राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए समय समय पर पाठ्यक्रम में बदलाव लाती रहती है। नए सत्र वर्ष 2024 – 25 में कक्षा 3 व कक्षा 6 के पाठ्यक्रम को नई शिक्षा नीति के अनुरूप बनाने के लिए कुछ परिवर्तन किए गए हैं।
कक्षा 3 एवं कक्षा 6 को NEP 2020 के अनुरूप बनाने के लिए पाठ्यक्रम में अहम बदलाव किए हैं जो इसी सत्र 2024 – 25 से लागू किए जायेंगे। तथा मुस्लिमों के प्रति धार्मिक विभिन्नता जैसे संदर्भ को कक्षा बारहवीं की पुस्तकों से हटा दिया गया है।
राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के स्वागत पर बारहवीं की पॉलिटिकल साइंस के अध्याय 8 में भी कुछ अहम बदलाव हुए हैं।
एनसीईआरटी की पुस्तकों को CBSE के स्कूलो में पढ़ाया जाता है, भारत में CBSE स्कूलों की संख्या लगभग 30,000 है। नए शिक्षा सत्र वर्ष 2024 – 25 के लिए कुछ बदलाव कक्षा 1 से 12वीं के पाठ्यक्रम में किए गए हैं। जिसके चलते NCERT द्वारा आने वाली पुस्तकों में देरी बताई जा रही है। जिसे NCERT ने अपने आफिशियल वेबसाइट के माध्यम से बताया। वह महत्वपूर्ण बदलाव क्या है आइए इस लेख के माध्यम से समझते हैं।
NCERT ने किए पाठ्यक्रम में बदलाव, से जुड़े मुख्य बिंदु:
•राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) – शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए समय समय पर शिक्षा तकनीकों एवं पाठ्यक्रम में बदलाव लाती रहती है।
•स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने एवं NEP 2020 के अनुरूप पाठ्यक्रम को ढालने के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने कक्षा 3 एवं कक्षा 6 तथा कक्षा बारहवीं के पाठ्यक्रम में बदलाव किया है।
•जिसकी वजह से इन कक्षाओं की पुस्तकों को उपलब्ध कराए जाने में देरी बताई जा रही।
•बारहवीं के पाठ्यक्रम से अयोध्या आंदोलन को हटाकर नया रूप दिया गया है तथा मुस्लिम समुदाय के प्रति सामाजिक भेदभाव जैसे प्रकरण भी हटा दिए गए है।
•बोर्ड ने इस संबंद्ध में सभी स्कूलों को दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं।
•वर्तमान पाठ्यक्रम में है तत्वज्ञान समाहित करने की अतिआवश्यकता।
NCERT के बारे में
National Council of Educational Research and Training (NCERT) राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद वर्ष 1961 में भारत सरकार द्वारा स्थापित एक स्वायत्त संगठन है, जो कि स्कूली शिक्षा से संबंधित मामलों पर केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण सुधार लाने के लिए सहायता प्रदान करने तथा उन्हें शिक्षा संबंधी सुझाव आदि देने का कार्य करती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार, NCERT प्रारंभिक शिक्षा (ECCE), स्कूल शिक्षा और वयस्क शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (NCF) विकसित करने के लिए एक नोडल एजेंसी हैं।
NCERT के कार्य
NCERT शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए विद्यार्थियों, पाठ्यक्रम तथा शिक्षकों के लिए अनुकूल ढांचे तैयार करती है। ये स्कूली शिक्षा से संबंधित क्षेत्रों में शोध कार्य कर उसे बढ़ावा देने, पाठ्य पुस्तकें, समाचार पत्र एवं पत्रिकाएं प्रकाशित करना, मल्टीमीडिया डिजिटल सामग्री आदि विकसित करना, प्रशिक्षकों तथा सेवारत शिक्षकों हेतु प्रशिक्षण का आयोजन करना, राज्य शैक्षिक विभागों, सरकारी व गैर सरकारी संगठनों को समय – समय पर सहायता प्रदान करने जैसे कार्य करती है।
नए स्कूली सत्र के पाठ्यक्रम में हुए बदलाव
