विश्व प्रवास रिपोर्ट 2024: बढ़ रहा है विस्थापन का खतरा 

विश्व प्रवास रिपोर्ट 2024 बढ़ रहा है विस्थापन का खतरा

अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) द्वारा जारी विश्व प्रवास रिपोर्ट 2024, वैश्विक मानव गतिशीलता के भविष्य के लिए एक चिंताजनक दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। रिपोर्ट चेतावनी देती है कि जलवायु परिवर्तन, संघर्ष और अन्य कारक आने वाले दशकों में बड़े पैमाने पर विस्थापन का कारण बन सकते हैं।

मुख्य बिंदु:

  • जलवायु परिवर्तन 2050 तक 21.6 करोड़ लोगों को अपने देशों के भीतर स्थानांतरित होने के लिए मजबूर कर सकता है।
  • आंतरिक विस्थापन बढ़ रहा है, 2023 में 5.93 करोड़ लोग अपने घरों से विस्थापित हुए।
  • भारत प्रेषण का एक प्रमुख स्रोत है, 2023 में 89.4 बिलियन डॉलर प्रेषण भेजे गए।
  • जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के कारण आंतरिक विस्थापन की बढ़ती चुनौती 

विश्व प्रवासन रिपोर्ट 2024: मानव गतिशीलता की जटिलताओं पर एक गहन विश्लेषण

विश्व प्रवासन रिपोर्ट अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) द्वारा प्रकाशित एक महत्वपूर्ण प्रकाशन है जो वैश्विक स्तर पर मानव गतिशीलता के जटिल और गतिशील परिदृश्य को समझने में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। 2000 में पहली बार प्रकाशित, यह रिपोर्ट दुनिया भर में प्रवासी आंदोलनों के रुझानों, डेटा और विश्लेषण का एक व्यापक स्रोत बन गई है।

2024 संस्करण, द्विवार्षिक श्रृंखला में बाहरवां, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों पर विशेष ध्यान केंद्रित करता है और यह अनुमान लगाता है कि 2050 तक, यह 21.6 करोड़ लोगों को अपने देशों के भीतर स्थानांतरित होने के लिए मजबूर कर सकता है।

यह रिपोर्ट, हालांकि, जलवायु परिवर्तन को प्रवासन का एकमात्र निर्धारक नहीं मानती है। यह राजनीतिक अस्थिरता, संघर्ष, असमानता और शासन की विफलता जैसे अन्य कारकों की भूमिका को भी स्वीकार करता है जो लोगों को अपने घरों को छोड़ने और नए स्थानों पर निवास स्थापित करने के लिए मजबूर करते हैं।

विश्व प्रवासन रिपोर्ट 2024 के मुख्य प्रेरक:

  • जलवायु परिवर्तन: रिपोर्ट जलवायु परिवर्तन को आंतरिक विस्थापन का एक प्रमुख चालक मानती है, 2050 तक 21.6 करोड़ लोगों को प्रभावित करने का अनुमान लगाती है।
  • आंतरिक विस्थापन: 2023 में, 5.93 करोड़ लोग संघर्ष, हिंसा, प्राकृतिक आपदाओं और विकास परियोजनाओं के कारण आंतरिक रूप से विस्थापित हुए।
  • प्रेषण: भारत प्रेषण का एक प्रमुख स्रोत बना हुआ है, 2023 में 89.4 बिलियन डॉलर भेज रहा है।
  • जटिलता: प्रवासन एक जटिल और बहुआयामी मुद्दा है जो जलवायु परिवर्तन, संघर्ष, असमानता और शासन सहित कई कारकों से प्रेरित होता है।

क्यों यह रिपोर्ट महत्वपूर्ण है?

