World Soil Day 2020: हर साल 5 दिसंबर को दुनिया भर में विश्व मृदा दिवस मनाया जाता है. विश्व मृदा दिवस, जनसंख्या विस्तार की वजह से बढ़ रही समस्याओं को उजागर करता है. World Soil Day 2020: 5 दिसबंर को मनाया जाता है ”विश्व मृदा दिवस”, जानें क्या है इसका इतिहास ?
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World Soil Day 2020: हर साल 5 दिसंबर को दुनिया भर में विश्व मृदा दिवस (World Soil Day) मनाया जाता है. विश्व मृदा दिवस, जनसंख्या विस्तार की वजह से बढ़ रही समस्याओं को उजागर करता है. इस वजह से मिट्टी के कटाव को कम करना जरूरी है और इस दिशा में काम करना आवश्यक है, ताकि खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. मिट्टी का निर्माण विभिन्न अनुपातों में खनिज, कार्बनिक पदार्थ और वायु से होता है.
यह जीवन के लिए महत्वपूर्ण होती है क्योंकि इससे पौधे का विकास होता है और यह कई कीड़ों और जीवों के लिए रहने की जगह है. यह भोजन, कपड़े, आश्रय और चिकित्सा सहित चार आवश्यक ‘जीवित’ कारकों का स्रोत है. इसलिए, मिट्टी का संरक्षण आवश्यक है. इस वजह से मिट्टी के नुकसान के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस (World Soil Day) मनाया जाता है.
विश्व मृदा दिवस का इतिहास (World Soil Day History in Hindi)
2002 में अंतरराष्ट्रीय मृदा विज्ञान संघ ने 5 दिसंबर को हर साल विश्व मृदा दिवस मनाने की सिफारिश की थी. साथ ही खाद्य और कृषि संगठन (Food And Agriculture Organisation) ने भी विश्व मृदा दिवस की औपचारिक स्थापना को वैश्विक जागरुकता बढ़ाने वाले मंच के रूप में थाईलैंड के नेतृत्व में समर्थन दिया.
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एफएओ के सम्मेलन ने सर्वसम्मति से जून 2013 में विश्व मृदा दिवस का समर्थन किया और 68 वें संयुक्त राष्ट्र महासभा में इसको आधिकारिक रूप से मनाए जाने का अनुरोध किया. इसके बाद दिसंबर 2013 में, 68 वें सत्र में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की. पहला विश्व मृदा दिवस 5 दिसंबर, 2014 को मनाया गया था.
विश्व मृदा दिवस 2020 की थीम
विश्व मृदा दिवस 2020 की थीम पर्यावरण प्रेमियों से संबंधित. इस वर्ष का अभियान है “मिट्टी को जीवित रखना, मिट्टी की जैव विविधता की रक्षा करना”. इसका उद्देश्य मृदा प्रबंधन में बढ़ती चुनौतियों को संबोधित करते हुए, मृदा जैव विविधता हानि से लड़ते हुए, मृदा जागरूकता बढ़ाना और स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र और मानव कल्याण को बनाए रखने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है और दुनिया भर में सरकारों, संगठनों, समुदायों और व्यक्तियों को प्रोत्साहित करना है.
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विश्व मिट्टी दिवस का महत्व
दुनिया के कई देश कृषि प्रधान है। इस मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र संघ ने किसानों के हित के लिए कई अभियान चलाए हैं, जिनमें मृदा संरक्षण पर विशेष बल दिया गया है। भारत में आधी आबादी कृषि पर निर्भर है। भारत में भी मृदा संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी स्वस्थ धरा, हरा खेत का नारा देकर आह्वान किया किसानों के हौसले को बुलंद करने की कोशिश की है।
भारत में किसानों के हित के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें किसान फसल बीमा योजना प्रमुख है। इस योजना के तहत किसानों को सालाना तीन किश्तों में 6000 रुपए दी जाती है। इसके अतिरिक्त 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिट्टी की गुणवत्ता में विशेष सुधार के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की शुरुआत की थी। इस योजना से भी किसान लाभन्वित हो रहे हैं।