दिल्ली‑एनसीआर में ‘बहुत खराब’ हवा के बीच GRAP‑2 लागू, दिवाली‑पूर्व प्रदूषण को रोकने की कवायद

दिल्ली‑एनसीआर में ‘बहुत खराब’ हवा के बीच GRAP‑2 लागू

GRAP-2 के साथ, दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है, खासकर दिवाली के त्योहार के करीब। Commission for Air Quality Management (CAQM) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, सोमवार सुबह तक दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 333 तक पहुँच गया। इसी के क्रम में, CAQM ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का स्टेज-2 सक्रिय कर दिया है, जिससे प्रदूषण नियंत्रण के कड़े उपाय लागू होंगे और स्थिति में सुधार की उम्मीद है। यह कदम नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए आवश्यक है।

GRAP‑2 क्या है और किन उपायों में बदलाव हैं

दिल्ली‑एनसीआर में ‘बहुत खराब’ हवा के बीच GRAP‑2 लागू

GRAP यानी Graded Response Action Plan एक नीति‑ढांचा है जिसे दिल्ली‑एनसीआर में वायु प्रदूषण की गंभीरता के स्तर के अनुसार चरणबद्ध उपायों के लिए लागू किया गया है। इसके अंतर्गत:

  • धूल नियंत्रण के लिए सड़क‑सफाई व पानी छिड़काव तेज करना।
  • निर्माण‑विध्वंस गतिविधियों पर सख्ती, धूल उठने वाली साइटों पर निरीक्षण।
  • डीजल जनरेटर सेट्स का उपयोग सीमित करना एवं निजी वाहन कम चलाना।
  • सार्वजनिक परिवहन‑सेवा में वृद्धि व लोक‑हित गतिविघियों पर जोर देना।
  • नागरिकों को मास्क पहनने, बाहर की गतिविधियाँ कम करने व पटाखों से बचने की सलाह।

कारण एवं जोखिम

सर्दियों में तापमान गिरने और हवा की गति कम होने से प्रदूषण‑कण नीचे नहीं बिखर पाते और हवा में स्थिर रहते हैं, जिससे स्थिति और गंभीर हो जाती है। विशेषज्ञों ने चेताया है कि बिलकुल नियंत्रित न होने पर AQI अगले कुछ दिनों में 400 से ऊपर तक जा सकता है, जो ‘सभी के लिए जोखिम’ श्रेणी में आता है।

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स्वास्थ्य‑विषयक प्रभाव

वायु में PM2.5 व PM10 जैसे सूक्ष्म कणों की मात्रा बढ़ने से बच्चों, बुज़ुर्गों और श्वसन रोगियों में अस्थमा, ब्रोंकाइटिस एवं अन्य श्वसन मामले बढ़ सकते हैं। प्रशासन ने सलाह दी है कि ऐसे समूह दिन के समय बाहर‑की गतिविधियाँ कम करें और एयर‑फिल्टर या मास्क का प्रयोग करें।

नागरिक व प्रशासन की भूमिका

प्रशासन ने सभी एजेंसियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। इसके साथ‑साथ नागरिकों से अपील की गई है कि वे निजी वाहन का उपयोग कम करें, ग्रीन पटाखों का प्रयोग करें, कचरा‑जलाना व धूल उत्सर्जक गतिविधियों से बचें। यह कदम नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।

तकनीक और चेतना का मेल

यह त्योहार सिर्फ बाहर की रोशनी का नहीं बल्कि भीतरी प्रकाश का प्रतीक होना चाहिए। Sant Rampal Ji Maharaj की सतज्ञान शिक्षाओं के अनुसार, यदि हम अपनी जीवनशैली, पर्यावरण‑जागरूकता और तकनीकी सुविधा को संतुलित करें तभी वास्तविक समृद्धि संभव है। इस दिवाली पर जब हम उत्सव की ओर बढ़ें, तो साथ‑ही अपने घर, शहर और सांस लेने‑वाली हवा की जिम्मेदारी को भी स्वीकार करें।

आगे की चुनौतियाँ और दिशा

दीर्घकालीन समाधान के लिए मेट्रो‑शहरों में सख्त नियमन, भावी जनसंख्या‑सक्रिय योजना और सामुदायिक भागीदारी अनिवार्य हो जाएगी। त्योहार का आनंद वैसे ही हो, लेकिन यह सुनिश्चित करना होगा कि उसका असर — हवा, स्वास्थ्य व जीवन‑मूल्य पर न हो।

Vedio Credit: Amar Ujala

FAQs: दिल्ली‑एनसीआर वायु गुणवत्ता एवं GRAP‑2

Q1. GRAP‑2 कब लागू हुआ?

CAQM ने वायु गुणवत्ता गंभीर रूप से बिगड़ने पर 19 अक्टूबर 2025 को तुरंत GRAP‑2 लागू किया। 

Q2. GRAP‑2 में कौन‑से मुख्य प्रतिबंध हैं?

निर्माण‑कामों पर सख्ती, डीजल जनरेटर का प्रतिबंध, धूल नियंत्रण में बढ़ोतरी, निजी वाहन कम चलाना।

Q3. वायु गुणवत्ता कितनी अधिक खराब चुकी है?

दिल्ली‑एनसीआर में AQI 330 से ऊपर आ गया है, ‘बहुत खराब’ श्रेणी में। 

Q4. नागरिक क्या कर सकते हैं?

 मास्क पहनें, निजी वाहन‑यात्रा कम करें, पटाखे व खुले में कचरा जलाना टालें।

Q5. क्या हवा फिर सुधरेगी?

यदि धूल उठने और विभिन्न  उत्सर्जन  को  नहीं  रोका गया तो AQI 400 से ऊपर जा सकती है। इसलिए तात्कालिक व दीर्घकालीन प्रयास दोनों जरूरी हैं।

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