विश्व प्रवासन रिपोर्ट 2024 वैश्विक मानव गतिशीलता की समझ को बढ़ावा देने और नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं और आम जनता के लिए एक मूल्यवान संसाधन प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह रिपोर्ट जलवायु परिवर्तन के प्रभावों, आंतरिक विस्थापन की बढ़ती चुनौती और प्रवासन के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलुओं पर प्रकाश डालती है।

यह महत्वपूर्ण है कि हम इस रिपोर्ट के निष्कर्षों पर ध्यान दें और एक ऐसी दुनिया बनाने के लिए मिलकर काम करें जो सभी के लिए अधिक टिकाऊ, न्यायसंगत और सुरक्षित हो।

जलवायु परिवर्तन, आंतरिक विस्थापन और प्रवासन:

जलवायु परिवर्तन, आंतरिक विस्थापन और प्रवासन आज दुनिया के सबसे ज्यादा चिंताजनक मुद्दों में से हैं। इन जटिल समस्याओं का समाधान ढूंढना महत्वपूर्ण है।

जलवायु परिवर्तन के प्रभाव:

  • प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि: जलवायु परिवर्तन के कारण बाढ़, सूखा, तूफान और जंगल की आग जैसी प्राकृतिक आपदाओं की तीव्रता और आवृत्ति में वृद्धि हो रही है। यह बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाता है, फसलों को नष्ट करता है, और लोगों को उनके घरों से विस्थापित करता है।
  • समुद्र का बढ़ता स्तर: जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है, ध्रुवीय बर्फ पिघलती है और समुद्र का स्तर बढ़ता है। इससे तटीय क्षेत्रों में बाढ़ आ सकती है और लाखों लोग विस्थापित हो सकते हैं।
  • जल संकट: जलवायु परिवर्तन वर्षा पैटर्न को बदल रहा है, जिससे कुछ क्षेत्रों में सूखा और दूसरों में बाढ़ आ रही है। इससे जल संकट पैदा हो रहा है, जिसके लिए लोगों को नए स्थानों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।

आंतरिक विस्थापन की बढ़ती चुनौती:

जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाले विस्थापन के कारण दुनिया भर में लाखों लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हो रहे हैं। यह इन समुदायों पर गंभीर सामाजिक और आर्थिक दबाव डालता है, और संघर्ष और अस्थिरता का खतरा पैदा करता है।

प्रवासन के सकारात्मक और नकारात्मक पहलू:

प्रवासन जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से बचने का एक तरीका हो सकता है। यह लोगों को अधिक सुरक्षित और टिकाऊ स्थानों पर जाने की अनुमति देता है। हालांकि, प्रवासन नए चुनौतियों को भी जन्म दे सकता है, जैसे कि भेदभाव, सामाजिक अलगाव और संसाधनों पर दबाव।

जलवायु परिवर्तन: एक बढ़ता हुआ खतरा

रिपोर्ट का अनुमान है कि 2050 तक, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव 216 मिलियन लोगों को अपने देशों के भीतर स्थानांतरित होने के लिए मजबूर कर सकते हैं, मुख्य रूप से बढ़ते समुद्र के स्तर, तीव्र मौसम की घटनाओं और पर्यावरणीय गिरावट के कारण। यह संख्या पिछले अनुमानों की तुलना में काफी अधिक है, जो इस बात पर प्रकाश डालती है कि जलवायु परिवर्तन मानवीय गतिशीलता पर कितना गहरा प्रभाव डाल सकता है।

आंतरिक विस्थापन: एक बढ़ती चिंता

रिपोर्ट आंतरिक विस्थापन की बढ़ती घटना पर भी प्रकाश डालती है, जहां लोग संघर्ष, हिंसा, प्राकृतिक आपदाओं और विकास परियोजनाओं के कारण अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर होते हैं। 2023 में, आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों की संख्या 59.3 मिलियन तक पहुंच गई, जो रिकॉर्ड उच्च स्तर है। यह दर्शाता है कि संघर्ष और अन्य कारक लोगों को अपने ही देशों के भीतर स्थानांतरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

भारत: प्रेषण का एक प्रमुख स्रोत

रिपोर्ट के सकारात्मक पहलुओं में से एक यह है कि भारत प्रेषण प्राप्त करने वाला दुनिया का शीर्ष देश बना हुआ है। 2023 में, भारतीय प्रवासियों ने अपने घरों पर 89.4 बिलियन डॉलर भेजे, जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण जीवन रेखा है। यह प्रवासन के सकारात्मक प्रभावों को दर्शाता है, जो प्रवासियों के मूल देशों में गरीबी और असमानता को कम करने में मदद कर सकता है।

