Last Updated on 20 March, 2:32 PM IST: आज विश्व गौरैया दिवस है. यह हर साल 20 मार्च को मनाया जाता है. गौरैया के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए साल 2010 में इस दिवस को मनाने की शुरुआत की गई थी. पिछले कुछ समय से गौरैया की संख्या में काफी कमी आई है. विश्व गौरैया दिवस (World Sparrow Day) हर साल 20 मार्च को मनाया जाता है. विश्व के कई देशों में गौरैया पाई जाती है. यह दिवस लोगों में गौरेया के प्रति जागरुकता बढ़ाने और उसके संरक्षण के लिए मनाया जाता है. बढ़ते प्रदूषण सहित कई कारणों से गौरैया की संख्या में काफी कमी आई है और इनके अस्तित्व पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.
विश्व गौरैया दिवस 2022 (World Sparrow Day) का विषय
विश्व गौरैया दिवस 2022 का विषय ‘आई लव स्पैरो’ रखा गया है जिसकाअर्थ है कि मुझे गौरैया से प्रेम है। पिछले कई सालों से इस एक ही विषय पर इस दिन को मनाया जा रहा है। इस थीम को रखने के पीछे इंसान और पक्षी के बीच के संबंध की सराहना करना है। इस दिन लोग गौरैया की तस्वीरें बनाते हैं, कविताएं लिखते हैं, अपने अनुभव एवं गौरैया से जुड़े किस्से आदि साझा करते हैं।
विश्व गौरैया दिवस (World Sparrow Day 2022) का इतिहास
विश्व गौरैया दिवस, नेचर फॉरएवर सोसाइटी ऑफ इंडिया के साथ-साथ फ्रांस की इकोसेज एक्शन फाउंडेशन की शुरू की गई एक पहल है. सोसाइटी की शुरुआत फेमस पर्यावरणविद् मोहम्मद दिलावर ने की थी. उन्हें 2008 में टाइम मैगजीन ने “हीरोज ऑफ एनवायरमेंट” में शामिल किया गया था. साल 2010 में पहली बार 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस मनाया गया. इसके बाद हर साल 20 मार्च को यह दिवस मनाया जाता है. इस दिवस पर गौरैया के संरक्षण के लिए काम करने वाले लोगों को गौरैया पुरस्कार से सम्मानित भी किया जाता है.
क्यों मनाया जाता है यह दिवस?
एक समय था जब हमारे घरों के आंगन में इन पक्षियों की चहचहाहट सुनाई देती थी, लेकिन ये अब नजर नहीं आते. हमने बचपन में अक्सर अपने घर के आंगन में गौरैया को फुदकते देखा है. मगर अब यह जैसे गायब ही हो गई है. कुछ अध्ययन बताते हैं कि गौरैया की संख्या में करीब 60 फीसदी तक की कमी दर्ज की गई है. ऐसे में गौरेया की घटती संख्या को देखते हुए और इसके संरक्षण के लिए ही ‘विश्व गौरैया दिवस’ मनाया जाने लगा.
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World Sparrow Day: गौरैया से जुडे कुछ रोचक तथ्य
गौरैया का वैज्ञानिक नाम पासर डोमेस्टिकस और सामान्य नाम हाउस स्पैरो है. इसकी ऊंचाई 16 सेंटीमीटर और विंगस्पैन 21 सेंटीमीटर होते हैं. गौरैया का वजन 25 से 40 ग्राम होता है. गौरैया अनाज और कीड़े खाकर जीवनयापन करती है. शहरों की तुलना में गांवों में रहना इसे ज्यादा पसंद है.
कम हो रही है गौरैया की संख्या
गौरैया की संख्या लगातार कम होती जा रही है. एस स्टडी के अनुसार इसकी संख्या में 60 फीसदी तक कमी आई है. विश्व गौरैया दिवस मनाने का एक उद्देशय यह भी है कि हमारे युवा और प्रकृति के प्रति उत्साही लोगों को गौरैया से प्रेम करने और उनकी देखभाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए.
कौन है गौरैया?
गौरैया का वैज्ञानिक नाम पासर डोमेस्टिकस है। यह पासेराडेई परिवार का हिस्सा है। विश्व के विभिन्न देशों में यह पाई जाती है। यह लगभग 15 सेंटीमीटर के होती है मतलब बहुत ही छोटी होती है। शहरों के मुकाबलों गांवों में रहना इसे अधिक सुहाता है। इसका अधिकतम वजन 32 ग्राम तक होता है। यह कीड़े और अनाज खाकर अपना जीवनयापन करती है।
गौरैया संरक्षण के उपाय
ब्रिटेन की रॉयल सोसाइटी ऑफ बर्डस द्वारा विश्व के विभिन्न देशों में किए गए अनुसंधान के आधार पर भारत और कई बड़े देशों में गौरैया को रेड लिस्ट कर दिया गया है जिसका अर्थ है कि यह पक्षी अब पूर्ण रूप से विलुप्ति की कगार पर है। गौरैया संरक्षण के लिए हम यही कर सकते हैं कि अपनी छत पर दाना-पानी रखें, अधिक से अधिक पेड़- पौधे लगाएं, उनके लिए कृत्रिम घोंसलों का निर्माण करें।
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