बीते दिनों में बंगलादेश में हिंसा के मामले सुनने को मिल रहे हैं। सूत्रों की माने तो यह विवाद बांग्लादेश के स्वतंत्रता के लिए वर्ष 1971 में शहीद हुए जवानों के परिवारों को सरकारी नौकरी में 30% आरक्षण को लेकर शुरु हुआ। अब यह इतना बढ़ चुका है कि हालातों पर काबू पाना मुश्किल हो रहा है। इसमें सबसे ज्यादा आम जनता को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसी वजह से लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है।
बांग्लादेश में क्यों भड़की हिंसा
बीते दिनों बांग्लादेश में सरकारी नौकरी में दिए जा रहे आरक्षण को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था। जिसमें 21 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाला था। जिसके बाद यह लग रहा था कि यह विरोध प्रदर्शन रुक जायेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और धीरे धीरे विरोध प्रदर्शन ने हिंसा का रूप ले लिया।जिसमें अब तक 300 से ज्यादा लोगो की मौत हो गई है।
जानकारी के लिए आप को बता दें कि इस योजना में बांग्लादेश के स्वतंत्रता के लिए वर्ष 1971 में शहीद हुए जवानों के परिवारों को सरकारी नौकरी में 30% आरक्षण दिया जा रहा था।जिसके कारण वहां के युवाओं के द्वारा यह विरोध प्रदर्शन किया गया।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने दिया इस्तीफा
इस विरोध प्रदर्शन के बाद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को वहा भड़क रही हिंसा के कारण प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। उन्होंने सोमवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।जिसके बाद विरोधी लोगों ने प्रधानमंत्री आवास पर कब्जा कर लिया।
बांग्लादेश के सेना प्रमुख अधिकारियों ने जनता से की अपील
सेना अधिकारी वकार-उज-जमां ने जनता को इस विरोध प्रदर्शन के समय संयम रखने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि बहुत जल्द हालातों पर काबू पा लिया जाएगा।लेकिन जनता का गुस्सा शांत होने का नाम नहीं ले रहा।
इस्तीफा देने के बाद शेख हसीना अपनी बहन के साथ हुई भारत रवाना
प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा देने के बाद
बांग्लादेश के ढाका से गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर विमान उतारा। सूत्रों की माने तो उनके साथ उनकी बहन भी भारत आई हैं।उसके पश्चात बंगलादेश की सभी उड़ने रद्द कर दी गई हैं और वहां के एयरपोर्ट को बंद कर दिया गया है।
जानिए क्या है ताजा खबर
शेख हसीना ने बीते दिन प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने भारत में शरण ली। लेकिन बांग्लादेश को छोड़ने के बाद भी देश में विरोध प्रदर्शन रुकने का नाम नहीं ले रहा। प्रदर्शनकारियों के द्वारा बंगलादेश में हिंदुओं के मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है। ऐसी हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां के वातावरण कि जानकारी ली तथा वहां पर बन रहे हालातो को लेकर एवं बांग्लादेश की सुरक्षा को लेकर मीटिंग भी रखी।
कौन होगा बांग्लादेश का नया प्रधानमंत्री?
प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद ऐसी खबर आ रही है कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाएगा।एक बार फिर खालिदा जिया सत्ता में आ सकती हैं ।जानकारी के लिए आपको बता दे की खालिदा जिया को रिहाई का आदेश दे दिया गया है।
आज के दिन भारत में ही रह सकती हैं शेख हसीना
सूत्रों के मुताबिक शेख हसीना को जब तक कोई देश या कोई मुल्क शरण नहीं दे देता,तब तक वहभारत में ही रह सकती हैं ।जानकारी के मुताबिक दूसरे देशों में आज शाम तक इनको शरण मिल सकती है।
जानिए बांग्लादेश में हुई हिंसा में मौतों का आंकड़ा
