass Communication) का माध्यम है, जिसके ज़रिये असंख्य लोगों तक संदेशों को पहुंचाया जाता रहा है. खासकर गावं, कस्बों और ऐसी जगहों पर रहने वाले लोगों तक, जहां संचार का कोई और माध्यम पहुंचना आसान नहीं है.
विश्व रेडियो दिवस का इतिहास (History of World Radio Day)
फरवरी 13 को विश्व रेडियो दिवस मनाये जाने के लिए स्पेन रेडियो अकैडमी ने 2010 में पहली बार प्रस्ताव रखा था. इसके बाद वर्ष 2011 में यूनेस्को के सदस्य राज्यों द्वारा इसे घोषित किया गया और 2012 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा इसे अपनाया गया था. इसके बाद यूनेस्को ने पहली बार 13
फरवरी 2012 को विश्व रेडियो दिवस (World Radio Day) के रूप में इस दिन को मनाया था. तब से विश्वभर में इसी दिन विश्व रेडियो दिवस मनाया जाने लगा. दरअसल 13 फ़रवरी को संयुक्त राष्ट्र रेडियो की वर्षगांठ भी है. इसी दिन वर्ष 1946 में इसकी शुरूआत हुई थी.
ऐसे मनाया जाता है World Radio Day
हर साल यूनेस्को दुनिया भर के ब्रॉडकास्टर्स, संगठनों और समुदायों के साथ मिलकर रेडियो दिवस के अवसर पर कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करता है. साथ ही इस दिन संचार के माध्यम के तौर पर रेडियो की अहमियत के बारे में चर्चा की जाती है और जागरूकता फैलाई जाती है. इस बात की जानकारी भी दी जाती है कि रेडियो एक ऐसी सेवा है जिसके जरिए न केवल रेडियो फ्रीक्वेंसी से बात की जा सकती है. बल्कि आपदा के समय जब संचार के अन्य माध्यम ठप हो जाएं तो प्रभावितों की मदद भी की जा सकती है.
विश्व रेडियो दिवस 2025 थीम (Theme for World Radio Day)
विश्व रेडियो दिवस 2025 का विषय “Radio and Climate Change” के रूप में चुना गया है क्योंकि लोग अब इंटरनेट और सोशल मीडिया नेटवर्क में विश्वास नहीं रखते और इसमें गिरावट आई है। लोगों द्वारा रेडियो को सबसे भरोसेमंद समाचार स्रोतों में से एक के रूप में देखा जा रहा है।
World Radio Day 2025 पर रेडियो के बारे में कुछ ख़ास बातें
- भारत में इस समय 214 सामुदायिक रेडियो प्रसारण केंद्र (कम्युनिटी रेडियो) हैं
- देश में रेडियो ब्रॉडकास्ट की शुरुआत वर्ष 1923 में हुई थी.
- वर्ष 1936 में भारत में सरकारी ‘इम्पेरियल रेडियो ऑफ इंडिया’ की शुरुआत हुई थी. आजादी के बाद ये आकाशवाणी यानि ऑल इंडिया रेडियो के नाम से जाना गया.
- सुभाष चंद्र बोस ने नवंबर 1941 में रेडियो पर जर्मनी से भारतवासियों को संबोधित किया था.
रेडियो सुनने के लिए घर पर आते थे सैकड़ों लोग
भारतीय सेना का हिस्सा रहे बोडाकी गांव के राजवीर फौजी ने बताया कि आजादी के बाद उनके दादा फूला प्रधान गांव के मुखिया चुने गए। जब वह दोबारा प्रधान चुने गए तो सरकार से उन्हें रेडियो मिला। रेडियो सुनने के लिए घर के बाहर सुबह से शाम तक सैकड़ो लोग बैठे रहते थे।
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क्या है इस दिन का महत्व (Importance of Radio Day)
विश्व रेडियो दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य जनता और मीडिया के बीच रेडियो के महत्व को बढ़ाने के लिए जागरूकता फैलाना है।यह निर्णयकर्ताओं को रेडियो के माध्यम से सूचनाओं की स्थापना और जानकारी प्रदान करने, नेटवर्किंग बढ़ाने और प्रसारकों के बीच एक प्रकार का अंतर्राष्ट्रीय सहयोग प्रदान करने के लिए भी प्रोत्साहित करता है।
रोज पहुंचते हैं 300 से अधिक पत्र
आकाशवाणी, रायपुर के वरिष्ठ उद्घोषक श्याम वर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में रेडियो श्रोता की संख्या देश के अन्य राज्यों से कहीं ज्यादा है। यही कारण है कि रोज 300 से अधिक पत्र मिलते हैं। इसके अलावा आकाशवाणी को मोबाइल के संदेश प्राप्त हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में श्रोता सबसे ज्यादा फरमाइश वाले गाने सुनने के लिए पत्र लिखते हैं। साथ ही अपना सुझाव भी कार्यक्रम में देते हैं। वर्मा बताते हैं कि आज रेडियो में मोबाइल एप आ जाने की वजह से युवा रेडियो पर समाचार, गीत, विभिन्न क्षेत्र की जानकारी आदि सुनने के लिए काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं।