ग्लोबल साउथ के लिए AI हेल्थकेयर मॉडल: WHO और IndiaAI मिशन की साझेदारी से क्रांति की शुरुआत

ग्लोबल साउथ के लिए AI हेल्थकेयर मॉडल: WHO और IndiaAI मिशन की साझेदारी से क्रांति की शुरुआत

IndiaAI मिशन: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और भारत सरकार के IndiaAI मिशन ने मिलकर एक ऐतिहासिक पहल की है, जिसका उद्देश्य ग्लोबल साउथ के देशों में सस्ती, सटीक और सर्वसुलभ स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराना है। यह मॉडल AI आधारित होगा, जिसमें भारत की तकनीकी विशेषज्ञता और WHO की नीति-निर्देशन की क्षमता का समन्वय होगा।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में तकनीकी क्रांति का नया अध्याय

AI, मशीन लर्निंग और डेटा एनालिटिक्स अब केवल टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री तक सीमित नहीं रहे।

भारत ने Aadhaar, UPI, और CoWIN जैसे डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के बाद अब हेल्थटेक में भी AI को जोड़कर नीति और नवाचार दोनों में अग्रणी भूमिका निभाई है। WHO का साथ इस प्रयास को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान देता है।

साझेदारी के मुख्य उद्देश्य

  • ग्लोबल साउथ में स्वास्थ्य सेवाओं की असमानता को कम करना
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को AI-सक्षम निदान उपकरणों से सशक्त करना
  • सार्वजनिक स्वास्थ्य डेटा का सुरक्षित, पारदर्शी और नैतिक उपयोग सुनिश्चित करना
  • एक स्केलेबल हेल्थटेक मॉडल बनाना जो अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में लागू हो सके

AI की भूमिका: सस्ते और तेज़ निदान की दिशा में

AI आधारित डायग्नोस्टिक टूल्स विशेष रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में तेजी से रोग की पहचान कर सकेंगे।

भारत में पहले से ही पायलट प्रोजेक्ट्स जैसे:

  • स्मार्ट हेल्थ कियोस्क
  • AI रेडियोलॉजी स्कैन

    सफल साबित हुए हैं। अब इन्हें इस साझेदारी के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाया जाएगा।

डेटा नीति और नैतिकता का ढाँचा

IndiaAI मिशन के अंतर्गत एक मजबूत डेटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क विकसित किया गया है, जो इस बात पर जोर देता है कि:

  • डेटा की प्राइवेसी बनी रहे
  • एल्गोरिद्म बायस-मुक्त हों
  • स्थानीय डेटा के साथ मॉडल्स को प्रशिक्षित किया जाए

    WHO सुनिश्चित करेगा कि यह फ्रेमवर्क अन्य देशों में भी अपनाया जा सके।

WHO और भारत: स्वास्थ्य न्याय के साझेदार

WHO अधिकारियों के अनुसार, भारत की “AI for All” पहल अब “Health for All through AI” के रूप में आगे बढ़ रही है।

ग्लोबल साउथ के लिए AI हेल्थकेयर मॉडल: WHO और IndiaAI मिशन की साझेदारी से क्रांति की शुरुआत
Credit: IndiaAI

यह मॉडल न केवल उपलब्धता बढ़ाएगा, बल्कि नीति निर्माण में डेटा-आधारित निर्णयों को भी मजबूती देगा।

जब तकनीक लेती है करुणा का रूप: सतज्ञान का संदेश

तकनीक जब केवल सुविधा का माध्यम न होकर, सेवा और करुणा की भावना से प्रेरित हो — तभी वह सच्चे अर्थों में मानवता का हित करती है। वर्तमान में WHO और भारत सरकार द्वारा ग्लोबल साउथ के लिए प्रस्तुत AI-आधारित हेल्थकेयर मॉडल इसी विचार की मिसाल है। यह पहल जहां एक ओर अत्याधुनिक विज्ञान को प्रस्तुत करती है, वहीं दूसरी ओर एक गहन नैतिक चेतना की मांग भी करती है।

