Doda Terrorist Attack: जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ समय से आतंकी हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। जम्मू-कश्मीर की हालत इन आतंकी हमलों के कारण खराब होती जा रही है। उधमपुर में एक विलेज डिफेंस गार्ड, पुंछ में एयरफोर्स के एक जवान, कठुआ के हीरानगर में एक सीआरपीएफ (CRPF) कांस्टेबल, कठुआ में सेना के वाहन पर हमला करते हुए 5 जवान और अब डोडा में 4 जवान शहीद हुए, कुल मिलाकर 12 जवान शहीद हो गए है। इसके साथ आतंकियों ने 9 जून को जम्मू के रियासी इलाके में तीर्थ यात्रा के लिए गए हुए लोगों की बस के ऊपर हमला किया, जिसमें 9 लोग मारे गए। आइए जानते है पूरी खबर विस्तार से।
Doda Terrorist Attack: मुख्य बिंदु
- जम्मू-कश्मीर के डोडा में हुआ भयंकर आतंकी हमला।
- डोडा के इस हमले में सुरक्षाबलों के 4 जवान हुए शहीद और एक पुलिस अधिकारी की भी मृत्यु हो गई।
- 8 जुलाई को आतंकियों ने कठुआ में सेना से भरी गाड़ी पर हमला कर वारदात को दिया था अंजाम, 5 जवान हुए थे शहीद।
- 7 जुलाई को राजौरी में भी आतंकियों ने घुसपैठ करने की फिर कोशिश की, लेकिन हुए नाकाम।
- 9 जून को जम्मू-कश्मीर के रियासी में तीर्थ यात्रियों की बस को बनाया था निशाना, जिसमें 9 आम नागरिकों की हुई थी मौत।
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में हुए आतंकी हमले को लेकर दुःख जताया।
- पूर्ण गुरु से सतभक्ति प्राप्त करके सतभक्ति करने से जीवन रक्षा होती है।
जम्मू-कश्मीर के डोडा में हुआ भयंकर आतंकी हमला
Doda Terrorist Attack: खबर के मुताबिक, पिछले कुछ समय से जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले को लेकर काफ़ी भयंकर परिणाम सामने आए है, जिसमें आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के रियासी, पुंछ, कठुआ, राजौरी और डोडा इलाकों को निशाना बनाकर घुसपैठ करने की कोशिश की हैं। इसमें क़रीब 12 जवान भी शहिद हो गए और 9 आम नागरिक की भी मृत्यु हो चुकी हैं। इसमें से 16 जुलाई को होने वाले डोडा आतंकी हमले में 4 जवान शहीद हो गए और एक पुलिसकर्मी की भी मृत्यु हो गई।
Doda Terrorist Attack: मुठभेड़ कब शुरू हुई?
सोमवार 15 जुलाई, करीब शाम 7:45 बजे, देसा वन क्षेत्र के घारी गोटे उरारबागी में राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) के जवानों ने घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया। रात लगभग 9 बजे आतंकियों से सामना हुआ और मुठभेड़ शुरू हुई।
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मुठभेड़ का क्या नतीजा निकला?
आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच देर रात तक मुठभेड़ व गोलाबारी चली। मुठभेड़ में 4 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए और उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल लेकर जाया गया। इलाज के दौरान मंगलवार 16 जुलाई को सभी ने दम तोड़ दिया। घटना स्थल के आस पास तलाशी अभियान चलाया गया और अधिक सैनिकों को वहां भेजा गया।
जम्मू में ही बलिदानों को की गई पुष्पांजलि अर्पित
केंद्रीय मंत्री डी कृष्ण रेड्डी, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, पुलिस और सेना के उच्च अधिकारियों ने बलिदानों को पुष्पांजलि अर्पित की। उसके बाद चारो जवानों के पार्थिव शरीरों को उनके गांव के लिए भेजा गया।
सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र दिवेदी ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि
सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र दिवेदी द्वारा मुठभेड़ में शहीद हुए जवानों (कैप्टन बृजेश थापा, नायक डी राजेश, सिपाही बिजेंद्र और सिपाही अजय) को श्रंधांजलि दी गई। उन्होंने कहा कि जवानों ने आतंकवादियों के विरुद्ध लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी। भारतीय सेना ऐसे दुख की घड़ी में शहीद जवानों के परिवार के साथ खड़ी है।
कश्मीर टाइगर्स ने ली है हमले की जिम्मेदारी
इस दर्दनाक घटना की जिम्मेदारी आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के मुखौटा गुट कश्मीर टाइगर्स ने ली है। हालांकि अब तक भारत सरकार या फिर सेना की तरफ से ऐसी कोई भी घोषणा नहीं की गई है।
रियासी में गवाई थी 9 आम नागरिकों ने जान
