भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और तकनीकी अद्यतनीकरण की दिशा में बेहतरीन कदम उठा रहा है। इसी प्रयास में एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) — 5वीं पीढ़ी का स्वदेशी स्टील्थ लड़ाकू विमान — की परियोजना पर तेजी से काम जारी है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट सुरक्षा मामलों की समिति (CCS) ने इस इस परियोजना को मंजूरी दे दी है, जो भारतीय रक्षा वैश्विक मंच पर एक नई पहचान बनाएगी।
परियोजना की पृष्ठभूमि: आवश्यकता और महत्वकांक्षा
भारतीय वायुसेना पुराने विमानों जैसे मिग‑21, मिग‑27 और मिराज‑2000 को क्रमिक रूप से सेवानिवृत्त करने की प्रक्रिया में है। इससे स्पष्ट होता है कि नए, उन्नत और भविष्य विकल्पों वाली तकनीक पर आधारित लड़ाकू विमानों की जरूरत बेहद महत्वपूर्ण बन गई है। ऐसी स्थिति में AMCA परियोजना का उद्भव हुआ, जिसका लक्ष्य एक ऐसा मल्टीरोल, स्टील्थ और अत्याधुनिक तकनीक से लैस विमान तैयार करना है जो आने वाले 20–30 वर्षों तक भारतीय वायुसेना की सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा कर सके। भारतीय रक्षा आत्मनिर्भरता, यानी ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य में यह परियोजना एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो रही है।
AMCA क्या है? — विस्तार से परिचय
AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) भारतीय इतिहास का पहला पूर्ण रूप से स्वदेशी 5वीं पीढ़ी का स्टील्थ विमान होगा। इसे DRDO के अधीन एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) द्वारा डिजाइन किया जा रहा है। निर्माण के कार्य में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की प्रमुख भूमिका होगी और इसमें कई निजी कंपनियों को भी शामिल किया जाएगा। SPV मॉडल के तहत L&T, Bharat Forge, Godrej Aerospace, TATA जैसी निजी कंपनियां भी इस परियोजना में तकनीकी भागीदारी देंगी।
तकनीकी वैशिष्ट्य
1. स्टील्थ डिज़ाइन
AMCA की प्रमुख तकनीकी विशेषता इसकी स्टील्थ डिजाइन है, जिससे यह रडार पर बेहद न्यूनतम दिखाई देता है। इसमें निम्नलिखित तत्व शामिल हैं:
- Low Radar Cross Section (RCS)
- आंतरिक हथियार भंडारण (Internal Weapons Bay)
- विशेष कोटिंग व एंगल्ड सतह डिज़ाइन, जो रडार तरंगों को विचलित करता है
2. सुपरक्रूज़ क्षमता
विमान को सुपरक्रूज़ यानि आफ्टरबर्नर के बिना ध्वनि की गति से तेज गति से उड़ान भरने की क्षमता दी जा रही है। इससे वायुयानों की रेंज बढ़ेगी और ईंधन की बचत होगी।
3. एवियोनिक्स व सेंसर
AMCA में आधुनिक एवियोनिक्स व सेंसर सिस्टम होंगे, जैसे:
- AESA रडार
- Infrared Search and Track (IRST) सिस्टम
- AI आधारित कॉकपिट
- फ्यूज़्ड सेंसर डाटा
4. हथियार प्रणाली
इस विमान में लगभग 14 हार्डप्वाइंट होंगे, जिससे यह मल्टीरोल क्षमता का होगा और निम्न हथियार ले जा सकेगा:
- एयर‑टू‑एयर मिसाइल
- ब्रह्मोस‑एनजी सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल
- रुद्रम एंटी‑रडार मिसाइल
- GSh‑23 मिमी कैनन
- S‑8 रॉकेट पॉड्स
5. पेलोड, रेंज और गति
- अधिकतम पेलोड: 7,000 किलोग्राम
- कॉम्बैट रेंज: 1,620 किलोमीटर
- अधिकतम गति: 2,633 किमी/घंटा
परियोजना की लागत व वित्तीय ढांचा
AMCA परियोजना का अनुमानित बजट ₹15,000 करोड़ रखा गया है, जिसमें पांच प्रोटोटाइप और व्यापक अनुसंधान एवं विकास शामिल हैं। निर्माण के लिए Special Purpose Vehicle (SPV) मॉडल को अपनाया गया है जिसमें HAL, ADA और निजी क्षेत्र कंपनियां जैसे L&T, Bharat Forge, Godrej Aerospace और TATA का समावेश तकनीकी सहयोग और उत्पादन क्षमता को सशक्त करेगा।