नए शैक्षणिक सत्र 2024-25 की शुरुआत 1 अप्रैल से हो गई है। इसी के चलते NCERT द्वारा नई पुस्तकें भी आना प्रारंभ हो गई हैं ।लेकिन कुछ कक्षाओं की पुस्तकों में NCERT द्वारा उपलब्ध कराने में देरी बताई जा रही। जिसका कारण अलग अलग कक्षाओं के पाठ्यक्रम में कुछ बदलाव बताया जा रहा। जो इसी सत्र से लागू किया जाएगा। बता दें कि वर्ष 2019 में कोरोना काल के दौरान पाठ्य पुस्तकों के बोझ को घटाने के लिए कक्षा 6 से 12वीं के NCERT Syllabus में बदलाव किया गया था।
कक्षा 3 एवम कक्षा 6 की पुस्तकों में किया गया है बदलाव
नई शिक्षा नीति 2020 को ध्यान में रखते हुए NCERT ने कक्षा 3 व 6 की पाठ्य पुस्तकों में अहम बदलाव किए हैं। जिसके चलते इन कक्षाओं की पुस्तकों के प्रकाशन में देरी बताई जा रही। NCERT ने ट्वीट करके बताया कि – कक्षा 3 और 6 की नए पाठ्यक्रम् की पुस्तकें अप्रैल और मई में क्रमशः छप जाएंगी। स्कूलों को सलाह दी गई है कि वे वर्ष 2023 तक एनसीईआरटी द्वारा प्रकाशित पाठ्यपुस्तकों के स्थान पर कक्षा 3 और 6 के लिए इन नए पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों का ही पालन करें।
कक्षा बारहवीं की पुस्तक में हुए कुछ अहम बदलाव
NCERT ने अपनी वेबसाइट के माध्यम से बताया – राजनीति में हुए लेटेस्ट डेवलपमेंट्स के अनुसार स्टडी मटेरियल को अपडेट किया जाता है। कक्षा बारहवीं की पॉलिटिकल साइंस की पुस्तक “Politics In India Since Independence” के अध्याय 8 में अहम बदलाव हुए हैं। इस अध्याय में भारतीय आज़ादी के बाद घटित 5 अहम राजनीतिक घटनाओं के बारे में पढ़ाया जाता है। जिनमें अयोध्या आंदोलन, कांग्रेस का पतन, मंडल कमीशन, आर्थिक सुधार एवं राजीव गांधी की हत्या शामिल हैं।
कुछ अहम बदलाव इस प्रकार हैं:
पॉलिटिकल साइंस की पुस्तक अध्याय 8 से Ayodhya Demolition के पुराने संदर्भ को हटाकर नए के साथ जोड़ा गया है। इस अध्याय में “What is the legacy of the Ram Janmabhoomi movement and the Ayodhya demolition for the nature of political mobilization?” को “What is the legacy of the Ram Janmabhoomi movement?” कर दिया गया है।
भारतीय राजनीति नए अध्याय में बाबरी मस्जिद और हिंदुत्व के संदर्भ को हटा दिया गया है। इनकी जगह राम मंदिर का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है।
लोकतांत्रिक अधिकार नाम के 5वें अध्याय से 2002 के गुजरात दंगे को हटा दिया गया है।
मुस्लिमों के प्रति कट्टरवाद को बढ़ावा देने, मुस्लिम समुदाय को विकास से वंचित रखने जैसे संदर्भ भी हटा दिए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के द्वारा राम मंदिर को लेकर हुए अहम फैसले के बाद NCERT ने सिलेबस को संशोधित किया है।
वर्तमान पाठ्यक्रम में है तत्वज्ञान समाहित करने की आवश्यकता
बच्चे समाज से शिक्षा प्राप्त करते है किंतु सामाजिक भेदभाव की वजह से आगे चलकर उनमें धार्मिक भेदभाव, अहिंसा , नशा करना, भ्रष्टाचार, जाति, वर्ण भेद को लेकर गंभीर लक्षण प्रदर्शित होने लगते हैं। पाठ्यक्रम में कुछ ऐसे प्रकरण भी शामिल होते हैं जो धार्मिक विरोधाभास का कारण बनते हैं। जिन्हें पढ़ने से दूसरे धर्म के प्रति बच्चों की मानसिक छवि खराब होती है।
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज बताते हैं हम सभी एक परमेश्वर की संतान हैं। वे हिंदू हों या मुस्लिम अथवा कोई अन्य जाति का क्यों ना हो परमात्मा के सामने सब एक समान हैं।
“जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा। हिंदु मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
वर्तमान में बच्चों को संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा प्रदत्त तत्वज्ञान की अति आवश्यकता है जिससे समाज में फैली धार्मिक विभिन्नता, जातिवाद और सांप्रदायिकता खत्म होगी।