सतज्ञान यह स्पष्ट करता है कि वास्तविक प्रगति वही है, जो निस्वार्थ सेवा में परिणत हो। जब तकनीक का प्रयोग उन लोगों तक जीवनरक्षक सेवाएँ पहुँचाने में हो रहा हो, जिन्हें अब तक नजरअंदाज किया गया — तब वह केवल ‘सिस्टम’ नहीं, बल्कि सत्कर्म बन जाती है।

सतज्ञान के अनुसार, मानव शरीर आत्मा का एक साधन है। इसकी रक्षा, देखभाल और उपचार केवल चिकित्सा प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक कर्तव्य है। ऐसे में यदि कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे जटिल और शक्तिशाली उपकरणों का उपयोग इस उद्देश्य से हो रहा है कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवा पहुँचे — तो यह तकनीकी नहीं, बल्कि धार्मिक और नैतिक उत्तरदायित्व की पूर्ति है।

AI, डेटा और ऑटोमेशन जैसे टूल्स, यदि करुणा के साथ जुड़ जाएँ, तो वे महज एल्गोरिद्म नहीं रह जाते — वे मूल्य-आधारित क्रांति का वाहक बन जाते हैं। यही है सतज्ञान का मर्म:

“जब ज्ञान का उद्देश्य केवल जानकारी नहीं, बल्कि कल्याण हो — तब वह दिव्य बन जाता है।”

इसलिए WHO और IndiaAI की यह साझेदारी न केवल एक नीति-निर्णय है, बल्कि यह उस चेतना की अभिव्यक्ति है, जहाँ विज्ञान, सेवा और आध्यात्म एक साथ कदम से कदम मिलाकर चलते हैं।

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भारत का नेतृत्व और भविष्य की रूपरेखा

भारत इस साझेदारी के तहत एक AI Health Hub for Global South स्थापित करेगा, जो निम्नलिखित कार्य करेगा:

  • स्थानीय स्टार्टअप्स, WHO विशेषज्ञों और सरकारी एजेंसियों का समन्वय
  • नए AI हेल्थ समाधानों का विकास
  • डेटा नीति, शोध और नैतिक मूल्यांकन पर काम

वैश्विक स्वीकार्यता की संभावना

ग्लोबल साउथ की लगभग 65% आबादी पर्याप्त चिकित्सा सेवाओं से वंचित है।

शुरुआती सफल परिणामों के बाद WHO इस मॉडल को नीति मॉडल के रूप में अफ्रीकी संघ और ASEAN देशों में अपनाने की सिफारिश कर सकता है।

Vedio Credit: Drishti IAS

भारत और WHO की यह साझेदारी केवल तकनीकी विकास नहीं, बल्कि वैश्विक सामाजिक न्याय की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।

जब स्वास्थ्य सेवाएँ सस्ती, सटीक और सबके लिए सुलभ होंगी, तभी “सत्कर्म आधारित वैश्विक स्वास्थ्य व्यवस्था” संभव होगी।

FAQs: IndiaAI  मिशन 

1. IndiaAI मिशन क्या है?

IndiaAI भारत सरकार का एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है, जो शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और उद्योगों में AI को नीति-संगत रूप से लागू करने पर केंद्रित है।

2. इस हेल्थकेयर मॉडल से कौन-से देश लाभान्वित होंगे?

प्रारंभिक चरण में यह भारत, नेपाल, केन्या, बांग्लादेश और नाइजीरिया में लागू होगा, और आगे अन्य ग्लोबल साउथ देशों में विस्तार किया जाएगा।

3. क्या यह पहल निजी कंपनियों से भी जुड़ी होगी?

हाँ, सरकार और WHO मिलकर पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के तहत हेल्थटेक स्टार्टअप्स, कंपनियों और विश्वविद्यालयों को जोड़ रहे हैं।

4. क्या AI से डॉक्टरों की जगह ली जाएगी?

नहीं। AI केवल डॉक्टरों का सहायक उपकरण है जो निर्णय को सटीक और डेटा-आधारित बनाता है, न कि उनकी जगह लेता है।

5. संत रामपाल जी महाराज का इस विषय पर दृष्टिकोण क्या है?

वे मानते हैं कि जब विज्ञान और अध्यात्म मिलकर मानव सेवा का माध्यम बनते हैं, तब जीवन और नीति दोनों का सही उद्देश्य पूरा होता है। AI का उद्देश्य लाभ नहीं, करुणा होना चाहिए।

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