आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI): सुनहरा भविष्य या मानवता के लिए खतरा?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सुनहरा भविष्य या मानवता के लिए खतरा

वर्तमान समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का ट्रेंड लगातार बढ़ता जा रहा है। चाहे तकनीकी क्षेत्र हो या न हो AI(Artificial Intelligence) आज हर क्षेत्र में बहुत ही कारगर है। AI की मदद से आज हम वो सभी काम कर पा रहे हैं, जो कुछ समय पहले मात्र एक कल्पना ही हुआ करती थी। हर क्षेत्र में AI की वजह से विकास एक नई तेज़ी के साथ हो रहा है। 

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) क्या है ?

AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक ऐसी तकनीक है, जिसके ज़रिए हम मशीनों को मानव जैसी बुद्धिमान बनाते हैं। ये मशीनें सीख सकती हैं, समझ सकती हैं, निर्णय ले सकती हैं और हमारे साथ बातचीत भी कर सकती हैं। 

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) के प्रकार 

AI मुख्यतः 3 प्रकार के होते हैं :-

NARROW AI or Weak AI: यह AI का सबसे आम प्रकार है। यह किसी एक विशिष्ट कार्य को करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जैसे कि चेहरा पहचानना या भाषा का अनुवाद करना। जैसे – एलेक्सा, सीरी। 

GENERAL AI: ये मानवीय बौद्धिक क्षमता को प्रदर्शित करते हैं और इनकी संरचना काफी जटिल होती है। जैसे- स्वचालित कार, हॉस्पिटल ऑपरेटिंग रूम में इनका उपयोग किया जाता है । 

Reactive AI: यह Narrow AI का ही एक प्रकार है, जो अल्गोरिथम का प्रयोग करके दिए गए इनपुट का एक सबसे उत्तम आउटपुट देता है । उदहारण: शतरंज।

AI के अन्य प्रकार

  • मशीन लर्निंग: AI का एक उपक्षेत्र जो मशीनों को डेटा से सीखने और अनुमान लगाने में सक्षम बनाता है।
  • डीप लर्निंग: मशीन लर्निंग का एक उपक्षेत्र जो कृत्रिम न्यूरल नेटवर्क का उपयोग करता है।
  • नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP): मशीनों को मानवीय भाषा को समझने और उत्पन्न करने में सक्षम बनाता है।
  • कंप्यूटर विज़न: मशीनों को दृश्य डेटा को समझने में सक्षम बनाता है।
  • रोबोटिक्स: AI को शारीरिक रोबोटों में लागू करना।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के प्रयोग 

स्वास्थ्य सेवाओं में प्रयोग 

दवाओं का सुझाव: AI का उपयोग रोगियों के मेडिकल इतिहास और लक्षणों के आधार पर दवाओं का सुझाव देने में किया जाता है।

रोगों का निदान: AI-संचालित उपकरण चिकित्सा इमेज (जैसे कि एक्स-रे, एमआरआई) का विश्लेषण करके रोगों का पता लगाने में सहायता करते हैं।

दवाओं का विकास: AI नए दवाओं के विकास में तेजी लाने और उनकी प्रभावशीलता को बढ़ाने में मदद करता है।

वित्तीय क्षेत्र में AI का प्रयोग

धोखाधड़ी का पता लगाना: AI एल्गोरिदम बैंकिंग गतिविधियों में अनियमितताओं का पता लगाकर धोखाधड़ी को रोकने में मदद करते हैं।

वित्तीय सलाह: AI-संचालित चैटबॉट्स ग्राहकों को व्यक्तिगत वित्तीय सलाह प्रदान कर सकते हैं।

अल्गोरिथमिक ट्रेडिंग: AI का उपयोग स्टॉक मार्केट में स्वचालित रूप से व्यापार करने के लिए किया जाता है।

अन्य प्रयोग 

स्वचालित वाहन: AI का उपयोग स्वचालित कारों को सड़कों पर सुरक्षित रूप से नेविगेट करने में मदद करता है।

ग्राहक सेवा: AI-संचालित चैटबॉट्स ग्राहकों के प्रश्नों का उत्तर देने और उनकी समस्याओं का समाधान करने में मदद करते हैं।

उत्पादन: AI का उपयोग उत्पादन प्रक्रियाओं को स्वचालित करने और दक्षता बढ़ाने में किया जाता है।

कृषि: AI का उपयोग फसल की पैदावार बढ़ाने और कृषि प्रक्रियाओं को अधिक कुशल बनाने में किया जाता है।

टेक्स्ट टू इमेज: ये टूल्स टेक्स्ट विवरण के आधार पर इमेज उत्पन्न करते हैं।

चैटजीपीटी: यह एक शक्तिशाली भाषा मॉडल है जो विभिन्न प्रकार के टेक्स्ट उत्पन्न कर सकता है, जैसे कि लेख, कविता, और कंप्यूटर कोड।

AI के पीछे की तकनीकें

कन्वोल्यूशनल न्यूरल नेटवर्क (CNN): इमेज और वीडियो डेटा का विश्लेषण करने के लिए उपयोग किया जाता है।

रैंफोर्स लर्निंग: एजेंट को निर्णय लेने के लिए प्रशिक्षित करने के लिए उपयोग किया जाता है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) का इतिहास और विकास 

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की नींव 1950 के दशक में ही रखी गई थी, लेकिन इसकी वास्तविक क्षमता और महत्व 1970 के दशक में सामने आया। AI के क्षेत्र में सबसे पहले जापान ने अग्रणी भूमिका निभाते हुए 1981 में ‘फिफ्थ जनरेशन’ नामक एक महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू की। इस परियोजना का उद्देश्य दस वर्षों में सुपरकंप्यूटर विकसित करना था, जिससे कंप्यूटर की क्षमता में क्रांतिकारी परिवर्तन आ सके।

जापान की इस पहल से प्रेरित होकर अन्य देशों ने भी AI के क्षेत्र में निवेश करना शुरू कर दिया। ब्रिटेन ने ‘एल्वी’ नामक एक परियोजना शुरू की, जबकि यूरोपीय संघ ने ‘एस्प्रिट’ नामक एक व्यापक कार्यक्रम शुरू किया। इन परियोजनाओं का उद्देश्य AI तकनीकों को विकसित करना और विभिन्न क्षेत्रों में लागू करना था।

1983 में, कुछ निजी संस्थाओं ने मिलकर ‘माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कंप्यूटर टेक्नोलॉजी’ नामक एक संघ की स्थापना की। इस संघ का मुख्य उद्देश्य AI के लिए आवश्यक अत्याधुनिक तकनीकों, जैसे कि बहुत बड़े पैमाने पर एकीकृत (Very Large Scale Integrated) सर्किट का विकास करना था।

क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हमारे लिए खतरनाक है?

AI पर्यावरण के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।  न्यूयॉर्क की एक रिपोर्ट के अनुसार ओपन AI द्वारा विकसित चैट जी पी टी द्वारा 200 मिलियन यूजर्स के प्रश्नो को हल करने के लिए आधा मिलियन किलो वाट घंटा बिजली का प्रयोग किया जाता है। इन आंकड़ों से अनुमान लगाया जा रहा है कि 2027 तक AI द्वारा लगभग आधे विश्व द्वारा की गयी खपत के बराबर बिजली का उपयोग करेगा, जो कि विद्युत खपत को बढ़ाएगा।

परिणामस्वरूप प्राकृतिक संसाधनों की खपत ज्यादा होगी, जो कि वैश्विक तापमान की वृद्धि के लिए जिम्मेदार होगा। AI जहां हमारे सभी कार्यो को आसानी से करने में सक्षम है, वहीं पर्यावरण के लिए बेहद खतरनाक भी साबित हो सकता है।

क्या अध्यात्म से परिचित हैं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ?

 वर्तमान समय में AI हमारे सभी प्रश्नो के उत्तर देने में सक्षम है, किन्तु जब बात अध्यात्म की आती है, तो मानव निर्मित तकनीकें आध्यात्मिक सवालों को जवाब देने में असक्षम है। उन सभी सवालों का सटीक जवाब केवल और केवल तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज द्वारा ही दिया जा सकता है। उनके द्वारा दी गयी सतभक्ति से ही मोक्ष तथा सर्व सुख की प्राप्ति हो सकती है । श्रीमद भगवद गीता अध्याय 15 श्लोक 1-4 

ऊध्र्वमूलम् अधःशाखम् अश्वत्थम् प्राहुः अव्ययम् ।

यस्य पर्णानि यः तम् वेद सः वेदवित्।।१।।

 अनुवाद : (ऊध्र्वमूलम्) ऊपर को पूर्ण परमात्मा, परमेश्वर रूपी जड़ वाला (अधःशाखम्) नीचे को तीनों गुण अर्थात् रजगुण ब्रह्मा सतगुण विष्णु व तमगुण शिव रूपी शाखा वाला (अव्ययम्) अविनाशी (अश्वत्थम्) विस्तारित पीपल का वृृक्ष है (यस्य) जिसके (छन्दांसि) जैसे वेद में छन्द है ऐसे संसार रूपी वृृक्ष के भी विभाग छोटे-छोटे हिस्से या टहनियाँ व (पर्णानि) पत्ते (प्राहुः) कहे हैं (तम्) उस संसार रूप वृक्ष को (यः) जो (वेद) इसे विस्तार से जानता है (सः) वह (वेदवित्) पूर्ण ज्ञानी अर्थात् तत्वदर्शी है। (१)

 वर्तमान समय में केवल संत रामपाल जी महाराज जी ही ऐसे संत हैं, जिन्होंने संसाररूपी उलटे लटके पीपल के वृक्ष का रहस्य बताया। उनके द्वारा बताये गए भक्तिमार्ग पर चलने से ही सर्व सुख कि प्राप्ति हो सकती है। 

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