रिपोर्ट के कुछ प्रमुख निष्कर्ष:

  • 2023 में, दुनिया भर में 28.1 करोड़ प्रवासी थे, जो वैश्विक आबादी का 3.6% है।
  • 2023 में, 2.35 करोड़ लोग जबरदस्ती विस्थापित हुए, जो 2022 की तुलना में 15% अधिक है।
  • 2023 में, 89.4 बिलियन डॉलर प्रेषण के रूप में विकासशील देशों में भेजे गए, जो उनके सकल घरेलू उत्पाद का 2.1% है।
  • 2000 से 2022 के बीच, विदेशों में रहने वाले प्रवासियों द्वारा अपने मूल देशों को भेजी गई धनराशि में 650% की वृद्धि हुई है।
  • 2022 में, प्रवासियों द्वारा भेजी गई धनराशि 831 अरब डॉलर तक पहुंच गई, जो कई निम्न और मध्य आय वाले देशों के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है।
  • संघर्ष, हिंसा, और आपदाओं के कारण विस्थापित लोगों की संख्या आधुनिक रिकॉर्ड में 11.7 करोड़  तक पहुंच गई है।

आंतरिक प्रवासन:

  • जलवायु परिवर्तन, भूमि क्षरण और आर्थिक अवसरों की कमी के कारण आंतरिक प्रवासन बढ़ रहा है।
  • भारत में, जलवायु परिवर्तन राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से आंतरिक प्रवास को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर रहा है।
  • प्रवासन वैश्विक विकास और अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  • प्रवासियों को अक्सर भेदभाव और सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ता है।
  • जलवायु परिवर्तन प्रवासन पैटर्न को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर रहा है।
  • प्रवासन के प्रबंधन के लिए अधिक समन्वित और मानवीय दृष्टिकोण की आवश्यकता है।

चुनौती बड़ी है चाहिए समाधान 

विश्व प्रवास रिपोर्ट 2024 एक महत्वपूर्ण अनुस्मारक है कि वैश्विक मानव गतिशीलता एक जटिल और बहुआयामी मुद्दा है। जलवायु परिवर्तन,संघर्ष और अन्य कारकों के कारण भविष्य में विस्थापन बढ़ने की संभावना है। इस चुनौती का समाधान करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और समन्वित प्रयासों की आवश्यकता होगी।

संत रामपाल जी महाराज का समाधान:

संत रामपाल जी महाराज का मानना ​​है कि जलवायु परिवर्तन और इसके प्रभावों से निपटने का सबसे अच्छा तरीका है कि हम प्रकृति के साथ सद्भाव में रहना सीखें। उनका सतज्ञान हमें सर्वशक्तिमान के साथ मर्यादा और पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी को समझने और सतत जीवन जीने का तरीका सिखाता है।

संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा के अनुसार, सतभक्ति के साथ हम निम्नलिखित चरणों द्वारा जलवायु परिवर्तन को संबोधित कर सकते हैं:

  • पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों को कम करना: हमें जीवाश्म ईंधन पर अपनी निर्भरता कम करने और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करने की आवश्यकता है। हमें वनों की कटाई को रोकने और वृक्षारोपण को बढ़ावा देने की भी आवश्यकता है।
  • तम्बाखू से होने वाला प्रदूषण जीवाश्म ईंधन द्वारा होने प्रदूषण से 10 गुना ज्यादा होता है। संत रामपाल जी महाराज तम्बाखू का प्रयोग एकदम बंद करवा देते हैं। तो ये प्रदूषण अपने आप कम हो जाएगा। 
  • सतत जीवन शैली अपनाना: बर्बाद करने के बजाय सभी को भोजन मिले, पानी बचाने और सीमित संसाधनों को उपयोग करने जैसी जीवन शैली अपनाएँ।
  • लोगों को प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने के लिए शिक्षित करना।
  • अवांछित सुख सुविधाओं की पूर्ति के लिए इंसान बहुत ज्यादा मात्रा में पेड़ो की कटाई करता है। सत्यज्ञान प्राप्ति के बाद इन भौतिक सुविधाओं की इच्छा नहीं रहती।  जोकि जलवायु सुरक्षा के लिए बहुत अच्छा घटक साबित होगा।
  • मानव जीवन की बढ़ती हुई भागदौड़ ने और परस्पर प्रतिस्पर्धा ने प्रवास के आंकड़ों को बहुत ज्यादा बढ़ाया है। सतत जीवन शैली अपनाने से ये प्रतिस्पर्धा कम होगी।