15 जुलाई को छात्रों के द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन मैं छात्रों और पुलिस की झड़प हो गई। जिसमें 300 लोग घायल हो गए।छात्र स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों को दिए जा रहे हैं 30 फ़ीसदी आरक्षण को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
16 जुलाई को सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच छात्रों की झड़प हो गई थी। जिसमें छह छात्रों की मौत हो गई थी। इसके बाद वहां के सभी विश्वविद्यालय, स्कूलों,कॉलेज आदि को बंद कर दिया गया था।
17 जुलाई को मारे गए छात्रों के अंतिम संस्कार किया जा रहा था।उस समय हिंसा भड़क गई और इस हिंसा का आरोप पोलिस पर लगा।इस हिंसा को लेकर लोगों ने प्रधानमंत्री से शेख हसीना ने न्यायिक जांच की घोषणा की थी।
18 जुलाई को 19 जिलों में चलती झड़प के कारण कम से कम 29 लोगों की जान चली गई थी।
19 जुलाई को आधी रात से पूरे देश में कर्फ्यू की घोषणा कर दी गई।उस दिन चली हिंसा में 66 लोगों की मौत हुई थी।
22 जुलाई को यह मौत का आंकड़ा बढ़ते बढ़ते 146 तक पहुंच गया। इस तरह 4 अगस्त तक तो यह मौत का आंकड़ा 300 पर कर गया। 5 अगस्त को इस हिंसा में नया मोड़ देखने को मिला, जिसमें प्रधान मंत्री को भी इस्तीफा देना पड़ा।
इस हिंसा में अपनों को खोने लोगों का छलका दर्द
इस हिंसा ने इतना भयानक रुप धारण कर लिया कि प्रदर्शनकारियों ने हिंदुओं के घर तक जला डाले और इस हिंसा में लगभग 300 लोगों की जान चली गई। बताया जा रहा है कि 27 जिलों में हिंदुओं के साथ बहुत बुरा व्यवहार किया गया और उनके घरों को आग लगा दी गई। यहां तक कि उनके कीमती सामान को भी लूट लिया गया और उनकी दुकानों को भी नुकसान पहुंचाया गया। लोग इस हिंसा से इतने दुखी हैं कि रो रहे हैं अपनों के लिए, अपने साथ हो रहे अन्याय के लिए। इतना ही नहीं उपद्रवियों ने हिंदुओं के चार मंदिरों की भी तोड़फोड़ की है।
तत्त्वज्ञान से जानिए अपना वास्तविक मानव कर्तव्य
तत्वज्ञान के अभाव में मनुष्य ने अपने मानव कर्तव्य को भी भुला दिया है। जिसका जीता जागता उदाहरण बांग्लादेश की हिंसा बना हुआ है।सिर्फ अपने फायदे के लिए किसी की भी जान लेने पर भी लोग अपने आप को शर्मनाक महसूस नहीं करते है।
ऐसी हिंसाओ से बचने के लिए मनुष्य को आत्म ज्ञान होना चाहिए तथा इस मनुष्य शरीर की वास्तविक कीमत पता होना चाहिए कि यह मनुष्य जीवन अनमोल है।
संतो के प्रवचनों से यह ज्ञात होता है कि मानव जीवन बड़ी ही मुस्किल से मिलता है एवं किसी अन्य व्यक्ति का जीवन नाश करने से बहुत ही पाप लगता है। मानव जीवन की वास्तविक कीमत सिर्फ तत्वदर्शी संत बता सकते हैं।अधिक जानकारी प्राप्त करने हेतु
विजिट करें “संत रामपाल जी महाराज” यूट्यूब चैनल।
FAQs
प्रश्न 1 बंगलादेश में विरोध का क्या कारण है?
उत्तर: बांग्लादेश के स्वतंत्रता के लिए वर्ष 1971 में शहीद हुए जवानों के परिवारों को सरकारी नौकरी में 30% आरक्षण को लेकर यह विवाद शुरु हुआ।
प्रश्न 2 बंग्लादेश में किसने अपने पद से इस्तीफा दे दिया?
उत्तर: बंग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
प्रश्न 3 अपने पद से इस्तीफा देने के बाद शेख हसीना जी ने कहां शरण ली?
उत्तर: अपने पद से इस्तीफा देने के बाद शेख हसीना जी ने भारत में शरण ली।
प्रश्न 4 शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा कब दिया?
उत्तर: 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया।
प्रश्न 5 बंग्लादेश में हुई भयानक हिंसा में लगभग कितने लोगों की जान चली गई?
उत्तर: बंग्लादेश में हुई भयानक हिंसा में लगभग 300 लोगों की जान चली गई।
प्रश्न 6 कौन होगा बांग्लादेश का नया प्रधानमंत्री?
उत्तर :प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद ऐसी खबर आ रही है कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाएगा।
प्रश्न 7 हिंसा, युद्ध जैसी घटनाएं कैसे रुक सकती हैं?
उत्तर: हिंसा, युद्ध जैसी घटनाएं तब ही रुक सकती हैं, जब लोग तत्त्वज्ञान समझकर सच्चे संत से दीक्षा लेकर भक्ति करें।