वर्तमान में इंटरनेट का उपयोग बहुत ज्यादा किया जा रहा है। इसका का इस्तेमाल आज बच्चे, जवान यहां तक कि बुजुर्ग भी कर रहे हैं जैसे कि ऑनलाइन शॉपिंग, बैंकिंग, सोशल मीडिया से संबंधित कार्यों के लिए, लेकिन इसी के साथ साइबर खतरों (जैसे हैकिंग, फिशिंग, डेटा चोरी) का खतरा भी बढ़ गया है। इंटरनेट सुरक्षा जरूरी है ताकि आपकी निजी जानकारी, बैंक विवरण, और डिजिटल पहचान सुरक्षित रहे। हाल में इंटरनेट के माध्यम से बहुत ठगी चल रही है। पता भी नहीं चल पाता है और इंसान को लूट लिया जाता है।
व्यक्ति इंटरनेट में इतना व्यस्त हो चुका है कि उससे क्या पूछा जा रहा है और क्या जानकारी ली जा रही है, वह झट से उपलब्ध करवा देता है और इसके बाद वह साइबर अपराधियों के चंगुल में आ जाता है। इसके लिए हमे जानकारी होनी चाहिए और इससे बच्चे के उपाय हर पल याद रहने चाहिए।
साइबर अपराधियों से कैसे बचना है और इससे बचने के लिए हम किससे मदद ले सकते हैं ? यह सर्व जानकारी आपको विस्तार में दी जा रही है। इस लेख को लिखने का उद्देश्य केवल जानकारी देना नहीं बल्कि मानवता के अनुसार लोगों को इंटरनेट में व्यस्तता के कारण नींद से जगाया जा रहा है क्योंकि वह इसके उपयोग से हानि भी प्राप्त कर रहे हैं।
मुख्य बिंदु
(1) इंटरनेट का उपयोग अच्छा होने के साथ- साथ साइबर खतरों को भी बढ़ावा दे रहा है।
(2) इंटरनेट सुरक्षा के लिए हमें संपूर्ण जानकारी होना अतिआवश्यक है वरना हम साइबर खतरों के शिकार बन सकते हैं।
(3)हमेशा एक मजबूत पासवर्ड का ही उपयोग करना चाहिए।
(4)फिशिंग ईमेल और वेबसाइटों से सावधानी जरूर रखना है क्योंकि लोग हमें अपना विश्वास पात्र बनकर लूट कर चलते बनते हैं।
(5)अपने सोशल मीडिया की प्राइवेसी सेटिंग जरूर चेक करते रहना चाहिए और किसी को अपने सोशल प्लेटफॉर्म की जानकारी साझा नहीं करनी चाहिए।
(6) सॉफ्टवेयर और उपयोगी ऐप्स को नियमितरूप से अपडेट करते रहना चाहिए।
(7) बच्चों और बुजुर्गों को साइबर खतरों की जानकारी साझा करते रहना ही हितकारी है।
(8) साइबर सुरक्षा के लिए हमे तुरंत रिपोर्ट करना चाहिए जिससे हम इसके शिकार बनने से बच सकें।
(9) इंटरनेट का उपयोग आध्यामिकता में भी बहुत उपयोगी है।
मजबूत पासवर्ड का उपयोग करना अति आवश्यक है
पासवर्ड होना बहुत जरूरी है। पासवर्ड छोटा और आसान नहीं होना चाहिए (जैसे “123456” या “password”)। हाल ही में लोग बहुत चतुर हो गए हैं। वह हमे लूटने के लिए लिए पूरी हदें पार करते हैं और वह पूरी चालाकी के कार्य को पूर्ण कर हमें लूट लेते हैं।
इस बात का विशेष ध्यान रहे कि कम से कम 12 अक्षरों का पासवर्ड रखें, जिसमें बड़े अक्षर (A-Z), छोटे अक्षर (a-z), संख्याएं (0-9), और विशेष चिन्ह (!@#*) हों। हर अकाउंट के लिए अलग पासवर्ड रखें।
पासवर्ड मैनेजर का उपयोग करें जो आपके पासवर्ड को सुरक्षित रूप से स्टोर कर सके। पासवर्ड कभी भी मोबाइल नंबर या जन्म तिथि की मदद लेकर नहीं बनाना चाहिए। यह गलती भी हमें साइबर अपराधियों के घेरे में लाकर खड़ा कर सकती है। पासवर्ड हमारे अलावा किसी को पता नहीं होना चाहिए भले कोई हमारा कितना भी खास क्यों न हो।
टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) कैसे अपनाएं ?
प्रत्येक व्यक्ति को जागरूकता की आवश्यकता है। वर्तमान में डिजिटल हो चुके हैं लोग, इसके अनेकों दुष्प्रभाव हैं। सम्पूर्ण जानकारी न होने के कारण व्यक्ति साइबर अपराधियों के द्वारा घिर जाते हैं और अपनी हानि करवा बैठते हैं। यह एक अतिरिक्त सुरक्षा परत है। पासवर्ड के अलावा एक और कोड या OTP की जरूरत होती है।यदि आपका पासवर्ड चोरी भी हो जाए, तो 2FA के बिना कोई लॉग इन नहीं कर पाएगा।
2FA को Google Authenticator, Microsoft Authenticator या SMS के माध्यम से सक्रिय किया जा सकता है। इसलिए हमें चाहिए कि 2FA से संबंधित जानकारी हमें जरूर होनी चाहिए। हमें हररोज इंटरनेट से संबंधित होने वाले क्राइम से बचने के उपाय खोजते रहना चाहिए।
फिशिंग ईमेल और वेबसाइटों से सावधान कैसे रहें
सर्व प्रथम हमे फिशिंग ईमेल के बारे में जानकारी होना चाहिए। फिशिंग ईमेल एक प्रकार का ऑनलाइन स्कैम है जिसमें धोखेबाज, किसी विश्वसनीय स्रोत जैसे बैंक या ऑनलाइन सेवा प्रदाता बनकर आपकी व्यक्तिगत जानकारी जैसे कि पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड नंबर या बैंक खाता विवरण देने के लिए प्रेरित करते हैं।
इसलिए आपके दिमाग में यह बात हर पल होना चाहिए कि ऐसे ईमेल या मैसेज जो आपको लिंक पर क्लिक करने के लिए मजबूर करें, उनसे सतर्क रहें। आधिकारिक वेबसाइटों को हमेशा ब्राउज़र में टाइप करके खोलें, लिंक पर क्लिक न करें। हमें इंटरनेट उपयोग करते समय आलस्य नहीं दिखाना चाहिए क्योंकि फिर हम बहुत ज्यादा हानि के शिकार हो सकते हैं। ईमेल में गलत स्पेलिंग, असामान्य डोमेन नाम (.com की जगह .xyz आदि) दिखने पर सतर्क हो जाएं।
हमें सर्व प्रथम वेबसाइट के संबंध में जानकारी भी होनी चाहिए उसके बाद ही उसका उपयोग करना चाहिए।
सार्वजनिक Wi-Fi का सुरक्षित उपयोग कैसे करें
WiFi का उपयोग भी अधिक से अधिक किया जा रहा है परंतु ध्यान रहे कि इसके उपयोग का भी साइबर अपराधियों ने गलत फायदा उठाया है। कैफ़े, मॉल या एयरपोर्ट का Wi-Fi असुरक्षित हो सकता है।
बैंकिंग या संवेदनशील जानकारी साझा करने से बचें।
VPN (Virtual Private Network) का उपयोग करें, जिससे आपकी गतिविधि एन्क्रिप्ट हो जाती है। आप इंटरनेट का उपयोग करते है तो इसके लाभ – हानि की जानकारी भी होनी चाहिए। देखा – देखी हमें भेड़ चाल नहीं चलनी चाहिए।
अपने सोशल मीडिया की प्राइवेसी सेटिंग्स जांचें
व्यक्ति केवल इस होड़ में जी रहा की मेरे किस सोशल प्लेटफॉर्म पर कितने फॉलोअर्स। होचुके हैं और कितने कमेंट्स, लाइक आ चुके हैं। इसके लालच में हम अजनबियों को भी फॉलो करते जाते हैं बाद में वही हमारी गले की फांस बन बैठते हैं।इसकेली सावधान रहे और ध्यान रहे कि कौन आपकी पोस्ट देख सकता है? कौन आपको टैग कर सकता है? – इन विकल्पों को नियंत्रित करें। अपने फोन नंबर और ईमेल को प्रोफ़ाइल में सार्वजनिक न रखें। अजनबियों से फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने से बचें।
एंटीवायरस और फ़ायरवॉल का उपयोग कितना जरूरी है
एक अच्छा एंटीवायरस आपके डिवाइस को मालवेयर, स्पाइवेयर और वायरस से बचाता है।फ़ायरवॉल आपके नेटवर्क में आने-जाने वाले डेटा को नियंत्रित करता है और अनचाहे एक्सेस को रोकता है।मुफ्त एंटीवायरस की जगह विश्वसनीय कंपनियों के सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल करें। फिर से वही बात बोली जाएगी कि आपको सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर अपने आपको लूटने से कैसे बचाना है, इसके लिए सतर्क रहना बहुत जरूरी है।
सॉफ्टवेयर और ऐप्स को नियमित अपडेट करें
•अपडेट में अक्सर सुरक्षा संबंधी खामियों को दूर किया जाता है।
•ऑटो-अपडेट चालू रखें या समय-समय पर मैनुअली जांचें।
•अनजान सोर्स से ऐप डाउनलोड न करें, हमेशा आधिकारिक स्टोर (Play Store, App Store) से ही इंस्टॉल करें।
अपनी निजी जानकारी शेयर करने से पहले सोचें
(1) ऑनलाइन फॉर्म भरते समय सोचें – क्या ये जानकारी वास्तव में आवश्यक है?
(2) जन्मतिथि, आधार नंबर, OTP, पते जैसी जानकारी केवल विश्वसनीय स्रोतों को ही दें।
(3) सोशल मीडिया पर अपनी यात्रा, बैंकिंग, या निजी जीवन से जुड़ी जानकारी कम साझा करें।
(4) किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी जन्मतिथि, मोबाइल नंबर या आधार कार्ड नंबर का उपयोग कर पासवर्ड नहीं बनाए।
बच्चों और बुज़ुर्गों को साइबर सुरक्षा की जानकारी जरूर साझा करें
• बच्चों को समझाएं कि अजनबियों से चैट करना या कुछ डाउनलोड करना खतरनाक हो सकता है।
•बुज़ुर्गों को फर्जी कॉल, OTP धोखाधड़ी और फिशिंग के बारे में बताएं।
•बच्चे और बुजुर्गों को हमेशा बोले कि अजनबियों के कॉल आने पर खुद से या फैमिली से संबंधित जानकारी जैसे मोबाइल नंबर, आधार कार्ड नंबर, या कोई OTP देने से वह हमारे सोशल प्लेटफॉर्म को अपने कंट्रोल कर हमें लूट सकते हैं।
•Parental Controls और Monitoring Tools का उपयोग करें।
संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट कहाँ करें?
सभी को इस बात की जानकारी होना अतिआवश्यक है कि हम साइबर क्राइम के चंगुल में गलती से आ जाएं तो तुरंत रिपोर्ट करना चाहिए। इसके लिए आपको नीचे जानकारी दी गई कि आपको किस लिंक का या किस जगह संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट कर जानकारी देनी है।
▪️बच्चे या बुजुर्गों को चाहिए इस प्रकार की गतिविधियों के घेरे में यदि आ भी जाएं तो तुरंत घर वालों को जानकारी दें न कि डर की वजह से छुपाएं की घर वालों की डांट खानी पड़ेगी। इसके क्या होगा कि समय पर इसकी रिपोर्ट कर हम अपनी हानि होने से बचा सकते हैं।
▪️भारत में साइबर अपराध की शिकायत आप https://cybercrime.gov.in पर कर सकते हैं।
▪️लोकल पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज करवा सकते हैं।
▪️बैंक धोखाधड़ी की स्थिति में तुरंत बैंक और साइबर सेल को सूचित करें।
निष्कर्ष
एक जागरूक इंटरनेट उपयोगकर्ता बनना अतिआवश्यक है। वर्तमान में हम देखा – देखी इंटरनेट का उपयोग कर और करा रहे हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, गांव से लेकर शहरों तक, हर कोई इंटरनेट का उपयोग कर रहा है। अच्छी बात है कि हम डिजिटल वर्ल्ड में है परंतु पूर्ण जानकारी के अभाव में हम इसके शिकार बन सकते हैं। इससे हमें ही नहीं बल्कि हमारे परिवार को भी सामना करना पड़ सकता है।
तकनीक का सही और सुरक्षित इस्तेमाल करें। जानकारी साझा करने से पहले दो बार सोचें। आपको इंटरनेट सुरक्षा के संबंध में संपूर्ण जानकारी हमारे लेख के माध्यम से साझा की गई है। साइबर सुरक्षा एक बार सीखने की चीज नहीं, यह एक निरंतर अभ्यास है। हमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सावधान रहने के नए नए उपाय और तरीके खोजते रहना चाहिए। इस हम जागरूक रहते हैं और साइबर क्राइम के शिकार नहीं बन पाते हैं।
आध्यात्मिक मार्ग में भी इंटरनेट है बहुत उपयोगी
इंटरनेट आध्यात्मिक ज्ञान के प्रसार का महान साधन है, यदि इसे विवेक, निष्ठा और उद्देश्य के साथ प्रयोग किया जाए। यह गुरु को खोजने, साधना को गहराने, और वैश्विक आध्यात्मिक समुदाय से जुड़ने का सेतु बन सकता है। इंटरनेट का उपयोग आध्यात्मिक ज्ञान में एक अत्यंत प्रभावशाली माध्यम बन चुका है।
यह न केवल ज्ञान को व्यापक स्तर पर पहुँचाने में सहायक है, बल्कि साधकों, गुरुओं, और जिज्ञासुओं के बीच संवाद, मार्गदर्शन और अनुभव साझा करने का एक शक्तिशाली उपकरण भी बन गया है। इसके माध्यम से हम हमारे वेदों पुराणों के अनुसार सत्य ज्ञान की खोज भी कर सकते हैं और बिना देरी किए तत्वज्ञानि संत की पहचान कर, सरलता से मोक्ष भी प्राप्त कर सकते हैं। सोचने की बात है इंटरनेट क्या कमाल का है।
इसके माध्यम से भगवान को प्राप्त करने का उपाय कर बैठे प्राप्त कर सकते हैं। तो फिर देरी किस बात की खोज सकते हैं संत रामपाल जी महाराज यूट्यूब चैनल और जान सकते हैं सतभक्ति प्राप्त करने का मार्ग ??