इन्ही सभी पहलुओं पर सोचने विचारने के बाद ये कहने में भी संकोच नहीं कि जलवायु परिवर्तन नियंत्रण में संत रामपाल जी महाराज द्वारा निभाई गयी भूमिका पूरी दुनिया को एक नयी दशा व दिशा देने का काम करेगी। इन्हीं सब जनकल्याण के कार्यों को आधार बनाकर भारत, संत रामपाल जी महाराज की अगुवाई में विश्वगुरु बनने की और अग्रसर होगा। 

FAQs: विश्व प्रवास रिपोर्ट 2024

1. विश्व प्रवासन रिपोर्ट क्या है और यह किसके द्वारा प्रकाशित की जाती है?

विश्व प्रवासन रिपोर्ट अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) द्वारा प्रकाशित एक द्विवार्षिक प्रकाशन है। यह रिपोर्ट वैश्विक स्तर पर मानव गतिशीलता के रुझानों, डेटा और विश्लेषण का एक व्यापक स्रोत है।

2. 2024 रिपोर्ट में क्या खास है?

यह रिपोर्ट जलवायु परिवर्तन के प्रभावों पर विशेष ध्यान केंद्रित करती है और अनुमान लगाती है कि 2050 तक, यह 21.6 करोड़ लोगों को अपने देशों के भीतर स्थानांतरित होने के लिए मजबूर कर सकता है।

3. रिपोर्ट के अनुसार, जलवायु परिवर्तन कैसे प्रवासन को प्रभावित कर रहा है?

जलवायु परिवर्तन से बढ़ते समुद्र का स्तर, तीव्र मौसम की घटनाएं और पर्यावरणीय गिरावट जैसी घटनाएं लोगों को अपने घरों से विस्थापित कर रही हैं। 2050 तक, जलवायु परिवर्तन के कारण 216 मिलियन लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हो सकते हैं।

4. आंतरिक विस्थापन से आप क्या समझते हैं?

यह तब होता है जब लोग संघर्ष, हिंसा, प्राकृतिक आपदाओं या विकास परियोजनाओं के कारण अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर होते हैं। 2023 में, 59.3 मिलियन लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए, जो एक रिकॉर्ड उच्च स्तर है।

5. प्रेषण के मामले में भारत की क्या भूमिका है?

भारत प्रेषण का एक प्रमुख स्रोत बना हुआ है। 2023 में, भारतीय प्रवासियों ने अपने घरों पर 89.4 बिलियन डॉलर भेजे, जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है।

6. रिपोर्ट में प्रवासन के सकारात्मक पहलुओं पर क्या प्रकाश डाला गया है?

प्रेषण के अलावा, प्रवासन का उपयोग लोगों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से बचने और अधिक सुरक्षित और टिकाऊ स्थानों पर जाने के लिए भी किया जा सकता है।

7. प्रवासन से जुड़ी कुछ प्रमुख चुनौतियाँ क्या हैं?

प्रवासियों को अक्सर भेदभाव, सामाजिक बहिष्कार और संसाधनों तक पहुंच की कमी का सामना करना पड़ता है। प्रवासन का प्रबंधन एक जटिल मुद्दा है जिसके लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग और समन्वित प्रयासों की आवश्यकता होती है।

One thought on “विश्व प्रवास रिपोर्ट 2024: बढ़ रहा है विस्थापन का खतरा 

  1. Very Informative 😀 Literally Sant Rampal Ji is doing a great job!!
    Kudos to there whole team😀

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