Doda Terrorist Attack: जम्मू-कश्मीर के हुए आतंकी हमलों में से एक दिनांक 9 जून को रियासी इलाके में तीर्थ यात्रियों से भरी जा रहीं बस पर हुआ था। आतंकियों ने बस को निशाना बनाकर उस पर हमला किया, जिसमें करीब 9 आम नागरिकों की मौत हो गई। इसके बाद बस खाई में गिर गई, लेकिन फिर भी आतंकियों ने गोली बरसाना बंद नहीं किया।
कठुआ के हमले में भी हुए थे 5 जवान शहीद
आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के कठुआ को भी निशाना बनाकर वारदात को अंजाम दिया। जम्मू-कश्मीर के कठुआ में सेना से भरी गाड़ी जाते देख आतंकियों ने हमला बोल दिया, जिसमें करीब 5 जवान भी शहिद हो गए। अनंत सिंह, कमल सिंह, विनोद सिंह, आदर्श नेगी और अनुज सिंह नामक पांच जवान कठुआ हमले में शहीद हुए थे।
राजौरी में आतंकियों ने घुसपैठ करने की कोशिश की थी पर हुई थी नाकाम
जम्मू-कश्मीर के राजौरी के नौशेरा इलाके में भी आतंकियों ने दिनांक 7 जुलाई को घुसपैठ करने की कोशिश की थी। परंतु उनकी ये कोशिश असफल रहीं। दिन पर दिन आतंकी हमला कर जम्मू-कश्मीर के हालातों को बिगाड़ रहे है और हर एक ना एक दिन किसी ना किसी इलाके को निशाना बना रहे हैं।
डोडा आतंकी हमले को लेकर असदुद्दीन ओवैसी का केंद्रीय सरकार पर हमला
डोडा हमले को लेकर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को कहा “पीएम मोदी कहते थे कि घर में घुसकर मारेंगे।” उन्होंने मौजूदा केंद्रीय सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार की विफलता है कि वह जम्मू कश्मीर में लगातार हो रहे आतंकी हमले को नहीं रोक पा रहे है। सोमवार देर रात डोडा में होने वाले आतंकी हमले में हमारे देश के जवानों के बलिदान होने पर उनका यह कहना है।
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने क्या कहा?
Doda Terrorist Attack: वहीं, डोडा मुठभेड़ को लेकर कांग्रेस ने भी मोदी सरकार पर हमला बोला। लोकसभा के विपक्ष नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार की गलत नीतियों को जवानों के शहीद होने का कारण बताया। कांग्रेस पार्टी ने सोशल साइट एक्स पर एक ग्राफिक पोस्ट और वीडियो शेयर करके केंद्र सरकार की आलोचना की, इसमें कहा गया है कि भाजपा के तीसरे कार्यकाल में 38 दिनों में 9 आतंकी हमले हुए हैं। इन आतंकी हमले में 12 जवान शहीद हो गए।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकी हमले को लेकर दुःख जताया
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के हुए आतंकी हमले से बहुत दुखी है और उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल क्षेत्र में आतंकवाद के संकट पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। उन्होंने सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी से फोन पर बात की और सुना प्रमुख को आतंकी हमले को लेकर सख्ती से पेश आने के निर्देश भी दिए।
सतभक्ति से होती है जीवन रक्षा
इस संदर्भ में संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि मनुष्य जन्म प्राप्त प्राणी को सद्भक्ति करनी चाहिए। सद्भक्ति करने से मनुष्य के जीवन की रक्षा भगवान करता हैं। आए दिन मनुष्य जन्म प्राप्त प्राणी के सर पर कोई ना कोई दुख का पहाड़ बना रहता है इसलिए मनुष्य को चाहिए कि वह पूर्ण गुरु से सद्भक्ति प्राप्त कर अपने जीवन का कल्याण करवाए। इस प्रकार के आतंकी हमले में न जाने कितने जवान अपनी जान को जोखिम में डालकर स्वयं शहीद हो जाते हैं। परंतु मृत्यु के पश्चात उन्हें शास्त्र अनुकूल साधना ना मिलने के कारण 84 लाख योनियों में भटकना पड़ता है। यदि वह भी सतगुरु से नाम उपदेश प्राप्त कर सतभक्ति करें तो परमात्मा उनकी रक्षा करता है और आगे भी मनुष्य जन्म प्राप्त होता है ताकि जीव फिर से सद्भक्ति प्राप्त कर मनुष्य जन्म का कल्याण करवाए।
संत रामपाल जी महाराज है पूर्ण सतगुरु
संत रामपाल जी महाराज ने हमें शास्त्र अनुकूल भक्ति विधि देकर यह दिखा दिया है कि केवल वही है वह सच्चे सतगुरु और तत्वदर्शी संत है जिसके बारे में पवित्र गीता जी अध्याय 4 श्लोक 34 में कहा गया है। इसके साथ संत जी ने पवित्र गीता अध्याय 15 श्लोक 1 से 4 तक बताए गए संसार रूपी उल्टे लटके हुए वृक्ष को श्रृष्टि रचना के संदर्भ में उसके सभी विभाग सहित समझा दिया है जो कि एक तत्वदर्शी संत की पहचान है। अधिक जानकारी के लिए पढ़िए संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा।