अच्छी नींद के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से ही वर्ल्ड स्लीप सोसाइटी (World Sleep Day) की ओर से हर साल 13 मार्च को वर्ल्ड स्लीप डे मनाया जाता है। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में कई तरह की चिंताएं चलती रहती हैं। यदि आप पूरी नींद नहीं लेंगे तो आपको कई तरह की समस्याएं होंगी। आपको तनाव, गैस और अपच जैसी पेट की समस्याओं तथा सिर दर्द, बदन दर्द का सामना भी करना पड़ता है। नींद नहीं आने की इस समस्या को इन्सोमनिया कहा जाता है। अत: वर्ल्ड स्लीप डे मनाने का उद्देश्य लोगों को नींद की समस्याओं के प्रति जागरूक करना और नींद के कारण होने वाली समस्याओं को दूर करना होता है। वर्ल्ड स्लीप सोसाइटी की ओर से हर साल एक विषय तय कर उसके प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है।
World Sleep Day: ये हैं नींद के 5 दवारहित उपचार
- नियमित व्यायाम की आदत डालें, इससे नींद अच्छी आती है, पर सोने से पहले व्यायाम नहीं करना चाहिए।
- सोने के कमरे को शांत व अंधकारमय रखिए। सोने व उठने की नियमित दिनचर्या बनाएं। निद्रा में तीव्र मांसपेशीय शीथली-करण उपचार (शवासन) लाभदायक है।
- सोते समय सकारात्मक विचार मस्तिष्क को शांति देते हैं।
- व्यवहारिक उपचार- कुछ खास व्यावहारिक उपायों से भी अनिद्रा की समस्या का उपचार हो सकता है जैसे- अगर नींद न आ रही हो तो बिस्तर पर न जाएं। सोने के कमरे का प्रयोग सिर्फ निद्रा के लिए करें। बिस्तर पर पड़े-पड़े नींद का इंतजार न करें। उठ जाएं व तभी लेटें, जब नींद आ रही हो।
- हर सुबह एक निश्चित समय पर उठें। रात को निश्चित समय पर सोएं। लेट नाइट पार्टियों व टीवी का लोभ छोड़ें। दिन में सोने से बचें, ताकि रात में नींद की निरंतरता बनी रहे।
वर्ल्ड स्लीप डे का विषय (World Sleep Day 2024 Theme in Hindi)
इस वर्ष वर्ल्ड स्लीप डे का विषय है- ‘Sleep Equity for Global Health’ अर्थात वर्तमान की आवश्यकता है कि हम सभी नियमित रूप से बराबर नींद लें ताकि एक स्वस्थ भविष्य कि कल्पना कर सकें। यदि हमारी नींद पूरी नहीं होगी तो हमारी कार्यक्षमता और स्वास्थ्य दिन-ब-दिन प्रभावित होगा इसलिए सभी लोग नींद के प्रति लापरवाही न बरतते हुए इसको पूरा आठ घंटे का समय दें इसलिए इस विषय को चुना गया है।
भारतीयों का सोने का समय बजे: Report
लगता है कि भारतीयों ने बिस्तर पर जाने की सलाह को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है, क्योंकि उन्होंने 2019 के आखिर से लेकर अब तक कोविड -19 पैनडेमिक की वजह से घर से काम करने का एक साल पूरा कर लिया और इसने हमारे जीने और काम करने के तरीके को बदला है. द ग्रेट इंडियन स्लीप स्कोरकार्ड (जीआईएसएस) 2024 नींद की हेल्थ में सुधार के संकेत दिखाता है.हालांकि जीआईएसएस यह भी बताता है कि 92% भारतीय अभी भी सोने से पहले अपने फोन को देखते हैं.