दो संस्करण: Mark-1 एवं Mark-2
AMCA के दो चरणों में विकसित किए जाने वाले मुख्य संस्करण हैं:
- Mark-1: इसमें GE-414 इंजन का प्रयोग होगा, जो तेजस मार्क-2 प्रोग्राम में पहले से उपयोग में है।
- Mark-2: इसमें पूर्णतः स्वदेशी इंजन विकसित किया जाएगा, जिसे GE के साथ DRDO और HAL मिलकर बनाएंगे।
समयरेखा और आगे की योजना
इस परियोजना के प्रमुख लक्ष्य व समयरेखा इस प्रकार हैं:
- 2024: परियोजना को CCS से स्वीकृति प्राप्त
- 2026: पहला प्रोटोटाइप तैयार
- 2027–28: परीक्षण उड़ानें आयोजित की जाएँगी
- 2030: पहला बैच इंडक्शन के लिए तैयार होगा
उसके बाद भारत ने 6वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों पर भी काम प्रारंभ करने की योजना बनाई है, जो तकनीकी क्षेत्र में एक और कदम होगा।
वैश्विक दृष्टिकोण
अभी के समय में 5वीं पीढ़ी के स्टील्थ विमान बनाने में अमेरिका (F‑22, F‑35), रूस (Su‑57) और चीन (J‑20) ही सक्षम देश हैं। इन देशों के साथ AMCA की परिणति भारत को उसी विशिष्ट क्लब में शामिल कर देगी। यह न केवल भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि देश को एक बेहतरीन रक्षा निर्यातक भी बनाएगा।
आत्मनिर्भर भारत: रणनीतिक उत्पादकता
Make in India और आत्मनिर्भर भारत रणनीतियों के तहत AMCA परियोजना एक मजबूत संरचना का प्रतीक है। इसका उद्देश्य स्पष्ट है:
- विदेशी रक्षा आयात पर निर्भरता कम करना
- स्वदेशी तकनीकी विकास को बढ़ावा देना
- रक्षा निर्यात को वैश्विक स्तर पर सक्षम बनाना
विशेषज्ञों की राय
रक्षा विशेषज्ञ इस परियोजना को एक ‘गेम चेंजर’ मान रहे हैं। वे मानते हैं कि इसकी स्टील्थ क्षमता, सुपरक्रूज़ और मल्टीरोल क्षमता इसे भविष्य की लड़ाइयों में निर्णायक दृष्टि से सक्षम बनाएगी। यह चीन और पाकिस्तान के समकक्ष स्वरूप से कहीं आगे रहेगा।
निष्कर्ष
AMCA परियोजना भारत की रक्षा रणनीति का एक ऐतिहासिक अध्याय है। यह केवल तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता एवं वैश्विक प्रतिष्ठा की दिशा में एक मजबूत कदम है। सरकार और निजी क्षेत्र की संयुक्त भागीदारी इसे सशक्त करेगी। यदि समय पर यह समयरेखा पूरी हो जाती है, तो 2030 तक यह विमान भारतीय वायुसेना और वैश्विक रक्षा बाजार में एक ठोस पहचान बना लेगा। भविष्य की लड़ाइयों के लिए तैयार यह विमान, भारत का आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता परियोजनाओं का प्रतीक बनकर उभरेगा।
आत्मबल और राष्ट्रबल: संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान
भारत का स्वदेशी स्टेल्थ फाइटर विमान AMCA राष्ट्र को सैन्य दृष्टि से और अधिक मजबूत बनाएगा। यह तकनीक भारत को आत्मनिर्भर और सुरक्षित बनाएगी, जिससे देश की सीमाएं सुरक्षित रहेंगी और दुश्मनों को जवाब देने की शक्ति बढ़ेगी। लेकिन जैसा कि संत रामपाल जी महाराज कहते हैं — “केवल बाहरी शक्ति पर्याप्त नहीं होती, जब तक आत्मा बलवान न हो।”
आत्मिक बल वह होता है जो मनुष्य को पाप, मोह, क्रोध, लोभ जैसी कमजोरियों से बचाता है। यदि व्यक्ति का अंतर्मन शुद्ध नहीं है, तो बाहरी शक्ति कभी स्थायी नहीं रह सकती। आत्मा की शक्ति बढ़ाने के लिए हमें चाहिए:
- पूर्ण संत से जुड़ना
- सत्य भक्ति करना
- पवित्र धार्मिक ग्रंथों अनुसार साधना करना
- और नेक जीवन जीना
जब राष्ट्र के नागरिक आत्मिक रूप से मजबूत होंगे, तभी भारत सच्चे अर्थों में महान और स्थायी रूप से सुरक्षित राष्ट्र बनेगा — बाहरी भी और आंतरिक भी।