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वर्ल्ड स्लीप डे (19 मार्च) [World Sleep Day] से पहले स्लीप एंड होम सॉल्यूशंस कंपनी वेकफिट द्वारा प्रकाशित वार्षिक ग्रेट इंडियन स्लीप स्कोरकार्ड (जीआईएसएस) 2024 के मुताबिक, रात 10 बजे से पहले बिस्तर पर जाने वाले लोगों की संख्या में 100 फीसदी की वृद्धि देखी गई है. जल्दी सोने की यह प्रवृति 18-वर्ष के बच्चों के बीच सबसे अधिक है, जिनमें से 50 फीसदी अब रात 10 बजे से पहले सोने जा रहे हैं जबकि पहले 2020 में ये केवल 22 फीसदी थे. यही नहीं आधी रात के बाद की नींद लेने वालों संख्या में भी गिरावट आई है. ये 28 से 26 फीसद पर आ गए हैं.
World Sleep Day: क्यों है नींद जरूरी?
जिस तरह से इंसान को फिट और हेल्दी रखने के लिए खाने और एक्सरसाइज के महत्व को नकारा नहीं जा सकता है. उसी तरह नींद का भी इंसानी जिंदगी में एक अहम स्थान है. एक स्टडी के मुताबिक, एक इंसान को हेल्दी रहने के लिए रोजाना 6-8 घंटे सोना जरूरी है. अगर सही तरीके से नींद नहीं लेते हैं तो दिल की बीमारियों, अवसाद और डायबीटीज का खतरा बढ़ जाता है.
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अच्छी नींद के लिए अपनाए ये उपाय
अगर आप चाहते हैं कि रात की नींद आपकी बहुत अच्छी और पक्की हो तो मोबाइल फोन को एक घंटा पहले बंद कर दें। बहुत अधिक मसालेदार खाने का सेवन रात में न करें। सोने से पहले किसी से बहस या नकारात्मक बात न करें। सोने का बिस्तर और तकिया आरामदायक हो, यह सुनिश्चित करें। सोते वक्त आंख मूंदकर किसी अच्छी याद या दृश्य की कल्पना करें।
बादाम दूध अनियमित नींद चक्र को ठीक करने में कैसे मदद कर सकते हैं?
आयुर्वेद के अनुसार चीजों का सही कॉम्बिनेशन, तंत्रिका को आराम करने और नींद को प्रेरित करने में मदद कर सकता है. बादाम का दूध एक महान नींद के समर्थक हैं. इसमें ट्रिप्टोफैन अमीनो एसिड होता है जो सेरोटोनिन में परिवर्तित हो जाता है. सेरोटोनिन मस्तिष्क में शांत प्रभाव उत्पन्न करने के लिए जाना जाता है. आप रोजाना बादाम का दूध पीकर एक अच्छी नींद पा सकते हैं.
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World Sleep Day: नींद से जुड़े रोचक तथ्य
- 15 प्रतिशत लोगों को नींद में चलने और 5 प्रतिशत लोगों को नींद में बोलने की बीमारी होती है।
- जब हम बहुत अधिक खुश होते हैं तो हमारी नींद उड़ जाती है। ऐसे समय में कम नींद भी पर्याप्त होती है।
- 1964 में 17 साल के रैंडी गार्डनर ने 264 घंटे 12 मिनट तक जगे रहने का कीर्तिमान बनाया था जो 54 साल बीतने के बावजूद नहीं टूटा है।
World Sleep Day Quotes in Hindi
प्यारी सी रात में प्यारे से सितारे, प्यार सा चांद, प्यारी सी चांदनी, और प्यार सी ठंडी हवाएं एक प्यारे से दोस्त को, प्यारी सी नींद दे जाए.
रातों में करवटें बदलना, यूंही थोड़ा थोड़ा मुस्कुराना
एक अच्छे सपनों का संकेत होता है.
रात भर का है मेहमान अंधेरा,
किसके रोके रुका है सवेरा
प्यार भरे चाँद के इशारे, दे रहे हैं, ख्वाबों के नजारें